टाइफाइड बुखार को मोतीझरा या मियादी बुखार के रूप में भी जाना जाता है। टाइफाइड का बुखार पाचन तंत्र और रक्तप्रवाह में बैक्टीरिया संक्रमण के कारण होता है। यह बुखार साल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi) जीवाणु के कारण होता है। जब यह बैक्टीरिया दूषित भोजन, पेय या पानी के साथ शरीर में प्रवेश करता है तो यह कई गुना होकर आंतों से खून में फैलने लगता है।

टाइफाइड का निदान करने हेतु डॉक्टर जीवाणुओं को मारने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का सुझाव देते हैं। संक्रमण की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के पूरे कोर्स को पूरा करना बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन कुछ घरेलू उपचार टाइफाइड लक्षणों से राहत प्रदान कर सकते हैं और क्विक रिकवरी को बढ़ावा दे सकते हैं।

(और पढ़ें - टाइफाइड का इलाज)

  1. टाइफाइड का घरेलू उपाय है कोल्ड कॉमप्रेस - Typhoid bukhar ka gharelu upay hai cold compresses in Hindi
  2. टाइफाइड बुखार के उपाय करे सेब का सिरका से - Typhoid bukhar ka gharelu nuskha hai apple vinegar in Hindi
  3. टाइफाइड से बचने के उपाय हैं ओ.आर.एस - Typhoid bukhar ka desi nuskha hai ORS in Hindi
  4. टाइफाइड बुखार ठीक करें खूब पानी पी कर - Miyadi bukhar ke gharelu upay me piye khub pani in Hindi
  5. टाइफाइड का देसी नुस्खा है लहसुन - Typhoid se bachne ka tarike hai garlic in Hindi
  6. टाइफाइड बुखार से बचने का तरीका है तुलसी का उपयोग - Typhoid se bachne ke liye upay kare tulsi se in Hindi
  7. टाइफाइड बुखार से बचने के लिए घरेलू नुस्खा है लौंग - Typhoid fever se bachne ke upay hai cloves in Hindi
  8. टाइफाइड फीवर का देसी उपाय है केला - Typhoid ka desi nuskha hai Banana in Hindi
  9. मोतीझरा से बचने का देसी उपाय है छाछ - Miyadi bukhar ke gharelu nuskhe me kare buttermilk ka upyog in Hindi
  10. मियादी बुखार के घरेलू उपाय में करें स्वस्थ आहार का सेवन - Typhoid se bachne ke tarike me khaye swasth aahar in Hindi

जब आपको हाइ फीवर होता है, तो अपने शरीर का तापमान जल्दी से कम करने के लिए कोल्ड कॉमप्रेसस (cold compresses) का उपयोग करें।

नल के ठंडे पानी में एक साफ कपड़े को भिगो लीजिये, अतिरिक्त पानी को निचोड़ लें और इसे अपने माथे पर रखें। कपड़े को बदल बदल कर माथे पर रखते रहें। इस उपचार का पालन तब तक करें जब तक आपका तापमान कम नहीं हो जाता है।
नोट: बहुत ठंडे या बर्फ के पानी का उपयोग न करें क्योंकि यह स्थिति खराब कर सकता है। 

(और पढ़ें - त्वचा पर बर्फ लगाने के फायदे)

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सेब का सिरका एनर्जाइज़िंग (स्फूर्तिदायक) होता है और टाइफाइड बुखार के लिए एक बहुत ही अच्छा उपाय है। इसके अम्लीय गुण त्वचा से गर्मी निकालने में मदद करते हैं, जिससे शरीर का तापमान कम हो जाता है। इसके अलावा सेब का सिरके में मौजूद खनिज, दस्तों की वजह से हुई खनिजों की कमी की भरपाई करते हैं।

