आप भी शायद इस बात से वाकिफ जरूर होंगे कि भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में तनाव और चिंता की वजह से डिप्रेशन की समस्या तेजी से बढ़ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो दुनियाभर के करीब 35 करोड़ से ज्यादा लोग डिप्रेशन से पीड़ित हैं। साल 2020 में भारत में हुए एक सर्वे की मानें तो देश के करीब 43 प्रतिशत लोग डिप्रेशन से पीड़ित हैं। इस साल कोरोना वायरस बीमारी की वजह से भले ही ये आंकड़े ज्यादा नजर आ रहे हों, लेकिन सामान्य दिनों में भी बड़ी संख्या में लोग डिप्रेशन से पीड़ित रहते हैं। 

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हर बात में बुरा महसूस करना, हर परिस्थिति को नकारात्मक दृष्टिकोण से देखना, उदासी और दुख महसूस होना, रोज की गतिविधियों में रूचि न दिखाना, चिड़चिड़ापन और हताशा महसूस होना- ये सारी चीजें डिप्रेशन के लक्षण हैं। डिप्रेशन एक ऐसी समस्या है जो किसी व्यक्ति के जीवन को पूरी तरह से बदल देती है। वैसे तो सही चिकित्सीय इलाज और काउंसलिंग की मदद से डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। लेकिन इसके साथ ही साथ अगर जीवनशैली से जुड़े बदलाव भी किए जाएं- जैसे संतुलित आहार का सेवन करना - तो इससे भी डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति की सेहत में बेहतर सुधार देखने को मिल सकता है।

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वैसे तो डिप्रेशन के इलाज के लिए कोई विशिष्ट डाइट मौजूद नहीं है लेकिन कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ और पोषक तत्व जरूर हैं जिनका अगर ज्यादा सेवन किया जाए तो डिप्रेशन के लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। हेल्दी डाइट आपकी ओवरऑल सेहत को बेहतर बनाने में मदद करती है जिससे आपका मूड भी बेहतर होता है। लिहाजा अगर कोई व्यक्ति डिप्रेशन से पीड़ित हो तो उसके लिए सही चीजों का सेवन बेहद जरूरी है, ताकि इसका व्यक्ति के जीवन पर पॉजिटिव असर हो सके।

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  1. डिप्रेशन और डाइट के बीच लिंक - Link between Depression and Diet in Hindi
  2. डिप्रेशन में क्या खाएं? - Depression me kya khaye?
  3. डिप्रेशन में क्या न खाएं - Depression me kya na khaye?
  4. डिप्रेशन में परहेज - Prevention during Depression in Hindi
डिप्रेशन में क्या खाएं, क्या नहीं और परहेज के डॉक्टर

साल 2017 में हुई एक स्टडी में यह बात सामने आयी कि जिन लोगों में मध्यम से लेकर गंभीर डिप्रेशन के लक्षण थे, जब उन्होंने पोषण संबंधी काउंसलिंग ली और उसके बाद अगले 12 हफ्तों तक स्वस्थ और संतुलित डाइट का सेवन किया तो उनके डिप्रेशन के लक्षणों में सुधार देखने को मिला। इस हेल्दी डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर ताजे भोजन पर फोकस किया गया था। साथ ही इसमें प्रोसेस्ड फूड, रिफाइंड फूड, मीठी चीजें, फ्राइड चीजें और जंक फूड के सेवन को पूरी तरह से सीमित करने या इनका सेवन करने से परहेज करने की सलाह दी गई।

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स्टडी में शामिल करीब 32 प्रतिशत प्रतिभागियों में डिप्रेशन के लक्षण जिसमें मूड खराब होना और ऐंग्जाइटी की समस्या भी शामिल है उसमें भी सुधार देखने को मिला। स्टडी के अनुसंधानकर्ताओं ने यह भी बताया कि जिन लोगों को डिप्रेशन की समस्या है अगर वे अपनी डाइट में सुधार कर लें तो इससे उनके लक्षणों को मैनेज करने और बेहतर महसूस करने में भी मदद मिल सकती है। डाइट, मानसिक सेहत का बेहद अहम हिस्सा है और कई स्टडीज में यह बात सामने आ चुकी है कि हम क्या खाते हैं और डिप्रेशन के खतरे के बीच एक अहम लिंक है। 

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जब बात हेल्दी ईटिंग की आती है तो इसका मतलब ये नहीं है कि आपको अपने खाने-पीने की आदतों को पूरी तरह से बदलने की जरूरत है लेकिन सिर्फ सतर्क रहकर यह सुनिश्चित करना है कि आप हेल्दी चीजों का ही सेवन करें ताकि डिप्रेशन के लक्षणों को मैनेज करना आसान हो जाए :

