आयुर्वेद में घी का इस्तेमाल बीमारियों के इलाज के लिए दवाइयों के साथ किया जाता रहा है. शोध भी बताते हैं कि घी में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रभाव होते हैं. साथ ही यह विटामिन का बढ़िया स्रोत भी है, लेकिन इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करना फायदेमंद होता है. जरूरत से ज्यादा सेवन करने पर घी से मोटापा और दिल का रोग होने का जोखिम हो सकता है.

आज हम इस लेख में घी के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे -

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  1. घी से होने वाले लाभ
  2. घी के नुकसान
  3. सारांश
घी के फायदे और नुकसान के डॉक्टर

घी विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और हेल्दी फैट का समृद्ध स्रोत है. हमेशा से कहा जाता रहा है कि फैट का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए, वहीं शोध बताते हैं कि घी जैसे फैटी फूड का सेवन शरीर को कुछ एसेंशियल विटामिन और मिनरल को अवशोषित करने में मदद कर सकता है. घी के साथ हेल्दी फूड और सब्जियों को पकाने से अधिक न्यूट्रिएंट्स को अवशोषित करने में मदद मिलती है. आइए, घी के फायदे के बारे में विस्तार से जानते हैं -

विटामिन का समृद्ध स्रोत

घी में विटामिन-ए, विटामिन-डीविटामिन-ई सहित अन्य कई विटामिन भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें विटामिन-ए और विटामिन-ई दोनों एंटीऑक्सीडेंट हैं. विटामिन-ए शरीर के एपिथेलियल टिशू को बरकरार रखता है, जिससे आंखों की बाहरी परत नम रहती है और यह अंधेपन को रोकता है. विटामिन-ई नॉर्मल प्रेगनेंसी, बच्चे के जन्म और ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन के लिए जरूरी है. विटामिन-डी हड्डियों में कैल्शियम और फास्फोरस के लिए जरूरी है.

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एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण

वैकल्पिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में घी का इस्तेमाल जलन और सूजन को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है. घी में ब्यूटायरेट नामक एक फैटी एसिड होता है, जिसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. शोध भी कहते हैं कि घी में उपस्थित ब्यूटायरेट शरीर में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है. शोध इस बात की पुष्टि भी करते हैं कि एंटी माइक्रोबियल और एंटी ऑक्सीडेंट गतिविधि की वजह से घी में हीलिंग गुण पाए जाते हैं. यह स्किन के लिए बढ़िया एंटी एजिंग के तौर पर भी काम करता है और झुर्रियों को दूर करता है.

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मोटापे का मुकाबला

घी सीएलए यानी कंजुगेटेड लिनोलिक एसिड का बढ़िया स्रोत है. शोध बताते हैं कि सीएलए मोटापे से मुकाबला और अत्यधिक वजन कम करने में मददगार हो सकता है. यह कुछ लोगों के शरीर में फैट मास को भी कम करने में मदद कर सकता है.

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दिल को रखता है दुरुस्त

भले ही घी में फैट की मात्रा ज्यादा होती है, इसमें मोनो अनसैचुरेटेड ओमेगा 3 के हाई कंसंट्रेशन भी पाए जाते हैं. यह सेहतमंद फैटी एसिड हेल्दी हार्ट और कार्डियोवस्कुलर सिस्टम को सपोर्ट करता है. शोध बताते हैं कि संतुलित डाइट के एक हिस्से के तौर पर घी के इस्तेमाल से अनहेल्दी कॉलेस्ट्रोल लेवल को कम होने में मदद मिलती है.

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लैक्टोज प्रोडक्ट का अच्छा विकल्प

घी को दूध के ठोस पदार्थों को हटाकर ही बनाया जाता है. इसकी वजह से इसमें लैक्टोज और कैसिइन की कम मात्रा होती है, जो दूध, शक्कर और प्रोटीन में होते हैं. घी उन लोगों के लिए फैट का एक बढ़िया स्रोत है, जो लैक्टोज इनटॉलेरेंस हैं या जिन्हें डेयरी से एलर्जी है.

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पाचन व कोलोन स्वास्थ्य के लिए बेहतर

घी में पाया जाने वाला ब्यूटायरेट नामक शॉर्ट चेन फैटी एसिड उन कोशिकाओं के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है, जो कोलोन को लाइन करने के साथ-साथ उन्हें रिज्यूवनेट करने में मदद करती हैं.

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घी में फैट ज्यादा मात्रा में होता है, इसलिए इसका सेवन संतुलित डाइट के एक हिस्से के तौर पर सीमित मात्रा में करना चाहिए. सीमित मात्रा से अधिक घी के सेवन से मोटापा और दिल के रोग का जोखिम हो सकता है. आइए, विस्तार से घी के नुकसान के बारे में जानते हैं -

  • जिनके एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर हाई सैचुरेटेड फैट के सेवन की प्रतिक्रिया में बढ़ता है, उन्हें अपनी डाइट में घी का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए.
  • सीमित मात्रा में घी के सेवन से दिल के रोग का जोखिम कम हो सकता है, लेकिन ज्यादा सैचुरेटेड फैट के सेवन से दिल के रोग का जोखिम बढ़ भी सकता है. एक और चिंता की बात यह है कि जब तेज आंच पर घी को बनाया जाता है, तो उस दौरान इसका कोलेस्ट्रॉल ऑक्सिडाइज्ड हो सकता है. ऑक्सिडाइज्ड कोलेस्ट्रॉल दिल के रोग सहित कई बीमारियों के बढ़ते जोखिम से जुड़ा हुआ है. दिल के रोग के अन्य जोखिम वाले लोगों को अपनी डाइट में घी को शामिल करते समय सावधानी बरतनी चाहिए.
  • घी में उपस्थित सीएलए वजन को कम करने में मददगार है, लेकिन इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि घी एक कैलोरी सघन और फैट युक्त फूड है. जरूरत से ज्यादा घी के सेवन से वजन बढ़ सकता है और मोटापे का खतरा हो सकता है.

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घी का इस्तेमाल औषधीय लाभ और भोजन को बनाने के लिए लंबे समय से किया जाता रहा है. इसमें कई तरह के विटामिन के साथ एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं. यह स्किन को कोमल बनाने के साथ-साथ पाचन के लिए भी सही है, लेकिन घी का इस्तेमाल अपनी डाइट में सीमित मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि इससे दिल के रोग और मोटापा का खतरा बना रहता है. यदि आपको कोई गंभीर बीमारी है, तो घी के इस्तेमाल से पहले डायटीशियन की सलाह जरूर लें.

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