मकई का तेल कई गुणों से भरपूर होता है. इसमें ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को रोकने, सूजन को कम करने, कोलेस्ट्रॉल को संतुलित करने, त्वचा की रक्षा करने, आंखों को सुरक्षित रखने का गुण होता है. इतना ही नहीं, इस तेल में एलर्जी प्रतिक्रियाओं को कम करने की क्षमता भी होती है. हालांकि, इसके कुछ साइड-इफेक्ट भी हो सकते हैं, जिसमें वजन बढ़ना, कैंसर का जोखिम होना और विषाक्तता शामिल है.
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आज हम इस लेख में मकई का तेल इस्तेमाल करने से होने वाले फायेद और नुकसान के बारे में विस्तार से जानेंगे-
क्या है मकई का तेल?
मकई का तेल मकई के पौधे से प्राप्त होता है, जो दुनिया में सबसे व्यापक रूप से उगाई जाने वाली फसलों में से एक है. मकई के तेल को एक्सपेलर प्रेसिंग, रिफाइन और स्टीम डिस्टिलेशन की प्रक्रिया के माध्यम से तैयार किया जाता है. इस तेल में वसा और कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है. इसे अन्य वनस्पति तेलों, जैसे- जैतून या बादाम के तेल की तुलना में कम स्वस्थ माना जा सकता है. फिर भी इससे स्वास्थ्य को कई लाभ होते हैं.
मकई के तेल में मौजूद पोषक तत्व
मकई के तेल के स्वास्थ्य प्रभावों को लेकर कई वैज्ञानिकों में मतभेद है. हालांकि, अगर आप इस तेल का सीमित मात्रा में इस्तेमाल करते हैं, तो यह आपके लिए लाभकारी हो सकता है. अपरिष्कृत मकई तेल में मोनोअनसैचुरेटेड वसा और पॉलीअनसेचुरेटेड वसा काफी उच्च में पाए जा सकते हैं.
इसमें लिनोलिक और ओलिक एसिड शामिल होता है. इस तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड की तुलना में लगभग 50 गुना अधिक ओमेगा-6 फैटी एसिड हो सकता है. विटामिन-ई भी इस तेल में उच्च स्तर में पाया जाता है. इसके अलावा, यह विटामिन ए, जैंथिन और अन्य एंटीऑक्सीडेंट यौगिकों से भी भरपूर होता है.
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मकई के तेल के फायदे
अन्य वनस्पति तेलों की तुलना में कई लोग मुख्य रूप से मकई के तेल को खाना पकाने के लिए प्रयोग करते हैं, क्योंकि इसका स्वाद और लागत काफी कम होती है. वहीं, कुछ लोग औषधीय रूप में भी इसका इस्तेमाल करते हैं. मालिश तेल के रूप में भी ऑर्गेनिक मकई का तेल का इस्तेमाल किया जाता है. इसके सेवन से सूजन, हार्ट डिजीज और क्रॉनिक डिजीज के खतरे को कम किया जा सकता है. आइए, मकई के तेल के फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं-
सूजन करे कम
शरीर में सूजन को कम करने में मकई का तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है. दरअसल, इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 भरपूर रूप से मौजूद होता है, जो शरीर में सूजन को कम करने की क्षमता रखता है. इतना ही नहीं, इसके इस्तेमाल से गठिया के लक्षणों के साथ-साथ सिरदर्द, जठरांत्र संबंधी समस्याओं और यहां तक कि त्वचा की सूजन संबंधी स्थितियों को दूर करने में मददगार हो सकता है.
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कोलेस्ट्रॉल को करे संतुलित
शरीर के लिए मोनोअनसेचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है. ये यह दोनों प्रकार के फैट शरीर में सूजन और अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में आपकी मदद कर सकते हैं. इतना ही नहीं, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी यह तेल लाभकारी हो सकता है. हालांकि, यह फैट मकई के तेल के हर एक स्वरूप में मौजूद नहीं होता है. खासतौर से रिफाइंड वैरीएंड में बिल्कुल नहीं होता है.
आंखों को रखे स्वस्थ
मकई के तेल में वसा के अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे- फ्लेवोनोइड्स, एंटीऑक्सीडेंट व ल्यूटिन इत्यादि. यह पोषक तत्व शरीर में मुक्त कणों की गतिविधि को कम करने में आपकी मदद कर सकता है. विशेष रूप से ल्यूटिन आंखों की रोशनी के लिए काफी अच्छा माना जाता है. यह मोतियाबिंद के विकास को रोकने में सक्षम हो सकता है.
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क्रॉनिक डिजीज
मकई का तेल क्रॉनिक डिजीज के खतरे के कम करने में असरदार होता है. दरअसल, इसमें फ्लेवोनोइड्स, विटामिन-ई, मोनोअनसैचुरेटेड फैट व पॉलीअनसेचुरेटेड फैट मौजूद होता है. ये सभी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं. अगर आप इस तेल का इस्तेमाल सीमित मात्रा में करते हैं, तो क्रोनिक डिजीज के खतरे को कम कर सकते हैं.
