छाती (सीने) में कफ जमना - Chest Congestion in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

May 04, 2019

April 13, 2023

छाती में कफ जमना
छाती में कफ जमना

परिचय

जब आपके फेफड़ों में अधिक मात्रा में कफ या बलगम जमा हो जाता है, तो मेडिकल शब्दों मे इस स्थिति को “चेस्ट कंजेशन” कहा जाता है। यह स्थिति अक्सर सर्दी जुकाम या फिर श्वसन तंत्र में संक्रमण आदि जैसी समस्याओं के साथ विकसित होता है। इनमें से कोई भी संक्रमण होने पर आपका शरीर अधिक मात्रा में कफ बनाने लग जाता है। वैसे तो कफ सामान्य रूप से शरीर में होता ही है। लेकिन जब आपको सर्दी-जुकाम या फ्लू आदि हो जाता है तो ऐसी स्थिति में अत्यधिक मात्रा में कफ बनने लग जाता है और इससे आपको खांसी, छाती में कफ जमा होना और दर्द आदि होने लग जाता है। यह आमतौर पर ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, अस्थमा, सिगरेट पीने या एलर्जी के कारण होती है। 

स्थिति का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर आपके लक्षणों के बारे में पूछते हैं और आपकी सांसों के साथ आने वाली आवाज की जांच की जाती है। इसके अलावा आपका सामान्य शारीरिक परीक्षण भी किया जाता है। डॉक्टर आपकी छाती में जमा कफ का पता लगाने के लिए कुछ प्रकार के लैब टेस्ट भी कर सकते हैं और आपकी छाती का एक्स रे भी किया जाता है। छाती में जमा कफ के लिए किये जाने वाले इलाज का मुख्य लक्ष्य लक्षणों से राहत दिलाना होता है। क्योंकि यह बीमारी आमतौर पर वायरस के कारण होती है और इन पर एंटीबायोटिक दवाएं काम नहीं कर पाती हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि एंटीबायोटिक सिर्फ बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण (बैक्टीरियल इन्फेक्शन) का इलाज करती हैं। इसके अलावा सीने में जमा कफ के लिए कुछ प्रकार के घरेलू उपचार भी उपलब्ध हैं, जैसे भाप लेना और भरपूर तरल पदार्थ लेना। 

वैसे यह कोई हानिकारक समस्या नहीं होती, लेकिन इससे आपके सामान्य जीवन पर असर पड़ने लग सकता है। यदि इस स्थिति को बिना इलाज किये छोड़ दिया जाए तो इससे अन्य कई जटिलताएं पैदा होने लग जाती हैं।

(और पढ़ें - ऊपरी श्वसन तंत्र के संक्रमण का इलाज)

छाती में कफ जमना क्या है - What is Chest Congestion in Hindi

सीने में कफ जमना क्या है?

इसे अंग्रेजी में चेस्ट कंजेशन कहा जाता है, जिसका मतलब होता है सीने में बलगम या अन्य कोई तरल पदार्थ जमा हो जाना। सामान्य स्थिति में भी बलगम शरीर में जमा होता है, लेकिन जब आपको सर्दी-जुकाम या फ्लू आदि हो जाता है तो ऐसी स्थिति में अत्यधिक मात्रा में बलगम जमा होने लगा जाता है। फेफड़ों में अधिक कफ जमा होने से खांसी और छाती में दर्द होने लगता है। जिन लोगों के सीने में बलगम जमा हो जाता है, उनको कई बार खांसी, घरघराहट और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण होने लग जाते हैं।

(और पढ़ें - सांस लेने में दिक्कत हो तो क्या करें)

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सीने में कफ जमने के लक्षण - Chest Congestion Symptoms in Hindi

सीने में कफ जमने के लक्षण क्या हैं?

जिन लोगों की छाती में कफ जमा हो जाता है, उनको आमतौर पर छाती व गले में दर्द होने लग जाता है और छाती में भारीपन सा महसूस होता है। यदि आपके फेफड़ों में बलगम जमा हो गया है, तो आपको निम्नलिखित लक्षण महसूस हो सकते हैं:

  • खांसने के दौरान सीने में दर्द होना
  • घरघराहट होना 
  • बार-बार तेज खांसी उठना
  • सिरदर्द होना
  • सांस फूलना
  • कफ बनना
  • पोस्ट नेजल ड्रिप (बहती नाक का द्रव पीछे गले में जमा होना)
  • कम नींद लेने के कारण थकान महसूस होना
  • खांसी के साथ निकलने वाली बलगम में खून होना (गभींर मामलों में)

