प्रत्येक व्यक्ति काले और घने बालों की चाहत रखता है। बालों का असमय झड़ना किसी को अच्छा नहीं लगता। बाल झड़ने का सीधा असर खूबसूरती पर पड़ता है। कम बालों के कारण इंसान उम्र में भी अधिक लगता है। वर्तमान समय में यह समस्या बहुत तेज़ी से बढ़ रही है।

एक अध्ययन के अनुसार, पुरुषों में बाल झड़ने की समस्या महिलाओं की तुलना में अधिक पायी जाती है। लेकिन बालों का झड़ना और पतला होना महिलाओं में भी कम नहीं है लेकिन इसके कारण ज़रूर भिन्न भिन्न हो सकते हैं। बालों का झड़ना रोका भी जा सकता है लेकिन इसके लिए ज़रूरी है सही कारण का पता होना। तो आइये जानते हैं कुछ ऐसे ही कारण जिनकी वजह आपके बाल झड़ रहे हैं। 

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  1. महिलाओं में बाल झड़ने के कारण
  2. पुरुषों के बाल किस वजह से झड़ते हैं
  3. पोषक तत्वों की कमी से बाल गिरते हैं
  4. दवाओं के कारण भी झड़ते हैं बाल
  5. बीमारियों के कारण बाल झड़ते हैं
  6. शारीरिक तनाव है बाल गिरने का कारण
  7. मानसिक तनाव से बढ़ता है बाल का झड़ना
  8. अचानक वज़न कम होने से भी बालों का गिरना बढ़ता है
  9. आनुवंशिक है बाल झड़ने का कारण
  10. सारांश
  11. बाल गिरने के कारण के डॉक्टर

महिलाओं में गर्भावस्था हॉर्मोन में परिवर्तन के कारण बालों का झड़ना बहुत ही आम समस्या है। यह भी एक प्रकार का टेलोजेन एफ्फ्लूवियम ही है और अगर आपके पूर्वजों में भी यह समस्या रही हो तो यह और भी प्रबल होता है। रजोनिवृत्ति के दौरान हॉर्मोनो में परिवर्तन के कारण भी बाल झड़ते हैं। इस समय बालों की फॉलिकल छोटी हो जाती हैं जिस कारण आपके बाल अधिक झड़ते हैं। (और पढ़ें - दोमुंहे बालों का आसान इलाज हैं यह देसी नुस्खे)

महिलाओं में बाल झड़ने के अन्य कारण निम्नलिखित हैं :

  1. खून की कमी (एनीमिया) है बाल गिरने का कारण
  2. बालों पर अत्यधिक प्रयोग है बाल गिरने का कारण
  3. पीसीओएस में बढ़ जाता है बालों का झड़ना
  4. गर्भावस्था है बाल झड़ने का मुख्य कारण

खून की कमी (एनीमिया) है बाल गिरने का कारण

आजकल खून की कमी महिलाओं में बहुत बड़ी समस्या बन गयी है। 20 में से 10 महिलाएं एनीमिया का शिकार होती हैं। शरीर में आयरन की कमी के कारण एनीमिया होता है। एनीमिया से पीड़ित लोगों के बाल नाजुक और पतले होते हैं। शरीर में आयरन की कमी के कारण लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होती है। ये लाल रक्त कोशिकाएं बालों के रोम सहित पूरे शरीर में ऑक्सीजन को पहुंचाने का काम करती हैं। पर्याप्त ऑक्सीजन के बिना बालों के विकास और मजबूती के लिए जरूरी आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं जिसके कारण बाल झड़ने की समस्या पैदा हो जाती है। द जर्नल ऑफ़ द अमेरिकन अकादमी ऑफ़ डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित 2006 के एक अध्ययन में कहा गया है कि आयरन की कमी बालों के झड़ने का मुख्य कारण होता है। इसके कारण एलोपेशीया एरेटा, पुरूषों में गंजापन और डिफ्यूज हेयर लॉस संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं। यदि आप में आयरन की कमी है तो आप आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें या अपने डॉक्टर से परामर्श के बाद आयरन के पूरक लें। (और पढ़ें – बालों के लिए किस हेयर आयल का इस्तेमाल करें और कैसे, जानिए फेमस हेयर एक्सपर्ट जावेद हबीब से)

