लम्पेक्टोमी (लुम्पेक्टोमी) एक सर्जरी प्रोसीजर है, जिसकी मदद से ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआती चरणों का इलाज किया जाता है। हिन्दी भाषा में इसे "स्तनार्बुद उच्छेदन" कहा जाता है। यह सर्जरी अधिकतर मामलों में ब्रेस्ट कैंसर से ग्रस्त महिलाओं में की जाती है और कुछ मामलों में पुरुषों में भी की जा सकती है। इस सर्जरी में सिर्फ कैंसरग्रस्त कोशिका को ही निकाला जाता है। हालांकि, लम्पेक्टोमी कुछ स्थितियों में नहीं की जा सकती है या फिर उसे विशेष ध्यान रखते हुए किया जाता है। इन स्थितियों में आमतौर पर शुरुआती गर्भावस्था या कैंसर फैलना आदि हैं।

सर्जरी से पहले डॉक्टर आपके कई टेस्ट करते हैं जैसे चेस्ट एक्स रे और मैमोग्राम आदि। इस सर्जरी को पूरा होने में लगभग एक घंटे का समय लगता है। सर्जरी प्रोसीजर के दौरान सर्जन स्तन के प्रभावित हिस्से पर चीरा लगाते हैं और ट्यूमर को निकाल देते हैं। ट्यूमर को निकालने के बाद चीरे को बंद करके टांके लगा दिए जाते हैं। आपको सर्जरी वाले दिन ही अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है कुछ स्थितियों में आपको एक रात अस्पताल में ही भर्ती रखा जाता है। सर्जरी के बाद आपको कुछ समय के लिए स्पोर्ट्स या सपोर्टिव ब्रा पहनने की सलाह दी जाती हैं। ये ब्रा स्तनों को सहारा देती हैं, जिसे गतिविधियों के दौरान स्तन अनावश्यक रूप से हिल नहीं पाते हैं और परिणामस्वरूप दर्द नहीं हो पाता है। सर्जरी के एक या दो हफ्तों बाद आपको फिर से अस्पताल बुलाया जाता है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि सर्जरी के बाद कोई जटिलता तो नहीं हुई है।

(और पढ़ें - स्तन संबंधी समस्याओं के लक्षण)

  1. लुम्पेक्टोमी क्या है - What is Lumpectomy in Hindi
  2. लुम्पेक्टोमी किसलिए की जाती है - Why is Lumpectomy done in Hindi
  3. लुम्पेक्टोमी से पहले - Before Lumpectomy in Hindi
  4. लुम्पेक्टोमी के दौरान - During Lumpectomy in Hindi
  5. लुम्पेक्टोमी के बाद - After Lumpectomy in Hindi
  6. लुम्पेक्टोमी की जटिलताएं - Complications of Lumpectomy in Hindi

लुम्पेक्टोमी किसे कहते हैं?

लम्पेक्टोमी या लुम्पेक्टोमी एक सर्जरी प्रोसीजर है, जिसकी मदद से स्तन से कैंसर की गांठ (ट्यूमर) को निकाला जाता है। लम्पेक्टोमी को ब्रेस्ट-कन्सर्विंग सर्जरी, सेगमेंटल रिसेक्शन, वाइड लोकल एक्सिजन और पार्शल मैस्टेक्टोमी के नाम से भी जाना जाता है। इस सर्जरी के दौरान स्तन के प्रभावित हिस्से पर एक कट लगाया जाता है, जिसकी मदद से कैंसर ग्रस्त हिस्से को निकाला जाता है। इसके साथ ही एक अन्य कट कांख में भी लगाया जाता है, जिसकी मदद से बायोप्सी के लिए लिम्फ नोड को निकाला जाता है। बायोप्सी एक प्रोसीजर है, जिसमें किसी हिस्से से ऊतक के छोटे से टुकड़े को सैंपल के रूप में लिया जाता है और लैब में उस पर परीक्षण किए जाते हैं।

इस प्रोसीजर में कैंसर ग्रस्त ऊतकों के साथ-साथ उनके आसपास के ऊतकों को भी निकाल दिया जाता है, जिसे “सर्जिकल मार्जिन” कहा जाता है। लम्पेक्टोमी सर्जरी को आमतौर पर स्तन कैंसर से ग्रस्त महिलाओं में किया जाता है। स्तन कैंसर से ग्रस्त पुरुषों में अधिकतर मामलों में मास्टेक्टोमी की जाती है और कुछ कम ही मामलों में लम्पेक्टोमी की जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि पुरुषों में अधिकतर ब्रेस्ट कैंसर निप्पल के पीछे विकसित होता है और उसी में विकसित हो जाता है। ऐसी स्थिति में यदि पुरुषों में लम्पेक्टोमी सर्जरी की जाती है, तो उसके बाद रेडिएशन थेरेपी करने की आवश्यकता भी पड़ती है।

(और पढ़ें - थेरेपी क्या है)

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लम्पेक्टोमी सर्जरी क्यों की जाती है?

