भारत और दुनियाभर में फेफड़ों का कैंसर सबसे सामान्य है। फेफड़ों के कैंसर का सबसे मुख्य कारण धूम्रपान और तम्बाकू का प्रयोग है, जो कि 90 प्रतिशत तक मामलों में सही होता है। इसके अलावा 10 प्रतिशत मामलों में व्यक्ति को या तो लंबे समय से फेफड़ों में संक्रमण होता है या फिर वायु प्रदूषण के सम्पर्क में आने के कारण यह कैंसर हो जाता है। यदि तुलना की जाए तो दुनिया भर में कैंसर के मामलों में 13 प्रतिशत मामले फेफड़े के कैंसर से जुड़े होते हैं वहीं भारत में यह आंकड़ा 6.7 प्रतिशत है।
फेफड़ों के कैंसर का इलाज करने के लिए कई सारे ट्रीटमेंट मौजूद हैं जैसे सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी और टार्गेटेड थेरपी। लेकिन फेफड़ों के कैंसर की पहचान काफी देर की अवस्था में होती है, जिसके कारण इन सभी को मिलाकर ट्रीटमेंट किया जाता है। हालांकि, शुरुआती अवस्थाओं में केवल सर्जरी भी की जा सकती है। लंग कैंसर सर्जरी के कुछ अतिरिक्त प्रभाव भी हैं जो आपको सर्जरी के बाद महसूस हो सकते हैं जैसे संक्रमण, रक्त के थक्के जमना, शरीर में ऑक्सीजन की कम मात्रा, निमोनिया, हृदय की धड़कन का अनियमित होना आदि।