मुलेठी की चाय को आमतौर पर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (पेट से संबंधित समस्या) और गले की समस्या के लिए इस्तेमाल किया जाता है. हाल ही में हुए अध्ययन के मुताबिक, मुलेठी लिवर और संक्रमण जैसी परेशानियों को दूर करने में प्रभावी हो सकती है. इसके अलावा, मुलेठी की चाय से स्वास्थ्य को कई अन्य लाभ हो सकते हैं. बस ध्यान रखें कि इस चाय का सीमित मात्रा में सेवन करें. अधिक मात्रा में सेवन से इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं.

आज इस लेख में आप मुलेठी की चाय के फायदे, नुकसान, उपयोग और बनाने का तरीका जानेंगे -

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  1. मुलेठी की चाय के फायदे
  2. मुलेठी की चाय के नुकसान
  3. मुलेठी की चाय बनाने का तरीका
  4. सारांश
मुलेठी की चाय के फायदे व नुकसान के डॉक्टर

मुलेठी की चाय में कई आवश्यक पोषक तत्व, जैसे - विटामिन-एविटामिन-सी व विटामिन-ई आदि पाए जाते हैं. ये पोषक तत्व कई बीमारियों से सुरक्षित रख सकते हैं. मुलेठी की चाय बनाते समय इसकी जड़ का इस्तेमाल किया जाता है. इस कारण से जड़ में मौजूद गुण चाय में भी आ जाते हैं. आइए, जानते हैं कि मुलेठी की चाय पीने से स्वास्थ्य को होने वाले फायदे क्या-क्या हैं -

पाचन को रखे स्वस्थ

पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए मुलेठी की जड़ से बनी चाय को घरेलू नुस्खे की तरह इस्तेमाल किया जाता है. एक अध्ययन से पता चला है कि 30 दिन मुलेठी की जड़ के अर्क को इस्तेमाल करने से जठरांत्र संबंधी लक्षणों में सुधार हो सकता है. ऐसा मुलेठी की जड़ में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण के कारण होता है. बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण अपचअल्सर और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी समस्या हो सकती है.

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लिवर को रखे स्वस्थ

शराब पीने से फैटी लिवर की बीमारी हो सकती है. ऐसा होने पर लिवर में चर्बी जमा होने लगती है. वहीं, शोधकर्ताओं का मानना है कि मुलेठी की जड़ लिवर को ऑक्सिडेटिव डैमेज से बचाती है और फैटी लिवर रोग में बेहतरीन उपचार साबित हो सकती है. ऐसी अवस्था होने पर शराब से दूरी बनाने के साथ-साथ डॉक्टर की सलाह पर मुलेठी की चाय पी जा सकती है.

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एंटी-कैंसर गुण

कई वैज्ञानिक शोधों से पता चला है कि मुलेठी में पाए जाने वाले कंपाउंड में प्रभावशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो सेलुलर क्षति से बचाते हैं. मुलेठी में एक विशेष प्रकार का फ्लेवोनोइड भी पाया जाता है, जो शरीर में कैंसर सेल्स को बनने व उनके विकास को रोकता है.

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इंफेक्शन से लड़े

मुलेठी की जड़ में 300 से अधिक फ्लेवोनोइड्स होते हैं. वहीं, कई शोधों में साबित हो चुका है कि इन फ्लेवेनोइड्स में एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गतिविधि पाई जाती है. साथ ही पाया गया कि मुलेठी की जड़ से बना अर्क हेपेटाइटिस सीएचआईवीकॉक्ससैकीवायरस (हाथ-पैर और मुंह की बीमारी के लिए जिम्मेदार) व फ्लू वायरस के इलाज में फायदेमंद साबित हो सकता है. ऐसे में कहा जा सकता है कि मुलेठी की जड़ से बनी चाय पीने से इस तरह के संक्रमणों से बचा जा सकता है.

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गले की खराश से राहत

मुलेठी विभिन्न रूप में गले की खराश व अन्य अपर रेस्पिरेटरी विकारों के इलाज में मदद कर सकती है. कई लोग ये दावा भी करते हैं कि मुलेठी की जड़ से बनी चाय पीने से मामूली जलन कम होती है और गले में खराश से राहत मिल सकती है. साथ ही यह खांसी जैसी परेशानी को भी कम कर सकती है. इसमें मौजूद यौगिक गले की इरिटेशन और खराश को कम कर सकते हैं.

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मुलेठी की चाय को प्राकृतिक तरीकों से तैयार किया जाता है. ऐसे में इसका सीमित मात्रा में सेवन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. वहीं, अधिक मात्रा में इसके सेवन से शरीर को कुछ नुकसान हो सकते हैं -

प्रेगनेंसी में समस्या

गर्भवती महिलाओं के लिए मुलेठी की चाय सुरक्षित नहीं मानी जाती है. रिसर्च में बताया गया है कि मुलेठी चाय का अधिक मात्रा में सेवन करने से प्रीमैच्योर बेबी होने का खतरा रहता है. साथ ही यह भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकती है. इसलिए, गर्भवती महिला को डॉक्टर से पूछकर ही मुलेठी की चाय का सेवन करना चाहिए.

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पोटेशियम का कम स्तर

मुलेठी की जड़ को अधिक मात्रा में लेने से शरीर में पोटेशियम का स्तर कम हो सकता है. शरीर में पोटेशियम की कम मात्रा अनियमित हृदय गति का कारण बन सकती है.

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हाई ब्लड प्रेशर

मुलेठी की जड़ हाई ब्लड प्रेशर का भी कारण बन सकती है. इसलिए, अगर किसी को पहले से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो मुलेठी की चाय पीने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछना चाहिए.

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मुलेठी की चाय को बनाना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है. इसे नीचे बताए गए तरीके के अनुसार आसानी से बनाया जा सकता है -

सामग्री :

  • 1 बड़ा चम्मच मुलेठी जड़ का पाउडर
  • करीब 1 से 2 कप पानी
  • मिठास के लिए शहद या गुड़

विधि :

  • पानी को गर्म कर लें.
  • फिर इसमें मुलेठी पाउडर डालें और पानी को उबाल लें.
  • अब गैस बंद करके पानी को छान लें 
  • इसके बाद पानी में स्वादानुसार शहद या गुड़ मिक्स करके पिएं.

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मुलेठी की चाय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती है. इसके सेवन से पाचन व गले की समस्याओं को दूर किया जा सकता है. बस ध्यान रखें कि कुछ स्थितियों, जैसे- प्रेगनेंसी व ब्लड प्रेशर इत्यादि में मुलेठी की चाय सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती है. इसलिए, एक्सपर्ट की सलाह पर ही मुलेठी की चाय का सेवन करें.

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