कफ (बलगम) - Phlegm in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

March 01, 2018

April 21, 2023

कफ
कफ

कफ (बलगम) क्या होता है?

गले की बलगम को कफ (Phlegm) के नाम से भी जाना जाता है। जब आपके गले या नाक के पिछले हिस्से में बलगम जमा हो जाता है, तो इससे बहुत असुविधाजनक महसूस होता है। म्यूकस मेम्ब्रेन (Mucus membranes) श्वसन प्रणाली की रक्षा करने और उसको सहारा देने के लिए कफ बनाती है। ये मेंब्रेन निम्न अंगों में होती है:

  • मुंह
  • नाक
  • गला
  • साइनस
  • फेफड़े

गले व नाक की ग्रंथि एक दिन में कम से कम 1 से 2 लीटर बलगम का उत्पादन करती हैं। बलगम या कफ की अत्याधिक मात्रा होना, परेशान करने वाली समस्या हो सकती है। इसके कारण घंटो बैचेनी रहना, बार-बार गला साफ करते रहना और खांसी जैसी समस्या हो सकती है। ज्यादातर लोगों में यह एक अस्थायी समस्या होती है। हालांकि, कुछ लोगों के लिए यह एक स्थिर समस्या बन जाती है। जिसके बेहतर उपचार पर थोड़े समय के लिए राहत मिल पाती है।

इसके लक्षणों को कम करने के लिए दवाएं उपलब्ध हैं। धूल व प्रदूषण की रोकथाम करके कफ के निर्माण में कमी की जा सकती है।

(और पढ़ें - प्रदूषण को रोकने के उपाय)

कफ (बलगम) के लक्षण - Phlegm Symptoms in Hindi

कफ के लक्षण व संकेत क्या हो सकते हैं:

  • गले में जमा बलगम भी सांसो में दुर्गंध पैदा करती है, क्योंकि बलगम में प्रोटीन होती है, जो बैक्टीरिया पैदा करती है।
  • जब आपका शरीर जरूरत से ज्यादा कफ बना देता है, तब अत्याधिक कफ आपके नाक के वायुमार्गों में रुकावट पैदा कर सकता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई महसूस होने लगती है।
  • कफ बनने के कारण नाक रूकने की समस्या काफी असहज और यहां तक कि दर्दनाक स्थिति पैदा कर सकती है।
  • अत्याधिक कफ आपके गले व फेफड़ों में जमा हो सकता है।
  • सामान्य कफ साफ या सफेद रंग का होता है और कम गाढ़ा होता है।
  • जो कफ हल्के पीले या हरे रंग का दिखाई पड़ता है या जो कफ असाधारण रूप से अधिक गाढ़ा होता है, वह बैक्टीरियल संक्रमण का संकेत देता है।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए

अगर नियमित रूप से अत्याधिक कफ बनने लगा है, जिस कारण आप असुविधाजनक महसूस कर रहे हैं, तो आपको डॉक्टर से मिलने के लिए अपॉइंटमेंट ले लेना चाहिए।

समय-समय पर बलगम की मात्रा ज्यादा होना या बलगम गाढ़ा महसूस होना कोई चिंता की बात नहीं है। आमतौर पर आप इसे सुबह के समय महसूस कर सकते हैं, क्योंकि यह पूरी रात जमा होता रहता है और सूखता रहता है। अगर आप बीमार हैं या आपको मौसमी एलर्जी है तो आप अधिक कफ को नोटिस कर सकते हैं।

अगर कफ आपको एक महीने या उससे ज्यादा समय से परेशान कर रहा है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आपको कोई अन्य लक्षण है, तो उसके बारे में भी डॉक्टर को बता दें, जैसे:

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कफ (बलगम) के कारण और जोखिम कारक - Phlegm Causes & Risk factors in Hindi

कफ के कारण व जोखिम कारक क्या हो सकते हैं?