महिलाओं में लम्पेक्टोमी सर्जरी आमतौर पर निम्न स्थितियों में की जाती है -

  • ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआती स्टेज जैसे स्टेज 1, स्टेज 2 और डक्टल कार्सीनोमा
  • गैर कैंसरकारी ट्यूमर जैसे फाइब्रोएडीनोमा

(और पढ़ें - पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का इलाज)

ब्रेस्ट कैंसर से ग्रस्त कुछ महिलाओं में किसी प्रकार का कोई लक्षण नहीं दिखाई देता और कुछ महिलाओं में निम्न लक्षण देखने को मिल सकते हैं -

स्तनों में होने वाले ट्यूमर या गांठ जो कैंसर से संबंधित नहीं है, उनसे भी समान लक्षण हो सकते हैं ऐसे में टेस्ट करवाकर पुष्टि करना अति आवश्यक होता है।

लम्पेक्टोमी किसे नहीं करवानी चाहिए?

कुछ स्थतियां हैं, जिनमें डॉक्टर लम्पेक्टोमी सर्जरी न करवाने की सलाह दे सकते हैं और यदि सर्जरी करनी जरूरी है तो विशेष देखभाल रखते हुए की जाती है। इन स्थितियों में निम्न शामिल है -

  • गर्भावस्था के शुरुआती चरण
  • स्तन में एक से अधिक जगह पर ट्यूमर होना
  • आसपास के ऊतकों में फिर से कैंसर होना
  • ब्रेस्ट कैंसर के साथ स्तन में गंभीर सूजन रहना
  • स्तन में कैल्शियम जमा होना (माइक्रोकैल्सिफिकेशन) जो कैंसरग्रस्त या गैर-कैंसरकारी भी हो सकती है
  • यदि ब्रेस्ट कैंसर के कारण आपकी पहले रेडिएशन थेरेपी हो चुकी है
  • लुपस या स्क्लेरोडर्मा जैसी कोई गंभीर स्थिति जिससे रेडिएशन थेरेपी से साइड इफेक्ट होने का खतरा बढ़ जाता है।

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लम्पेक्टोमी सर्जरी से पहले की तैयारी?

लम्पेक्टोमी सर्जरी से पहले निम्न तैयारियां करने की आवश्यकता पड़ती है -

डॉक्टर आपके स्वास्थ्य संबंधी पिछली सभी जानकारियां लेते हैं और साथ ही आपका शारीरिक परीक्षण किया जाता है। शारीरिक परीक्षण के दौरान स्तन की करीब से जांच की जाती है। साथ ही कुछ अन्य टेस्ट भी किए जा सकते हैं -

इसके अलावा सर्जरी से पहले डॉक्टर आपका शारीरिक वजन, नाड़ी दर, ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट आदि की जांच भी करते हैं।

यदि आप किसी भी प्रकार की कोई दवा, हर्बल उत्पाद, विटामिन, मिनरल या अन्य कोई सप्लीमेंट लेते हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें। डॉक्टर इनमें से कुछ दवाएं न लेने की सलाह दे सकते हैं जिनमें आमतौर पर रक्त को पतला करने वाली दवाएं शामिल हैं जैसे एस्पिरिन, आइबुप्रोफेन और विटामिन ई आदि।

यदि आप सिगरेट या शराब पीते हैं, तो डॉक्टर सर्जरी से कुछ दिन पहले इनका सेवन न करने की सलाह दे सकते हैं। इनका सेवन बंद करने से सर्जरी के बाद होने वाले घाव जल्दी भरते हैं।

यदि आपको दवा, भोजन या किसी अन्य चीज से एलर्जी है, तो डॉक्टर को इस बारे में बता दें। इसके अलावा यदि आप गर्भवती हैं या गर्भधारण करने की योजना बना रही हैं, तो डॉक्टर को इस बारे में बता देना चाहिए। (और पढ़ें - गर्भावस्था में देखभाल)

