पेशाब करने में दर्द और जलन होना एक आम समाया है जो बहुत लोगों को प्रभावित करती है, लेकिन महिलाओं को ये समस्या अधिक होती है क्योंकि उनका मूत्रपथ छोटा होता है। पेशाब में दर्द और जलन ज्यादातर मूत्र मार्ग के संक्रमण का एक लक्षण होता है, खासकर मूत्राशय और मूत्रपथ में संक्रमण का। इसके अन्य कारण हैं गुर्दे की पथरी, प्रोस्टेट बढ़ने से हुए इन्फेक्शन, सर्जरी के कारण मूत्रपथ में लगी चोट और यौन संचारित समस्याओं के कारण पेशाब में रुकावट। पेशाब में दर्द होने पर लोगों को पेशाब करते समय जलन या ऐसा दर्द होता है जैसा कट जाने पर अनुभव किया जाता है।

पेशाब में दर्द के इलाज के लिए होम्योपैथिक उपचार बहुत अच्छा है क्योंकि इसमें व्यक्ति के लक्षणों, बीमारी और उसके जीवन के अलग-अलग पहलुओं के आधार पर उचित दवा को चुना जाता है। ये उपचार समस्या के कारण को ठीक करता है, जिससे पेशाब के दौरान दर्द व जलन की समस्य ठीक होती है। एक योग्य होम्योपैथिक डॉक्टर द्वारा चुनी गई उचित दवा से रोगी का सामान्य स्वास्थ्य भी बेहतर होता है और बीमारी भी ठीक होती है। पेशाब में दर्द के मुख्य उपचार के साथ उपयोग की जाने वाली कुछ होम्योपैथिक दवाएं हैं, बेलाडोना (Belladonna), बर्बेरिस वल्गैरिस (Berberis vulgaris), नक्स वोमिका (Nux Vomica), लाइकोपोडियम क्लैवाटम (Lycopodium Clavatum), सार्सपरीला (sarsaparilla) और तेरेबाइन्थीना (Terebinthina)।

  1. होम्योपैथी में पेशाब में दर्द और जलन का उपचार कैसे होता है - Homeopathy me peshab me dard aur jalan ka ilaj kaise hota hai
  2. पेशाब में दर्द और जलन की होम्योपैथिक दवा - Peshab me dard aur jalan ke liye homeopathic medicine
  3. होम्योपैथी में पेशाब में दर्द और जलन के लिए खान-पान और जीवनशैली के बदलाव - Homeopathy me peshab me dard aur jalan ke khan-pan aur jeevanshaili me badlav
  4. पेशाब में दर्द और जलन के होम्योपैथिक इलाज के नुकसान और जोखिम कारक - Peshab me dard aur jalan ke homeopathic upchar ke nuksan aur jokhim karak
  5. पेशाब में दर्द और जलन के लिए होम्योपैथिक उपचार से जुड़े अन्य सुझाव - Peshab me dard aur jalan ke homeopathic upchar se jude anya sujhav
पेशाब में दर्द और जलन की होम्योपैथिक दवा और इलाज के डॉक्टर

होम्योपैथी, समानताओं पर आधारित एक विज्ञान है। इसमें ऐसा माना जाता है कि अगर किसी पदार्थ से एक स्वस्थ व्यक्ति में कुछ लक्षण पैदा हो रहे हैं, तो किसी समस्या के कारण होने वाले उन्हीं लक्षणों के इलाज के लिए उस पदार्थ का उपयोग किया जा सकता है। व्यक्ति के लक्षणों को जानने के लिए रोगी का शारीरिक परीक्षण किया जाता है और उसे पहले हुए रोगों की भी जानकारी ली जाती है। इसके बाद इन लक्षणों को अलग-अलग दवाओं से होने वाले लक्षणों से मिलाया जाता है ताकि उसके लिए उचित दवा चुनी जा सके। इसके अलावा, व्यक्ति को कोई बीमारी होनेी संभावना भी उसके लिए दवा चुनने में एक अहम भूमिका निभाती है। पेशाब में दर्द व जलन होने की समस्या किसी ऐसी बिमारी के कारण होती है, जिससे मूत्रमार्ग को या उसके कार्य नुकसान पहुंचता है।