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डिप्रेशन में खाएं सेलेनियम से भरपूर चीजें - Selenium Rich Food for Depression in Hindi

एक्सपर्ट्स की मानें तो सेलेनियम से भरपूर चीजों का सेवन करने से व्यक्ति का मूड बेहतर होता है और ऐंग्जाइटी यानी चिंता को कम करने में भी मदद मिलती है, जिससे डिप्रेशन को आसानी से मैनेज किया जा सकता है। साबुत अनाज, पनीर, अंडा, ब्राजिल नट्स, ऑयस्टर, सैल्मन, केकड़ा जैसे-सीफूड, हैम, टर्की और ऑर्गन मीट जैसे-लिवर आदि सेलेनियम से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं। आप चाहें तो डॉक्टर से बात करके सेलेनियम सप्लिमेंट्स का भी सेवन कर सकते हैं।

(और पढ़ें - सेलेनियम की कमी के लक्षण)

डिप्रेशन में खाएं विटामिन डी वाली चीजें - Vitamin D Rich Food for Depression in Hindi

हाल ही में हुई एक स्टडी में यह बात सामने आयी है कि जिन लोगों के शरीर में विटामिन डी की कमी होती है उनमें डिप्रेशन होने का जोखिम काफी अधिक होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो की एक और स्टडी में अनुसंधानकर्ताओं ने नोटिस किया कि जिन लोगों में डिप्रेशन के लक्षण थे, खासकर सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर की समस्या, जब उनके शरीर में विटामिन डी के लेवल में बढ़ोतरी की गई तो उनके लक्षणों में सुधार देखने को मिला। 2019 के मेटा-विश्लेषण में भी यह बात सामने आयी है कि विटामिन डी डिप्रेशन के लक्षणों को बेहतर करने में मदद कर सकता है।

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वैसे तो सूरज की रोशनी विटामिन डी प्राप्त करने का सबसे अच्छा स्त्रोत है, लेकिन खाने-पीने की भी ऐसी कई चीजें हैं जो विटामिन डी से भरपूर होती हैं और जिनका सेवन करने से शरीर में विटामिन डी के लेवल को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। ऑयली फिश जैसे- सैल्मन, सार्डिन, मैकेरल आदि, रेड मीट, लिवर, अंडे का पीला भाग, फॉर्टिफाइड फूड जैसे ब्रेकफास्ट सीरियल आदि विटामिन डी से भरपूर चीजें हैं जिनका सेवन करना चाहिए।

डिप्रेशन में खाएं ओमेगा 3 फैटी एसिड वाली चीजें - Omega-3 Fatty Acid Food for Depression in Hindi

कई अध्ययनों के नतीजे इस बात का सुझाव देते हैं कि ओमेगा 3 फैटी एसिड वाली चीजें डिप्रेशन से जुड़े विकारों को दूर करने में मदद कर सकते हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड वाली चीजें न सिर्फ मूड से जुड़े विकारों और ब्रेन से जुड़ी बीमारियों को कम करने में मदद करती हैं बल्कि ब्रेन के फंक्शन्स को बेहतर करने में भी मदद करती हैं। ठंडे पानी में रहने वाली मछलियां जैसे- सैल्मन, मैकेरेल, टूना, सार्डिन आदि, सीफूड, सूखे मेवे और बीज जैसे- अलसी के बीज, चिया सीड्स, अखरोट आदि और प्लांट बेस्ड ऑयल जैसे- अलसी का तेल, सोयाबीन का तेल और कैनोला तेल आदि ओमेगा-3 फैटी एसिड का बेहतरीन सोर्स हैं।

डिप्रेशन में खाएं ऐंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर चीजें - Antioxidants Rich Food for Depression in Hindi

शरीर की प्राकृतिक प्रक्रियाओं के दौरान एक नैचरल वेस्ट प्रॉडक्ट बनता है जो शरीर में जमा होने लगता है, इसे फ्री रैडिकल्स कहते हैं। अगर शरीर इन फ्री रैडिकल्स को बाहर न कर पाए तो शरीर में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस होने लगता है। इसकी वजह से एंग्जाइटी और डिप्रेशन समेत सेहत से जुड़ी कई बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में एंटीऑक्सिडेंट्स इन फ्री रैडिकल्स को दूर करने में शरीर की मदद करते हैं। विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई में एंटीऑक्सिडेंट्स नाम का तत्व होता है। साल 2012 की स्टडी में यह बात सामने आयी थी कि एंटीऑक्सिडेंट्स, लोगों में एंग्जाइटी और सामान्य डिप्रेशन को कम करने में मदद कर सकते हैं। प्याज, लहसुन, बैंगन, कद्दू, गाजर, पालक, पार्सले, शिमला मिर्च जैसी सब्जियां, अंगूर, आम, बेरीज, ऐपरिकॉट्स जैसे फल और रेड वाइन, चाय, सीफूड आदि एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं।