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि लगातार 2 हफ्तों से भी अधिक समय तक छाती में कफ रहती है, तो यह किसी गंभीर रोग का संकेत हो सकता है। इसलिए कफ जमा होने के 3, 4 दिन बाद ही घरेलू उपायों से उसका इलाज करना शुरू कर देना चाहिए। हालांकि यदि छाती में कफ दो हफ्तों से भी अधिक समय तक रहता है, तो बिना किसी प्रकार की देरी किए डॉक्टर की मदद ले लेनी चाहिए। 

इसके अलावा यदि आपको सीने मे जमा कफ के साथ निम्नलिखित में से कोई अन्य लक्षण भी महसूस हो रहा है, तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए। 

  • 100°F या उससे अधिक बुखार होना, जो लगातार एक हफ्ते तक बना रहता है।
  • सांस फूलना और साथ में छाती में दर्द होना।
  • खांसी व घरघराहट लगातार एक महीने से भी अधिक समय तक रहना।
  • खांसी के साथ निकलने वाले बलगम में खून आना।
  • गंभीर रूप से जुकाम होने के कारण आपको रातभर नींद ना आना।
  • काले रंग का कफ आना।
  • जुकाम 7 से 10 दिन के भीतर ठीक ना हो पाना।
  • गंभीर रूप से कमजोरी महसूस होना जो ठीक ना हो रही हो।

(और पढ़ें - कफ निकालने के उपाय)

छाती में जमा कफ के कारण व जोखिम कारक - Chest Congestion Causes Risk Factors in Hindi

सीने में कफ क्यों बनता है?

छाती में कफ जमा होने के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं: 

  • ब्रोंकाइटिस:
    ब्रोंकाइटिस बैक्टीरिया या वायरल इन्फेक्शन से होने वाली एक समस्या है, जिसमें श्वसन मार्गों व फेफड़ों में सूजन, लालिमा व जलन आदि हो जाती है।
     
  • निमोनिया:
    बैक्टीरियल, वायरल या फंगल इन्फेक्शन के कारण निमोनिया हो जाता है। इस स्थिति में फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है। यह रोग ऑटोइम्यून रिएक्शन के कारण भी होता है। निमोनिया होने पर बुखार, थकान, नाक बंद होना, सांस लेने में कठिनाई और छाती में कफ जमा होना आदि लक्षण होने लगते हैं।
     
  • टीबी:
    यह एक प्रकार का फेफड़ों का संक्रमण है, जो बैक्टीरिया के कारण होता है। टीबी होने पर फेफड़ों में गंभीर रूप से दर्द, खांसी, सांस लेने में कठिनाई और सीने में कफ जमा होने लगता है। यदि इस रोग को बिना इलाज किए छोड़ दिया जाए, तो यह जीवन के लिए हानिकारक हो सकता है।
     
  • कंजेस्टिव हार्ट फेलियर:
    जब हृदय अच्छी तरह से पूरे शरीर में खून को पंप ना कर पाए, तो इस स्थिति को कंजेस्टिव हार्ट फेलियर कहा जाता है। छाती में कफ जमा होना कंजेस्टिव हार्ट फेलियर का मुख्य लक्षण हो सकता है, जो हृदय में द्रव भर जाने के कारण होता है। 

चेस्ट में कफ जमने का खतरा कब बढ़ता है?

स्वास्थ्य संबंधी कुछ सामान्य समस्याएं और कुछ सामान्य उत्तेजक पदार्थ होते हैं, जो छाती में कफ जमने के खतरे को बढ़ा देते हैं, जैसे:

  • सिगरेट का धुंआ
  • एलर्जी
  • कुछ प्रकार के रोग जैसे फ्लू, ब्रोंकाइटिस, टीबी और निमोनिया
  • एसिड भाटा रोग (GERD)
  • अस्थमा

(और पढ़ें - अस्थमा के घरेलू उपाय)

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चेस्ट में जमा कफ के बचाव - Prevention of Chest Congestion in Hindi

छाती में कफ की रोकथाम कैसे करें?

नीचे कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिनकी मदद से कफ जमा होने से बचाव किया जा सकता है:

  • अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए स्वस्थ आहार खाएं, नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, पर्याप्त नींद लें और तनाव को कम करें।
  • यदि आपको कोई अंदरुनी स्वास्थ्य समस्या है तो डॉक्टर की मदद लें, क्योंकि लंबे समय से ब्रोंकाइटिस होना या फेफड़ों संबंधी अन्य समस्या होने से छाती में कफ जमा होने लग जाता है। 
  • धूम्रपान ना करें और धूम्रपान कर रहे लोगों के संपर्क में भी ना आएं। 
  • वायरस व बैक्टीरिया आदि से बचने के लिए अपने हाथों को बार-बार धोने की आदत डालें और जो लोग संक्रमित हो गए हैं, उनके संपर्क में ना आएं। 
  • उत्तेजक व एलर्जी करने वाले पदार्थों से दूर रहें, जैसे केमिकल और धूल आदि। यदि इनसे बचाव करना संभव नहीं है, तो मास्क पहन लें और उस क्षेत्र को हवादार बनाने की कोशिश करें। 
  • जुकाम व छाती में जमा कफ को कम करने वाले सप्लीमेंट्स लें, इनमें विटामिन C, प्रोबायोटिक्स और जिंक के सप्लीमेंट्स शामिल हैं जो आजकल ऑनलाइन भी मिल जाते हैं। 

छाती में बलगम जमा होने पर क्या ना खाएं?

