कंधे हमारे शरीर के हिलने डुलने वाले जोड़ों में सबसे महत्वपूर्ण हिस्से हैं, जो हमें विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को करने में सक्षम बनाते हैं। किसी भी कार्य को करने में असुविधा या ऐसी स्थिति जिसमें कंधे में लगातार दर्द के साथ-साथ पीड़ा या लालिमा रहती है, तो इलाज करवाने की आवश्यकता पड़ती है।

बार बार कंधे का उपयोग करने से नरम ऊतकों या काम में आने वाली हड्डियों की संरचनाओं में गड़बड़ी या अस्थिरता हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप कंधे में दर्द होने लगता है। कंधे के दर्द का सबसे आम कारण रोटेटर कफ टेंडोनाइटिस या स्विमर्स शोल्डर है। यह तब होता है जब सामान्य टूट - फूट के कारण कंधों के टेंडन्स क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। कंधे के दर्द के कुछ अन्य कारण निम्नलिखित हैं:

होम्योपैथी में कंधे के दर्द के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं, भले ही इसका कारण कुछ भी हो और यदि उपचार जल्द से जल्द शुरू किया जाए तो यह काफी प्रभावी हो सकती है। हालांकि, चोटों का इलाज अक्सर एलोपैथिक उपचार से किया जाता है, जो लंबा हो सकता है और दुष्प्रभाव भी पैदा कर सकता है। होम्योपैथी में अर्निका, कोक्युलस इंडिकस, नैट्रम कार्बोनिकम, कालमिया लैटीफोलिया जैसी दवाएं कंधे के जोड़ों में अकड़न और कंधे में दर्द पैदा करने वाली समस्या के लिए प्रभावी उपचार है।

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  1. होम्योपैथी में कंधे में दर्द का इलाज कैसे होता है? - Homeopathy me Shoulder Pain ka upchar kaise hota hai?
  2. कंधे में दर्द की होम्योपैथिक दवा - Shoulder Pain ki homeopathic medicine
  3. होम्योपैथी में कंधे में दर्द के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me Shoulder Pain ke liye khan pan aur jeevan shaili ke badlav
  4. कंधे में दर्द के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Shoulder Pain ke homeopathic upchar ke nuksan aur jokhim karak
  5. कंधे में दर्द के होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Shoulder Pain ke homeopathic upchar se jude anya sujhav
  6. कंधे में दर्द की होम्योपैथिक दवा और इलाज के डॉक्टर

कंधे का दर्द भारत में तीसरी सबसे आम मस्कुलोस्केलेटल (मांसपेशियों और कंकाल से संबंधित) समस्या है। शारीरिक दर्द को लोग अक्सर तब तक नजर अंदाज करते रहते हैं जब तक कि लक्षण बहुत अधिक नहीं बढ़ जाते हैं। होम्योपैथी कंधे में दर्द का कारण बनने वाली अधिकांश समस्याओं के लिए उपचार प्रदान करती है।

क्लिनिकल अध्ययन बताते हैं कि होम्योपैथिक उपचार रूमेटाइड आर्थराइटिस से जुड़े दर्द और इंफ्लमैशन को कम करके इसके लक्षणों को सुधारने में मदद करता है।

जर्नल ऑफ कॉम्प्लिमेंट्री मेडिसिन रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार जब किसी अनुभवी डॉक्टर के मार्गदर्शन में  होम्योपैथिक दवाओं को लिया जाता है, तो दर्द, इंफ्लमैशन और हेमार्थरोसिस (Hemarthrosis - जब खून जोड़ों में चला जाता है) से जुड़े रक्तस्राव को कम करने में मदद मिलती है।

होम्योपैथिक डॉक्टर आपके कंधे की विस्तृत जांच करते हैं। सुरक्षित, प्रभावी और साइड इफेक्ट से मुक्त दवा प्रदान करने के लिए आपके शारीरिक रूप, मन की स्थिति, मेडिकल हिस्ट्री और यहां तक ​​किस तरफ लक्षण अधिक हैं, इन सब बातों को ध्यान में रखा जाता है।

(और पढ़ें - आर्थराइटिस के लिए योग)

कंधे में दर्द के इलाज के लिए निम्नलिखित होम्योपैथिक दवाएं दी जा सकती हैं:

  • एल्यूमिना (Alumina)
    सामान्य नाम: ऑक्साइड ऑफ एल्यूमीनियम, अर्गिला (Oxide of aluminium, argilla)
    लक्षण: निम्नलिखित लक्षणों के लिए यह दवा दी जाती है:

    • कंधे में दर्द के साथ-साथ बाँहों में भी दर्द होना
    • बाँहों में लकवा महसूस होना
    • नाखूनों के नीचे दर्द होना
    • दोपहर के दौरान, जागने पर तथा आलू खाने के बाद दर्द बढ़ जाना और शाम के समय या खुली हवा में थोड़ी राहत मिलना
       
  • एनागेलिस आरवेंसिस (Anagallis Arvensis)
    सामान्य नाम: स्कार्लेट पिंपरर्न्ल (Scarlet pimpernel)
    लक्षण: यह दवा निम्नलिखित लक्षणों के उपचार में मदद करती है:

  • अर्निका मोंटाना (Arnica Montana)
    सामान्य नाम: लेपर्ड्स बेन (Leopard’s bane)
    लक्षण: आमतौर पर दुर्घटना या गिरने के कारण कंधों में लगने वाली शारीरिक चोट के इलाज के लिए यह दवा दी जाती है। यह खून की गंभीर कमी की समस्या में भी उपयोग की जाती है, खून की कमी व्यक्ति को कमजोर बनाती है। इस दवा से निम्नलिखित अन्य लक्षणों का इलाज भी किया जाता है:

    • बाँहों का सुन्न होना
    • कंधे के खिसकने या मोच आने जैसा महसूस होना (और पढ़ें - मोच के घरेलू उपाय)
    • पीठ और बाँहों में दर्द होना
    • कंधे का बहुत अधिक उपयोग करने से दर्द होना
    • छूने पर परेशानी महसूस होना
    • छूने पर या चलते समय दर्द बढ़ जाना पर लेटते समय बेहतर महसूस होना
       
  • एजाडिरेक्टा इण्डिका (Azadirachta Indica)
    सामान्य नाम: मार्गोसा बार्क (Margosa Bark)
    लक्षण: यह दवा आमतौर पर गठिया के इलाज में दी जाती है। निम्नलिखित सामान्य लक्षणों के लिए यह दवा दी जाती है:

  • बैराइटा कार्बोनिका (Baryta Carbonica)
    सामान्य नाम: कार्बोनेट ऑफ बैराइटा (Carbonate of baryta)
    लक्षण: यह बुजुर्ग व्यक्तियों को दी जाने वाली एक आम दवा है। उनका दर्द प्रभावित साइड में लेटने पर बढ़ जाता है और चलने से कम हो जाता है। निम्नलिखित लक्षणों में बैराइटा कार्बोनिका से राहत मिलती हैं:

    • जोड़ों में दर्द
    • बाँहों में सुन्नता महसूस करना
    • कंधों में दर्द और परेशानी होना
       
  • कोक्युलस इंडिकस (Cocculus Indicus)
    सामान्य नाम: इंडियन कोकल (Indian cockle)
    लक्षण: कोक्यूलस इंडिकस हल्के रंग के बालों वाली संवेदनशील और भावनात्मक महिलाओं को दी जाने वाली पसंदीदा दवा है। उनका दर्द किसी भी शारीरिक या मेहनत वाली गतिविधि से बढ़ जाता है। इस उपाय से निम्नलिखित लक्षणों में राहत मिलती है:

    • बाँहों में दर्द होना
    • बाँहों में कंपकंपी और कमजोरी
    • बाहें सुन्न होना
    • हाथ कभी ठंडे और कभी गर्म होना
    • दबाने से बाँहों में दर्द होना
       
  • कोनियम मैकुलेटम (Conium Maculatum)
    सामान्य नाम: पाइजन हेमलॉक (Poison hemlock)
    लक्षण: इस दवा से निम्नलिखित लक्षणों वाले लोगों को लाभ होता है:

  • जुगलैन्स रेजिया (Juglans Regia)
    सामान्य नाम: अखरोट या वालनट (Walnut)
    लक्षण: इस दवा से निम्नलिखित लक्षणों से राहत मिलती है:

    • बाँहों में कमजोरी आना (और पढ़ें - कमजोरी दूर करने के घरेलू उपाय)
    • बाँहों में लगातार या समय-समय पर दर्द उठना
    • आराम करते हुए या थोड़े समय अंतराल पर बाँहों में हल्के झटके महसूस होना
       
  • क्रिओसोटम (Kreosotum)
    सामान्य नाम: बीचवुड क्रियोसोट (Beechwood creosote)
    लक्षण: यह दवा निम्नलिखित लक्षणों को दूर करने में मदद करती है:

    • कंधे में ठंडक महसूस होना आना
    • अंगूठे में मोच आ जाना
    • कंधों में दर्द होना जो उंगलियों तक फैल जाता है
    • जोड़ों में दर्द के साथ-साथ परेशानी होना (और पढ़ें - जोड़ों में दर्द का आयुर्वेदिक इलाज)
    • ठंड के माहौल और आराम करने पर दर्द बढ़ जाना लेकिन गर्मी और हल्का हिलने डुलने से आराम मिलना
       
  • कैल्मिया लैटिफोलिया (Kalmia Latifolia)
    सामान्य नाम: माउंटेन लॉरेल (Mountain laurel)
    लक्षण: निम्नलिखित सामान्य लक्षणों के लिए यह दवा दी जाती है:

    • दर्द जो कंधों से शुरू होता है और नीचे की ओर फैलता है
    • दाहिने कंधे में बर्साइटिस होना
    • दर्द जो चलने फिरने से बढ़ता है
    • रात के दौरान और सुबह में दर्द बढ़ जाता है 
    • खुली हवा या ठंडी हवा भी दर्द को बढ़ाती है
       
  • लाइकोपोडियम क्लेवेटम (Lycopodium Clavatum)
    सामान्य नाम: क्लब मॉस (Club moss)
    लक्षण: लाइकोपोडियम क्लैवाटम का उपयोग निम्नलिखित लक्षणों में किया जाता है:

    • सुन्न और भारी हाथ
    • कंधे के जोड़ों में टूट फुट
    • बांह को आराम की स्थिति में रखने पर दर्द 
    • कंधे का दर्द गर्म वातावरण में बढ़ जाना और तापमान गिरने पर या जोड़ों को हिलाने डुलाने से कम हो जाना, आमतौर पर 4 से 8 बजे के बीच भी दर्द बढ़ जाता है
       
  • नेट्रम आर्सेनिकोसम (Natrum Arsenicosum)
    सामान्य नाम: आर्सेनाइट ऑफ सोडियम (Arseniate of sodium)
    लक्षण: निम्नलिखित सामान्य लक्षणों में यह दवा दी जाती है:

    • बाँहों में दर्द
    • कंधे और बाँहों में अकड़न
       
  • नैट्रम कार्बोनिकम (Natrum Carbonicum)
    सामान्य नाम: कार्बोनेट ऑफ सोडियम (Carbonate of sodium)
    लक्षण: निम्नलिखित लक्षणों में यह दवा शुरू की जाती है:

    • कंधे में मोच
    • सुबह के दौरान बाँहों में कमजोरी बढ़ जाना
    • जोड़ों का आसानी से खिसक जाना
    • आराम या गर्म सिकाई से व्यक्ति की स्थिति खराब हो जाना
       
  • नाइट्रिकम एसिडम (Nitricum Acidum)
    सामान्य नाम: नाइट्रिक एसिड (Nitric acid)
    लक्षण: आमतौर पर लगभग 50 या उससे अधिक आयु वर्ग के गहरे रंग वाले लोगों को यह दवा दी जाती है। उनका दर्द दिन खत्म होने के बाद और आम तौर पर रात में बढ़ जाता है। नाइट्रिक एसिड निम्नलिखित लक्षणों से छुटकारा दिलाता है:

    • नाखून नीले पड़ना
    • हथेलियों और हाथों में अत्यधिक पसीना आना
    • हाथ ठंडे होना
       
  • सीपिया औफिसिनेलिस (Sepia officinalis)
    सामान्य नाम: कटलफिश का स्याही के रंग का जूस (Inky juice of cuttlefish)
    लक्षण: यह दवा अक्सर महिलाओं को दी जाती है। निम्नलिखित लक्षणों वाले लोग इस दवा से लाभान्वित होते हैं:

    • बाँहों में ऐसी पीड़ा जैसे कि नील पड़ गए हो
    • बाँहों में दर्द होना
    • बेचैनी के साथ बाँहों का फड़कना (और पढ़ें - बेचैनी कैसे दूर करे)
    • शाम के समय तथा जब ठंडी हवाएँ चलती हैं तब दर्द अधिक होना और प्रभावित क्षेत्र में दबाव या गर्म सिकाई से आराम मिलना
       
  • वेरेट्रम एल्बम (Veratrum Album)
    सामान्य नाम: व्हाइट हेलेबोर (White hellebore)
    लक्षण: जब ठंड महसूस होने के साथ कमजोरी होती है तो यह दवा उपचार के लिए दी जाती है। मौसम अधिक ठंडा होने पर दर्द अधिक होता है, ज्यादातर रात के समय तथा तापमान बढ़ने पर या जोड़ों के हिलने डुलने से आराम मिलता है। निम्नलिखित लक्षणों में वर्ट्रम एल्बम की आवश्यकता होती है:

    • कंधे के जोड़ों में तकलीफ होना
    • बाँहों में लकवा महसूस होना
    • बाँहों में ठंडक और भारीपन महसूस होना
    • बाँहों में सूजन
       
  • विस्कम एल्बम (Viscum Album)
    सामान्य नाम: मिसलटो (Mistletoe)
    लक्षण: निम्नलिखित लक्षणों में इस दवा की आवश्यकता होती है:

भारतीयों में कंधे का दर्द एक बहुत ही आम और अक्सर होने वाली समस्या है। शुरुआती चरणों में दर्द की उपेक्षा करना और केवल लक्षण बहुत ज्यादा बढ़ने पर ही इलाज की आवश्यकता को महसूस करना, कंधे के दर्द का सबसे आम कारण है।
कंधे के दर्द को कम करने और होम्योपैथिक दवाओं के प्रभाव को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपायों की सलाह दी जाती है:

क्या करें:

  • स्वस्थ आहार का सेवन करें और ऐसे खाद्य उत्पादों से दूर रहें जो दवा के असर को प्रभावित कर सकते हैं।
  • अपने आप को और अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ और साफ रखें।
  • कमरे का तापमान प्रभावित व्यक्ति की पसंद के हिसाब से बनाए रखा जाना चाहिए।

क्या न करें:

  • इलाज के दौरान शराब और तंबाकू के सेवन से बचना चाहिए। इसके अलावा, स्ट्रांग पेय पदार्थों को नहीं पीना चाहिए क्योंकि वे होम्योपैथिक दवाओं के काम में बाधा डालते हैं।
  • अचार और मिर्च जैसे खट्टे और मसालेदार खाद्य पदार्थों को नहीं खाना चाहिए क्योंकि वे होम्योपैथिक दवाओं के काम में बड़ी बाधा पैदा करते हैं।
  • कंधे और बाँहों से जुड़ी गतिविधियों को न करें।
  • ऐसी एक्सरसाइज न करें जो दर्द और परेशानी में वृद्धि का कारण बनती है। आपके डॉक्टर आपको नियमित दिनचर्या की योजना बनाने में मदद कर सकते हैं।
  • सही से ठीक होने के लिए बहुत अधिक गर्म या ठंडे मौसम से बचना चाहिए।

होम्योपैथिक दवाओं को प्राकृतिक पदार्थों से बनाया जाता है और इसलिए इनका कई प्रकार के एक्यूट और नॉन-एक्यूट रोगों के उपचार के लिए सुरक्षित रूप से उपयोग किया जा सकता है।

होम्योपैथिक दवाओं को रोगी के हर संभावित पहलू को ध्यान में रखते हुए व्यापक जांच करने के बाद दिया जाता है। इन दवाओं को बहुत घुले हुए रूप में मामूली खुराक में उपयोग किया जाता है और इसलिए ये पूरी तरह से सुरक्षित और दुष्प्रभाव से मुक्त होती है। चूँकि दी जाने वाली दवाएं और उपचार योजनाएं हर व्यक्ति के लिए उसके लक्षणों के अनुसार अलग-अलग होती हैं, इसलिए आप इनमें से कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से जांच अवश्य करा लें।

(और पढ़ें - कंधे में दर्द के लिए योगासन)

कंधे के दर्द के साथ कई तरह की मस्कुलोस्केलेटल समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें सामान्य टूट फुट और गठिया तक शामिल हैं। दर्द को अनदेखा करने से समय के साथ परेशानी बढ़ सकती है। होम्योपैथी उपचार कई प्रकार की दवाओं के विकल्प प्रदान करता है जिसके परिणामस्वरूप समस्या का पूरा इलाज किया जा सकता है या परेशानी पैदा करने वाले लक्षणों से राहत मिल सकती है।

(और पढ़ें - गठिया के घरेलू उपाय)

होम्योपैथी उपचार की प्रभावकारिता और इलाज की अवधी के बारे में गलत धारणाओं के विपरीत, यह कई मस्कुलोस्केलेटल समस्याओं के लिए एक सुरक्षित, तेजी से काम करने वाला और प्रभावी उपचार साबित हुआ है। यह उपचार दुष्प्रभावों से मुक्त है और एलोपैथिक दवाओं के साथ साथ इसे लिया जा सकता है।

(और पढ़ें - कंधे का ऑपरेशन कैसे होता है)

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