महिलाओं की तरह पुरुष भी अक्सर अपनी सेहत को नज़रअंदाज हैं। भले ही जवानी के दिन सेहतमंद निकल जाएं लेकिन 35 साल के बाद पुरुषों और महिलाओं दोनों को ही अपनी सेहत का ज्‍यादा ख्‍याल रखने की जरूरत है। 

अगर आप भी 35 की उम्र पार कर चुके हैं तो आपको साल में दो बार अपना रूटीन चेकअप जरूर करवाना चाहिए। आज हम आपको इस लेख के ज़रिए बताने जा रहे हैं कि 35 की उम्र के बाद पुरुषों को अपने डॉक्‍टर से कौन-से 7 सवाल पूछने चाहिए।

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रात को नहीं आती नींद

तनाव, नकारात्मक रूप से आपके शरीर को प्रभावित करता है। अगर आप रोज नींद की बजाय काम को तरजीह देते हैं तो यह आपके लिए तनाव का पहला संकेत हो सकता है। नींद की कमी की वजह से तनाव हो सकता है। तनाव बढ़ने पर खासकर इस उम्र में हृदय रोगों के जोखिम बढ़ सकते हैं।

अगर आप अपने काम में बहुत व्यस्त रहते हैं तो आपको नियमित रूटीन चेकअप करवाना चाहिए और अपनी जिंदगी में कुछ अच्छे बदलाव करने चाहिए ताकि तनाव के स्तर को कम किया जा सके। अपने डाॅक्टर से बात करें। डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री और मौजूदा डाइट के आधार पर जरूरी बदलाव कर सकते हैं।

इस दौरान, अपनी जिंदगी में कुछ सामान्य बदलाव करना न भूलें जैसे धूम्रपान न करें, शराब न पीएं, संतुलित आहार लें, लगभग 30 मिनट तक रोजाना एक्सरसाइज करें।

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यौन शक्ति में कमी

उम्र के इस पड़ाव पर पुरूष और महिलाएं, दोनों ही शारीरिक बदलाव से गुजरते हैं। यह पूरी तरह से सामान्य है। बहरहाल, अगर आपको अपनी यौन शक्ति में कमी महसूस हो रही है, तो बेहतर होगा कि आप एक बार टेस्टोस्टेरोन टेस्ट करवा लें।

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टेस्ट का परिणाम नॉर्मल आने पर भी डाॅक्टर आपको जीवनशैली और खानपान में कुछ बदलाव करने की सलाह दे सकते हैं लेकिन अगर नपुंसकता (इरेक्टाइल डिस्फंक्शन) की वजह से ऐसा हो रहा है, तो डाॅक्टर आपको इसका इलाज करवाने के लिए कहेंगें।

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हार्ट अटैक की फैमिली हिस्ट्री

हृदय की सेहत के मामले में फैमिली हिस्ट्री बहुत मायने रखती है। इसके साथ ही हाइपरटेंशन, तनाव, धूम्रपान, कैफीन का अत्यधिक सेवन और एक्सरसाइज की कमी, हाई कोलेस्ट्रॉल, अचानक वजन बढ़ना, पेट की चर्बी बढ़ना - दिल की संभावित बीमारी का पहला संकेत है।

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स्वस्थ हृदय के लिए अपनी डाइट में सुधार करें, साबुत अनाज, ताजा सब्जियों और लों को अपने आहार में शामिल करें, जंक फूड से दूर रहें और नियमित एक्सरसाइज करें। अगर आपको असहज महसूस हो रहा है, सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो डाॅक्टर से मिलकर बात करें और खुद को हार्ट अटैक से बचाएं।

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थकान और कमजोरी महसूस होना

भारत में दस में से एक व्यक्ति अपनी जिंदगी में कभी न कभी अवसाद के दौर से जरूर गुजरता है। इसे स्वीकार करना कोई शर्म की बात नहीं है। अगर आपको कभी-कभी बहुत ज्यादा थकान और एनर्जी में कमी महसूस होती है तो आपको डॉक्टर से बात करके इसके सही कारण का पता लगाना चाहिए।

अगर आप अवसाद के दौर से गुजर रहे हैं, तो इससे आपको अन्य शारीरिक समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे हाई बी.पी, हृदय रोग और यहां तक कि स्ट्रोक भी।

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अवसाद से निपटने के लिए दवाई, एक्सरसाइज, थेरेपी और मेडिटेशन जैसे कुछ तरीके आजमा सकते हैं। शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए मानसिक रूप से स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है और सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने परिवार और डाॅक्टर से इस संबंध में बात करें।

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संतुलित वजन क्या है

संतुलित वजन बनाए रखना मुश्किल होता है। विभिन्न मापदंडों जैसे कद, वजन और उम्र के आधार पर डाॅक्टर आपको बताएंगे कि आपका सही वजन कितना होना चाहिए और वजन कम या बढ़ाने के लिए आपको क्या करना चाहिए। 

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सेहतमंद रहने के लिए क्या करें

35 की उम्र के बाद आपको डाॅक्टर से पूछना चाहिए कि स्वस्थ रहने और इस उम्र के बाद होने वाली बीमारियों से बचने के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। जीवन में स्वस्थ रहने के लिए डॉक्टर आपको निम्न बदलाव करने के लिए कह सकते हैं:

कब करवानी चाहिए प्रोस्टेट कैंसर की जांच

प्रोस्टेट कैंसर बहुत धीमी गति से बढ़ने वाला कैंसर है और जिन पुरूषों के परिवार में किसी को ये बीमारी हो चुकी हो, उन्हें इसके संकेत और लक्षणों के प्रति सावधान रहना चाहिए। डाॅक्टर कुछ जांच की सलाह देंगे जिसके बाद यह पता चलेगा कि आपमें कैंसर की आशंका है या नहीं।

दर्द, असहजता या जो कुछ भी आपके दिमाग में चल रहा है, उसके बारे में डाॅक्टर से जरूर पूछें। डाॅक्टर से खुलकर बात करें और कुछ छुपाएं नहीं ताकि आप स्वस्थ एवं सुखी जीवन जी सकें।

मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है। अपने शरीर में पनप रही बीमारियों और बदलावों के बारे में आपको पता होना चाहिए ताकि समय पर उनका इलाज किया जा सके।

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