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डिप्रेशन में खाएं विटामिन बी वाली चीजें - Vitamin B Rich Food for Depression in Hindi

विटामिन बी12 और विटामिन बी9 (फोलेट और फोलिक एसिड) मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को सुरक्षित रखने में मदद करता है। साथ ही विटामिन बी वाली चीजें मूड से जुड़ी बीमारियां जैसे- डिप्रेशन को कम करने में मदद कर सकते हैं। लिहाजा आपको अपनी डाइट में अंडा, मीट, पोल्ट्री, मछली, दूध, ऑयस्टर, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, फ्रूट जूस, साबुत अनाज, दालें और फलियां, डेयरी उत्पाद, नट्स आदि को जरूर शामिल करना चाहिए।

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डिप्रेशन में खाएं स्मार्ट कार्ब्स वाली चीजें - Smart Carbs Food for Depression in Hindi

मूड को बेहतर बनाने वाले ब्रेन केमिकल सेरोटोनिन से कार्बोहाइड्रेट्स का अहम लिंक है। लिहाजा कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन करने से बचने की बजाए सही तरीके के कार्ब्स का सेवन करना बेहद जरूरी है खासकर तब जब आप तनावग्रस्त या डिप्रेस्ड महसूस कर रहे हों। लिहाजा साबुत अनाज से बनने वाली ब्रेड, फल, सब्जियां और फाइबर से भरपूर चीजों का सेवन करें ताकि शरीर को अच्छे कार्ब्स मिल सकें और मूड भी बेहतर हो सके।

डिप्रेशन में खाएं प्रोटीन वाली चीजें - Protein Rich Food for Depression in Hindi

प्रोटीन न सिर्फ शरीर के विकास में मदद करता है बल्कि शरीर की मरम्मत करने और डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों को भी बेहतर महसूस करने में मदद कर सकता है। हमारा शरीर ट्रिप्टोफैन नाम के प्रोटीन का इस्तेमाल कर फील गुड हार्मोन सेरोटोनिन का निर्माण करता है। ट्यूना मछली, टर्की, काबुली चना आदि चीजों में ट्रिप्टोफैन प्रोटीन अच्छी मात्रा में होता है। लिहाजा दिनभर में कई बार ऐसी चीजें खाने की कोशिश करें जो प्रोटीन से भरपूर हो खासकर तब जब आपको एनर्जी की जरूरत हो और जब आपको अपना दिमाग अस्त-व्यस्त लग रहा हो। इसके अलावा मटर, फलियां, लो फैट चीज, मछली, दूध, पोल्ट्री, सोया प्रॉडक्ट्स और दही भी प्रोटीन का अच्छा सोर्स हैं लिहाजा उसका भी सेवन करें।

(और पढ़ें - प्रोटीन पाउडर लेने का सही समय क्या है?)

डिप्रेशन में इन चीजों को न खाएं

अगर कोई व्यक्ति डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहा हो तो क्या खाना चाहिए यह जानना जितना जरूरी है उतना ही महत्वपूर्ण यह भी जानना है कि आपको क्या नहीं खाना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्यवश हम सभी जब तनाव में होते हैं या डिप्रेशन की वजह से लो फील कर रहे होते हैं तो हम इन्हीं चीजों का सेवन ज्यादा करने लगते हैं जो डिप्रेशन को बढ़ाने का काम करती हैं।

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डिप्रेशन में न खाएं बहुत ज्यादा मीठी चीजें - Avoid Sugary Food during Depression in Hindi

डिप्रेशन में मीठी चीजें नहीं खानी चाहिए क्योंकि बहुत ज्यादा मीठी चीजें खाने से न सिर्फ आपका वजन बढने का खतरा रहता है बल्कि आपके मूड पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। लिहाजा डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने और मूड को बेहतर बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है कि आप रिफाइंड शुगर से परहेज करें। चीनी का सेवन करने से हो सकता है शुरुआत में आपको एनर्जी अधिक महसूस हो लेकिन कुछ ही देर में यह आपको सुस्त बना देती है। लिहाजा केक, कुकीज, ब्रेकफास्ट सीरियल, फ्रूट जूस, चीनी वाली ड्रिंक्स, बारबेक्यू सॉस, सलाद ड्रेसिंग, कॉर्न सीरप, फ्रक्टोज, बहुत अधिक शहद, ग्रैनोला बार और एनर्जी बार जैसी चीजों के सेवन से परहेज करें। जिन चीजों में अतिरिक्त शुगर पड़ा हो उनका सेवन करने से भी बचना चाहिए।

