माहवारी को पीरियड्स या मासिक धर्म कहा जाता है, माहवारी के दौरान होने वाले अधिक दर्द को डिस्मेनोरिया के नाम से जाना जाता है। हालांकि, महिलाओं को माहवारी के दौरान कितना दर्द होता है, ये उनकी शारीरिक, मानसिक और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। इस स्थिति में होने वाले दर्द को खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन कुछ घरेलू उपायों द्वारा इसे कम या कुछ समय के लिए रोका जरूर जा सकता है।

  1. लैवेंडर ऑयल से करे पीरियड्स में दर्द कम
  2. लौंग का तेल है मासिक धर्म में दर्द का घरेलू उपचार
  3. हर्बल टी से करें पीरियड्स में दर्द का इलाज
  4. गर्म सिकाई है पीरियड्स में दर्द का घरेलू नुस्खा
  5. कैमोमाइल टी से करें पीरियड्स के दर्द का इलाज
  6. मासिक धर्म का घरेलू उपचार है सौंफ
  7. पीरियड्स में दर्द का उपाय है दालचीनी
  8. पीरियड्स के दर्द से छुटकारा दिलाती है अदरक
  9. सोआ है पीरियड्स में दर्द का रामबाण इलाज
  10. गर्म पानी का स्नान दिला सकता है पीरियड्स के दर्द से राहत
  11. पीरियड्स में खाए सैल्मन मछली
  12. डार्क चॉक्लेट खाने से दूर होता है पीरियड्स पेन
  13. पीरियड्स से आराम दिलाता है केला
  14. पीरियड्स में दर्द का घरेलू नुस्खा है मीट
पीरियड के दर्द से छुटकारा पाने के आसान उपाय के डॉक्टर

लैवेंडर ऑयल को पीरियड्स के दर्द में काफी अधिक प्रभावशाली माना जाता है। लैवेंडर रक्त के संचार को बढ़ाता है, जिससे ऐंठन जैसी स्थितियां कम होने लगती हैं। इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं, जो पीरियड्स के दौरान होने वाली सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे मासिक धर्म में होने वाले दर्द से आराम मिलता है।

आवश्यक सामग्री

इस्तेमाल का तरीका

  • लैवेंडर व बादाम के तेल को एक साथ मिक्स कर लें
  • अब इन्हें अपने हाथ पर लगाएं और फिर अपने पेट पर हल्के दबाव के साथ मालिश करते रहें
  • विशेषज्ञों के अनुसार 5 मिनट तक सर्कुलर मोशन (गोल घुमाते हुऐ) मसाज करने से पीरियड्स के दौरान ऐंठन कम हो जाती है और रक्त संचार भी बढ़ता है।

कब इस्तेमाल करें

इस उपाय को मासिक धर्म के समय रोजाना 2 बार करें जब तक दर्द कम न हो जाए।

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लौंग के तेल में भी काफी प्रभावशाली एंटी-इन्फ्लामेट्री गुण होते हैं, जो दर्द से राहत पहुंचाने में मदद करते हैं। 

आवश्यक सामग्री

  • 1 चम्मच लौंग का तेल
  • 1 चम्मच नारियल तेल

इस्तेमाल का तरीका

  • लौंग और नारियल के तेल को अच्छे से मिला लें
  • अब इस मिश्रण को अपने हाथों में लें और अपनी नाभि के नीचे के हिस्से में हल्के-हल्के मालिश करें
  • 5 मिनट तक गोल घुमाते हुऐ मालिश करें

कब इस्तेमाल करें

इस उपाय को दिन में 2 से 3 बार इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

हर्बल टी गर्म और आरामदायक होती है। हर्बल टी में ऐसे यौगिक पाए जाते हैं, जिनमें एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीस्पास्मोडिक प्रभाव होते हैं, जो पीरियड्स के दौरान हुए मांसपेशियों में खिंचाव और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। हर्बल टी की सामग्री और बनाने की विधि निम्न दी गई है।

आवश्यक सामग्री 

इस्तेमाल का तरीका

  • सभी सामग्री को एक साथ पानी में मिलाकर उबालने के लिए रख दें 
  • अब इसे 3 से 4 मिनट तक उबालें
  • उबलने के बाद इसे छान लें और एक कप में डालें
  • स्वाद के लिए चाहें तो आधा चम्मच शहद भी डाल सकते हैं

कब इस्तेमाल करें

इस चाय का सेवन दिन में एक बार करें जब तक मासिक धर्म की अवधि खत्म न हो जाए।

गर्म सिकाई पीरियड्स के दर्द से बचने का बेहतरीन घरेलू उपाय माना जाता है। गर्म सिकाई से गर्भाशय और उसके आसपास की मांसपेशियों को आराम मिलता है, जिससे ऐठन और दर्द कम होने लगता है। 

आवश्यक सामग्री 

  • गर्म बोतल/हीटिंग पैड

इस्तेमाल का तरीका

  •  गर्म बोतल या हीटिंग पैड को 15 से 20 मिनट के लिए अपने पेट के ऊपर रखें
  •  इसके बाद थोड़ी देर बिस्तर में ही आराम करें

