पौधों से हमें जो भोजन प्राप्त होता है वो सेहत के लिए काफी लाभकारी होता है। ये हमारे स्वास्थ्य को अच्छा रखने में सहायक होता है। पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों में से एक है काजू जो सेहत को कई तरह से लाभ पहुंचाता है। यह मस्तिष्क के लिए भी बहुत लाभदायक है।

वैसे तो सभी नट्स और बीजों में मूड को बेहतर करने वाला फायदेमंद वसा, विटामिन बी और मैग्नीशियम होता है, लेकिन काजू वास्तव में चिंता को कम करने के लिए मददगार होता है। यह सामान्य तनाव और यहां तक कि अवसाद को भी कम करने में  मदद करता है। 

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काजू आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन बी6, प्रोटीन और महत्वपूर्ण एमिनो एसिड और ओमेगा 3 फैटी एसिड से युक्त होता है। ये सभी पोषक तत्व सीधे तौर पर अवसाद और चिंता को प्राकृतिक रूप से कम करते हैं। आइए जानते हैं कैसे:

काजू, पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों में एमिनो एसिड ट्रिप्टोफेन के सबसे अच्छे स्रोतों में से एक है। यह एमिनो एसिड मस्तिष्क में सेरोटोनिन के इस्तेमाल की प्रक्रिया में सुधार लाता है और एंटी-डिप्रेसेंट यानी अवसादरोधी हार्मोन के रूप में कार्य करता है। ऐसे में यदि हम अपने आहार में ट्रिप्टोफेन नहीं लेते हैं तो, प्रभावी रूप से सेरोटोनिन का उत्पादन नहीं हो पाता है और इसकी वजह से शरीर में मौजूद पर्याप्त सेरोटोनिन के उपयोग में भी बाधा आती है, जबकि सेरोटोनिन इतना महत्वपूर्ण है कि इसकी कमी से हमें चिंता, तनाव और उदासी महसूस हो सकती है।

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मैग्नीशियम का असर

काजू में बादाम की तुलना में मैग्नीशियम की मात्रा ज्यादा होती है और मूड को बेहतर रखने और तंत्रिका तंत्र के लिए मैग्नीशियम बहुत महत्वपूर्ण होता है जिससे चिंता और अवसाद को कम करने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त मैग्नीशियम लो ब्लड शुगर को भी नियंत्रित करने में सहायक है जोकि चिंता का प्रमुख कारण है। बता दें, काजू की प्रति सर्विंग यानि 16 काजू में लगभग 83 मि.ग्रा मैग्नीशियम होता है। वयस्कों को रोज़ 300-400 मि.ग्रा मैग्नीशियम लेने की सलाह दी जाती है। 

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विटामिन बी 6 को नियंत्रित करने में मददगार

काजू में मौजूद विटामिन बी 6 शरीर में सेरोटोनिन को बनाने में मदद करता है। विटामिन बी 6 और ट्रिप्टोफेन दोनों ही शरीर को रिलैक्स करते हैं जिससे खराब मूड को ठीक करने में मदद मिलती है। इसके अलावा विटामिन बी 6 डिप्रेशन को भी कम करता है और मैग्नीशियम को अधिक प्रभावी ढंग से कोशिकाओं तक पहुंचने में मदद करता है ताकि मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार आ सके। कद्दू के बीज, केले, कद्दू, साग, चिया के बीज ,  शकरकंद  और काजू इसके सबसे अच्छे स्रोतों में से एक है।

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ब्रेन-बूस्टिंग 

काजू में हेल्दी फैट होता है जो मूड को ठीक रखने और अवसाद को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। किसी विशेष हृदय संबंधित समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को लो फैट डाइट की जरूरत पड़ सकती है लेकिन मूड को बेहतर और हृदय को स्वस्थ रखने के लिए हर रोज थोड़ा हेल्दी फैट जरूरी है, खासतौर पर मोनो-अन सैचुरेटेड फैट जो कि नट्स और बीजों में होता है। काजू मोनो-अन सैचुरेटेड फैट का सबसे बेहतरीन स्रोत होता है और इस वजह से ये मस्तिष्क को स्वस्थ रख कर प्राकृतिक रूप से अवसाद से बचाता है।

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