गर्मी के मौसम में आम का स्वाद चखने का मजा हर कोई लेना चाहता है। शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो फलों के राजा के साथ मित्रता नहीं करना चा​हेगा। पका हुआ आम न सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि यह पोषण से भी भरा होता है। इन्हें छीलकर, आम पन्‍नाशेक बनाकर, आमरस, आम श्रीखंड, आम कस्टर्ड, आमपद या आम कुल्फी के रूप भी सेवन किया जा सकता है। बहरहाल, डायबिटीज से ग्रस्त व्यक्ति इस बात को लेकर जरूर चिंतित रहते हैं कि उन्हें इसका सेवन करना चाहिए अथवा नहीं।

यह फल इतना लोकप्रिय है कि दुनिया के अधिकांश हिस्सों में इसका व्यापार किया जाता है। भारत में आम की लगभग 1,000 किस्में हैं और इनमें से कई अनोखे, सुंदर और स्वादिष्ट होते हैं। भारत आमों के प्रमुख वैश्विक निर्यातकों में से एक है। यहां लगभग प्रत्येक व्यक्ति आम को खाना पसंद करता है।

आम के बारे में एक महत्वपूर्ण बात जानना जरूरी है कि इसमें शुगर की मात्रा अधिक होती है: प्रत्येक 100 ग्राम आम में 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है, जिनमें से 14 ग्राम प्राकृतिक चीनी होती है। भारत में डायबिटीज मरीजों की संख्या 72.96 मिलियन यानी करीब 7 करोड़ 30 लाख है। यदि कोई व्यक्ति मधुमेह (डायबिटीज) से ग्रस्त है, तो वह ऐसा मान लेता है कि उसे इस फल का सेवन नहीं करना चाहिए।

आम में प्राकृतिक रूप से शुगर और कार्बोहाइड्रेट होता है, इसलिए लोगों की यह धारणा है कि इस फल का एक टुकड़ा खाने से भी ब्लड शुगर बढ़ सकता है और डायबिटीज से ग्रस्त किसी व्यक्ति की स्थिति बदतर हो सकती है। फिलहाल, इस धारणा के बावजूद हाल ही में हुए एक शोध से पता चला है कि आम वास्तव में हानिकारक नहीं हैं और डायबिटीज वाले लोगों द्वारा इसका सेवन किया जा सकता है। निम्नलिखित जानकारियों से यह समझने में मदद मिलेगी कि डायबिटीज होने पर आम का सेवन करना सुरक्षित है या नहीं।

और पढ़ें - (आम के पत्ते के फायदे)

  1. आम में ग्लाइसेमिक इंडेक्स - Mangoes have a low glycaemic index in hindi
  2. डायबिटीज में आम के छिलके और पत्तियों के फायदे - Benefits of mango peel and leaves for diabetes in hindi
  3. आम को डायबिटीज फ्रेंडली बनाने के टिप्स - Tips to make mangoes more diabetes-friendly in hindi
  4. डायबिटीज में आम खाना चाहिए या नहीं के डॉक्टर

डायबिटीज होने पर व्यक्ति को 'लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स' का सेवन करना चाहिए क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) खाद्य पदार्थों की रैंकिंग का एक तरीका है। इससे यह पता चलता है कि ब्लड शुगर पर कार्बोहाइड्रेट के जरिये कितना प्रभाव पड़ता है। लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स में निम्नलिखित शामिल हैं :

जीआई को मापने का पैमाना 0-100 नंबर होता है, जिसमें 0 का अर्थ हुआ कि ऐसे भोजन का ब्लड शुगर पर कोई प्रभाव नहीं है और 100 नंबर का मतलब प्योर शुगर का सेवन करने के बाद ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा रहता है। इस पैमाने पर 55 से नीचे रैंक वाले खाद्य पदार्थों को कम जीआई माना जाता है और इसलिए इसे डायबिटीज वाले लोगों के लिए एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है।