कुछ प्रकार के भोजन हैं जिनसे आपको परहेज करना चाहिए:

  • दूध व उससे बने उत्पाद
  • जिन खाद्य पदार्थों में अधिक मात्रा में मीठा या नमक हो
  • जंक फूड
  • तला हुआ भोजन
  • वसायुक्त या बाहर बना हुआ मीट
  • डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ

(और पढ़ें - पौष्टिक आहार के गुण)

छाती में जमा कफ का परीक्षण - Diagnosis of Chest Congestion in Hindi

छाती में जमा कफ का परीक्षण कैसे किया जाता है?

इस स्थिति का परीक्षण डॉक्टर के द्वारा किया जाता है, डॉक्टर परीक्षण के दौरान आपकी समस्या से संबंधित लक्षणों के बारे में पूछेंगे। इसके अलावा परीक्षण के दौरान डॉक्टर स्टेथोस्कोप का इस्तेमाल करते हैं, जिसकी मदद से सांस के दौरान निकलने वाली असाधारण आवाज का पता लगाया जाता है। इसके अलावा छाती में जमा कफ से होने वाले लक्षणों के अनुसार डॉक्टर कुछ अन्य टेस्ट करवाने के लिए भी कह सकते हैं, जैसे:

  • खून टेस्ट करना, जिसकी मदद से सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या का पता लगाया जाता है।
  • छाती का एक्स रे करना
  • ट्यूबरकुलीन टेस्ट, जिसकी मदद से टीबी का पता लगाया जाता है।
  • स्प्यूटम कल्चर और सेंसिटिविटी टेस्ट
  • ब्रोंकोस्कोपी टेस्ट

(और पढ़ें - बलगम की जांच क्या है)

छाती में जमा कफ का इलाज - Chest Congestion Treatment in Hindi

सीने में कफ जमने का इलाज कैसे किया जाता है?

डॉक्टर खांसी की मदद से प्राकृतिक तरीके से सीने में जमा कफ को निकालने की कोशिश कर सकते हैं। इसलिए जब आपको जुकाम या फ्लू होता है, तो आपको बहुत अधिक खांसी होती है। यह प्रक्रिया की मदद से छाती में जमा कफ सामान्य रूप से अपने आप निकलने लग जाती है। 

छाती में कफ जमने के घरेलू उपचार:

  • अच्छी मात्रा में पानी पिएं:
    यदि आप पर्याप्त मात्रा में पानी पी रहे हैं, तो आपका बलगम पतला होने लग जाता है। विशेष रूप से गर्म तरल पेय पदार्थ पीने चाहिए, जो नाक व छाती में जमी बलगम को निकालने में मदद करते हैं। बलगम निकलने के बाद तक आपको छाती में जमी कफ के लक्षणों से आराम मिल जाता है। (और पढ़ें - गुनगुना पानी पीने के फायदे)
     
  • भाप लें:
    भाप लेने से भी अंदर जमा हुआ कफ पतला होकर बाहर आने लग जाता है। गर्म पानी में नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदे डाल कर भाप लेने से यह तरीका और अधिक प्रभावी हो जाता है। भाप लेने के दौरान लंबी सांसे लेनी चाहिए, जिससे आपको बंद नाक व छाती में जमा कफ से तुरंत राहत मिलती है। नीलगिरी के तेल में दर्द हटाने वाले और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जिनकी मदद से समस्या से जल्दी आराम मिल जाता है।
     
  • सिर को ऊपर की तरफ रखना:
    रात को सोने या दिन में आराम करने के दौरान अपने सिर के नीचे एक तकिया अतिरिक्त लगा लें और सिर को शरीर से ऊंचा उठा लें।
     
  • पुदीने का तेल:
    पुदीने का तेल भी प्राकृतिक रूप से छाती में जमा कफ को हटाने में मदद करता है। आप गर्म पानी में कुछ बूंदे पुदीने के तेल की डालकर इसकी भाप ले सकते हैं।
     