जब कोई जुकाम या संक्रमण के साथ बीमार पड़ जाता है, तो उसका बलगम गाढ़ा हो जाता है और उसके रंग में भी बदलाव आ जाता है। बलगम काफी चिपचिपा होता है, जिससे यह धूल, वायरस व एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों को अपने अंदर फंसा लेता है। जब आप स्वस्थ होते हैं, तो बलगम में गाढ़ापन कम होता है। लेकिन, जब आप बीमार होते हैं और बहुत सारे कणों के संपर्क में आते हैं, तो बलगम गाढ़ा हो जाता है, क्योंकि यह बाहरी कणों को फंसा लेता है।

(और पढ़ें - एलर्जी का घरेलू उपाय)

वैसे तो कफ आपकी श्वसन प्रणाली का एक स्वस्थ हिस्सा होता है, लेकिन अगर यह आपको परेशान कर रहा है, तो आप इसको पतला करने के या इसे निकालने के लिए कुछ तरीकों को अपना सकते हैं। कुछ ज्यादा कफ बनने वाली स्थितियां निम्न हैं -

  • पोस्ट नेजल ड्रिप – जब अत्याधिक मात्रा में बलगम आपके गले और नाक में जमा हो जाता है और कफ बनाकर खांसी पैदा करता है। गले में कफ का निर्माण रात में होता है और सुबह तक यह गले में जम जाता है। (और पढ़ें - खांसी का घरेलू उपाय)
  • जुकाम या फ्लू – जुकाम या फ्लू के दौरान नाक और गले में साफ और पतले बलगम का निर्माण होता है। लेकिन, जब शरीर वायरस पर प्रतिक्रिया देने लगता है, तो बलगम गाढ़ा हो जाता है और हल्के पीले या हरे रंग का हो जाता है। यह फ्लू या जुकाम का सबसे ज्यादा ध्यान देने योग्य लक्षण व संकेत होता है।
  • मौसमी एलर्जी – काफी सारे लोग हर साल मौसमी एलर्जी से पीड़ित होते हैं। आम जुकाम के विपरित मौसमी एलर्जी के लक्षण, जैसे छींकना, खांसना, आंखों में खुजली और गले में बलगम जमना आदि ये सब लक्षण एक साथ ही हो जाते हैं। ऐसे कई एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थ हैं, जो ये लक्षण पैदा करते हैं, इसमें सर्दियों के अंत से गर्मियों तक की अवधि शामिल होती है। पेड़ और फूलों की पराग मौसमी एलर्जी के प्रमुख कारकों में से एक होते हैं और इसके लक्षण तब तक रहते हैं जब तक एलर्जी करने वाले पदार्थ नष्ट नहीं हो जाते।
  • खाद्य पदार्थ – दुर्भाग्य से कुछ खाद्य पदार्थ गले में बलगम पैदा करने में मदद करते हैं। दूध और दूध से बने उत्पाद, जैसे दही, पनीर और मक्खन गले में अतिरिक्त बलगम बनने का कारण बनते हैं। इन खाद्य पदार्थों में कैसिइन नाम के प्रोटीन अणु होते हैं, जो बलगम का स्त्राव बढ़ाते हैं और पाचन क्रिया के लिए मुश्किलें पैदा करते हैं। दूध उत्पादों के साथ-साथ कैफीन, चीनी, नमक, काली चाय आदि ये सभी पदार्थ भी अतिरिक्त बलगम बनाते हैं। इसके साथ ही साथ जो लोग डेयरी उत्पादों को छोड़, सोया उत्पादों को अपना लेते हैं, इस स्थिति में उनके शरीर में अस्वस्थ बलगम बनने के जोखिम बढ़ जाते हैं।
  • गर्भावस्था – कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान नाक रूकना, खांसना और छींक आना आदि लक्षण महसूस होते हैं। गर्भावस्था में ये लक्षण काफी सामान्य होते हैं, इनको पीठ में दर्द और मॉर्निंग सिकनेस के समान दर्जा दिया जाता है। एस्ट्रोजन हार्मोन को भी बलगम का उत्पादन करने तथा उसको अधिक गाढ़ा या पतला करने के लिए जाना जाता है।

