सेलेनियम की कमी क्या है?

सेलेनियम एक महत्वपूर्ण खनिज होता है। सेलेनियम शरीर में एक सुरक्षात्मक पदार्थ की भूमिका निभाता है क्योंकी यह एंटीऑक्सिडेंट्स की क्षमताओं को बढ़ा देता है और खून के बहाव की गुणवत्ता में भी सुधार करता है। जिससे रोगों और तनाव के खिलाफ शरीर में प्रतिरोध की वृद्धि होती है। सेलेनियम को एंटीऑक्सीडेंट्स की गतिविधियों में भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है, जिससे क्षति, सूजन, जलन व लालिमा आदि कम हो जाते हैं। सेलेनियम में कमी होने की समस्या अक्सर काफी दुर्लभ स्थिति होती है यह तब होती है जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में सेलेनियम ना रहे। यदि आपको किडनी रोग या किडनी से संबंधी कोई विकार, डायलिसिस, आंतों से सेलेनियम का खराब अवशोषण या फिर आप ऐसे आहार का सेवन करते हैं जिसमें सेलेनियम की कमी है तो आपके शरीर में सेलेनियम की कमी हो सकती है। सेलेनियम की कमी के लक्षणों में थकान, मांसपेशियों में कमजोरी, मांसपेशियां नष्ट होना और हृदय संबंधी समस्याएं आदि शामिल हैं। इस समस्या की जांच आपके लक्षणों और एक टेस्ट के आधार पर की जाती है जो खून में सेलेनियम के स्तर की जांच करता है। इस समस्या के उपचार में सेलेनियम से भरपूर खाद्य पदार्थों या सेलेनियम के सप्लीमेंट्स द्वारा इसकी कमी की फिर से पूर्ति करना होता है।

सेलेनियम की खुराक - Daily requirement of Selenium in Hindi

रोजाना कितनी मात्रा से सेलेनियम प्राप्त करना चाहिए?

अन्य खनिज पदार्थों की तरह सिलेनियम भी शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। शरीर को कई महत्वपूर्ण फंक्शन्स को पूरा करने के लिए सेलेनियम का आवश्यकता पड़ती है। शरीर में सेलेनियम की कमी होने पर व्यक्ति जल्दी बीमार पड़ने लगता है और गंभीर रोगों का शिकार होने के जोखिम भी बढ़ जाते हैं। इन सभी समस्याओं से बचने के लिए नियमित रूप से सेलेनियम का सेवन करते रहना चाहिए। लेकिन सेलेनियम का सेवन करने से पहले इसकी सही मात्रा के बारे में जरूरी होता है क्योंकि उम्र, पुरुष, महिला व अन्य कई कारक हैं जिनके अनुसार सेलेनियम का सेवन करने की मात्रा भी कम ज्यादा होती रहती है। नीचे टेबल में इन सभी कारकों के अनुसार सेलेनियम का सेवन करने की सही मात्रा को समझाया गया है:

उम्र पुरुष महिलाएं गर्भावस्था स्तनपान
जन्म से 6 महीने तक 15 एमसीजी 15 एमसीजी    
7 से 12 महीने 20 एमसीजी 20 एमसीजी    
 1 से 3 साल 20 एमसीजी 20 एमसीजी    
4 से 8 साल 30 एमसीजी 30 एमसीजी    
9 से 13 साल 40 एमसीजी 40 एमसीजी    
14 से 18 साल 55 एमसीजी 55 एमसीजी 60 एमसीजी 70 एमसीजी
19 से 50 साल 55 एमसीजी 55 एमसीजी 60 एमसीजी 70 एमसीजी
50 से ऊपर की उम्र 55 एमसीजी 55 एमसीजी    

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सेलेनियम की कमी के लक्षण - Selenium deficiency Symptoms in Hindi

सेलेनियम की कमी से कौन से लक्षण पैदा होते हैं?