आपको सर्जरी वाले दिन खाली पेट अस्पताल बुलाया जाता है। इसके लिए आपको सर्जरी से लगभग छह घंटे पहले तक कुछ भी न खाने या पीने की सलाह दी जाती है। हालांकि, सर्जरी शुरू होने से दो घंटे पहले आपको पानी पीने की अनुमति दी जा सकती है।

आपको सहमति पत्र दिया जाता है, जिस पर हस्ताक्षर करके आप सर्जन को सर्जरी करने की अनुमति दे देते हैं। हालांकि, सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने से पहले उसे एक बार अच्छे से पढ़ लेना चाहिए।

(और पढ़ें - गर्भावस्था के दौरान ब्रेस्ट में परिवर्तन का कारण)

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लम्पेक्टोमी सर्जरी कैसे की जाती है?

जब सर्जरी के लिए आप अस्पताल पहुंच जाते हैं, तो आपको एक विशेष ड्रेस पहनने को दी जाती है, जिसे हॉस्पिटल गाउन कहा जाता है। इसके बाद एक विशेष पेन की मदद से स्तन के उस हिस्से पर निशान लगाए जाते हैं, जहां पर चीरा लगाना है। यदि स्तन में ट्यूमर या गांठ कहां है, इसका पता नहीं लग पा रहा है, तो मैमोग्राम या अल्ट्रासाउंड किया जाता है, जिसकी मदद से ट्यूमर की पोजीशन का पता लगाया जाता है।

स्तन पर निशान लगने के बाद आपको एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया जाता है। आपको या तो जनरल एनेस्थीसिया लगाया जाता है, जिसमें आपको गहरी नींद आ जाती है या फिर लोकल एनेस्थीसिया लगाया जाता है जिससे सिर्फ उस हिस्से को ही सुन्न किया जाता है, जिसकी सर्जरी करनी है। आपकी बांह या हाथ की नस में सुई लगाकर इसे इंट्रावेनस ड्रिप से जोड़ दिया जाता है, जिसकी मदद से सर्जरी के दौरान आपको दवाएं व आवश्यक द्रव दिए जाते हैं।

लम्पेक्टोमी सर्जरी को पूरा करने में लगभग एक घंटे का समय लगता है, जिसका प्रोसीजर कुछ इस प्रकार है -

  • सर्जरी के दौरान सर्जन विशेष उपकरणों की मदद से निशान लगाए हुए हिस्से पर चीरा लगाते हैं।
  • कैंसरग्रस्त गांठ को निकाला जाता है और साथ ही उसके आस-पास के ऊतकों को निकाल दिया जाता है।
  • इसके बाद निकाले गए हिस्से के सिरे से सैंपल लिया जाता है और उसे टेस्टिंग के लिए लैब में भेज दिया जाता है। यदि सिरे के ऊतकों में कैंसर नहीं मिलता है तो उसे क्लियर मार्जिन कहा जाता है।
  • सर्जन कांख से लिम्फनोड के हिस्से को भी निकाल देते हैं और उसे भी लैब में परीक्षण के लिए भेज देते हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कैंसर फैल तो नहीं रहा है।
  • निकाले गए हिस्से को चिह्नित करने के लिए धातु के क्लिप का इस्तेमाल किया जाता है। इससे यह भविष्य में एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करेगा, ताकि लम्पेक्टोमी की पोजीशन का पता लगाया जा सके। साथ ही ये मेटल क्लिप रेडिएशन थेरेपी को टारगेट करने में भी मदद करते हैं।
  • इसके बाद सर्जन चीरे को बंद करके टांके लगा देते हैं और उसपर पट्टी कर दी जाती है।
  • चीरे को बंद करते समय ऑपरेशन वाली त्वचा में ड्रेनेज ट्यूब लगा दी जाती है, ताकि सर्जरी के बाद जमा होने वाला द्रव साथ ही साथ निकलता रहे।

जब सर्जरी की प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तो आपको रिकवरी रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है। रिकवरी रूम में भी कुछ समय तक आपको अवलोकन में रखा जाता है, जिस दौरान आपके शारीरिक तापमान, ब्लड प्रेशर, नाड़ी दर और हार्ट रेट की जांच की जाती है।

यदि आपके लिम्फ नोड्स को निकाला नहीं गया है, तो आपको सर्जरी वाले दिन ही अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। यदि सर्जरी के दौरान लिम्फ नोड को निकाला गया है, तो आपको अस्पताल में एक रात रुकना पड़ सकता है।

लम्पेक्टोमी के साथ कई बार अन्य सर्जरी प्रोसीजर करने की आवश्यकता पड़ सकती है जैसे रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी और हार्मोन थेरेपी आदि। इन थेरेपी की मदद से भविष्य में होने वाले कैंसर के खतरे को कम किया जाता है।

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लम्पेक्टोमी के बाद देखभाल कैसे की जाती है?

