जरूरत से ज्यादा काम करने, कोई बीमारी होने या किसी तरह की मेडिकल कंडीशन के चलते होने वाली अधिक थकान को सडन एक्सट्रीम फटीग कहा जाता है. इस तरह की थकान को बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए. समय रहते डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए. सडन एक्सट्रीम फटीग के लक्षण सामान्य थकान में नजर आने वाले लक्षण की तरह ही होते हैं. वहीं, एलर्जी, गठिया व हृदय रोग काे इसका कारण माना जाता है और इलाज भी उसी के अनुसार किया जाता है.

आज इस लेख में आप सडन एक्सट्रीम फटीग के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. सडन एक्सट्रीम फटीग के लक्षण
  2. सडन एक्सट्रीम फटीग के कारण व उपचार
  3. सडन एक्सट्रीम फटीग से बचाव
  4. सारांश
सडन एक्सट्रीम फटीग के लक्षण, कारण व इलाज के डॉक्टर

सडन एक्सट्रीम फटीग के लक्षण सामान्य थकावट के लक्षणों जैसे ही होते हैं. ये लक्षण कुछ इस प्रकार से हैं -

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व्यक्ति में सडन एक्सट्रीम फटीग के कई कारण हो सकते हैं. यहां हम न सिर्फ कारण बताएंगे, बल्कि इसके इलाज से जुड़ी जानकारी भी शेयर करेंगे -

एलर्जी

एलर्जी के कारण व्यक्ति को सडन एक्सट्रीम फटिग हो सकता है. कुछ व्यक्तियों को पराग, पालतू जानवर और कुछ खास तरह के खाद्य पदार्थों से एलर्जी हो सकती है. इससे उन्हें बहती नाकखुजलीचकत्ते और सांस लेने में समस्या हो सकती है. वहीं, जब लोग किसी एलर्जेन के संपर्क में आते हैं, तो उनका शरीर हिस्टामाइन (एक तरह का रसायन) रिलीज करता है. यही एलर्जी का कारण बनता है और इससे अचानक थकान की परेशानी हो सकती है. 

इलाज

एलर्जी से बचाव के लिए व्यक्ति नीचे दिए गए इलाज का सहारा ले सकते हैं -

  • एलर्जी का कारण बनने वाले चीजों से दूर रहना.
  • डॉक्टर की सलाह पर दवा लेना, जैसे एंटीहिस्टामाइन या स्टेरॉयड.
  • खासतौर से एलर्जेन से संबंधित इम्यूनोथेरेपी.

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अवसाद

अवसाद एक प्रकार का मानसिक विकार है, जिसमें व्यक्ति को उदासी की भावना आने लगती है. यह स्थिति केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में गड़बड़ी के कारण होती है. ऐसे में कई बार अवसाद कई तरह से अधिक थकान का कारण बन सकता है. 2015 में हुए एक अध्ययन में यह पाया गया कि थकान का अनुभव करने वाले व्यक्तियों में दर्द, अवसाद, सोने में कठिनाई और चिंता का स्तर अधिक पाया गया.

इलाज

अवसाद की वजह से होने वाली थकान के लिए नीचे बताए गए इलाज लाभकारी हो सकते हैं -

  • डॉक्टर की सलाह पर एंटीडिप्रेसेंट दवाइयां ले सकते हैं.
  • थेरेपी का सहारा ले सकते हैं.

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फाइब्रोमायल्जिया

फाइब्रोमायल्जिया एक प्रकार का दर्द विकार होता है. हालांकि, इसके पीछे की वजह अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि यह वंशानुगत हो सकता है. इसमें व्यक्ति को दर्द की तीव्र शिकायत हो सकती है. ऐसे में दर्द के कारण लोगों को थकावट अधिक महसूस होती है, खासतौर से सुबह के वक्त में अधिक थकावट हो सकती है. एक्टिविटी करने या न करने से यह स्थिति प्रभावित हो सकती है. यह व्यक्ति की नींद को भी प्रभावित करता है. 