(और पढ़ें - चीनी की लत दूर करने के आसान उपाय)

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डिप्रेशन में न खाएं रिफाइंड फूड - Avoid Refined Food during Depression in Hindi

फास्ट फूड और जंक फूड जैसी चीजें जो बेहद आसानी से उपलब्ध होती हैं उनमें कैलोरीज की मात्रा अधिक होती है और पोषक तत्व ना के बराबर होते हैं। कई स्टडीज में यह सुझाव दिया गया है जो लोग इस तरह के फास्ट फूड का बहुत ज्यादा सेवन करते हैं उनमें डिप्रेशन होने का खतरा अधिक होता है उन लोगों की तुलना में जो घर का बना ताजा खाना खाते हैं। प्रोसेस्ड और रिफाइंड फूड जिसमें चीनी और रिफाइंड कार्ब की मात्रा अधिक होती है उनका सेवन करने से भी डिप्रेशन का जोखिम बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए जब आप किसी तरह के एनर्जी बार या चॉकलेट का सेवन करते हैं तो आपको तुरंत एनर्जी तो महसूस होती है लेकिन कुछ ही देर बाद वह एनर्जी खत्म हो जाती है। लिहाजा मैदा, वाइट पास्ता, सफेद चीनी, वाइट ब्रेड आदि के सेवन से बचें।

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डिप्रेशन में न करें कैफीन का सेवन - Avoid Caffeine during Depression in Hindi

डिप्रेशन में कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इस बात के कुछ सबूत मौजूद हैं कि कैफीन की छोटी सी मात्रा एंग्जाइटी को कम करके मूड को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। हालांकि, इस बारे में हुई कई रिसर्च में यह बात भी सामने आयी है कि कैफीन का ज्यादा सेवन करने से एंग्जाइटी, स्ट्रेस और डिप्रेशन की समस्या बढ़ सकती है। साथ ही कैफीन व्यक्ति के सोने की क्षमता को भी प्रभावित कर सकती है। लिहाजा बेहतर यही होगा कि आप कैफीन का सीमित मात्रा में ही सेवन करें, जिन उत्पादों में कैफीन की मात्रा अधिक हो जैसे एनर्जी ड्रिंक्स आदि उनसे परहेज करें और दिन के समय के बाद कैफीन का सेवन करने से बचें।

डिप्रेशन में इन चाजों से करें परहेज:

डिप्रेशन में शराब और सिगरेट से परहेज करना चाहिए। ज्यादातर एक्सपर्ट्स यही मानते हैं कि शराब और सिगरेट का सेवन करना और मानसिक सेहत से जुड़ी समस्याओं के बीच साफ तौर पर एक लिंक है। लिहाजा डिप्रेशन से बचना है तो शराब और सिगरेट का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

हो सकता है डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति यह सोचकर शराब पिए कि इससे उसका डिप्रेशन कम हो जाएगा और उसे मैनेज करने में मदद मिलेगी, लेकिन इसके उलट अल्कोहल डिप्रेशन और एंग्जाइटी को और ज्यादा ट्रिगर करने और बढ़ाने का काम करता है। अगर नियमित रूप से कोई व्यक्ति बहुत अधिक मात्रा में शराब का सेवन करे तो इससे न सिर्फ कैंसर और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, बल्कि बदले में डिप्रेशन का खतरा भी अधिक होता है।

(और पढ़ें - शराब की लत के लक्षण)

स्मोकिंग करने वालों के साथ भी यही समस्या है। जो लोग सिगरेट पीते हैं उनमें से ज्यादातर को यही लगता है कि स्मोकिंग करने से उनका तनाव और टेंशन कम होता है, जिससे डिप्रेशन में भी कमी आती है। लेकिन हकीकत यही है कि धूम्रपान करने से ऐंग्जाइटी और टेंशन में बढ़ोतरी होती है। इतना ही नहीं जो लोग धूम्रपान नहीं करते हैं उनकी तुलना में धूम्रपान करने वाले लोगों में समय के साथ डिप्रेशन की समस्या विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

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