इंसोम्निया यानी अनिद्रा एक सामान्य स्लीप डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति को सोने और रातभर सोते रहने में परेशानी हो सकती है. कभी-कभार नींद न आना सामान्य होता है. इसका सामना अधिकतर लोग करते हैं. इस स्थिति को एक्यूट इंसोम्निया कहा जाता है. एक्यूट इंसोम्निया कुछ दिनों या हफ्तों तक रह सकता है. यह तनाव और जीवन में कुछ बदलावों की वजह से हो सकता है. वहीं, जब किसी व्यक्ति को महीनों तक रात में अच्छी नींद नहीं आती है, तो इसे क्रोनिक इंसोम्निया कहा जाता है.

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आज इस लेख में आप क्रोनिक इंसोम्निया के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. क्रोनिक इंसोम्निया के लक्षण
  2. क्रोनिक इंसोम्निया के कारण
  3. क्रोनिक इंसोम्निया का इलाज
  4. क्रोनिक इंसोम्निया के इलाज के लिए खास टिप्स
  5. सारांश
  6. क्रोनिक इंसोम्निया के लक्षण, कारण व इलाज के डॉक्टर

क्रोनिक इंसोम्निया की स्थिति गंभीर हो सकती है. इसके लक्षण रात के साथ-साथ दिन में भी नजर आ सकते हैं. क्रोनिक इंसोम्निया व्यक्ति की संपूर्ण दिनचर्या को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है. क्रोनिक इंसोम्निया के लक्षण इस प्रकार हैं -

  • सोने में परेशानी
  • रात भर जागना
  • बार-बार नींद खुलना
  • जल्दी उठना
  • दिन के समय नींद आना
  • घबराहट
  • चिड़चिड़ापन
  • मूड में बदलाव
  • ध्यान लगाने में कठिनाई
  • याद्दाश्त कमजोर पड़ना

अगर किसी को इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होता है और लंबे समय तक बना रहता है, तो उसे बिल्कुल नजरअंदाज न करें.

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क्रोनिक इंसोम्निया सामान्य नहीं होता है. यह कई कारणों की वजह से हो सकता है. अंडरलाइंग मेडिकल कंडीशन क्रोनिक इंसोम्निया का कारण बन सकती है. इसके अलावा, खराब जीवनशैली व कुछ दवाइयों की वजह से भी क्रोनिक इंसोम्निया हो सकता है. क्रोनिक इंसोम्निया के कारण इस प्रकार हैं -

  1. मेडिकल कंडीशन
  2. दवाइयां
  3. खराब लाइफस्टाइल
  4. तनाव में रहना

मेडिकल कंडीशन

जब कोई व्यक्ति बीमार होता है, तो उसे अनिद्रा की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. दीर्घकालिक चिकित्सा स्थितियां क्रोनिक इंसोम्निया का कारण बन सकती हैं. इसमें शामिल हैं -

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दवाइयां

कुछ दवाइयां भी क्रोनिक इंसोम्निया का कारण बन सकती हैं, जिसमें शामिल हैं -

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खराब लाइफस्टाइल

मेडिकल कंडीशन, दवाइयां और खराब लाइफस्टाइल की वजह से भी क्रोनिक इंसोम्निया हो सकता है. इसमें शामिल हैं -

  • नाइट शिफ्ट में काम करना
  • लगातार लंबे समय तक ट्रेवलिंग करना
  • शारीरिक रूप से सक्रिय न रहना
  • दिन के समय बार-बार सोना
  • सोने और जागने का सही समय न होना
  • खराब नींद का माहौल

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तनाव में रहना

कभी-कभार तनाव में रहना सामान्य होता है, लेकिन कुछ लोग लंबे समय तक तनाव में रहते हैं. जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक तनाव में रहता है, तो उसे रात को नींद आने में मुश्किल हो सकती है. इससे व्यक्ति को क्रोनिक इंसोम्निया की समस्या हो सकती है.

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क्रोनिक इंसोम्निया का इलाज पूरी तरह से संभव होता है. जीवनशैली में बदलाव करके और कुछ दवाइयों की मदद से क्रोनिक इंसोम्निया के लक्षणों में कमी की जा सकती है. क्रोनिक इंसोम्निया का इलाज इस तरह से किया जा सकता है -

  1. कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी
  2. सोने व जागने का तय समय
  3. प्राणायाम व मेडिटेशन
  4. दवाइयां
  5. अंडरलाइंग बीमारियों का इलाज

कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी

कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी क्रोनिक इंसोम्निया का इलाज करने में प्रभावी हो सकती है. इस थेरेपी को लेने से मरीज को अच्छी नींद आने में मदद मिल सकती है. साथ ही नींद की कमी की वजह से होने वाली थकान और चिंता में भी आराम मिलेगा. इसमें डॉक्टर मरीज की चिंता और तनाव को कम करने की कोशिश कर सकते हैं. इसके लिए डॉक्टर या थेरेपिस्ट व्यक्ति को रात में सोने से पहले अपने स्ट्रेस की वजह को लिखने की सलाह दे सकते हैं. 