इलाज

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हृदय रोग

कई बार हृदय रोग से भी सडन फटीग सिंड्रोम हो सकता है. बता दें कि हृदय रोग चार अलग-अलग कंडीशन को रेफर करता है -

इलाज

हृदय रोग के इलाज के विकल्पों में निम्नलिखित शामिल हैं -

  • स्टैटिन और एस्पिरिन से स्ट्रोक व हृदय रोग की जटिलताओं को रोकने में मदद मिल सकती है.
  • सुनिश्चित करें कि आपका कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप और ग्लूकोज सामान्य हो.
  • धूम्रपान छोड़ना, स्वस्थ आहार लेना और शारीरिक गतिविधि करने से जटिलताओं को रोकने में मदद मिल सकती है.

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गठिया

अर्थराइटिस खासतौर से रूमेटाइड अर्थराइटिस थकान का कारण बन सकता है. इस दौरान व्यक्ति को कमजोरी व जोड़ों में जकड़न महसूस हो सकती है. कुछ लोगों को थकान की समस्या भी महसूस हो सकती है.

इलाज

इस समस्या के चलते होने वाली थकान को दूर करने का इलाज कुछ इस प्रकार हो सकता है -

  • शारीरिक गतिविधि, फिजिकल थेरेपी और एक्यूपंक्चर
  • एंटी इंफ्लेमेटरी दवाएं और कॉर्टिकोस्टेरॉइड
  • एंटीह्यूमेटिक दवाएं

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स्लीप एपनिया

स्लीप एपनिया ऐसी स्थिति है, जहां नींद के दौरान ऊपरी वायुमार्ग ठीक से काम नहीं करता है. इससे खर्राटे आते हैं और नींद में परेशानी होने लगती है. एपनिया वाले लोग इस रुकावट के कारण 10 या अधिक सेकंड के लिए सांस लेना बंद कर सकते हैं. ये उन लोगों को अधिक होता है, जो शराब का सेवन करते हैं या धूम्रपान करते हैं. इस स्थिति में व्यक्ति को थकान महसूस हो सकती है. गले में खराशसेक्स ड्राइव में कमी व याददाश्त में कमी स्लीप एपनिया के लक्षण हैं. 

इलाज

स्लीप एपनिया का लक्षण इस प्रकार किया जा सकता है -

  • स्वस्थ व संतुलित आहार खाना और व्यायाम करना.
  • शराब का सेवन बिल्कुल न करना.
  • पेट या पीठ के बजाय करवट लेकर सोना.
  • वायुमार्ग दबाव मशीन का उपयोग करना.
  • खर्राटे कम करने के उपकरण का उपयोग करना.

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डायबिटीज

थकान की एक वजह डायबिटीज भी है. शोधकर्ताओं का मानना ​​​​है कि इंसुलिन की कमी होने पर शरीर ऊर्जा के लिए कार्बोहाइड्रेट की जगह वसा पर निर्भर होता है. यह रासायनिक परिवर्तन का कारण बनता है, जिस कारण थकान होने लगती है. इस दौरान सिर्फ शारीरिक थकान ही नहीं, बल्कि मानसिक थकान का भी सामना करना पड़ सकता है.

इलाज

आइए, अब जानते हैं कि डायबिटीज की अवस्था में थकान से बचने के लिए क्या करना चाहिए -

  • इंसुलिन का इंजेक्शन लेना.
  • सही व संतुलित डाइट लेना.
  • कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर स्तर को मैनेज करना.

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सडन एक्सट्रीम फटीग से बचाव के लिए कुछ टिप्स को फॉलो किया जा सकता है, जो इस प्रकार हैं -

  • रोज एक ही स्लीप रूटीन फॉलो करना यानी हर रोज एक ही तय वक्त पर सोना व उठना.
  • बेड पर जाने से पहले थोड़ी देर रिलैक्स करना.
  • सोने से पहले किसी तरह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, जैसे - मोबाइल व टैब के उपयोग से बचना.
  • बेडरूम का तापमान सही रखना और लाइट्स कम रखना.
  • दिन के वक्त योग या व्यायाम करना.
  • सोने से पहले भारी खाना न खाना और शाम के वक्त कैफीन का सेवन न करना. 

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सडन एक्सट्रीम फटीग भले ही सामान्य लगे, लेकिन इसे बिल्कुल भी अनदेखा न करें. हमने यहां इसके कारणों को विस्तारपूर्वक बताया है, ताकि आप इसे गंभीरता से लें. इसलिए, अगर कभी भी अधिक थकान महसूस हो, तो उसके पीछे के कारण को जानने का प्रयास करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क कर उसका इलाज करवाएं.

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