सब कुछ ध्यान में रखते हुए चुनी गई उचित दवा से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली उत्तेजित होती है, जिससे पेशाब में दर्द होने से संबंधित लक्षणों में आराम मिलता है। होम्योपैथिक दवाओं को बहुत ही कम मात्रा में दिया जाता है, ताकि इससे बिना किसी दुष्प्रभाव के व्यक्ति का सही उपचार किया जा सके।

(और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के घरेलू उपाय)

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पेशाब करने में दर्द के लिए उपयोगी होम्योपैथिक दवाएं नीचे दी गई हैं:

  • नक्स वोमिका (Nux Vomica)
    सामान्य नाम: पाइजन नट (Poison nut)
    ​लक्षण: ये दवा उन लोगों के लिए अधिक असरदार है जो बुद्धिमान हैं, घबराए रहते हैं, चिड़चिड़े हैं, गलत भाषा का उपयोग करते हैं और जिन्हें बार-बार अपच व कब्ज की समस्या होती है। ऐसे लोगों को शराब या कॉफी पीने की आदत होती है। निम्नलिखित लक्षण को इस दवा से ठीक किया जा सकता है:

    • मूत्राशय में संक्रमण, किडनी स्टोन और मूत्राशय से संबंधित यौन संचारित रोगों के कारण होने वाले पेशाब में जलन व दर्द। (और पढ़ें - पथरी का दर्द कैसा होता है)
    • पेशाब करते समय पेट और जननांग क्षेत्र में दर्द।
    • तेज जलन के साथ पेशाब का बूंद-बूंद कर टपकना।
    • थोड़ी-थोड़ी देर में पेशाब करने की इच्छा होना, लेकिन ज़ोर लगाने के बाद भी मूत्र की कुछ बूंदें ही निकलना।
    • संक्रमण होने पर पेशाब में गाढ़ा सफ़ेद पदार्थ निकलना।
    • कभी-कभी पेशाब में थोड़ा खून भी आना। (और पढ़ें - पेशाब में खून आने के कारण)
    • बियर पीने के बाद पेशाब करने में बहुत अधिक दर्द होना।
    • पेशाब करते समय मूत्राशय की मांसपेशियों के संकुचन के कारण दबाव व दर्द होना।
    • मूत्राशय में स्टोन के कारण पेशाब करते समय दर्द होना और उसमें लाल रंग का पदार्थ निकलना जो ईंट की मिट्टी की तरह लगता है।
    • शराब पीने से, ठंड में व छूने से दर्द बढ़ जाना और आराम करने से, नम मौसम में व प्रभावित क्षेत्र में दबाव बनाने से दर्द बेहतर होना।

एक अध्ययन में पाया गया कि नक्स वोमिका से एक व्यक्ति की मूत्राशय की पथरी को निकाला जा सका, जिसे पथरी के साथ किडनी के क्षेत्र में दर्द और पेशाब करने में दर्द की समस्या थी।

  • कैंथारिस वेसिकाटोरिया (Cantharis Vesicatoria)
    सामान्य नाम: स्पेनिश फ्लाई (Spanish fly)
    ​लक्षण: ये दवा उन लोगों के लिए अच्छी है जिन्हें यूटीआई और किडनी से संबंधित समस्याएं हैं। नीचे दिए लक्षणों को अनुभव करने पर ये दवा दी जाती है:

    • मूत्रमार्ग में पथरी और यौन संचारित समस्याओं के कारण होने वाले इन्फेक्शन, जैसे गोनोरिया के कारण पेशाब करने में दर्द।
    • थोड़ी-थोड़ी देर में पेशाब करने की इच्छा होना और पेशाब करते समय तेज दर्द होना।
    • बार-बार तेज पेशाब आना, लेकिन हर बार कुछ बूंदों से अधिक पेशाब न निकलना। (और पढ़ें - बार बार पेशाब आने का इलाज)
    • पेशाब करने से पहले, दौरान और बाद में तेज पेट के निचले हिस्से में दर्द होना, जैसे कटने पर होता है।
    • तेज दर्द के कारण चीख निकलना और झुक जाना।
    • पेशाब में खून या ईंट की मिट्टी जैसा लाल पदार्थ निकलना, खाकसार मूत्र पथ में पथरी के मामलों में।
    • बिना पेशाब किए भी मूत्रमार्ग में लगातार जलन होना।
    • छूने से, पानी जैसे ठंडे पेय पदार्थ से, कॉफी से और पेशाब करते समय लक्षण बदतर हो जाना। (और पढ़ें - गुनगुना पानी पीने के फायदे)
    • दर्द वाली जगह को रगड़ने से आराम मिलना।

