गेहूं के तेल को आम बोलचाल की भाषा में व्हीट जर्म ऑयल कहा जाता है. इसे गेहूं के दानों के अंदरूनी भाग से निकाला जाता है. वैसे तो गेहूं के तेल का मुख्य रूप से इस्तेमाल सलाद की ड्रेसिंग के लिए किया जाता है, लेकिन इसमें मौजूद पोषक तत्वों के कारण ये स्वास्थ्य के लिहाज से काफी फायदेमंद है. गेहूं का तेल विटामिन-ई का बेहतरीन स्रोत होता है. गेहूं के तेल को पकाने या गर्म करने की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि ऐसा करने से इसके पोषक तत्वों में कमी आ जाती है. इसके इस्तेमाल से बालों का झड़ना ठीक किया जा सकता है और मधुमेह व हृदय रोग की समस्या से भी बचा जा सकता है.
आज इस लेख में आप जानेंगे कि गेहूं का तेल इस्तेमाल करने से क्या-क्या फायदे होते हैं और इसे कैसे बनाया जाता है -
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- गेहूं के तेल के फायदे
- गेहूं के तेल से होने वाले नुकसान
- गेहूं का तेल बनाने की विधि
- गेहूं के तेल की कीमत
- सारांश
गेहूं के तेल के फायदे
गेहूं का तेल हेल्दी फैट का अच्छा स्त्रोत होता है. वहीं, इस तेल में अच्छी गुणवत्ता वाले फैटी एसिड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट भरपूर होता है. इसके अलावा, इसमें विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन-के और कैलोरी भी होती है. संतुलित आहार में गेहूं के तेल को शामिल किया जा सकता है. 1 चम्मच गेहूं के तेल में करीब 4.5 फैट, 39.78 एनर्जी, 6.72 माइक्रोग्राम विटामिन-ई व 1.11 माइक्रोग्राम विटामिन-के होता है. गेहूं के तेल को इस्तेमाल करने से निम्न प्रकार के लाभ हो सकते हैं -
विटामिन-ई से भरपूर
गेहूं का तेल विटामिन-ई से भरपूर होता है, जिसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है. माना जाता है कि ये अपने समृद्ध एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण शरीर में मुक्त कणों से लड़ने में मदद करता है. इस प्रकार गेहूं का तेल प्रोस्टेट कैंसर और अल्जाइमर रोग के जोखिम को कम करने में कारगर माना जा सकता है.
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बालों का झड़ना रोके
गेहूं के तेल में लिनोलिक एसिड होता है, जो बालों को पोषण प्रदान करने का काम करता है. गेहूं का तेल लगाने से बाल मजबूत और स्वस्थ बनते हैं. इसमें मौजूद विटामिन-ई बालों को मजबूत व चमकदार बना सकता है. गेहूं का तेल इस्तेमाल करने से बालों का झड़ना, डैंड्रफ व जूं की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है. गेहूं के तेल को ऑलिव ऑयल के साथ मिलाकर बालों पर लगाया जा सकता है. इस तेल को शैंपू या कंडीशनर में मिलाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
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डायबिटीज में फायदेमंद
व्हीट जर्म ऑयल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) शून्य होता है, इसलिए यह रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित नहीं करता है. 55 या उससे कम के जीआई वाले खाद्य पदार्थों को कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स खाद्य पदार्थ माना जाता है. ऐसे में डायबिटीज रोगी भी गेहूं के तेल को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं.
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मांसपेशियों के लिए लाभकारी
गेहूं का तेल प्रोटीन व ओमेगा 3 फैटी एसिड से समृद्ध होता है. यह स्वस्थ मांसपेशियों को बनाए रखने व ऊर्जा के स्तर को बेहतर करने में मदद कर सकता है. साथ ही यह क्षतिग्रस्त टिश्यूज की भी मरम्मत कर सकता है. गेहूं का तेल प्रतिरक्षा को बढ़ाने में भी सहायक होता है.