(और पढ़ें - त्वचा में रंग बदलाव का इलाज)

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

यदि आपको बच्चे पैदा करने में समस्याएं आ रही है, तो इसका कारण शरीर में सेलेनियम की कमी और इसके साथ विटामिन ई की कमी हो सकती है। यदि पहले कभी आपका मिसकैरेज हुआ है, तो आपको फिर से गर्भधारण करने से पहले डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए। (और पढ़ें - गर्भावस्था में देखभाल)

सेलेनियम की कमी के कारण और जोखिम - Selenium deficiency Causes & Risks in Hindi

सेलेनियम में कमी किस कारण होती है?

  • पौधों (वनस्पतियों) से प्राप्त किये गए खाद्य पदार्थ सेलेनियम के मुख्य स्त्रोत होते हैं। भोजन में सेलेनियम की मात्रा मिट्टी में सेलेनियम की सामग्री पर निर्भर करता है जहां पौधे उगाए जाते हैं। जिन क्षेत्रों में मिट्टी में सेलेनियम की मात्रा कम होती है वहां पर उगे गए पौधों में भी सेलेनियम की मात्रा में कमी होती है। सेलेनियम में कमी ज्यादातर इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में ही पाई जाती है क्योंकि ऐसे क्षेत्रों में उगाए जाने वाले खाद्य पदार्थों को खाया जाता है।
  • सेलेनियम कुछ प्रकार के मीट और समुद्री भोजन (सीफूड) में भी पाए जाते हैं। जो जानवर अनाज या पौधे आदि खाते हैं, जो कम सेलेनियम वाली मिट्टी में उगे होते हैं। उनकी मांसपेशियों में भी सेलेनियम की कमी पाई जाती है।

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जोखिम कारक

कम सेलेनियम वाली मिट्टी के क्षेत्रो में रहने के अलावा कुछ अन्य चीजें भी हैं जो आपमें सेलेनियम की कमी के जोखिमों को बढ़ाती है, चाहे आप किसी भी क्षेत्र में रहते हों।

इनमें से कोई भी कारक आपके शरीर में सेलेनियम को अवशोषित करने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है, भले ही आप भोजन के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में सेलेनियम प्राप्त कर रहे हों।

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सेलेनियम की कमी के बचाव के उपाय - Prevention of Selenium deficiency in Hindi

सेलेनियम में कमी होने से उसकी रोकथाम कैसे करें?

अच्छी तरह से संतुलित स्वस्थ भोजन का सेवन करना शरीर में सेलेनियम की कमी होने से रोकथाम करता है।

सेलेनियम में उच्च खाद्य पदार्थ –

सेलेनियम में कमी होने से रोकथाम करने के लिए आपको सेलेनियम में उच्च खाद्य पदार्थों का सेवन करने के अलावा निम्न बातों का भी पालन करना चाहिए:

  • धूम्रपान छोड़ना
  • गर्भावस्था के दौरान अपनी अच्छे से देखभाल रखना

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सेलेनियम की कमी का परीक्षण - Diagnosis of Selenium deficiency in Hindi

सेलेनियम में कमी की स्थिति का परीक्षण कैसे किया जाता है?

इस स्थिति का परीक्षण क्लीनिकल रूप से आपको लक्षणों के आधार पर किया जाता है।

डॉक्टर आपसे आपकी पिछली मेडिकल जानकारी, लक्षण और आपकी खाने से जुड़ी आदतों के बारे में पूछेंगे। (और पढ़ें - लैब टेस्ट क्या है)

सेलेनियम की स्तर की जांच करने के लिए अधिक टेस्ट उपलब्ध नहीं हैं। चूंकि सेलेनियम में कमी होने वाले लक्षण विटामिन और मिनरल की कमी से होने वाले लक्षणों के समान होते हैं, इसलिए पहले इन खनिज पदार्थों में कमी करने वाले अन्य सामान्य कारणों को खत्म किया जाता है।

सेलेनियम में कमी का परीक्षण निम्न में से किसी एक टेस्ट की मदद से किया जाता है:

  • ग्लूटेथियोन पेरोक्सिडेस एक्टीविटी (Glutathione peroxidase activity)
  • सेलेनियम इन ब्लड (खून में सेलेनियम के स्तर की जांच करना)

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सेलेनियम की कमी का उपचार - Selenium deficiency Treatment in Hindi

सेलेनियम का उपचार कैसे किया जाता है?

