पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन सबसे पहली प्राथमिकता लाइफस्टाइल को हेल्दी रखना होनी चाहिए. इसके बाद भी किसी कारणवश अगर पाचन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो उपचार के रूप में कई देसी नुस्खे उपलब्ध हैं. अगर पाचन तंत्र को प्राकृतिक या आयुर्वेदिक तरीकों के माध्यम से स्वस्थ रखने में विश्वास रखते हैं, तो चूर्ण का सेवन करना अच्छा विकल्प है. अच्छी बात तो यह है कि कुछ चूर्ण खाने में काफी स्वादिष्ट होते हैं. जैसे त्रिफला और हींग का चूर्ण. चूर्ण हाजमे के लिए भी काफी अच्छे रहते हैं.

आज लेख में जानिए पाचन के लिए कौन से चूर्ण बेहतर हैं -

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  1. पाचन के लिए लाभदायक चूर्ण
  2. सारांश
पाचन के लिए आयुर्वेदिक चूर्ण के डॉक्टर

पाचन से जुड़ी समस्याओं में पेट फूलना, खट्टी डकारें व एसिडिटी आदि शामिल है. इन समस्याओं को दूर करने के लिए अजवाइन का चूर्ण या अनार दाने का चूर्ण आदि का सेवन फायदेमंद है. आइए, पाचन के लिए फायदेमंद चूर्ण के बारे में विस्तार से जानते हैं-

त्रिफला चूर्ण

यह चूर्ण आंवला, बहेड़ा और हरड़ से मिलकर बनता है. आयुर्वेद में इसका काफी महत्व है. यह पाचन तंत्र के लिए काफी फायदेमंद है. दरअसल, आंवला के एंटीऑक्सीडेंट गुण और बहेड़ा में एंटीबैक्टीरियल गुण व हरड़ की दर्द कम करने की क्षमता इस चूर्ण को बेहतरीन बनाती है. पेट से जुड़ी कई बीमारियों को त्रिफला ठीक करने में सहायक माना जाता है. इसमें विटामिन-सी भी होता है, जो पाचन तंत्र की इम्यूनिटी मजबूत करता है. यही नहीं त्रिफला चूर्ण का सेवन कब्ज की शिकायत और बाउल की समस्या को भी दूर करता है.

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सोंठ का चूर्ण

सोंठ का चूर्ण अदरक को सुखाकर बनाया जाता है. इसकी एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक प्रॉपर्टी अच्छे पाचन में सहायक है. इसके सेवन से गैस, खट्टी डकारें, कब्ज व अपच जैसी समस्याएं कम होती हैं. यही नहीं यह जी-मिचलाना और उल्टी आने को रोकने में भी मददगार है.

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हींग का चूर्ण

हींग का चूर्ण अजवाइन, हींग, जीरा, काला नमकसौंफ के मिश्रण से बनाया जाता है. यह पेट खराब जैसी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है. इससे गैस, पेट फूलना और एसिडिटी जैसी कई पाचन समस्याएं ठीक हो सकती हैं. 

  • हींग में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं. 
  • वहीं, अजवाइन में मौजूद एक्टिव एंजाइम पेट में एसिड के फ्लो को सही रखते हैं, ताकि अपच और पेट फूलना या गैस की परेशानी कम हो सके.
  • जीरे को भी पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद माना गया है, क्योंकि इसके सेवन से डाइजेस्टिव एंजाइम्स अपना कार्य तेज गति से करने लगते हैं. साथ ही जीरे के सेवन से लिवर से बाइल उत्पादन होता है, जो फैट्स के पाचन में सहायक है.
  • ऐसे ही इस चूर्ण में मौजूद काला नमक की एंटी-ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी सीने में जलन और पेट फूलने की समस्या को कम करती है.
  • साथ ही इस चूर्ण में मौजूद एक और महत्वपूर्ण तत्व सौंफ फाइबर से भरपूर होता है. इसीलिए, इस चूर्ण में इसकी मौजूदगी किसी भी प्रकार के कब्ज या डायरिया की समस्या को कम करने में सहायक है.

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अनारदाना चूर्ण

अनारदाना चूर्ण अनारदाना, सोंठ, काली मिर्च व जीरा से मिलकर बनता है. यह हाजमे के लिए अच्छा रहता है.

  • अनारदाना एंटी-ऑक्सीडेंट और फाइबर से युक्त होता है. इसलिए कब्ज की समस्या में फायदेमंद है.
  • काली मिर्च अपनी एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी के कारण पेट के स्वास्थ्य के लिए अच्छी रहती है. 
  • सोंठ में जिंजरोल नामक तत्व होता है, जो अपनी मेडिसिनल प्रॉपर्टी के लिए जाना जाता है. इसके सेवन से जी मिचलाना कम होता है.

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हरड़ का चूर्ण

हरड़ का चूर्ण हींग, जीरा, सोंठ, काला नमक और अजवायन को मिलाकर बनाया जाता है. इस चूर्ण में इस्तेमाल किए जाने वाला हरड़ अपने औषधीय गुणों की वजह से जाना जाता है. इसका प्रयोग पाचन से जुड़ी परेशानी जैसे कम भूख लगना, दस्त व उल्टी आदि को दूर करने में सहायक है. जीरा, सोंठ, काला नमक और अजवायन अपने एंटी-ऑक्सीडेंट और एक्टिव एंजाइम्स के कारण पाचन शक्ति को बढ़ाने में मददगार हैं.

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सोंठ का चूर्ण, हरड़ का चूर्ण और अनारदाना चूर्ण आदि पाचन के लिए फायदेमंद हैं. हालांकि, इन चूर्ण का सेवन सीमित मात्रा में ही उचित है. ऐसी किसी भी चीज का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें, क्योंकि हर व्यक्ति के शरीर की जरूरतें अलग-अलग हैं और वह काम भी अलग तरह से करते हैं. इसलिए, हो सकता है यह चूर्ण आपके लिए काम न करें. इसलिए एक बार डॉक्टर से सुझाव लें.

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Dr. Heena Kakwani

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