दवाइयों के विकल्प के रूप में एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. इन्हीं एसेंशियल ऑयल में चीड़ का तेल यानी पाइन ऑयल भी शामिल है. देवदार या पाइन के पेड़ों से बना पाइन एसेंशियल ऑयल कई प्रकार से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है. इसे अरोमाथेरेपी की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है और सूजन को भी कम कर सकता है. अगर इसके कुछ स्वास्थ्य लाभ हैं, तो कुछ नुकसान भी है.

आज इस लेख में हम चीड़ तेल के फायदे, नुकसान व उपयोग से जुड़ी प्रमुख जानकारियां दे रहे हैं -

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  1. चीड़ तेल के फायदे
  2. चीड़ तेल के नुकसान
  3. चीड़ तेल का उपयोग
  4. सारांश
चीड़ तेल के फायदे व नुकसान के डॉक्टर

चीड़ के तेल के कई सारे फायदे हैं. इसे दवा के तौर पर इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है. आइए, इसके फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

सूजन के लिए

शरीर में होने वाली सूजन की समस्या से राहत दिलाने के लिए पाइन या चिड़ का तेल लाभकारी हो सकता है. इस तथ्य की पुष्टि एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर मौजूद एक रिसर्च पेपर से होती है. इस शोध से पता चलता है कि पाइन के अर्क में फ्लेवेनोइड मौजूद होता है, जिसमें एंटीइंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) गुण मौजूद होता है. ऐसे में इस आधार पर माना जा सकता है कि चिड़ के पेड़ से निकाला गया एसेंशियल ऑयल में भी ये प्रभाव होता है.

पाइन एसेंशियल ऑयल में भी एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होता है, जो त्वचा संबंधी सूजन की समस्याएं जैसे - मुंहासेएक्जिमा और रोजेशिया में उपयोगी साबित हो सकता है. इसके अलावा, सूजन के कारण होने वाले गठिया व मांसपेशियों में दर्द की समस्या से भी राहत दिला सकता है.

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अरोमाथेरेपी

चीड़ के तेल का अर्क अक्सर घरों, कार्यालयों और वाहनों में एयर फ्रेशनर तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल, एसेंशियल ऑयल का उपयोग न सिर्फ आसपास के वातावरण को बेहतर कर सकता है, बल्कि मूड को भी अच्छा करने के लिए उपयोगी माना जाता है. आम सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों में भी पाइन एसेंशियल ऑयल को सूंघना लाभकारी हो सकता है. इस लिहाज से इसका इस्तेमाल अरोमाथेरेपी के रूप में किया जा सकता है. 

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त्वचा संबंधी समस्याएं

कुछ रिसर्च का मानना है कि पाइन ऑयल में टी ट्री ऑयल की तरह एंटी माइक्रोबियल प्रभाव होता है. ऐसे में हल्के-फुल्के त्वचा संक्रमण में इसका उपयोग लाभकारी हो सकता है. फिर भी बेहतर यही है कि इसके उपयोग से पहले एक बार डॉक्टर से इस बारे में सलाह जरूर ली जाए. 

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जलने पर राहत

अगर त्वचा के हल्का-फुल्का जलने पर जख्म हो जाए, तो भी चीड़ का तेल लाभकारी हो सकता है. इससे जुड़े एक शोध में इस बात का जिक्र में मिलता है कि पाइन ऑयल में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण जलने की वजह से होने वाले जख्म या सूजन से राहत दिलाने में सहायक हो सकता है. इतना ही नहीं, सेकंड डिग्री बर्न के लिए भी चीड़ के तेल को उपयोगी पाया गया है. हां, अगर जख्म गहरा है, तो बेहतर है कि इस बारे में पहले डॉक्टरी से सलाह ली जाए और उसी अनुसार आगे का इलाज किया जाए. 

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अगर पाइन तेल के फायदे हैं, तो कुछ नुकसान भी हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि इसके दुष्प्रभावों को जाना व समझा जाए, ताकि इसे जरूरत से ज्यादा उपयोग करने से बचा जा सके. चीड़ तेल के नुकसान कुछ इस प्रकार हैं -

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चीड़ तेल के नुकसान से बचने के लिए यह जरूरी है कि इसके उपयोग करने के तरीके पर ध्यान दिया जाए और इसका उपयोग सही तरीके से किया जाए -

  • इसे अरोमाथेरेपी की तरह उपयोग करने के लिए डिफ्यूजर में डालकर उपयोग कर सकते हैं.
  • जोड़ों में दर्द के लिए इसे प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं.
  • नहाने के पानी में चीड़ के तेल की कुछ बूंदें डालकर उपयोग कर सकते हैं.
  • सर्दी-जुकाम से राहत पाने के लिए इसे सीने व पीठ पर लगाकर हल्के हाथों से मालिश कर सकते हैं.
  • ध्यान रहे गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसका उपयोग डॉक्टर से सलाह के बाद ही करें.
  • चीड़ के तेल को आंखों के आसपास उपयोग न करें.
  • पाइन एसेंशियल ऑयल का सेवन बिल्कुल न करें.

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चीड़ तेल एक लाभकारी एसेंशियल ऑयल है. यह जरूरी है कि इसका उपयोग सावधानी से किया जाए. इससे सूजन व त्वचा संबंधी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है. वहीं, अगर उपयोग के बाद किसी तरह की असुविधा महसूस हो, तो तुरंत इसका उपयोग बंद कर डॉक्टर से सलाह लें. साथ ही ध्यान रहे कि इसका सेवन नहीं करना चाहिए.

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