- एक गिलास पानी में आधा चम्मच सेब का सिरका और थोड़ा सा शहद मिलाएं। खाना खाने से पहले इसे पी लें। 5 से 7 दिनों के लिए इस उपाय का पालन करें।
- आप एक भाग सेब का सिरका और दो भागों ताडे पानी को लेकर एक मिश्रण भी तैयार कर सकते हैं। इसमें एक साफ कपड़े को डुबोएँ, अतिरिक्त पानी निकालने के लिए निचोड़ लें और अपने माथे और पेट पर रखें। एक बार गर्म होने के बाद कपड़े को बदल दें जब तक आपका बुखार कम नहीं हो जाता तब तक आवश्यकतानुसार दोहराएं।

(और पढ़ें - दस्त से बचने के उपाय)

द्रव प्रतिस्थापन (Fluid replacement) डायरिया से खो जाने वाले द्रव की भरपाई और निर्जलीकरण को रोकने के लिए आवश्यक है। आप मौखिक रीहाइड्रेशन समाधान (oral rehydration solution - ORS) के साथ ऐसा कर सकते हैं। ORS टाइफाइड लक्षणों की तीव्रता को कम और रिकवरी में सहायता करेगा।

आप विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) द्वारा स्वीकृत ORS का उपयोग कर सकते हैं जिसे आप आसानी से किसी भी स्वास्थ्य स्टोर से खरीद सकते हैं। आप घर पर भी ORS बना सकते हैं।

4 कप पीने के पानी में आधा छोटा चम्मच नमक और 6 छोटे चम्मच चीनी के मिलाएं। इस घर पर बने ORS को दिन में कई बार पिएं जब तक आप पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते हैं।

(और पढ़ें - पानी की कमी दूर करने के उपाय)

उच्च बुखार और दस्त के कारण आप निर्जलित हो सकते हैं। निर्जलीकरण को रोकने के लिए अपने द्रव सेवन में वृद्धि करें। यह आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखने और अपशिष्ट पदार्थ और विषाक्त पदार्थों के उन्मूलन (elimination) को प्रोत्साहित करेगा।

- दैनिक रूप से लगभग 8 से 10 गिलास बोतलबंद या शुद्ध पानी के पिएं। सुरक्षित रहने के लिए, नल का पानी इस्तेमाल करते समय अपने पीने के पानी को उबालें।
- पानी के साथ नारियल पानी, हर्बल चाय, ताजे फलों का रस, सूप और ग्लूकोज पानी के सेवन में वृद्धि करें। 

(और पढ़ें - दस्त में क्या खाना चाहिए)

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लहसुन के एंटीबायोटिक गुण टाइफाइड बुखार का कारण बनाने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। इससे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा लहसुन शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को खत्म करने और रिकवरी में तेजी लाने में मदद करता है। 

(और पढ़ें – बुखार का घरेलू इलाज)

- टाइफाइड बुखार के लक्षणों से छुटकारा पाने के लिए कुछ हफ्तों तक खाली पेट 2 कलियाँ लहसुन की खाएं।
- आप आधा चम्मच पिसी हुई लहसुन, 1 कप दूध और 4 कप पानी को मिक्स करें। इस मिश्रण को तब तक उबालें जब तक यह मिश्रण एक चौथाई नहीं रह जाता है। इस घोल को दिन में 3 बार पिएं।

नोट: गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को लहसुन लेने की सलाह नहीं की जाती है।

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तुलसी टाइफाइड बुखार के लिए एक और प्रभावी उपचार है। इस जड़ी बूटी में एंटीबायोटिक और जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो टाइफाइड बुखार के कारण बैक्टीरिया से छुटकारा पाने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा यह बुखार को कम करने में मदद करती है, पेट को शांत करने और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देती है।

