भारत में हर साल एक से सात सितंबर के बीच 'राष्ट्रीय पोषण सप्ताह' यानी नेशनल न्यूट्रिशन वीक मनाया जाता है। इसका उद्देश्य देश के लोगों का खासकर महिलाओं को सही खान-पान की ओर ध्यान दिलाना है। क्योंकि महिलाएं घर के काम-काज के साथ-साथ ऑफिस में भी कड़ी मेहनत करती हैं और ऐसे में उन्हें अपनी डाइट का ख्याल रखने का समय ही नहीं मिल पाता है। यहां तक कि शादी-शुदा महिलाओं को खाना पकाने, साफ-सफाई, राशन खरीदने, परिवार के सदस्यों की दैनिक जरूरतों का ध्यान रखने के साथ अपने ऑफिस के काम में भी तालमेल बिठाना पड़ता है।

इतनी व्यस्त दिनचर्या के कारण उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जैसे: समय पर खाना न खा पाना, नींद की कमी, व्यायाम के लिए समय न निकाल पाना, अस्वास्थ्यकर भोजन विकल्पों को चुनना इत्यादि। इन दिक्कतों की वजह से वे तनावपूर्ण और थका हुआ महसूस करती हैं, ऐसे में वर्किंग वुमेन के लिए ये जानना जरूरी है कि उन्हें किन चीज़ों से पोषण मिल सकता है।

अगर आप भी घर और ऑफिस दोनों संभालती हैं तो आपको निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए।

ब्रेकफास्ट 

दिन की शुरुआत अच्छे ब्रेकफास्ट के साथ करें, क्योंकि यह दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन होता है। इसमें फल, नट्स, दूध के साथ अनाज को शामिल किया जा सकता है।

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दिन का भोजन

ऑफिस में नियमित रूप से पोषणयुक्त लंच ले जाना न भूलें, इसमें आप सब्जियां, दाल, परांठा, दही, ब्राउन राइस, पुलाव, रायता इत्यादि हैल्थी चीजों को शामिल कर सकती हैं। इसके अलावा सलाद में गाजर और खीरा ले जाएं।

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रात का भोजन

कोशिश करें कि रात का भोजन हल्का होना चाहिए। इसके लिए आप प्रोटीन के रूप में दाल, अंडे का केवल सफेद भाग, चिकनमछली के साथ सलाद और सूप ले सकती हैं। इसके अलावा दिनभर अपने मेटाबोलिज्म (भोजन को ऊर्जा में बदलने वाली प्रक्रिया) को दुरुस्त रखने के लिए हर 2 घंटे में फल, दही, ग्रीन टी या छाछ ले सकती हैं। 

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वर्किंग वुमेंस को खान-पान के अतिरिक्त निम्नलिखित बातों पर भी ध्यान देने की जरूरत है:

  • करीब 10,000 कदम रोजाना पैदल चलने की कोशिश करें। आप चाहें तो ऑफिस या अपने अपार्टमेंट में लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का प्रयोग कर सकती हैं।
  • ऑफिस में किसी से बातचीत करने के लिए किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल करने से अच्छा है कि आप अपने सहकर्मी के पास चलकर जाएं, इससे आपका शरीर सक्रिय रहता है। 
  • फोन पर बात करते समय थोड़ा चलना सेहत के लिए अच्छा रहता है। 
  • बच्चों को पार्क ले जाने की कोशिश करें, यहां बच्चे खेलते रहेंगे और आपको चलने का समय मिल जाएगा।

डाइट में इन तीनों को करें शामिल

कैल्शियम: यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (यूएसडीए) के अनुसार, ऑफिस में काम करने वाली महिलाओं को दिन में 1,000 से 1200 मि.ग्रा कैल्शियम लेना चाहिए। कैल्शियम के अच्छे स्रोतों में डेयरी प्रोडक्ट, हरी सब्जियां, मछली, अनाज, टोफू और पत्तागोभी शामिल हैं। शरीर एक समय पर 500 मि.ग्रा से अधिक कैल्शियम नहीं ले सकता है और यदि इससे ज्यादा मात्रा में कैल्शियम लिया जाए तो इससे शरीर को कोई लाभ नहीं मिलता है।

मैग्नीशियम: मैग्नीशियम, खून से हड्डियों में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ावा देता है। यहां तक कि मैग्नीशियम के बिना शरीर कैल्शियम का उपयोग नहीं कर सकता है। यूएसडीए के अनुसार, शरीर को रोज 320 से 400 मि.ग्रा मैग्नीशियम की जरूरत होती है। इसमें हरी पत्तेदार सब्जियों, ब्रोकली, ककड़ी, हरे बींस, अजवाइन और विभिन्न प्रकार के बीज शामिल हैं।

विटामिन डी: कैल्शियम को सही तरीके से पचाने में विटामिन डी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन डी की प्राप्ति के लिए प्रतिदिन लगभग आधे घंटे तक धूप में बैठा या लेटा जा सकता है। इसे मछली, विटामिन-डी फोर्टिफाइड मिल्क, फली और अंडे जैसे खाद्य पदार्थों से भी प्राप्त कर सकते हैं।

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