जोखिम कारक -  

कफ के जोखिम कारक निम्न हो सकते हैं:

अक्सर गले में बलगम बनने पर यहीं लक्षण महसूस होते हैं। 

वायरल संक्रमण जैसे कि,

ये भी गले में बलगम बनने का कारण बन सकते हैं।

अगर गला निम्न के कारण खराब हो गया है:

तो बलगम गले और नाक की परतों पर भी जमा हो सकता है।

ऐसी कई स्वास्थ्य संबंधी स्थितिया हैं, जो कफ का निर्माण कर सकती हैं, इनमें निम्न शामिल हो सकती हैं:

कफ (बलगम) से बचाव के उपाय - Prevention of Phlegm in Hindi

कफ की रोकथाम कैसे की जा सकती है?

  1. विटामिन C – ऐसा माना जाता है कि सर्दी-जुकाम के लक्षणों के शुरूआती समय में ही विटामिन C की बड़ी खुराक लेने से इसके लक्षणों की अवधि को कम किया जा सकता है। (और पढ़ें - विटामिन के फायदे)
  2. जिंक – अध्ययन में पाया गया है कि जिंक कफ की रोकथाम के लिए फायदेमंद हो सकता है। लेकिन, इसका इस्तेमाल करने से पहले इसके संभावित दुष्प्रभावों का अंदाजा लगा लेना चाहिए, जैसे:
    • जिंक की गोलियां लेने के बाद जी मिचलाना
    • मुंह में खराब स्वाद छोड़ देना
    • जिंक वाले नेजल स्प्रे गंध महसूस करने की क्षमता को अस्थाई रूप से कम या बंद कर सकती है।
  3. एक्यूप्रेशर – अगर नाक रुक गई है या साइनस पर दबाव पड़ गया है, जो यह प्रतिरक्षा प्रणाली पर तनाव डालता है। ऐसे में साइनस को खाली करने के लिए एक्यूप्रैशर का इस्तेमाल किया जाता है।
  4. उपवास – कुछ लोगों द्वारा ऐसा माना जाता है कि कफ की रोकथाम के दीर्घकालिक स्थितियों के लिए फास्टिंग में उपचारात्मक गुण होते हैं। जैसे कि प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाना।
  5. गले व साइनस में जमे हुऐ कफ को ढ़ीला करने के लिए उबले हुऐ पानी से भाप लें या गर्म पानी से नहाएं
  6. कफ को ढ़ीला व बलगम को पतला करने के लिए रोजाना कम से कम आठ गिलास पानी के पीएं। यह स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है। (और पढ़ें - पानी कितना पीना चाहिए)
  7. बार-बार अपनी नाक को साफ करते रहें, ऐसा करने से बलगम के गले में जाने से बचाव किया जा सकता है।
  8. गर्म व नमक वाले पानी के साथ नियमित रूप से गरारे करें।
  9. डेयरी उत्पाद, मांस या तला हुआ भोजन आदि जैसे खाद्य पदार्थ खाने से बचें, यह बलगम के उत्पादन को बढ़ाते हैं।
  10. गर्म तरल पदार्थ पीएं, क्योंकि ये वायुमार्गों को नम करते हैं, जिससे जमे हुऐ बलगम को निकालने में मदद मिलती है।
  11. बलगम को पतला करने के लिए मसालेदार खाद्य पदार्थों, हॉर्सरैडिश या हॉट चिली पैपर का सेवन करें।
  12. उत्तेजक पदार्थों के संपर्क में आने से बचने की कोशिश करें, जैसे घरेलू क्लीनर, पेंट का धुआं, केमिकल या सिगरेट का धुआं आदि। धूम्रपान करना बंद कर दें, क्योंकि यह गले को उत्तेजित करता है और श्वसन संबंधी समस्याओं को और बद्तर बना देता है।

कफ (बलगम) का परीक्षण - Diagnosis of Phlegm in Hindi

कफ का निदान कैसे किया जाता है?