स्किन की करे देखभाल
मकई के तेल में एंटीऑक्सीडेंट और टोकोफेरोल पाया जाता है, जो स्किन को संक्रमण से बचाने में आपकी मदद कर सकता है. इस तेल के इस्तेमाल से स्किन में जलन, एक्जिमा और सोरायसिस को दूर किया जा सकता है. इतना ही नहीं, इस तेल के इस्तेमाल से झुर्रियों और अन्य बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम किया जा सकता है. बस याद रखें कि इस तेल में वसा की अधिकता होती है, ऐसे में इसका कम मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए.
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फाइटोस्टेरॉल से भरपूर
मकई का तेल फाइटोस्टेरॉल से भरपूर होता है. यह ऐसा एजेंट हे है, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण करने में काफी असरदार होता है. इससे हार्ट डिजीज के खतरे को कम किया जा सकता है. अगर आप कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखना चाहते हैं, तो इसका सीमित मात्रा में इस्तेमाल करें. इससे आपको काफी लाभ होगा.
एलर्जी को करे कम
मकई के तेल में कुछ यौगिक गुण मौजूद होते हैं, जो शरीर में एलर्जी की प्रतिक्रिया को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं. इस तेल के इस्तेमाल से अस्थमा और राइनाइटिस के लक्षणों को दूर किया जा सकता है. हालांकि, मकई के तेल का इस्तेमाल सामयिक रूप पर नहीं किया जा सकता है. दरअसल, अगर आप इसे सीधे तौर पर इस्तेमाल करते हैं, तो इससे एलर्जी की प्रतिक्रिया बढ़ सकती है.
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मकई के तेल के नुकसान
मकई के तेल के कई साइड-इफेक्ट भी हो सकते हैं, जिनमें कैंसर का खतरा, हृदय रोग का खतरा, पेट में जलन और वजन बढ़ना शामिल है. हालांकि, रिफाइंड मकई के तेल की तुलना में कार्बनिक और अन-रिफाइंड मकई के तेल का उपयोग लाभकारी हो सकता है. आइए विस्तार से जानते हैं मकई के तेल के साइड-इफेक्ट के बारे में-
दिल की समस्याओं को बढ़ाए
मकई के तेल में मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होता है. साथ ही इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 असंतुलित मात्रा में होता है. ऐसे में इस तेल में वसा की काफी अधिकता होती है. ऐसे में अगर आप अधिक मात्रा में मकई का तेल का इस्तेमाल करते हैं, तो यह कोलेस्ट्रॉल की समस्या को बढ़ा सकता है. जिसकी वजह से हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ने का खतरा रहता है.
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कैंसर का खतरा
ओमेगा-3 और ओमेगा-6 जैसे आवश्यक फैटी एसिड शरीर के लिए बहुत ही जरूरी माने जाते हैं. यह ऐसे फैटी एसिड हैं, जिसका शरीर उत्पादन नहीं करता है, लेकिन अगर आप अधिक मात्रा में इसका सेवन करते हैं, तो यह शरीर में पुराने सूजन को बढ़ा सकता है. इससे विभिन्न तरह के कैंसर होने की आशंका बढ़ सकती है.
शरीर में बढ़ा सकता है विषाक्तता
इन दिनों कृषि पद्धतियों में उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई तरह के कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन कीटनाशकों के उपयोग की वजह से मकई के तेल में विषाक्तता की संभावना हो सकती है. इसकी वजह आपको लिवर और किडनी से जुड़ी समस्या होने का खतरा रहता है. ऐसे में ऑर्गेनिक मकई का तेल इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.
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मोटापा बढ़ाए
मकई का तेल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है, लेकिन इसमें कैलोरी भी अधिक होती है. ऐसे में अन्य तेल की तुलना में मकई का तेल मोटापा बढ़ा सकता है. इसलिए, सीमित मात्रा में मकई का तेल का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है.
सारांश
मकई का तेल स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी हो सकता है. इसके सेवन से सूजन, आंखों की परेशानी व स्किन की समस्याओं को कम किया जा सकता है. हालांकि, अधिक मात्रा या फिर रिफाइंड मकई का तेल के इस्तेमाल करने से आपको इसके साइड-इफेक्ट जैसे- मोटापा बढ़ना, कैंसर का खतरा, विषाक्तता जैसी समस्या हो सकती है. इसलिए सीमित मात्रा में ही इसका इस्तेमाल करें. वहीं, अगर आपको किसी तरह की गंभीर समस्या है, तो इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें.
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मकई के तेल के फायदे और नुकसान के डॉक्टर

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