- 1 कप पानी में 20 तुलसी के पत्ते और 1 चम्मच पिसी अदरक मिलाएँ। तब तक इसे उबालें जब तक यह घोल आधा नहीं रह जाता है। इसमें थोड़ा सा शहद मिलाएँ और कुछ दिनों के लिए इस चाय को दिन में 2 या 3 बार पिएं।
- आप 5 से 7 तुलसी के पत्तों से रस निकाल सकते हैं। इस रस में एक चुटकी काली मिर्च को मिलाएँ और कुछ हफ्तों के लिए दिन में 2 या 3 बार इसका सेवन करें।

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टाइफाइड बुखार के उपचार के लिए लौंग भी उपयोगी होते हैं। लौंग में मौजूद आवश्यक तेल में जीवाणुरोधी गुण होते हैं जिससे लौंग टाइफाइड का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को मार सकता है।

लौंग से उल्टी और दस्त को कम करने में मदद मिलती है जो टाइफाइड के दो आम लक्षण होते हैं।

- 5 से 7 लौंग की कलियों को 8 कप पानी में डालें।
- इस घोल को उबालें, जब तक यह घोल आधा नहीं रह जाता है।
- आँच से उतारें, इस कवर करें और ठंडा होने के लिए रख दें।
- ठंडा होने के बाद छाने और पूरे दिन इस मिश्रण को पीते रहें।
- कम से कम 1 सप्ताह के लिए इस हर्बल उपचार का पालन करें।

(और पढ़ें - उल्टी रोकने के घरेलू उपाय)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
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केले बुखार को कम कर सकते हैं और टाइफाइड वाले लोगों में दस्त का इलाज कर सकते हैं। केले में मौजूद पेक्टिन एक घुलनशील फाइबर है जो आंतों में तरल पदार्थ को अवशोषित करने में मदद करता है जिससे यह दस्त को कम करता है। इसके अलावा केले में मौजूद पोटेशियम से बुखार और दस्त के दौरान खो जाने वाले इलेक्ट्रोलाइट्स को प्रतिस्थापित (रीप्लेस) करने में मदद मिलती है। 

- जब तक कि आपके टाइफाइड के लक्षण कम न हो जाएं तो रोजाना 2 से 3 पके हुए केले खाएं।
- वैकल्पिक रूप से, 2 कप दही में 2 केलो को मैश करें और 1 चम्मच शहद मिलाएँ। कुछ हफ्तों के लिए दिन में 2 या 3 बार रोजाना खाएं।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में दस्त के उपचार)

मोतीझरा बुखार में ताज़ा छाछ पीना एक और शानदार हर्बल उपचार है। यह पाचन प्रक्रिया और टाइफाइड बुखार की रिकवरी करने में सहायता करती है। यह निर्जलीकरण से भी बचाती है।

- जब तक आप पूरी तरह से रिकवर नहीं हो जाते हैं तब तक रोज़ का कुछ गिलास छाछ के पिएं।
- आप 2 चम्मच धनिया के ताजे रस को 1 कप छाछ में मिला सकते हैं। 1 से 2 सप्ताह के लिए दैनिक रूप से 2 बार पिएं।
- बुखार को कम करने में मदद करने के लिए, 1 केले के गूदे को एक गिलास छाछ में मिलाएँ। और दैनिक रूप से 2 बार पिएं।

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जब आप टाइफाइड से कमजोर होते हैं, तो आपके शरीर को उचित पोषण प्रदान करने के लिए एक विशेष आहार का पालन करना महत्वपूर्ण है। एक अच्छा आहार आपके शरीर के तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलित करने और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा।

- ऊर्जा प्रदान करने के लिए अपनी कैलोरी के सेवन को बढ़ाएं।
- अपने शरीर को ठीक करने में मदद करने के लिए अंडे और दूध जैसे प्रोटीन वाला भोजन खाएं।
- शरीर की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उच्च कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थों को भी अपने आहार में शामिल करें।
- बुखार और पसीने के कारण, आप में पोटेशियम और सोडियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स का स्तर निम्न हो सकता है। फलों के रस, सूप्स आदि का भरपूर मात्रा में सेवन करें। 

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