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बालों पर अत्यधिक प्रयोग है बाल गिरने का कारण

नित्य बालों पर नया प्रयोग या उन्हें स्ट्रेटनिंग और ड्रायर की सहायता से सुन्दर बनाने की चाहत आपको बहुत बड़ा नुकसान दे सकती है। इन सभी उपकरणों और अत्यधिक शैम्पू, कलर आदि के उपयोग से भी बाल बेजान हो जाते हैं और अपनी प्राकृतिक चमक खो देते हैं। ये सभी केमिकल युक्त पदार्थ होते हैं जो सीधा बालों की जड़ों को प्रभावित करते हैं।

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पीसीओएस में बढ़ जाता है बालों का झड़ना

पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (पीसीओएस) महिलाओं में बाल झड़ने की समस्या का एक अन्य रूप है। एण्ड्रोजन (पुरुष हॉर्मोन) की अधिकता के कारण महिलाओं में ओवरियरन सिस्ट या ओवरियन कैंसर, वज़न बढ़ना, मधुमेह की सम्भावना, मासिक धर्म में परिवर्तन, बांझपन, साथ ही साथ बालों का पतला होना आदि समस्याएं होती हैं क्योंकि पीसीओएस में पुरुष हॉर्मोन अधिक प्रभावी होता है। इसी के प्रभाव स्वरुप महिलाओं के शरीर और चेहरे पर बाल आते हैं। (और पढ़ें – बांझपन का घरेलू इलाज

गर्भावस्था है बाल झड़ने का मुख्य कारण

प्रेगनेंसी, शारीरिक तनाव का ही एक प्रकार है जिसमें बाल झड़ने का समस्या होती ही है। गर्भावस्था में बाल झड़ने की समस्या बच्चे के जन्म के बाद अधिक होती है।

गत 60 वर्षों से, 3 में से 2 पुरुष बाल झड़ने की समस्या का सामना कर रहे हैं। कई बार तो यह पुरुषों में सेक्स हॉर्मोन में परिवर्तन के कारण होता है। कभी कभी यह इतना प्रबल होता है कि गंजेपन का कारण बन जाता है। पुरुषों में बाल झड़ने के अन्य कारण निम्नलिखित हैं :

(और पढ़ें - पुरुषों में बाल झड़ने के कारण)

  1. लंबे बाल भी हैं बाल झड़ने का कारण
  2. हेलमेट का प्रयोग बढ़ता है बालों का झड़ना
  3. धूम्रपान से बढ़ता है बालों का झड़ना
  4. बालों के झड़ने का कारण है भरी हुई धमनियां

लंबे बाल भी हैं बाल झड़ने का कारण

जोशुआ जीचनर (Joshua Zeichner), न्यूयॉर्क के माउंट सिनाई अस्पताल में त्वचाविज्ञान में कॉस्मेटिक और क्लीनिकल रिसर्च की निदेशक कहती हैं " अगर आपके बाल लंबे हैं और आप उन्हें बांधते भी हैं तो इससे सर की त्वचा पर तनाव बढ़ता है जो बालों को पतला या कमज़ोर करने का काम करता है। इस स्थिति को ट्रैक्शन एलोपेशीया (Traction Alopecia) भी कहते हैं जो बालों के झड़ने का एक कारण है।"

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हेलमेट का प्रयोग बढ़ता है बालों का झड़ना