कब इस्तेमाल करें

गर्म सिकाई कभी-भी की जा सकती है, जब कभी दर्द महसूस हो इस उपाय का इस्तेमाल करें।

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कैमोमाइल औषधि को कई वर्षों से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए घरेलू उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। कैमोमाइल के फूल में 36 फ्लवोनोइड्स पाए जाते हैं, इन यौगिकों में दर्द निवारक गुण होते हैं जो पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद करते हैं। 

पहला तरीका

आवश्यक सामग्री

  • 2 चम्मच कैमोमाइल ऑयल

इस्तेमाल का तरीका

  • कैमोमाइल ऑयल से अपने पेट पर 10 मिनट तक मसाज करें

कब इस्तेमाल करें

मासिक धर्म के दर्द से आराम पाने के लिए इस तेल से दिन में दो बार मसाज करनी चाहिए।

दूसरा तरीका

आवश्यक सामग्री

  • 3-4 चम्मच कैमोमाइल के फूल
  • थोड़ा सा पुदीना
  • 1 गिलास पानी

इस्तेमाल का तरीका

  • कैमोमाइल के फूलों और थोड़े से पुदीने को गर्म पानी में उबाल लें
  • इसे 5 मिनट तक उबालें और उसके बाद कप में छान कर डाल लें
  • अब स्वास्थ्य गुणों से भरपूर इस चाय को पी लें

कब इस्तेमाल करें

कैमोमाइल चाय का सेवन सुबह के समय सबसे बेहतर माना जाता है।

2012 में 15 से 24 वर्ष की लड़कियों पर एक अध्ययन किया गया, इस अध्ययन में लड़कियों को दो ग्रुप में बांटा गया, जिसमें से ग्रुप A की लड़कियों को सौंफ के सेवन को कहा और B ग्रुप की लड़कियों को इसके सेवन के लिए मना किया गया, नतीजन  ग्रुप A की लड़कियों में दर्द के लक्षण कम पाए गए। 

आवश्यक सामग्री 

इस्तेमाल का तरीका

  • सौंफ को एक गिलास गर्म पानी में डाल लें
  • अब इसे 5 मिनट पानी में घुलने के लिए छोड़ दें
  • इसके गुनगुना होने पर इसका सेवन करें

कब इस्तेमाल करें

सौंफ को आधा चम्मच सुबह और आधा चम्मच शाम में पानी के साथ मिला कर पीएं।

2015 में किए गए एक अध्ययन में, जिन महिलाओं ने पीरियड्स के दौरान दालचीनी का सेवन किया था उनमें रक्तस्राव, दर्द, मतली और उलटी के लक्षण दूसरी महिलाओं (जिन्होंने दालचीनी का सेवन नहीं किया था) के मुकाबले कम पाए गए।

आवश्यक सामग्री

  • ½ चम्मच दालचीनी
  • 1 गिलास गर्म पानी
  • ½ चम्मच शहद

इस्तेमाल का तरीका

  • 1 गिलास पानी गर्म कर लें
  • अब इसमें ½ चम्मच दालचीनी और ½ चम्मच शहद मिलाएं
  • गुनगुना होने पर इसका सेवन करें

कब इस्तेमाल करें

दालचीनी के इस मिश्रण को पीरियड्स के शुरूआती तीन दिनों में रोजाना एक बार पीएं।

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विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया कि अदरक के पाउडर का सेवन करने से पीरियड्स में होने वाले दर्द व ऐंठन के लक्षण कम होने लगते हैं। साथ ही यह भी पाया गया कि अदरक इबुप्रोफेन जितनी प्रभावशाली होती है। अदरक में एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जिनकी वजह से ऐसा मुमकिन है।

आवश्यक सामग्री

  • 1 चम्मच अदरक
  • 1 कप गर्म पानी 

इस्तेमाल का तरीका

  • अदरक को घिस लें या उसके छोटे-छोटे टुकड़े काट लें 
  • अब अदरक को पानी में 3 से 4 मिनट के लिए उबालें 
  • गुनगुना होने पर इस मिश्रण को पी लें  

कब इस्तेमाल करें 

दिन में दो बार से अधिक इस उपाय का इस्तेमाल ना करें।

2014 में किए गए शोध के अनुसार 1 ग्राम सोआ पीरियड्स के दर्द को कम करने में दवाओं जितना प्रभावशाली होता है। नीचे सोआ का उपयोग करने की विधि के बारे में बताया गया है।

आवश्यक सामग्री

  • 1 चम्मच सोआ के बीज
  • 1 गिलास गर्म पानी

इस्तेमाल का तरीका

  • सोआ के बीजों को एक कप गर्म पानी में अच्छे से उबाल लें
  • अब इसे गुनगुना होने पर पी लें

कब इस्तेमाल करें

इस उपाय को सुबह के समय इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

गर्म पानी से स्नान या उसमें कुछ देर बैठने से पेल्विक की मांसपेशियों को गर्मी मिलती है और आराम महसूस होता है। गर्म पानी के साथ एसेंशियल ऑयल एक शक्तिशाली दर्द निवारक औषधि की तरह काम करता है। इनमें एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जिनकी वजह से ऐसा होता है।

