भैंस का घी गाय के घी की तरह ही सेहत के लिए फायदेमंद होता है. इसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में न सिर्फ अपने देश में, बल्कि विदेशों में भी चर्चा हो रही है. भैंस के घी में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं और यह सेहत के लिए फायदेमंद है.

भैंस के घी में कंजुगेटेड लिनोलिक एसिड का हाई कंसंट्रेशन पाया जाता है, जो बढ़िया एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करते हुए इम्यूनिटी को बढ़ाता है. इसमें कई तरह के विटामिन भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. हालांकि, कुछ लोगों को भैंस के घी से एलर्जी भी हो सकती है, जिससे अपच और डायरिया होने के नुकसान रहते हैं.

इस लेख में हम भैंस के घी के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे -

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  1. भैंस के घी के फायदे
  2. भैंस के घी के नुकसान
  3. सारांश
  4. भैंस के घी के फायदे और नुकसान के डॉक्टर

भैंस के घी में कई ऐसे फायदे हैं, जो मनुष्यों को सेहतमंद रखने में मदद कर सकते हैं. इसमें व्याप्त विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट आंखों की रोशनी को दुरुस्त रखने के साथ ही दिल के रोग और डायबिटीज जैसी बीमारियों से सुरक्षा करते हैं.

आइए, विस्तार से भैंस के घी के फायदे के बारे में जानते हैं -

  1. इम्यूनिटी को करता है बूस्ट
  2. आंखों को रखता है दुरुस्त
  3. लिवर को रखता है सेहतमंद
  4. फ्रैक्चर के खतरे को करता है कम
  5. दिल के रोग, कैंसर, डायबिटीज, ऑस्टियोपोरोसिस से रखता है सुरक्षित
  6. वजन कम करने में मददगार

इम्यूनिटी को करता है बूस्ट

भैंस के घी में सीएलए यानी कंजुगेटेड लिनोलिक एसिड का हाई कंसंट्रेशन पाया जाता है, जो एक शानदार एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है. एंटीऑक्सीडेंट शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाते हुए इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद करता है. भैंस के घी के नियमित सेवन से इम्यूनिटी दुरुस्त होती है और शरीर मजबूत. इसके सेवन से सारे विटामिन और मिनरल तेजी से शरीर में अवशोषित होते हैं और व्यक्ति मजबूत बनता है.

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आंखों को रखता है दुरुस्त

आंखों की रोशनी को बनाए रखने के लिए विटामिन-ए का सेवन जरूरी है. शरीर में विटामिन-ए की कमी से निक्टलोपिया यानी रात में न दिखाई देने की बीमारी होने का खतरा बना रहता है. भैंस के दूध में विटामिन-ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. रोजाना की डाइट में भैंस के घी के सेवन से विटामिन-ए की कमी पूरी होती है. विटामिन-ए शरीर के एपिथेलियल टिशू को भी बनाए रखता है, जिससे आईबॉल की परत में नमी बनी रहती है और इससे नेत्रहीनता नहीं होती है.

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लिवर को रखता है सेहतमंद

विटामिन-ई एक महत्वपूर्ण लिपिड है, जो तेजी से शरीर में घुल जाता है. इसकी कमी से क्रॉनिक कॉलेस्टेटिक लिवर डिजीज के साथ ही सिस्टिक फाइब्रोसिस व शॉर्ट बाउल सिंड्रोम जैसी बीमारियां हो सकती हैं. विटामिन-ई एंटी ऑक्सीडेंट के तौर पर काम करता है और मनुष्य के शरीर में सेल बायोएक्टिविटी को बनाए रखने में मददगार भी है. भैंस के दूध के फैट में नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट टोकॉफेरोल यानी विटामिन-ई का उच्च स्तर पाया जाता है. भैंस के घी के रोजाना इस्तेमाल से विटामिन-ई की आवश्यकता पूरी होती है और कई बीमारियों से बचा जा सकता है.

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फ्रैक्चर के खतरे को करता है कम

भैंस के घी में विटामिन-के पाया जाता है, जो ब्लीडिंग को रोकने में मदद करता है. यही नहीं, विटामिन-के की कमी से हड्डियों के फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए, जरूरी है कि रोजाना की डाइट में भैंस के घी को शामिल किया जाए.

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दिल के रोग, कैंसर, डायबिटीज, ऑस्टियोपोरोसिस से रखता है सुरक्षित

भैंस के दूध में विटामिन-डी पाया जाता है, जिसकी कमी होने से दिल का रोग और रिकेट्स जैसी बीमारियां हो सकती हैं. विटामिन-डी का सेवन कैंसर, डायबिटीज और ऑस्टियोपोरोसिस से भी सुरक्षा प्रदान करने की क्षमता रखता है. इस तरह से विटामिन-डी का नियमित सेवन मनुष्य के स्वास्थ्य को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है. भैंस के घी का नियमित इस्तेमाल मानव शरीर के लिए विटामिन-डी की जरूरत को पूरा करने के लिए किया जा सकता है. विटामिन-डी हड्डियों में कैल्शियम और फास्फोरस की पूर्ति के लिए भी जरूरी है.

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वजन कम करने में मददगार

शोध बताते हैं कि भैंस के घी में कंजुगेटेड लिनोलिक एसिड पाया जाता है. सीएलए अत्यधिक वजन को कम करने में सहायक साबित हो सकता है. कुछ लोगों में यह बॉडी फैट मास को कम करने में मदद करता है.

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भैंस के घी का यदि सीमित मात्रा से अधिक सेवन किया जाए, तो यह नुकसानदेह भी साबित हो सकता है. प्रेग्नेंट महिलाओं और वजन कम करने वाले लोगों के लिए यह नुकसानदायक साबित सकता है. आइए विस्तार से भैंस के घी के नुकसान के बारे में जानते हैं -

  • भैंस के घी का सेवन प्रेग्नेंट महिलाओं और बच्चों को सोच समझकर ही करना चाहिए, क्योंकि इसे पचाने में दिक्कत हो सकती है. पाचन में दिक्कत हो, तो डायरिया जैसी बीमारी का खतरा बना रहता है.
  • भैंस के घी में ज्यादा फैट होता है, जिस कारण इसमें कैलोरी की मात्रा भी बढ़ जाती है. इसलिए, भैंस के घी का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, वरना मोटापा कम होने की बजाय बढ़ता जाएगा.

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भैंस के घी में कई विटामिन और एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जिससे आंखों की दृष्टि खराब नहीं होती है और यह हड्डियों की सेहत के लिए भी लाभदायक है. यदि भैंस के घी का सीमित मात्रा में सेवन नहीं किया जाता है, तो यह प्रेग्नेंट महिलाओं और वजन कम करने की कोशिश में लगे लोगों को नुकसान भी पहुंचा सकता है. आप अपनी डाइट में भैंस के घी को शामिल करने से पहले अपने डायटीशियन से जरूर सलाह लें.

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