अगर आप लंबे समय के लिए हेलमेट पहनकर दोपहिया वाहन चलाते हैं तो यह अच्छी आदत आपके बालों को नुकसान पहुंचा सकती है। हेलमेट से आपके बालों पर तनाव बढ़ता है और वो खिंचते हैं जिस कारण वो गिरते भी हैं। यदि आपको डैंड्रफ या सिर की त्वचा सम्बन्धी और कोई समस्या पहले से है तो पसीने से बालों की जड़ें और कमज़ोर होंगी। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप हेलमेट पहनना छोड़ दें। आप हेलमेट पहनने से पहले कोई रुमाल अपने सर पर बाँध कर फिर हेलमेट पहन सकते हैं इससे पसीना रुमाल सोख लेगा जिससे बालों की जड़ें खराब होने से बचेंगी।

धूम्रपान से बढ़ता है बालों का झड़ना

धूम्रपान वाले पदार्थों में उपस्थित जीनोटॉक्सिकेंट्स (genotoxicants) बालों के रोम के डी एन ए को नष्ट कर देता है। आपके बाल इन्हीं बालों के रोमों से बने होते हैं। यही बालों के बढ़ने का कारण होते हैं। अगर ये एक बार नष्ट हो जाते हैं तो आपके बालों का बढ़ना धीमा हो जाता है या बंद हो जाता है। 

(और पढ़ें – धूम्रपान छोड़ने के सरल तरीके)

बालों के झड़ने का कारण है भरी हुई धमनियां

अवरोधित धमनियां (Clogged arteries) पुरुषों के बालों के झड़ने का कारण बन सकती हैं। वास्तव में इसके कारण पुरुषों में पैर के बालों के झड़ने की भी समस्या होती है। द आर्काइव्ज ऑफ़ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित 2000 के अध्ययन में पाया गया की पुरुषों में गंजेपन और कोरोनरी हृदय रोग दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अपने बहुमूल्य बालों की रक्षा करने के लिए अपने दिल की देखभाल करना भी महत्वपूर्ण है। अपने हृदय की समय समय पर जांच कराते रहिये। साथ ही धूम्रपान और मदिरा के सेवन से बचें। रोजाना व्यायाम करें और अपने दिल की हालत में सुधार करने के लिए अपने शरीर से वसा कम करें।

(और पढ़ें – क्षतिग्रस्त बालों के घरेलू उपचार)

बालों को स्वस्थ्य बनाये रखने के लिए सबसे ज़रूरी है भोजन में मौजूद पोषक तत्व। इसलिए संतुलित आहार में कमी का मतलब बालों को नुकसान। बिगड़ी हुई खान पान की आदतें, अस्वास्थ्यकर भोजन आपको ज़रूरी पोषक तत्वों से वंचित रखते हैं।

(और पढ़ें – बालों को झड़ने से रोकने के लिए ये पांच पोषक तत्व अपनी डाइट में ज़रूर करें शामिल)

आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ पोषक तत्वों के असंतुलन से क्या होता है आपके बालों पर असर :

  1. प्रोटीन की कमी है बाल झड़ने का कारण
  2. विटामिन ए की अधिकता से बाल गिरते हैं
  3. बाल झड़ने का कारण है जिंक की कमी
  4. विटामिन बी की कमी से बाल झड़ते हैं

प्रोटीन की कमी है बाल झड़ने का कारण

अगर आप अपनी डाइट में प्रोटीन की कम मात्रा ले रहे हैं तो आपका शरीर बालों के लिए प्रोटीन की खपत को बंद कर देता है ताकि पहले शरीर की आवश्यकता पूरी हो सके। इस कारण प्रोटीन की कमी होने से बालों का झड़ना बढ़ जाता है। त्वचावैज्ञानिक के अनुसार, प्रोटीन की कमी होने के 2-3 महीनों के बाद असर पता चलता है। हमारे बाल केरेटिन नामक प्रोटीन से बने हुए हैं। प्रोटीन का हमारे बालों के विकास और गुणवत्ता से सीधा सम्बन्ध होता है। हार्मोन के ऊतक की मरम्मत को नियंत्रित करने के साथ साथ शरीर के भीतर विभिन्न कार्यों के लिए प्रोटीन महत्वपूर्ण होता है। ज्यादातर लोग अपर्याप्त प्रोटीन लेते हैं। लेकिन खराब अवशोषण के कारण भी हमारे शरीर में प्रोटीन की कमी हो सकती है। यदि आप पर्याप्त प्रोटीन नहीं लेते हैं तो आपको अपने भोजन में मांस, मुर्गी, मछली, बीन्स, सोया उत्पादों, बादामदही और अंडे को शामिल करना चाहिए।  (और पढ़ें –  डल और ड्राई बालों के लिए ज़रूर करें इस हेयर मास्क का इस्तेमाल)