एक अध्ययन में कैंथारिस दवा का ‘ई कोली’ बैक्टीरिया की वृद्धि पर असरदार प्रभाव देखा गया। ई कोली बैक्टीरिया के कारण मूत्रमार्ग का संक्रमण होता है, जो पेशाब में दर्द और जलन का एक मुख्य कारण है।
ऐसे ही एक अन्य अध्ययन से ये साबित हुआ कि इस दवा से जानवरों को होने वाले मूत्राशय के इन्फेक्शन भी ठीक किए जा सकते हैं। मूत्राशय संक्रमण भी पेशाब में दर्द व जलन का एक मुख्य कारण है।
हाल ही में की गई एक खोज के अनुसार, कैंथारिस के साथ दो अन्य होम्योपैथिक दवाओं को उपयोग करने से बार-बार होने वाले मूत्रमार्ग के संक्रमण को रोका जा सकता है।

  • लाइकोपोडियम क्लैवाटम (Lycopodium Clavatum)
    सामान्य नाम: क्लब मॉस (Club moss)
    ​लक्षण: ये दवा उन लोगों को दी जाती है जो बुद्धिमान हैं, लेकिन शारीरिक रूप से कमजोर हैं। इन्हें हल्का खाने के बाद भी गैस हो जाती है और कब्ज की समस्या रहती है। नीचे दिए लक्षणों को अनुभव करने पर इस दवा का उपयोग किया जाता है:

    • मूत्रमार्ग में संक्रमण, पथरी या प्रोस्टेट बढ़ने के कारण पेशाब करने में दर्द।
    • पेशाब करते समय अत्यधिक जलन।
    • यूटीआई के कारण पेशाब के साथ चिपचिपा बलगम निकलना।
    • पेशाब करने के कुछ देर बाद तक जलन रहना।
    • बार-बार पेशाब आना, खासकर रात के समय।
    • कभी-कभी पेशाब करने में दर्द होने के साथ उसमें गुर्दे की पथरी टूटने के कारण लाल पदार्थ आना।
    • प्रोस्टेट बढ़ने के कारण पेशाब करते समय दर्द के साथ पेट के निचले हिस्से में दर्द और भारीपन महसूस होना। (और पढ़ें - पेडू में दर्द के उपाय)
    • बच्चों को पेशाब करते समय दर्द होना।
    • पेशाब करने से डर लगना, खासकर बच्चों को।
    • गर्मी से व शाम को 4 से 8 बजे के बीच दर्द बढ़ जाना और हिलने-डुलने से, आधी रात के बाद और गर्म खान-पान से बेहतर हो जाना।​

एक अध्ययन में बढ़े हुए प्रोस्टेट पर लाइकोपोडियम क्लैवाटम का असर देखा गया, जिससे बार-बार पेशाब आता है और पेशाब करते समय दर्द होता है।

  • स्टैफिसैग्रिया (Staphisagria)
    सामान्य नाम: स्टेव्सेकर (Stavesacre)
    ​लक्षण: ये दवा उन लोगों को सूट करती है जो चिंतित रहते हैं, पतले हैं और उन्हें डिप्रेशन होने की संभावना अधिक होती है। नीचे दिए लक्ष्णों में इस दवा का उपयोग किया जाता है:

    • प्रोस्टेट बढ़ने के कारण, मूत्राशय के संक्रमण के कारण या किसी सर्जरी के बाद पेशाब करने में दर्द होने की समस्या होना।
    • पेशाब करते समय तेज दर्द और जलन।
    • बहुत कम पेशाब आना या बूंद-बूंद कर पेशाब निकलने के साथ अत्यधिक जलन।
    • कब्ज होने पर और हिलने-डुलने पर जलन बढ़ जाना। (और पढ़ें - कब्ज दूर करने के तरीके)
    • ऐसा लगना जैसे मूत्रमार्ग में पेशाब की एक बूंद घूम रही है।
    • पेशाब करने के तुरंत बाद फिर से पेशाब करने की इच्छा होने के साथ दर्द होना।
    • ज्यादा देर तक मेहनत का काम करने के बाद पेशाब करने में मुश्किल होना।
    • अधिक सेक्स करने के बाद और दर्द वाले क्षेत्र को छूने से दर्द बढ़ जाना। सिकाई करने से या आराम करने से दर्द बेहतर होना। (और पढ़ें - सेक्स पावर कैसे बढ़ाएं)