आम भी सुरक्षित जीआई रेंज के अंतर्गत आता है, इसलिए इसका सेवन डायबिटीज से ग्रस्त लोग कर सकते हैं। हालांकि, यह याद रखना जरूरी है कि विभिन्न खाद्य पदार्थों के लिए शारीरिक प्रतिक्रिया, चयापचय और डायबिटीज के चरण के आधार पर अलग-अलग हो सकती है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Madhurodh Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को डायबिटीज के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

यदि आम का सेवन कम मात्रा में किया जाए तो डायबिटिक रोगियों को इससे कोई नुकसान नहीं होता है। आम (उदाहरण के तौर पर आम के छिलके से बना हुआ पाउडर) के माध्यम से कुछ ऐसे भी प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं जो डायबिटीज के उपचार के लिए प्रयोग किए जा सकते हैं।

2015 में जर्नल ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, आम के छिलके के पाउडर के सेवन से शरीर में एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम की मात्रा बढ़ जाती है, जबकि यह वसा को कम करने में मदद करता है। यह ब्लड शुगर के स्तर को सुधारने में भी सहायक है।

2017 में जर्नल ऑफ एडवांस्ड फार्मास्युटिकल टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि आम के पत्तों का अर्क विशेष रूप से पॉलीफेनोलिक यौगिक जिसे मैंगिफरिन के रूप में जाना जाता है - ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसलिए, आम के छिलके का पाउडर या आम के पत्तों का अर्क कभी-कभी डायबिटीज से ग्रस्त रोगियों के लिए वैकल्पिक दवाओं के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

कृपया याद रखें कि ये वैकल्पिक उपचार डायबिटीज के लिए ली जा रहीं दवाओं जेसे मेटफोर्मिन टैबलेट या इंसुलिन इंजेक्शन की ज​गह नहीं ले सकती हैं। फिलहाल, डायबिटीज की नियमित दवाओं के अलावा यदि किसी अन्य दवाई को लेने या वैकल्पिक उपचार की सोच रहे हैं तो ऐसे में अपने डॉक्टर से सलाह लें।

वैसे तो आम का सेवन करना हानिकारक नहीं हो सकता है, लेकिन यदि किसी व्यक्ति को डायबिटीज है या उसमें इस बीमारी के विकसित होने का खतरा है, तो उसे इसके अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए। यहां कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है, जो यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकती हैं कि ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने न पाए।

जब कोई व्यक्ति डायबिटीज से ग्रस्त होता है, तो फलों को केवल अन्य कार्बोहाइड्रेट के बदले में ही खाना चाहिए। इसलिए, यदि कोई व्यक्ति आम खाने का शौकीन है या आम खा रहा है, तो ऐसे में उसे अन्य कार्ब्स खाने से बचना चाहिए।

एक दिन में आधा कप कटा हुआ आम (या 12 ग्राम) के साथ शुरुआत की जा सकती है और यदि कोई व्यक्ति आम का सेवन कर रहा है, तो उसे कार्बोहाइड्रेट के किसी भी अन्य स्रोत से दूर रहना चाहिए। यदि इससे ज्यादा मात्रा में आम का सेवन किया जा रहा है तो ऐसे में ब्ल्ड शुगर की मात्रा काफी बढ़ जाती है, इसलिए डायबिटीज मरीज संतुलित मात्रा में ही आम का सेवन करें।

फाइबर और प्रोटीन ब्लड शुगर के बढ़ने का जोखिम कम करते हैं। इसलिए केवल आम का एक टुकड़ा खाने की बजाय, उसके ठीक पहले या उसके साथ एक अंडा या नट्स खाएं।

और पढ़ें - (शुगर के लिए योगासन)

Dr. Narayanan N K

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
16 वर्षों का अनुभव

Dr. Tanmay Bharani

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
15 वर्षों का अनुभव

Dr. Sunil Kumar Mishra

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
23 वर्षों का अनुभव

Dr. Parjeet Kaur

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
19 वर्षों का अनुभव

और पढ़ें ...
ऐप पर पढ़ें