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सोने व जागने का तय समय

जो लोग समय पर सोते और जागते हैं, उनमें क्रोनिक इंसोम्निया के लक्षण कम ही देखने को मिलते हैं. अगर किसी को क्रोनिक इंसोम्निया है, तो सोने और जागने के समय को फिक्स करना जरूरी है. इसके लिए रात में 10 बजे से पहले सोने की कोशिश करनी चाहिए और 5 बजे तक उठ जाना चाहिए.

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प्राणायाम व मेडिटेशन

प्राणायाम और मेडिटेशन करके क्रोनिक इंसोम्निया का इलाज किया जा सकता है. इसके लिए आप रोज सुबह उठकर प्राणायाम कर सकते हैं. डीप ब्रीदिंग के साथ मेडिटेशन कर सकते हैं. इससे तनाव कम होगा, श्वास और हृदय गति नियंत्रण में रहेगी. इससे मरीज को आराम मिलेगा और रात में नींद अच्छी आएगी.

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दवाइयां

जब जीवनशैली में अच्छे बदलाव करके भी क्रोनिक इंसोम्निया ठीक नहीं होता है, तो डॉक्टर कुछ दवाइयां लेने की सलाह दे सकते हैं. ये दवाइयां रात को सोते रहने में मदद कर सकती हैं. इसमें शामिल हैं -

इसके अलावा, डॉक्टर कुछ ओवर-द-काउंटर भी लिख सकते हैं, जिसमें शामिल हैं -

  • डाइफेनहाइड्रैमीन
  • डॉक्सिलएमीन

अगर किसी को भी क्रोनिक इंसोम्निया है, तो पहले अपनी जीवनशैली में बदलाव करें. फिर भी लक्षण कम न हों, तो डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयां ले सकते हैं. क्रोनिक इंसोम्निया का इलाज करने के लिए किसी भी दवा को बिना डॉक्टर की सलाह के बिल्कुल न लें.

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क्रोनिक इंसोम्निया जैसी समस्या के लिए सप्लीमेंट के रूप Sprowt Melatonin का सेवन किया जा सकता है, जिसे प्राकृतिक तरीके से बनाया गया है -

अंडरलाइंग बीमारियों का इलाज

कई बार कुछ अंडरलाइंग बीमारियां भी क्रोनिक इंसोम्निया का कारण बन सकती हैं. ऐसे में क्रोनिक इंसोम्निया के लक्षणों को कम करने के लिए सबसे पहले इन बीमारियों का इलाज करना जरूरी होता है. जब ये बीमारियां ठीक होने लगेंगी, तो क्रोनिक इंसोम्निया खुद ही ठीक होने लगेगा. इससे व्यक्ति को रात में अच्छी नींद आने लगेगी.

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क्रोनिक इंसोम्निया जैसी समस्या को ठीक करने के लिए कुछ और बातों पर भी ध्यान देने की जरूरत होती है, जिसके बारे में नीचे बताया गया है -

  • कैफीन के सेवन से बचें, खासकर रात के समय.
  • शराब और सिगरेट पीने से बचें.
  • शारीरिक रूप से सक्रिये रहें.
  • दिन के समय नींद न लें.
  • शाम के समय अधिक भोजन न करें.
  • सोने और जागने का एक निश्चित समय रखें.
  • सोने से एक घंटे पहले मोबाइल, टीवी व कंप्यूटर आदि न देखें.
  • अपने बेडरूम में अंधेरा रखें.
  • बेडरूम का तापमान सामान्य रखें.

क्रोनिक इंसोम्निया की स्थिति में व्यक्ति को अनिद्रा व थकान जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. क्रोनिक इंसोम्निया व्यक्ति की पूरी दिनचर्या को प्रभावित कर सकती है. ऐसे में इसका समय पर इलाज करवाना जरूरी होता है. जीवनशैली में बदलाव और कुछ दवाइयां क्रोनिक इंसोम्निया का इलाज करने में मदद कर सकती है.

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