समस्या के कारण, स्थिति और उसके लिए एक सही उपचार योजना निर्धारित करने के लिए डॉक्टर कफ के रंग, घनापन और उसकी मात्रा की जांच करते हैं।

(और पढ़ें - बलगम की जांच)

आपके कफ का रंग उस मेडिकल समस्या का संकेत दे सकता है, जिससे आप पीड़ित हैं। क्योंकि, विभिन्न प्रकार के संक्रमणों में अलग-अलग रंग का कफ निकलता है।

  • सफेद रंग का कफ – सबसे स्वस्थ लोगों के कफ का रंग सफेद होता है। अगर आपके खांसने के दौरान सफेद रंग का कफ आता है, तो यह स्वस्थ व संक्रमण रहित शरीर का संकेत देता है। अगर इस मामले में अत्याधिक मात्रा में कफ निकल रहा है, तो उसके लिए उत्तेजक या एलर्जिक पदार्थों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
  • पीले रंग का कफ – यह कफ या तो हल्के पीले या फिर गहरे पीले रंग का हो सकता है। यदि आप खांस रहे हैं और पीले रंग का कफ निकल रहा है। इसका मतलब है कि आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली श्वसन संक्रमण के साथ लड़ रही है।
  • हरे रंग का कफ – जो लोग निमोनिया से संक्रमित होते हैं, उन लोगों में आमतौर पर हरे रंग का कफ देखा जा सकता है। जब खांसने के दौरान हरे रंग का कफ निकलता है तो यह संकेत देता है कि आपका शरीर निमोनिया से संक्रमित हो गया है।
  • भूरे रंग का कफ – खासकर जो लोग बहुत अधिक धूम्रपान करते हैं, उनका कफ आमतौर पर भूरे रंग का आता है।
  • लाल रंग का कफ (कफ में खून मिला होना) – कफ के साथ खून आना या कफ लाल रंग का दिखाई पड़ना ब्रोंकाइटिस जैसी समस्या और यहां तक की किसी गंभीर समस्या, जैसे टीबी आदि का संकेत दे सकता है।

आपके संक्रमण का कारण बनने वाले सूक्ष्म जीव की पहचान करने के लिए आपके कफ के सैंपल को कल्चर और संवेदनशीलता परीक्षण (सेंसिटिविटी टेस्टिंग) के लिए भेजा जा सकता है। अत्याधिक मात्रा में कफ का निर्माण करने वाली स्थिति का उपचार करने के लिए आपको एंटीबायोटिक्स दी जा सकती हैं।

कफ (बलगम) का उपचार - Phlegm Treatment in Hindi

कफ का इलाज कैसे किया जा सकता है?

हवा को नम करना -

अपने वातारवरण की हवा को नम करने से बलगम को पतला करने में मदद मिलती है। आपने सुना भी होगा कि नमी, जमे हुऐ बलगम व कफ को साफ कर सकती है।

हाइड्रेटेड रहना -

पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें, खासकर जो गर्म होते हैं क्योंकि ये बलगम को बहने में मदद कर सकते हैं। पानी बलगम को ढ़ीला करके, उसके जमाव को कम करने में मदद करता है। सादा शोरबा से चिकन सूप आदि का सेवन करें। अन्य अच्छे तरल पदार्थ जैसे बिना कैफीन की चाय (डिकैफ़िनेटेड चाय), फलों के गर्म रस या गर्म नींबू पानी आदि।

नीलगिरी के तेल का इस्तेमाल करें -

नीलगिरी के तेल का उपयोग, बलगम को आपकी छाती से बाहर निकाल सकता है। यह बलगम को ढ़ीला करने में मदद करता है ताकि आप खांसी के साथ इसे आसानी से बाहर निकाल सकें। अगर आपको लगातार परेशान करने वाली खांसी है तो नीलगिरी का तेल इसको भी ठीक कर सकता है। इसके लिए आप इसके भाप को ले सकते हैं या एक ऐसे बाम का उपयोग कर सकते हैं, जिसमें यह घटक शामिल हो।

