पपीता कच्चे और पके दोनों रूपों में खाया जाता है. कच्चा पपीते हरा होता है. इसमें काइमोपैपेन और पपैन नामक एंजाइम होते हैं, जो प्रोटीन, वसा और कार्बोहाइड्रेट को तोड़ने में मदद करते हैं. ये फाइबर से भरपूर होता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है.

कच्चा पपीता पाचन में मदद करता है और कब्ज से छुटकारा दिलाता है. इन फायदों के साथ-साथ कच्चे पपीते के कुछ नुकसान भी होते हैं.

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आज इस लेख में हम कच्चे पपीते के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे-

  1. कच्चे पपीते के फायदे
  2. कच्चे पपीते के नुकसान
  3. सारांश
कच्चे पपीते के फायदे और नुकसान के डॉक्टर

कच्चा पपीता सूजन, संक्रमण और घाव भरने में मदद करने के साथ-साथ स्किन के लिए भी फायदेमंद है. आइए, कच्चे पपीते के फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं-

कब्ज से दिलाए छुटकारा

कच्चा पपीता पाचन में सुधार करता है. इसमें मौजूद पपैन नामक एंजाइम पाचन के लिए गैस्ट्रिक एसिड के स्राव को बढ़ावा देते हैं. साथ ही यह एंजाइम पेट के बैक्टीरिया की मदद करता है और पेट को टॉक्सिन मुक्त रखता है. ये पपीता फाइबर से भरपूर होता है और कब्ज को दूर रखता है.

कच्चे पपीते में मौजूद एंजाइम पेट को साफ रखते हैं और एक स्वस्थ पाचन प्रक्रिया प्रदान करते हैं. पपीते में पाए जाने वाले एंटी-पैरिसीटिक और एंटी-अमीबिक तत्व मल त्याग को नियंत्रित कर गैस्ट्रिक सिस्टम को हानिकारक गैस से मुक्त रखते हैं.

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पोषक तत्वों का खजाना

हरा पपीता विटामिन-सी, बी, और ई के साथ-साथ पोटेशियम, फाइबर व मैग्नीशियम आदि पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें पाए जाने वाले विटामिन आंखों की रोशनी बढ़ाने, कोशिकाओं को नुकसान से बचाने और कोशिकाओं की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करते हैं. ये विटामिन इम्यूनिटी को बढ़ाने, क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करने, आयरन के अवशोषण में सुधार लाने और फ्री रेडिकल्स की क्षति को कम करने में मददगार हैं.

सूजन, संक्रमण व घाव भरने में मददगार

कच्चे पपीते में प्रोटीन, फाइटोन्यूट्रिएंट्स व पपैन जैसे एंजाइम होते हैं. ये नई कोशिकाओं के निर्माण में मददगार होते हैं. साथ ही ये सूजन और संक्रमण पर भी असरदार पाए गए हैं. हरे पपीते में एंटी-इंफ्लेमेटरी और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण होते हैं. इसलिए, हरे पपीते का अर्क त्वचा की सूजन को कम करने और घाव भरने में मदद करता है. सांस प्रक्रिया से संबधित संक्रमण, गले के संक्रमण या शरीर की किसी अन्य सूजन में भी हरे पपीते को फायदेमंद पाया गया है.

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त्वचा का सौंदर्य बढ़ाता है

हरे पपीते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को मजबूत बनाने और झुर्रियों को कम करने में मदद करते हैं. कच्चे पपीते में मौजूद विटामिन ए त्वचा को धूप से होने वाली क्षति से बचाता है.

रक्त व हृदय के रोगों में लाभकारी

कच्चे पपीते के अर्क में रक्तचाप को नियंत्रित करने वाले तत्व होते हैं. कच्चे पपीते में फाइब्रिन भी होता है, जो रक्त के प्रवाह में सुधार करता है और रक्त के थक्के बनने के खतरे को कम करता है. इससे आर्टरीज ब्लॉकेज और स्ट्रोक का खतरा कम हो जाता है.

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कच्चा पपीता ब्लड शुगर को काफी कम कर सकता है, गर्भवती महिला के लिए नुकसानदेह हो सकता है और लेटेक्स से एलर्जी वाले लोगों में समस्या को बढ़ा सकता है. आइए, विस्तार से जानें कच्चे पपीते के नुकसानों के बारे में-

एसोफैगस को पहुंचाए नुकसान

अधिक मात्रा में पपीता खा लेने पर कभी-कभी गंभीर जलन और अन्नप्रणाली में अल्सर पैदा हो सकता है.

गर्भवती महिला के लिए नुकसानदेह

कुछ शोध बताते हैं कि कच्चे पपीते में पाया जाने वाला पपैन भ्रूण के लिए विषाक्त हो सकता है या भ्रूण में जन्म दोष पैदा कर सकता है. कच्चे पपीते में लेटेक्स की मात्रा अधिक होती है, जो गर्भाशय के संकुचन का कारण बन सकती है. पपीते में मौजूद पपैन शरीर की ऐसी झिल्लियों को नुकसान पहुंचा सकता है, जो भ्रूण के विकास के लिए जरूरी होती हैं.

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एलर्जी का कारण

लेटेक्स एलर्जी वाले लोगों को पपीते से एलर्जी होने की आशंका रहती है. संवेदनशील लोगों में पपीते से गंभीर एलर्जी हो सकती है. पपीता के चलते त्वचा पर गंभीर खुजली शुरू हो सकती है.

पपैन एलर्जी

पपीते में मौजूद एंजाइम पपैन को एक संभावित एलर्जेन कहा जाता है. पपैन से होने वाली एलर्जी सूजन, चक्कर, सिरदर्द, चकत्ते और खुजली जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है. इसके अलावा, कच्चा पपीता सांस संबंधी विकार भी पैदा कर सकता है. इसके अधिक सेवन से अस्थमा और कंजेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

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कुछ दवाओं के साथ रिएक्ट

यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, पपीता रक्त को पतला करने वाली दवाओं के साथ रिएक्ट कर सकता है. इससे अधिक रक्तस्राव और घाव होने का खतरा रहता है.

ब्लड शुगर को कम करना

पपीता ब्लड शुगर के स्तर को कम कर सकता है, जो डायबिटीज रोगियों के लिए खतरनाक हो सकता है. इसलिए, जो लोग डायबिटीज की दवाएं लेते हैं, उन्हें पपीते का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.

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कच्चा पपीता कई पोषक तत्वों से भरा होता है. यह हृदय रोग, कब्ज और पाचन संबंधी विकारों को रोकने में सक्षम है, लेकिन कच्चे पपीते के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, खासकर उन लोगों में जिन्हें पपैन या लेटेक्स से एलर्जी की शिकायत रहती है. कभी-कभी कच्चा पपीता गंभीर जलन और अन्नप्रणाली में अल्सर का कारण बन सकता है. यदि आपको कोई गंभीर बीमारी या एलर्जी है, तो कच्चे पपीते के सेवन से पहले डॉक्टर से परामर्श लें.

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