विटामिन ए की अधिकता से बाल गिरते हैं

विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थ या दवाओं का अत्यधिक सेवन भी बाल टूटने का कारण बन सकता है। अमेरिकी अकादमी के त्वचाविज्ञान के अनुसार, विटामिन ए की प्रतिदिन की खपत 5000 आईयू (इंटरनेशनल यूनिट) वयस्कों के लिए और 2500-10,000 आईयू चार साल से बड़े बच्चों के लिए होनी चाहिए। 

(और पढ़ें - बाल टूटने के कारण)

बाल झड़ने का कारण है जिंक की कमी

शरीर में जिंक की कमी बालों के नाजुक होने, कमजोर होने और टूटने का कारण होती है। जिंक की कमी सिर के बालों के साथ साथ आइब्रो और पलकों के बालों को भी प्रभावित करती है। जिंक एक महत्वपूर्ण खनिज है जो ऊतकों के विकास और उन्हें ठीक करने में मदद करता है। यह बालों के रोम से जुड़ी तेल-स्रावित ग्रंथियों के रखरखाव में मदद करता है। इसलिए जब शरीर में जस्ता की कमी होती है यह सीधे बालों के विकास को प्रभावित करता है। इसके अलावा जिंक की कमी से शरीर में प्रोटीन की कमी होने लगती है। प्रोटीन बालों को बनाने में मदद करता है। द इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ ट्रिचोलोजी के अनुसार, जिंक की कमी हाइपोथायरायडिज्म से जुड़ी है जो बालों के झड़ने का एक मुख्य कारण है। जिंक की कमी को पूरा करने के लिए अपने आहार में ब्राजील नट्स, अखरोट, काजू और बादाम जैसे नट्स का सेवन करें।

(और पढ़ें – बालों को टूटने से रोकने के लिए हेयर मास्क)

विटामिन बी की कमी से बाल झड़ते हैं

विटामिन बी की कमी भी बालों के झड़ने का एक कारण है। हालांकि सभी विटामिन शरीर के लिए ज़रूरी हैं लेकिन विटामिन बी सीधा बालों को प्रभावित करता है। (और पढ़ें - विटामिन बी के स्रोत, फायदे और नुकसान)

कई प्रकार की दवाएं भी बालों के झड़ने का कारण बनती हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  1. अवसादरोधी दवाओं और ब्लड थिनर के कारण भी झड़ते हैं बाल
  2. ऐनबालिक स्टेरॉयड बढ़ाते हैं बालों का झड़ना

अवसादरोधी दवाओं और ब्लड थिनर के कारण भी झड़ते हैं बाल

कुछ दवाओं के कारण भी बालों पर असर पड़ता है। इन दवाओं में ब्लड थिनर और ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने वाली दवाएं प्रमुख हैं जिन्हें बीटा ब्लॉकर्स भी कहा जाता है। इनके अलावा कुछ अवसादरोधी दवाएं भी बाल झड़ने का बहुत बड़ा कारण हैं। (और पढ़ें - उच्च रक्तचाप के घरेलू उपचार)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