सर्जरी के बाद जब आप घर जाते हैं, तो आपको निम्न बातों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है -

  • शुरुआती कुछ दिनों में आपको आराम करना चाहिए, ताकि आपके घाव जल्द से जल्द ठीक हो सकें।
  • सर्जरी के बाद कुछ समय तक आपको दर्द रह सकता है, जिसके लिए आपको दर्द कम करने की दवाएं दी जाती हैं।
  • सर्जरी के साइड-इफेक्ट के रूप में आपके कंधे व बांह में अकड़न हो सकती है, जिसे कम करने के लिए डॉक्टर आपको कुछ विशेष एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं। आप इन व्यायामों को सर्जरी के एक दिन बाद शुरू कर सकते हैं।
  • डॉक्टर आपको सर्जरी के बाद स्पोर्ट्स ब्रा या अच्छा सहारा प्रदान करने वाली ब्रा पहनने की सलाह देते हैं। ये ब्रा स्तनों को हिलने से रोकती हैं, जिससे दर्द नहीं हो पाता है और स्तन के घाव भी जल्दी ठीक होते हैं।
  • जब तक डॉक्टर अनुमति न दें तब तक आपको नहाने या शॉवर लेने से मना किया जाता है। नहाने की बजाए आप गीले कपड़े से शरीर को साफ कर सकते हैं।
  • घाव भरने में लगभग एक हफ्ते का समय लगता है, तब तक आपको नियमित रूप से पट्टी को बदलते रहना चाहिए।
  • यदि घाव में ड्रेनेज ट्यूब लगाई गई है, तो उसकी मदद से दिन में कई बार घाव से द्रव को निकालना चाहिए। साथ ही एक दिन में निकले द्रव की मात्रा का अंदाजा लगाने की सलाह भी दी जा सकती है।
  • सर्जरी के बाद कम से कम दो हफ्तों तक आपको ऐसी कोई गतिविधि नहीं करनी चाहिए, जिससे छाती के हिस्से में दबाव बढ़ता है जैसे दौड़ना या उछल-कूद संबंधी कोई अन्य गतिविधि करना।
  • यदि आपको सर्जरी के बाद कोई मानसिक समस्या हो रही है जैसे डिप्रेशन या चिंता आदि, तो मानसिक रोग विशेषज्ञ या काउंसलर से मदद लेनी चाहिए।
  • यदि लिम्फ नोड्स को निकाला नहीं गया है, तो डॉक्टर आपको तीन से चार दिन बाद अपनी दिनचर्या के सामान्य कार्य करने की सलाह दे सकते हैं। यदि लिम्फ नोड को निकाला गया है, तो सामान्य गतिविधियां शुरू करने से पहले आपको कम से कम एक हफ्ते या उससे अधिक समय तक आराम कर लेना चाहिए।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि आपको लम्पेक्टोमी सर्जरी के बाद निम्न में से कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए -

(और पढ़ें - खांसी के घरेलू उपाय)

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लम्पेक्टोमी से क्या जोखिम हो सकते हैं?

लम्पेक्टोमी सर्जरी से निम्न जोखिम व जटिलताएं हो सकती हैं -

  • संक्रमण
  • ब्लीडिंग
  • एनेस्थीसिया से एलर्जी होना
  • घाव धीमी गति से भरना
  • दवाओं से रिएक्शन होना
  • सर्जरी के आसपास का हिस्सा सुन्न रहना
  • स्तन की आकृति में बदलाव होना जैसे डिंपल, स्थायी निशान और स्तन की आकृति में बदलाव होना
  • कैंसर फैलने का खतरा होने पर एक बार फिर से सर्जरी करने की आवश्यकता पड़ना
  • स्ट्रोक और हार्ट अटैक आना

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