सेलेनियम में कमी पैदा करने वाले अंतर्निहित कारणों का इलाज करना बहुत आवश्यकत होता है।

यदि सेलेनियम में उच्च खाद्य पदार्थों का कोई विकल्प ना हो तो सेलेनियम के सप्लीमेंट्स भी शरीर में इस खनिज की फिर से पूर्ति करने में मदद कर सकते हैं। कई प्रकार के मल्टीविटामिन सप्लीमेंट्स मे भी सेलेनियम शामिल होता है और आप सिर्फ सेलेनियम के सप्लीमेंट के रूप में भी प्रोडक्ट्स प्राप्त कर सकते हैं।

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आहार के सप्लीमेंट्स का भी उपयोग किया जा सकता है:

  • सोडियम सेलेनाइट (Sodium selenite)
  • एल-सेलेनोमेथियोनिन (L-selenomethionine)
  • सेलेनियम समृद्ध यीस्ट (Selenium enriched yeast)

सेलेनियम के सप्लीमेंट्स या तो सेलेनोमेथियोनिन या फिर सेलेनाइट के रूप में आता है।

सेलेनोमिथियोनिन आपके शरीर में आसानी से अवशोषित हो जाता है, तो इसलिए सेलेनियम में कमी के गंभीर मामलों में यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

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सेलेनियम की कमी से होने वाले रोग - Disease caused by Selenium deficiency in Hindi

सेलेनियम में कमी होने से कौन से रोग हो जाते हैं?

सेलेनियम की कमी से हृदय रोग, हाइपोथायरायडिज्म और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली जैसी समस्याएं विकसित हो सकती हैं।

सेलेनियम की कमी आमतौर पर खुद कोई समस्या का कारण नहीं बनती। इसके बजाय, यह किसी अन्य पौषक तत्व, जैव रासायनिक या संक्रामक प्रक्रियाओं के कारण होने वाली बीमारियों के प्रति शरीर को अधिक संवेदनशील बना सकती है। इसके अलावा सेलेनियम की कमी के प्रभाव से आयोडीन की कमी की स्थिति और बद्तर हो जाती है।

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तीन विशेष रोग हैं जो सेलेनियम की कमी की समस्या से जुड़े होते हैं, जैसे:

  • केशन रोग - जिन बच्चों को यह रोग हो जाता है इसके कारण उनके हृदय का आकार बढ़ जाता है और उनके हृदय के कार्य भी मंद पड़ जाते हैं।
  • केशन-बेक रोग – इसके कारण बच्चों को ओस्टियोआर्थराइटिस नामक रोग हो जाता है। (और पढ़ें - गठिया का आयुर्वेदिक इलाज)
  • मैक्सीडिमैटस एन्डेमिक क्रेटीनिज्म – इसके परिणास्वरूप जिन माताओं में सेलेनियम और आयोडीन की कमी होती है उनसे पैदा होने वाले बच्चों में मानसिक मंदता की समस्या होती है।

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अन्य जटिलताएं -

बाल झड़ना

  • बाल झड़ना एक उम्र से जुड़ी समस्या होती है। यह निर्धारित करना मुश्किल हो सकता है कि बाल झड़ने की समस्या सेलेनियम में कमी के कारण हो रही है या किसी अन्य समस्या के कारण। यदि सेलेनियम में गंभीर रूप से कमी हो जाती है तो इसके कारण टांगों व अंडरआर्म्स के बाल भी झड़ने लग जाते हैं। आमतौर पर आप यह पाएंगे कि बाल तेजी से झड़ रहे हैं। (और पढ़ें - बाल झड़ने के कारण)