ऐनबालिक स्टेरॉयड बढ़ाते हैं बालों का झड़ना

यदि आप एनाबॉलिक स्टेरॉयड लेते हैं जैसे कुछ खिलाड़ी अपनी ऊर्जा बढ़ाने के लिए खेलने से पहले लेते हैं जिससे वे अधिक स्फूर्ति के साथ प्रदर्शन कर पाते हैं, ऐसे स्टेरॉयड भी बाल झड़ने का कारण होते हैं। एनाबॉलिक स्टेरॉयड शरीर पर पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम) के सामान ही असर डालते हैं।

बालों के झड़ने का कारण है एलोपेशीया एरेटा

बालों के झड़ने का एक मुख्य कारण एलोपेशीया एरेटा विकार है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली बालों की जड़ों पर हमला करती है और बाल झड़ने लगते हैं। यह विकार महिला और पुरुष दोनों को प्रभावित करता है। यह विकार 20 साल से कम उम्र के लोगों में सबसे आम है लेकिन यह किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। (और पढ़ें – बालों के झड़ने और सफेद होने से रोकने के लिए आयुर्वेदिक सुझाव)

इस विकार में बाल गोल गोल पैच में सर से पूरी तरह गिर जाते हैं। इस विकार में सिर के सारे बाल नहीं गिरते हैं पर कभी कभी इस विकार के कारण शरीर के अन्य हिस्सों के बाल भी झड़ जाते हैं। इस रोग के सही कारण का अभी तक पता नहीं चला है लेकिन यह तनाव या वंशानुगत बीमारियों जैसे टाइप 1 डायबिटीज या रुमेटी गठिया के कारण भी हो सकता है। (और पढ़ें – बालों को झड़ने से रोकने के लिए जूस रेसिपी)
 
इस रोग का कोई इलाज नहीं है लेकिन कई उपचार विकल्प हैं जो आपके बालों को तेजी से बढ़ने में मदद कर सकते हैं और भविष्य में बालों को झड़ने से रोक सकते हैं। उपचार की जानकारी लेने के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

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ल्यूपस रोग है बाल गिरने का कारण

ल्यूपस एक प्रकार की ऑटोइम्‍यून बीमारी है इस स्थिति में शरीर अपने और बाहरी तत्वों में अंतर नहीं कर पाता और अपने शरीर के तत्वों को ही नष्ट कर देता है। जिसके कारण भी बाल झड़ने की समस्या होती है। इस बीमारी में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ ऊतकों पर हमला करती है और सूजन की समस्या पैदा करती है। इस रोग में त्वचा और खोपड़ी पर सूजन हो जाती है जिसके परिणामस्वरूप बाल झड़ने लगते हैं। ल्यूपस के मरीजों के बाल शैम्पू और ब्रश करने पर अधिक झड़ने लगते हैं। इसके अलावा उनके बाल शुष्क और खुरदरे हो जाते हैं। इसके अलावा ल्यूपस के कारण ऑटोइम्म्यून थायराइड रोग भी हो सकता है जो बालों के झड़ने का एक और सामान्य कारण है। द नार्थ अमेरिकन जर्नल ऑफ़ मेडिकल साइंसेज में प्रकाशित 2009 के एक अध्ययन में बताया गया है कि सिस्टमिक ल्यूपस एरीदीमॅटोसस (lupus erythematosus) के कारण बाल झड़ने की समस्या होती है।

(और पढ़ें – चमेली बालों में लगाने के साथ-साथ त्वचा के लिए भी है फायदेमंद)