ओवर-द-काउंटर उपचार लेना

जो दवाएं बिना डॉक्टर की पर्ची के मेडिकल स्टोर से मिल जाती हैं, उनको ऑवर द काउंटर  मेडिसिन कहा जाता है। ऐसी कुछ ओटीसी दवाएं हैं जिनका बलगम के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। डीकन्जेस्टेंट दवा की मदद से जमा हुआ बलगम उतरने लगता है और नाक से बाहर आने लगता है। डीकन्जेस्टेंट वायुमार्गों की सूजन को कम करने और उनको खोलने के लिए भी प्रयोग होती है।

(और पढ़ें - सूजन कम करने के घरेलू उपाय)

मुंह द्वारा लेने के लिए डीकन्जेस्टेंट निम्न रूपों में पाया जाता है। 

  • टेबलेट या कैप्सूल
  • तरल या सीरप
  • फ्लेवर्ड पाउडर
  • प्रिस्क्रिप्शन (पर्ची पर मिलने वाली) दवाएं

अगर आपको कुछ निश्चित प्रकार का संक्रमण है, तो डॉक्टर आपके लक्षणों के मूल कारण का इलाज करने के लिए दवाएं लिख सकते हैं। अगर आपको सिस्टिक फाइब्रोसिस या फेफड़ों संबंधी कोई दीर्घकालिक समस्या है, तो कुछ ऐसी विशिष्ट दवाएं हैं जो आपके बलगम को पतला कर सकती हैं।

हाइपरटॉनिक सेलाइन (Hypertonic saline) एक ऐसा उपचार है, जिसको नेब्युलाइजर (Nebulizer) के माध्यम से सांस द्वारा लिया जाता है। यह आपके वायुमार्ग में नमक की मात्रा को बढ़ा देता है। यह कई अलग-अलग पावर में आता है, इसका इस्तेमातल 6 साल व उससे ऊपर की उम्र के लोगों में किया जाता है। लेकिन, यह उपचार सिर्फ तात्कालिक आराम के लिए दिया जाता है, लंबे समय तक इसके प्रयोग से इसके साईड इफेक्ट हो सकते हैं।

कफ (बलगम) में क्या खाना चाहिए? - What to eat during Phlegm in Hindi?

श्वसन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले इन फूड्स का सेवन करें -

ऐसे खाद्य व पेय पदार्थों का सेवन करने की कोशिश करें, जिनमें नींबूअदरक और लहसुन शामिल हैं। मसालेदार खाद्य पदार्थ जिनमें कैप्सिसिन होता है, जैसे कि लाल मिर्च या काली मिर्च। ये अस्थायी रूप से साइनस को साफ करने में मदद कर सकते हैं, जिससे बलगम का जमाव कम हो जाता है।

नीचे दिए गए खाद्य पदार्थ व सप्लीमेंट्स वायरल श्वसन रोगों की रोकथाम या उनका इलाज करने में मदद कर सकती है:

नमक के पानी के साथ गरारे करें - 

हल्के गर्म नमक पानी के साथ गरारे करने से आपके गले के पीछे जमे बलगम को साफ करने में मदद मिलती है। यह रोगाणुओं को भी मार सकता है और गले में दर्द को शांत कर सकता है।

एक ग्लास पानी में आधा या एक तिहाई चम्मच नमक मिलाएं। हल्का गर्म पानी लेना और भी बेहतर हो सकता है, क्योंकि इसमें नमक जल्दी घुल जाता है। फिल्टर किया हुआ या पैक्ड बोतल के पानी का उपयोग करना बेहतर हो सकता है, क्योंकि इसमें उत्तेजित करने वाला क्लोरीन नहीं होता। इस पानी की एक छोटी घूंट भरें और अपनी गर्दन को पीछे की तरफ झुका लें। इस घुंट को पीएं नहीं बल्कि इससे गरारे करें। अपने फेफड़ों से धीरे-धीरे हवा निकालते हुऐ 30 से 60 सेकिंडों तक गरारे करें और उसके बाद पानी को बाहर थूक दें। आवश्यकता के अनुसार इस प्रक्रिया को दोहराते रहें।