नाखूनों और त्वचा का रंग बिगड़ना

  • अन्य सामान्य समस्या यह है कि नाखून व त्वचा का रंग बदलने लग जाता है।
  • सेलेनियम की कमी के साथ नाखूनों का तल रंग बदलने लग जाता है। वे त्वचा के सामान्य रंग की बजाए अधिक सफेद दिखाई देने लगते हैं। नाखून के सफेद रंग का हिस्सा नाखून की तरह आगे नहीं बढ़ता क्योंकि वास्तव में यह नाखून के नीचे होता है और इसके चारों तरफ त्वचा होती है।
  • त्वचा के अन्य हिस्सों का रंग भी बदलने लग जाता है जो रंजकता (पिगमेंटेशन) की समस्याओं को पैदा कर देता है। जब आप अधिक सेलेनियम प्राप्त करना शुरू कर देते हैं तो सेलेनियम की कमी की स्थिति कम होने लगती है।

(और पढ़ें - नाखूनों की देखभाल के लिए टिप्स)

थकान

  • सेलेनियम उर्जा के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करती है। यदि आपको अधिक थकान का सामान्य करना पड़ रहा है या आपको अचानक से सामान्य से ज्यादा थकान महसूस होने लगती है। तो आपको अपनी आहार में अधिक सेलेनियम वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करने की आवश्यकता पड़ सकती है।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में थकान का इलाज)

प्रजनन संबंधी समस्याएं

  • सेलेनियम का कम स्तर कई प्रजनन संबंधी स्थितियों से जुड़ा होता है। पुरुषों को ऐसा लगेगा कि वे खूब मात्रा में वीर्य का उत्पादन कर रहे हैं लेकिन उनके शुक्राणुओं में कम गतिशीलता होती है। यदि आपको गर्भ धारण करने में कठिनाई हो रही है तो आपको अन्य चिंता करने से पहले सेलेनियम में कमी की समस्या के रूप में इसका इलाज करना चाहिए। (और पढ़ें - प्रेग्नेंट होने का तरीका)
  • महिलाओं में सेलेनियम में कमी की समस्या बार-बार मिसकैरेज होने की समस्या से जुड़ी होती है। यदि आपको 2 से ज्यादा बार मिसकैरेज हो चुका है। तो डॉक्टर उन सभी स्थितियों की जांच करेंगे जो इसका कारण बन सकती हैं। आपको अगली बार स्वस्थ रूप से गर्भवती रखने के लिए डॉक्टर आपके शरीर में सभी प्रकार के पोषक तत्वों की जांच करने के लिए टेस्ट करेंगे। (और पढ़ें - Pregnancy ke lakshan)
  • सेलेनियम में कमी हार्मोनल बदलाव होने के कारण मासिक धर्म में भी बदलाव हो सकते हैं। याद रखें कि ये थायराइड ग्रंथि हार्मोन का उत्पादन करती है, इसलिए सेलेनियम की कमी थायराइड ग्रंथि को भी प्रभावित करती है। यदि आपको लग रहा है कि आपके मासिक धर्म बराबर रूप से नहीं आ रहे हैं या सालभर के समय में काफी बदल गए हैं। ऐसे में आप यह जानना चाहेंगे कि कही आपके सेलेनियम के स्तर में कमी तो नहीं। (और पढ़ें - मासिक धर्म कम आने के कारण)

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सेलेनियम की कमी की दवा - OTC medicines for Selenium deficiency in Hindi

सेलेनियम की कमी के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

OTC Medicine NamePack SizePrice (Rs.)
Dr. Wellmans Stimasiac Nervine Tonic for Menएक बोतल में 30 ml ड्रौप212.5
Allen Xcite Dum Dropएक बोतल में 30 ml ड्रौप359.1
REPL Dr. Advice No.10 Alopcia Dropएक बोतल में 30 ml ड्रौप161.0
Maxoza Powderएक पैकेट में 5 gm पॉवडर46.35
Vascorac HD Capsule (10)एक पत्ते में 10 कैप्सूल1449.0
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