हाइपोथायरायडिज्म भी है बाल गिरने का कारण

हाइपोथायरायडिज्म गले में उपस्थित ग्रंथि में वृद्धि के कारण होता है। इस स्थिति में यह ग्रंथि थाइरोइड हार्मोन का अधिक से अधिक स्रावण करती है। यह ग्रंथि शरीर की मेटाबोलिक प्रक्रिया, वृद्धि एवं विकास में भी सहायता करती है। जब यह सुचारु रूप से कार्य नहीं करती तो प्रतिक्रिया स्वरुप बालों के झड़ने की समस्या उत्पन्न होती है। अंडरएक्टिव थायराइड यानि असामान्य रूप से निष्क्रिय थायराइड पर्याप्त थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं करता और बालों के विकास को प्रभावित कर सकता है। यह सिर के साथ-साथ भौहों और शरीर के अन्य बालों की बनावट को भी प्रभावित कर सकता है। द जर्नल ऑफ क्लीनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित 2008 के एक अध्ययन ने बताया है कि थायराइड हार्मोन बालों के विकास के चक्र के साथ साथ बालों की रचना के कई पहलुओं को प्रभावित करता है। (और पढ़ें – अगर लंबे घने चमकदार बालों को लेकर हैं परेशान तो सौंदर्य गुरू शहनाज़ हुसैन के ये हेयर सीक्रेट्स आएँगे काम)

बाल खींचने की आदत हो सकती है बाल झड़ने के कारण

बाल खींचना [Trichotillomania (इस रोग से पीड़ित लोगों की बाल खींचने की आदत होती है)] यह एक प्रकार का अनियंत्रित विकार है जिसमें व्यक्ति का खुद की इस आदत पर नियंत्रण नहीं रहता। लगातार बाल खींचने से बालों की जड़ें त्वचा पर अपनी प्राकृतिक पकड़ को छोड़ देती हैं जिस कारण बाल कमज़ोर हो जाते हैं। यह रोग सामान्यतः टीन ऐज में होता है और महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक होता है।

खोपड़ी में संक्रमण से गिरते हैं बाल

एक अस्वस्थ स्कैल्प के कारण बालों के रोम में सूजन की समस्या हो सकती है जिससे बालों के बढ़ने में मुश्किल पैदा होती है। सिर का संक्रमण बालों के झड़ने का कारण बनता हैं। सिर के संक्रमण के विभिन्न प्रकार होते हैं। टिनिया कैपिटिस सबसे आम सिर का संक्रमण है। यह एक प्रकार का कवक संक्रमण होता है। ये कवक बाल के मृत ऊतकों पर रह सकते हैं और आसानी से फैल सकते हैं। ये कवक सिर के कुछ हिस्सों या पूरे सिर को प्रभावित कर सकते हैं। संक्रमित क्षेत्रों में अक्सर बाल निकल जाते हैं और छोटे काले डॉट्स रह जाते हैं। यह बीमारी अक्सर बच्चों को प्रभावित करती है और युवावस्था तक समाप्त होती है। हालांकि यह किसी भी उम्र में हो सकती है। द इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ ट्रिचोलोजी में प्रकाशित 2013 के एक अध्ययन में पाया गया कि 2,800 बच्चों में से 210 में बालों के झड़ने और खोपड़ी संबंधी विकारों की समस्या थी। इन 210 बच्चों में 40.0% टीनिया कैपिटिस की समस्या से ग्रस्त थे, वहीं 26.2% बच्चों में एलोपेशीया एरेटा की समस्या थी और 17.6% बच्चों में टेलोजेन एफ्लुवियम की समस्या थी। समय पर निदान और उपचार इस समस्या का इलाज करने में मदद कर सकता है।

(और पढ़ें – सिर में खुजली के लिए घरेलू उपचार)

कीमोथेरेपी भी है गंजेपन का कारण

कैंसर की बीमारी में आपके शरीर में जो कोशिकाओं की वृद्धि के लिए कोशिकाचक्र (cellcycle) चलता है वो विभाजन की प्रक्रिया बंद कर देता है जिस कारण नए बालों का विकास बंद हो जाता है और पुराने बाल उच्च डोस की दवा (कीमोथेरेपी) के प्रभाव से टूट जाते हैं। और परिणामस्वरूप आपको गंजेपन का सामना करना पड़ता है। (और पढ़ें - रोकें बालों का असमय झड़ना, गंजापन और एलोपेशीया इस असरदार इलाज से)

