वीर्य का रंग पीला होने पर मेडिकल भाष में इसे येलो सीमेन कहा जाता है. आमतौर पर वीर्य व्हाइट-ग्रे रंग का होता है, लेकिन कभी वीर्य का रंग बदला हुआ भी नजर आ सकता है. वहीं, कुछ पुरषों को अपने वीर्य का रंग लगातार बदला हुआ नजर आता है. वैसे तो ऐसा होना चिंता का कारण नहीं होता, लेकिन कुछ स्थितियों में वीर्य का बदला रंग चिंता का विषय हो सकता है. वीर्य में पीलापन नजर आना भी कुछ ऐसा ही है.
आज इस लेख में आप विस्तार से जानेंगे कि वीर्य का रंग पीला होने के पीछे क्या कारण होता है और इसका इलाज क्या है -
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- पीले वीर्य के कारण
- किन मेडिकल कंडीशन के कारण वीर्य पीला होता है?
- पीले वीर्य का इलाज
- पीले वीर्य से बचने के लिए क्या करें?
- डॉक्टर से कब संपर्क करें?
- सारांश
पीले वीर्य के कारण
वीर्य का रंग पीला होने के पीछे अलग-अलग कारण हो सकते हैं जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है -
- अधिक उम्र - उम्र बढ़ने के साथ वीर्य के रंग में भी बदलाव आता है और इसका रंग हल्का पीला हो सकता है.
- खाद्य पदार्थों का सेवन - कुछ खास खाद्य पदार्थों और मसालों जैसे - हल्दी, प्याज, लहसुन और शतावरी में मौजूद रंग या सल्फर इजैकुलेशन को अस्थायी रूप से पीला कर सकता है. वहीं, जैसे ही ये खाद्य पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं, तो सीमेन का रंगे पहले की तरह व्हाइट या व्हाइट-ग्रे हो जाता है.
- पेशाब आना - इरेक्शन की वजह से यूरिन सिस्टम ब्लॉक हो सकता है, जिससे सिर्फ सीमेन ही बाहर आ सकता है. वहीं, स्खलन के दौरान मूूत्रमार्ग में बचे हुए मूत्र के कुछ अंश वीर्य के साथ मिल सकते हैं, जिससे वीर्य पीला नजर आ सकता है.
- धूम्रपान - सिगरेट में मौजूद निकोटीन के कारण नाखून और त्वचा का रंग पीला या भूरा हो सकता है और इसी तरह से वीर्य पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है.
- दवाएं या सप्लीमेंट्स - एंटीबायोटिक्स या विटामिन (जैसे विटामिन बी) के सेवन से भी वीर्य का रंग पीला होने की आंशका बढ़ सकती है.
(और पढ़ें - वीर्य की कमी का इलाज)
किन मेडिकल कंडीशन के कारण वीर्य पीला होता है?
कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जिनके कारण वीर्य का रंग पीला हो सकता है. इन बीमारियों के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है -
पीलिया
पीलिया से ग्रस्त मरीज के रक्त में बिलीरुबिन बढ़ जाता है. अब ऐसी स्थिति में जब रेड ब्लड सेल्स टूटने लगते हैं, तो प्राकृतिक रूप से पीले रंग के पिगमेंट बनने लगते हैं. लिवर शरीर से बिलीरुबिन को बाहर निकालने में मदद करता है. यदि ब्लड सेल्स बहुत तेजी से टूटने लगते हैं या हेपेटाइटिस जैसी बीमारी शुरू हो जाए, तो ब्लड में बिलीरुबिन का निर्माण हो सकता है. ऐसी स्थिति में त्वचा और आंखों का सफेद भाग पीला हो जाता है. वहीं, पुरुष सीमेन में पीला रंग भी नोटिस कर सकते हैं.
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इंफेक्शन
प्रोस्टेट ग्लैंड में मौजूद बैक्टीरिया प्रोस्टेटाइटिस (Prostatitis) नाम के इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं, जिसकी वजह से भी सीमेन का रंग पीला हो सकता है.
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पायोस्पर्मिया
पायोस्पर्मिया यानी ल्यूकोसाइटोस्पर्मिया तब होता है जब सीमेन में कई व्हाइट ब्लड सेल्स होते हैं. व्हाइट ब्लड सेल्स स्पर्म को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके कारण सीमेन का रंग पीला हो सकता है.
(और पढ़ें - वीर्य और शुक्राणु में अंतर)
सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज
क्लैमाइडिया, जेनाइटल हर्पीस, गोनोरिया व अन्य एसटीडी के कारण सीमेन का रंग पीला हो सकता है.
नोट - पीले के अलावा, सीमेन का रंग ब्राउन या रेड (Brown or red) और हरे रंग (Green-tinted) का भी हो सकता है.
(और पढ़ें - वीर्य की जांच)
पीले वीर्य का इलाज
वीर्य का रंग पीला नजर आने का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि इसके पीछे कारण क्या है -
- यूरिन रिटेंशन और पीलिया को ठीक करने के लिए डॉक्टर उस स्थिति का इलाज करेंगे, जिसके कारण यह समस्या हो रही है.
- अगर किसी को ल्यूकोसाइटोस्पर्मिया है, तो एंटीबायोटिक्स, नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं या कुछ सप्लीमेंट दिए जा सकते हैं.
- एसटीडी और प्रोस्टेट इंफेक्शन के उपचार में एंटीबायोटिक्स ही उपयोग किए जाते हैं.
- कुछ गंभीर मामलों में इस समस्या का कारण बनने वाली स्थिति को ठीक करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है.
(और पढ़ें - शुक्राणु की जांच)
पीले वीर्य से बचने के लिए क्या करें?
इन नियमों का पालन करने से वीर्य में पीलेपन को आने से रोका जा सकता है -
- उच्च सल्फर से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें.
- धूम्रपान को हमेशा के लिए छोड़ दें.
- एसटीडी से बचने के लिए हमेशा कंडोम इस्तेमाल करें.
(और पढ़ें - सीमेन फ्रुक्टोज टेस्ट)
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
अगर वीर्य में पीलेपन के साथ निम्न प्रकार की समस्या भी महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें -
- इजैकुलेशन के दौरान दर्द महसूस होना.
- पेट दर्द महसूस होना.
- अधिक थकावट महसूस होना.
- यूरिन से तेज गंध आना.
- यूरिन में सीमेन की मात्रा ज्यादा आना
- बार-बार पेशाब आना.
- पेशाब करने के दौरान दर्द महसूस होना.
- लोअर बैक पेन महसूस होना.
- बुखार आना या तेज ठंड लगना.
- पीलिया होना.
(और पढ़ें - सीमेन में खून आना)
सारांश
वीर्य का रंग पीला होने के पीछे एक नहीं बल्कि कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं. अगर मरीज को यह समझ नहीं आ रहा है कि ऐसा किस कारण से हो रहा है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से बात करना बेहतर विकल्प है. दरअसल, मरीज की मेडिकल कंडीशन और शारीरिक अवश्यकताओं को ध्यान में रखकर ही डॉक्टर दवा देते हैं, ताकि मरीज को बेहतर लाभ मिल सके.
(और पढ़ें - शुक्राणु बढ़ाने के लिए क्या खाएं)
यौन रोग के डॉक्टर

Dr. Hakeem Basit khan
सेक्सोलोजी
15 वर्षों का अनुभव

Dr. Zeeshan Khan
सेक्सोलोजी
9 वर्षों का अनुभव

Dr. Nizamuddin
सेक्सोलोजी
5 वर्षों का अनुभव