कफ बनने पर क्या करें ? - What to do if you have Phlegm in Hindi

आपके डॉक्टर बलगम को कम करने में मदद के लिए कुछ देखभाल के उपाय दे सकते हैं जैसे -

  • गर्म नमक के पानी से गरारे करें- ये आपके गले के पीछे से बलगम को साफ करने में मदद करता है और इंफेक्शन को मारने में मदद करता है.
  • हवा में ह्यूमिडिटी बनाए रखें- हवा में ह्यूमिडिटी बनाए रखने से बलगम को पतला रखने में मदद मिलती है.
  • हाइड्रेटेड रहना- पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ खास तौर से पानी पीने से बलगम के प्रवाह में मदद मिल सकती है. साथ ही गर्म तरल पदार्थ प्रभावी हो सकते हैं लेकिन कैफीनयुक्त पेय पदार्थों से बचें.
  • अपना सिर ऊपर उठाएं- सीधे लेटने से ऐसा महसूस होता है कि बलगम आपके गले के पिछले हिस्से में जमा हो रहा है.
  • डिकॉन्गेस्टेंट से बचें- डिकॉन्गेस्टेंट स्राव को सुखाते हैं, लेकिन वो बलगम को कम करने में ज्यादा मुश्किल खड़ी कर सकते हैं.
  • जलन, सुगंध, रसायन और प्रदूषण से बचें- ये नाक की झिल्ली को परेशान कर शरीर को ज्यादा बलगम पैदा करने का संकेत देते हैं.
  • धूम्रपान करने से बचें- धूम्रपान छोड़ना मददगार साबित हो सकता है. खासकर अस्थमा या सीओपीडी जैसी पुरानी फेफड़ों की बीमारी में ये ज्यादा फायदेमंद साबित होगा. 

कफ सूखने पर क्या करें?

कुछ ऐसी चीजें हैं जो आप कफ सूखने पर कर सकते हैं -

  • गले के ऊतकों (टिशू) को मॉइस्चराइज़ और शांत करने के लिए गले के लोज़ेंग को चूसना
  • अपनी खांसी को रोकने के लिए ओटीसी कफ सप्रेसेंट्स, जैसे डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न (रोबिटसिन) लेना
  • गले से जुड़ी जलन को शांत करने के लिए गर्म पानी में शहद मिलाकर पीना.

कफ के लिए आयुर्वेदिक इलाज

कफ या बलगम के दौरान शहद फायदेमंद साबित होता है, क्योंकि इसमें एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल तत्व मौजूद होते हैं. शहद कफ के लक्षणों को कम करने में कारगर साबित होता है. बलगम या कफ जैसी परेशानी के लक्षण होने पर एक व्यक्ति हर तीन से चार घंटे में शहद खा सकता है. इसके अलावा, गर्म पानी में 2 चम्मच शहद को मिक्स करके भी पिया जा सकता है. इसके अलावा, पुदीने की चाय पीकर या स्टीम लेकर और अनानास खाने से भी गले में बलगम को तोड़ने में मदद मिल सकती है. अनानास में ब्रोमेलैन नामक एंजाइम पाया जाता है, जो कफ में फायदेमंद साबित हो सकता है.