  • शहद:
    छाती में जमा कफ को निकालने के लिए शहद काफी फायदेमंद होता है। गर्म पानी में शहद और निंबू का रस मिलाएं और पी लें।
     
  • अदरक की चाय:
    सीने मे जमी कफ को हटाने के लिए दिन मे कम से कम 2 या 3 कप अदरक की चाय पीनी चाहिए। चाय से प्राप्त होने वाली गर्मी श्वसन मार्गों को साफ करके छाती में जमा कफ के लक्षणों को कम कर देती है। अदरक में कई रोगाणुरोधी और एक्सपेक्टोरेंट (बलगम हटाने वाले) गुण पाए जाते हैं।
     
  • छाती की सिकाई करें:
    छाती की गर्म सिकाई करने से उसके अंदर जमा कफ को निकालने में मदद मिलती है।
     
  • नमक पानी से गरारे करना:
    गरारे करने से गले मे जमा अतिरिक्त तरल बाहर निकलने लग जाता है और गले के अंदर जमा कफ ढीला होकर बाहर निकलने लग जाता है। नमक पानी के गरारे करने से गले में शांति मिलती है और खांसी आदि के कारण होने वाला दर्द कम हो जाता है। (और पढ़ें - नमक के पानी के फायदे)
     
  • अनानास का रस:
    रोजाना 1 या 2 गिलास अनानास का जूस पीना चाहिए। अनानास में सूजन से लड़ने वाले, विषाक्त पदार्थों से लड़ने वाले और स्वच्छ करने वाले कई गुण पाए जाते हैं, जो छाती में जमी बलगम को हटाने में मदद करते हैं।
     
  • ब्लैक कॉफी:
    वैसे ब्लैक कॉफी भी कुछ समय के लिए छाती में जमी बलगम के लक्षणों को कम कर देती है। लेकिन यह बलगम को निकालने की बजाए अंदर ही घोल देती है, इसलिए ब्लैक कॉफी को अधिक मात्रा में नहीं पीना चाहिए। 

यदि घरेलू उपचारों से छाती में जमा कफ बाहर ना निकल पाए, तो ऐसी स्थिति में आपको दवाएं लेनी पड़ सकती हैं। 

डीकन्जेस्टेंट (Decongestant): 
डॉक्टर आपके लिए कुछ डीकन्जेस्टेंट दवाएं भी लिख सकते हैं। ये दवाएं मेडिकल स्टोर पर टेबलेट, सिरप और नेजल स्प्रे (नाक के लिए स्प्रे) के रूप में मिल जाती हैं। यदि छाती के साथ-साथ आपकी नाक में भी कफ जमा हुआ है, तो नेजल स्प्रे की मदद से श्वसन मार्गों को साफ किया जा सकता है, जैसे: 

  • ऑक्सिमेटाजॉलिन
  • स्यूडोफेड्रिन

डीकन्जेस्टेंट दवाएं आपके दिल की धड़कनों को बढ़ा देती है, जिससे मरीज को सोने में काफी कठिनाई होने लग जाती है। इसलिए ये दवाएं दिन के समय लेना अधिक बेहतर होता है।

वेपर रब (Vapor rub):

  • वेपर रब में डिकन्जेस्टिव घटक पाए जाते है, लेकिन इनको खाने की बजाए ये लगाने के लिए होते हैं। इसलिए ऐसा माना जाता है कि कपूर और मेन्थॉल को मिलाकर बना वेपर रब छाती में जमा कफ से होने वाले लक्षणों को काफी हद तक कम कर देता है। 
  • आप इसे रोजाना रात को सामान्य रूप से अपनी छाती पर लगा सकते हैं और इससे धीरे-धीरे लक्षण चले जाते हैं। वेपर रब के लेबल पर लिखे सभी दिशानुर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ लें और उनका पालन करें।

(और पढ़ें - अनानास के फायदे)

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छाती में जमा कफ की जटिलताएं - Chest Congestion Complications in Hindi

छाती में कफ जमा होने से क्या जटिलताएं होती हैं?

सीने में कफ जमा होना हृदय या फेफड़ों से संबंधित गंभीर रोग या फिर किसी ऐसे विकार का संकेत हो सकता है जिसका तुरंत इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है। इसलिए यदि आपको लंबे समय से यह समस्या हो रही है, तो इसको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

(और पढ़ें - नवजात शिशु को कफ के लक्षण)



संदर्भ

  1. Eli O Meltzer, Fernan Caballero, Leonard M Fromer, John H Krouse, Glenis Scadding. Treatment of congestion in upper respiratory diseases. Int J Gen Med. 2010; 3: 69–91. PMID: 20463825
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छाती (सीने) में कफ जमना की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Chest Congestion in Hindi

छाती (सीने) में कफ जमना के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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