अध्ययनों से ये पाया गया है कि स्टैफिसैग्रिया से बार-बार यूटीआई संक्रमण और प्रोस्टेट बढ़ने का इलाज किया जा सकता है। इन दोनों ही समस्याओं से पेशाब करने में दर्द की समस्या होती है।

  • थूजा ऑक्सिडेंटलिस (Thuja Occidentalis)
    सामान्य नाम: आर्बर विटै (Arbor vitae)
    ​लक्षण: ये दवा उन लोगों के लिए है जिन्हें लिम्फ नोड्स में सूजन व ग्रंथियों की सूजन होने की संभावना होती है और उन्हें मस्से होते है। नीचे दिए लक्षणों के लिए इस दवा का उपयोग किया जाता है:

    • यौन संचारित रोगों और बढे हुए प्रोस्टेट के कारण पेशाब में दर्द होना। (और पढ़ें - प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण)
    • पेशाब करते समय चुभन वाला दर्द और जलन, जो पेशाब करने के कुछ समय बाद तक रहती है।
    • ऐसा महसूस होना जैसे पेशाब करने के बाद मूत्रमार्ग में बूंद-बूंद करके पेशाब गिर रहा है।
    • अपने आप पेशाब निकल जाना, खासकर रात के समय और खांसी करते समय। (और पढ़ें - पेशाब न रोक पाने के कारण)
    • पेशाब में किडनी स्टोन निकलने के साथ जलन वाला दर्द होना, जिससे खुजली होती है।
    • रात के समय, कॉफी पीने से और लेटने पर बेड की गर्मी से लक्षण बदतर हो जाना।
    • पैरों को पेट की तरफ मोड़ने से लक्षण बेहतर होना।

कुछ खान-पान और जीवनशैली की आदतों का होम्योपैथिक दवाओं के कार्य पर दुष्प्रभाव हो सकता है। इसी कारण, होम्योपैथिक उपचार के साथ आपको कुछ सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है, जिनके बारे में नीचे दिया गया है:

क्या करें:

क्या न करें:

एक योग्य होम्योपैथिक डॉक्टर द्वारा चुनी गई उचित दवा से व्यक्ति कोई दुष्प्रभाव अनुभव नहीं होते हैं। हालांकि, कुछ मामलों में इन दवाओं से ऐसे प्रभाव या लक्षण होते हैं जो बीमारी से संबंधित नहीं होते। ऐसा तब होता है जब दवा की खुराक व्यक्ति को शारीरिक या मनसिक रूप से सूट नहीं करती। इसी कारण, किसी भी हालत में आपको बिना डॉक्टर की सलाह लिए दवा नहीं लेनी चाहिए।

(और पढ़ें - पेशाब में दर्द के घरेलू उपाय)

पेशाब करने में दर्द व जलन के इलाज लिए होम्योपैथी एक बहुत अच्छा विकल्प है। कई अद्यय्यनों से ये साबित हुआ है कि ऐसी समस्याओं व बीमारियों का इलाज भी होम्योपैथिक दवाओं से किया जा सकता है जिनके लिए सर्जरी आवश्यक होती है। व्यक्ति के लक्षणों और अन्य कारक को ध्यान में रखते हुए दी गई उचित होम्योपैथिक दवा के कोई जोखिम कारक और दुष्प्रभाव नहीं होते।

(और पढ़ें - प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी कैसे होती है)

Dr. Anmol Sharma

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DR. JITENDRA SHUKLA

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संदर्भ

  1. American Family Physician. Dysuria: Evaluation and Differential Diagnosis in Adults. Am Fam Physician. 2015 Nov 1;92(9):778-788. American Academy of Family Physicians
  2. P Paul Sumithran. A case of multiple urinary calculi. Indian Journal of Research in Homoeopathy, 2016
  3. Cidélide Paula Coelho; et al. Homeopathic medicine Cantharis modulates uropathogenic E. coli (UPEC)-induced cystitis in susceptible mice. Cytokine Volume 92, April 2017, Pages 103-109
  4. John Henry Clarke. A Dictionary of Practical Materia Medica. A Dictionary of Practical Materia Medica; Médi-T
  5. Constantine Hering. A Dictionary of Practical Materia Medica. The Guiding Symptoms of Our Materia Medica; ; Médi-T

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