किसी भी प्रकार की शारीरिक चोट जैसे सर्जरी, कार दुर्घटना, गंभीर बीमारी या फ़्लू के कारण भी बाल झड़ते हैं। यह एक प्रकार का टेलोजेन एफ्लुवियम (Telogen effluvium) है जिसमें सिर की त्वचा विश्रामावस्था (Telogen phase) में जल्दी चली जाती है अर्थात और बालों का बनना रोक देती है। अगर आप इस तरह की किसी परिस्थिति का शिकार हैं तो इससे आपके बालों के जीवन चक्र पर असर पड़ेगा। न्यूयॉर्क शहर के त्वचा विशेषज्ञ के अनुसार, किसी भी दुर्घटना के तुरंत बाद यह पता नहीं चलता। 3-6 महीनों के उपरांत आपको परिवर्तन देखने को मिलता है। लेकिन जैसे ही हार्मोन सामान्य हो जाते हैं बालों के झड़ने की समस्या भी ठीक हो जाती है। 

(और पढ़ें – ये आम गलतियाँ जो आपके बालों को करती हैं खराब)

मानसिक तनाव में बाल शारीरिक तनाव की तुलना में अधिक झड़ते हैं। इसका कोई भी ऐसा कारण हो सकता है जो आपको बहुत ज्यादा सोचने पर मज़बूर करता है। जैसे, तलाक की स्थिति में, किसी प्रियजन की मृत्यु हो जाने पर, बूढ़े माता पिता की चिंता, नौकरी छूटने की तकलीफ आदि। हर प्रकार का मानसिक तनाव बाल झड़ने का कारण नहीं होता। अगर आप किसी बात को लगातार सोच रहे हैं या मानसिक रूप से दुखी हैं तो ज़रूर इस कारण बाल झड़ सकते हैं।

अचानक वज़न का कम होना भी एक प्रकार का शारीरिक तनाव ही है। अगर वज़न घटाना ज़रूरी भी है तो भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है। वज़न घटने की प्रक्रिया में आपके शरीर पर तनाव बढ़ता है या फिर खान पान की गलत आदत विटामिन और खनिज की कमी का कारण हो सकती है। खान पान की गलत आदत भी एक प्रकार की समस्या है जिसे एनोरेक्सिया (anorexia) या बुलीमिया (bulimia) भी कहा जाता है। (और पढ़ें - वजन नियंत्रित रखने के सरल उपाय)

इस संबंध में मेडलाइन प्लस का कहना है कि महिला हो या पुरुष, दोनों के बाल उम्र बढ़ने के साथ-साथ पतले होने लगते हैं। आमतौर पर ऐसा गंजेपन या किसी बीमारी के कारण नहीं होता है, बल्कि इसके पीछे मुख्य कारण बढ़ती उम्र, आनुवंशिकता और हार्मोन में बदलाव शामिल है। आनुवंशिक या पैटर्न गंजेपन का शिकार महिलाओं की तुलना में पुरुष हाेते हैं। पुरुष पैटर्न गंजापन युवावस्था के बाद किसी भी समय हो सकता है। लगभग 80% पुरुषों में 70 वर्ष की आयु तक पुरुष पैटर्न गंजापन के लक्षण नजर आने लगते हैं।

बाल क्यों झड़ रहे हैं? इसका कारण जानना जरूरी है, क्योंकि कारण पता हो, तो बीमारी का इलाज करना आसान हो जाता है। यहां इस लेख में हमने विस्तार से बताया गया है कि बाल झड़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि कोई बीमारी, पोषक तत्वों की कमी, किसी दवा से एलर्जी या फिर ऐसा आनुवंशिक भी हो सकता है। डॉक्टर उचित कारण का पता लगाकर ही अपना इलाज शुरू करते हैं। इलाज के साथ-साथ अच्छी डाइट लेना, नियमित योगासन करना व तनाव से दूर रहना भी जरूरी है।

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