संदर्भ

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  9. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Smoking and COPD

कफ (बलगम) के डॉक्टर

Dr. Manish Gudeniya Dr. Manish Gudeniya कान, नाक और गले सम्बन्धी विकारों का विज्ञान
8 वर्षों का अनुभव
Dr. Manish Kumar Dr. Manish Kumar कान, नाक और गले सम्बन्धी विकारों का विज्ञान
17 वर्षों का अनुभव
Dr. Oliyath Ali Dr. Oliyath Ali कान, नाक और गले सम्बन्धी विकारों का विज्ञान
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कफ (बलगम) की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Phlegm in Hindi

कफ (बलगम) के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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कफ (बलगम) के लिए बहुत लैब टेस्ट उपलब्ध हैं। नीचे यहाँ सारे लैब टेस्ट दिए गए हैं:

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कफ (बलगम) पर आम सवालों के जवाब

सवाल लगभग 4 साल पहले

मुझे कुछ दिनों से सफेद रंग का बलगम आ रहा है। इसका क्या मतलब है? क्या यह किसी तरह की गंभीर समस्या का संकेत है?

Dr. Gaurav MBBS , General Physician

अगर आपको वायरल ब्रोंकाइटिस है, तो आपको हल्के बलगम के साथ खांसी हो सकती है। ब्रोंकाइटिस में श्वास नलियां (ब्रोन्कियल ट्यूब्स) या मुंह, नाक और फेफड़ों के बीच के हवा के मार्ग सूज जाते हैं। ब्रोंकाइटिस से पीड़ित व्यक्ति की फेफड़ों में हवा और ऑक्सीजन लेने की क्षमता कम हो जाती है। अगर बलगम का रंग हरे या पीले रंग में बदल जाता है, तो यह किसी बैक्टीरियल संक्रमण का संकेत हो सकता है। अगर आपको खांसी भी हो रही है, तो इसका मतलब है कि आपको बैक्टीरियल संक्रमण हो चुका है जो कि कुछ हफ्तों तक बना रह सकता है। इसी के साथ थकान भी महसूस हो सकती है। आपको तुरंत ईएनटी स्पेशिलिस्ट से मिलना चाहिए।

सवाल लगभग 4 साल पहले

मुझे काफी समय से बलगम आ रहा है। मुझे खांसी नहीं है और न ही किसी और तरह की समस्या हो रही है। क्या कफ आना लंग कैंसर का संकेत है?

Dr. Manoj Meena MBBS , General Physician

लंग कैंसर के लक्षणों को दिखने में कई साल लग सकते हैं और ये तब तक दिखाई नहीं देते हैं, जब तक बीमारी एडवांस स्टेज पर नहीं पहुंच जाती। फेफड़ों में कैंसर के लक्षणों में खांसी का लंबे समय तक बना रहना या तीव्र होना और बलगम के साथ खून आना शामिल है। अगर आपको इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत पुलमोनोलॉजिस्ट को दिखाएं।

सवाल लगभग 4 साल पहले

क्या गले में कफ की वजह से उल्टी हो सकती है?

Dr. Saurabh Shakya MBBS , General Physician

रेस्पिरेटरी इंफेक्शन की वजह से उल्टी हो सकती है। जब बच्चे बहुत सारा बलगम निगल लेते हैं, तो पेट में कफ बढ़ने से उन्हें परेशानी होती है और वे तब तक खांसते रहते हैं जब तक कि पेट में मौजूद कफ उल्टी के रूप में बाहर नहीं निकल जाता।

 

सवाल लगभग 4 साल पहले

मेरे गले में बलगम जमा हुआ है। इसकी वजह से मुझे बार-बार अपना गला साफ करना पड़ता है और कभी-कभी खांसी भी होती है। अब मुझे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। ऐसा मुझे क्यों हो रहा है?

Dr. Kapil Sharma MBBS , General Physician

फेफड़ों या वायुमार्ग में किसी तरह की समस्या की वजह से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। अचानक से सांस फूलना अस्थमा का अटैक हो सकता है। इसका मतलब है कि वायुमार्ग में संकुचन के कारण शरीर में अधिक कफ (चिपचिपा बलगम) बनने लगा है, जिसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ और खांसी भी हो सकती है। निमोनिया (फेफड़ों में सूजन) की वजह से भी आपको इस तरह की समस्या हो सकती है। अपने लक्षण के सही निदान के लिए डॉक्टर से परामर्श करें या आप myUpchar के डॉक्टरों से भी ऑनलाइन परामर्श ले सकते हैं।