आवश्यक सामग्री

  • 1 टब गर्म पानी
  • 3-4 चम्मच ऑलिव ऑयल/लैवेंडर ऑयल

इस्तेमाल का तरीका

  • टब को गर्म पानी से भर लें 
  • अब इसमें लैवेंडर या ऑलिव ऑयल डालें 
  • इसके बाद इस पानी में कुछ समय के लिए बैठ जाए
  • अपने पेल्विक मसल को इस पानी में 15  मिनट तक आराम दें 
  • इसके अलावा आप चाहें तो गर्म पानी से स्नान भी कर सकते हैं 

कब इस्तेमाल करें 

इस उपाय को आप दिन में दो बार आजमा सकती हैं।

सैल्मन मछली ओमेगा-3 से भरपूर होती है, जो कि एक प्रसिद्ध एंटी-इंफ्लामेटरी फैट है। इसका सेवन न केवल दर्द को कम करता है, बल्कि यह चिंता और डिप्रेशन को भी कम करने में मदद करता है। 

इस्तेमाल का तरीका

सैल्मन मछली को तल कर कर, रोस्ट कर के या फिर फ्राई कर के खाया जा सकता है। इसे दिन के आहार में शामिल करना फायदेमंद रहता है। 

कब इस्तेमाल करें 

सैल्मन मछली को पीरियड्स के शुरूआती 3 दिनों तक खाएं। इसका अधिक सेवन न करें क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है।

महिलाओं को चॉकलेट खाना बेहद पसंद होता है खासतौर से मासिक धर्म के समय, डॉक्टर की माने तो आप पीरियड्स के दौरान जी भर के चॉकलेट खा सकती हैं। हालांकि ज्यादा शुगर ऐठन के लिए हानिकारक भी हो सकती है, इसलिए डार्क चॉकलेट एक अच्छा विकल्प है। अध्ययनों की माने तो मैग्नीशियम पीरियड्स में होने वाले दर्द को कम करने में मददगार होता है और डार्क चॉकलेट इससे भरपूर होती है। इसके अलावा यह आपकी मांसपेशियों को आराम पहुंचाती है।

इस्तेमाल का तरीका

डार्क चॉकलेट का सीधा सेवन सबसे सरल और सामान्य है, आप चाहें तो इसे दूध या ब्रेड के साथ भी ले सकते हैं।

कब इस्तेमाल करें 

डार्क चॉकलेट का सेवन कभी-भी किया जा सकता है, बस रात के समय इसे खाने के बाद दांत साफ करना न भूले।

पीरियड्स में ऐठन और दर्द का कारण पोटैशियम की कमी हो सकता है, इसलिए इस कमी को दूर करके दर्द को काफी हद तक कम किया जा सकता है। केला पोटेशियम की कमी को दूर करने के लिए एक अच्छा विकल्प माना जाता है। केले में पोटेशियम की मात्रा बहुत अधिक होती है जो ऐठन और दर्द को कम करने में मदद करती है।

इस्तेमाल का तरीका

केले को सीधा खाया जा सकता है, इसके अलावा केले की स्मूथी, केले का शेक और केले की चाट के रूप में भी इसका आनंद लिया जा सकता है। इसके अलावा कुछ अन्य पोटैशियम युक्त आहार भी खाए जा सकते हैं जैसे की सफेद बीन्स।

कब इस्तेमाल करें 

केले का सेवन किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन दिन में 3 से अधिक केले न खाएं।

मीट जिंक का बेहतरीन स्रोत है। जिंक में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लामेटरी प्रभाव होते हैं, जो गर्भाशय में होने वाले दर्द को कम करते हैं। 100 ग्राम लाल मास में दिन की जरूरत का 44% जिंक होता है, यह साथ ही 176 कैलोरी, 20 ग्राम प्रोटीन और 10 ग्राम फैट भी प्रदान करता है। लाल मास के साथ फाइबर युक्त आहार जरूर खाएं इससे अधिक मीट खाने पर होने वाली गंभीर बिमारियों की संभावनाए कम रहेगी।

इस्तेमाल का तरीका

मीट या लाल मास को अपने आहार में शामिल करें, इसे आप रोस्ट या फ्राई कर के खा सकते हैं।

कब इस्तेमाल करें

इसका सेवन दिन के समय करें और सिर्फ दिन में एक ही बार करें।

इन सभी उपायों के साथ निम्न बातो का खास ध्यान रखें - 

  • धूम्रपान, शराब, कैफीन, फैटी फूड्स और अधिक मात्रा में डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन न करें
  • ज्यादा तनाव होने से बचें, इसके लिए चाहें तो मेडिटेशन करें
  • प्रतिदिन 3 से 4 लीटर पानी जरूर पीएं, पानी से माहवारी के समय होने वाली ऐंठन कम होती है जिसकी वजह से दर्द में राहत मिलती है। इसके अलावा पानी के साथ नींबू या पुदीना मिलाकर पीना भी एक अच्छा विकल्प रहेगा। 
  • नमक का सेवन कम करें क्योंकि नमक हमारे शरीर में पानी की कमी कर देता है।
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