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हृदय के लिए फायदेमंद
गेहूं के तेल में मौजूद विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स रक्त प्रवाह को सामान्य करने में मदद करता है. यह उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रण में रखने में सहायक होता है. वहीं, गेहूं के तेल का अधिक सेवन हृदय स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंचा सकता है. दरअसल, इस तेल में ट्राइग्लिसराइड्स होता है, जो एक प्रकार का वसा है. उच्च ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर हृदय स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. हृदय रोग से ग्रस्त लोगों को व्हीट जर्म ऑयल को सीमित मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है.
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कोलेस्ट्रॉल करे नियंत्रित
गेहूं के बीज का तेल दिल की सेहत के लिए अच्छा होता है. यूरोपीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण (EFSA) के अनुसार गेहूं का तेल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है. इसके सेवन से ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर रहता है.
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त्वचा के लिए उपयोगी
गेहूं का तेल स्वस्थ त्वचा को बढ़ावा देता है. इसमें मौजूद विटामिन-ई, एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा 3 फैटी एसिड त्वचा के लिए जरूरी होते हैं. गेहूं के तेल से त्वचा को मॉइश्चराइज किया जा सकता है. यह तेल स्किन में कोलेजन के स्तर को नियंत्रित कर रंगत को निखारता है. चेहरे पर गेहूं का तेल लगाने से ड्राई स्किन भी मुलायम बनती है.
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गेहूं के तेल से होने वाले नुकसान
वैसे तो इस तेल को सेहत के लिए फायदेमंद माना गया है, लेकिन कुछ मामलों में इससे नुकसान भी हो सकते हैं, जो निम्न प्रकार से है -
- जिन्हें ग्लूटेन से एलर्जी है, उन्हें व्हीट जर्म ऑयल के इस्तेमाल से बचना चाहिए.
- इसमें ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए हृदय रोग से ग्रस्त लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए या फिर कम मात्रा में करना चाहिए.
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गेहूं का तेल बनाने की विधि
ये तेल रंग और स्वाद दोनों में हल्का होता है. इसे निकालने की प्रक्रिया निम्न प्रकार से है -
- सबसे पहले गेहूं को भाप से गर्म किया जाता है.
- फिर स्क्रू टाइप या एक्सपेलर के माध्यम से गेहूं को प्रेस किया जाता है.
- इस तरह से गेहूं से 90 प्रतिशत से अधिक तेल निकल जाता है.
- तेल निकालने के लिए सबसे अच्छी तकनीक प्री-प्रेस सोल्वेंट एक्सट्रैक्शन (Prepress Solvent Extraction) है.
- इसके अलावा, गेहूं के तेल को कोल्ड प्रेसिंग तकनीक या ग्रिलिंग प्रोसेस के द्वारा भी निकाला जा सकता है.
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गेहूं के तेल की कीमत
गेहूं के बीज का तेल पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसका उपयोग स्वास्थ्य, त्वचा और बालों के लिए किया जाता है. गेहूं का तेल कई कंपनियां बनाती हैं, ऐसे में सभी ब्रांड इसे अलग-अलग कीमत पर बेचते हैं. अलग-अलग राज्यों और देशों में भी इसकी कीमत में अंतर देखने को मिलता है. गेहूं का तेल ऑनलाइन या बाजार से लिया जा सकता है. इसकी शुरुआती कीमत करीब 250 रुपये तक हो सकती है.
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सारांश
गेहूं का तेल विटामिन-ई समेत कई अन्य विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है. इसे हृदय स्वास्थ्य, त्वचा, बालों और मांसपेशियों के लिए फायदेमंद माना जाता है. गेहूं के तेल का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, अगर इसे लेने के बाद मतली, चक्कर महसूस होता है, तो डॉक्टर से बात करनी चाहिए. वहीं, त्वचा पर इस तेल को लगाने से पहले पैच टेस्ट जरूर कर लेना चाहिए.
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