मुंह के छालों का मतलब है मुंह और होठों की श्लेष्मा झिल्ली में सूजन होना, जिससे मुंह में छालों वाले घाव हो जाते हैं। मुंह में कई कारणों से छाले हो सकते हैं। ये अचानक दांतों से गाल को काटने के कारण या विटामिन की कमी के कारण हो सकते हैं। ग्लूटेन, स्ट्रॉबेरी या ड्राई फ्रूट्स जैसी चीजों से एलर्जी के कारण भी मुंह में छाले हो सकते हैं। मुंह के छालों के कुछ अन्य कारण, स्ट्रेस और हर्पीस वायरस इन्फेक्शन आदि हैं। मुंह के छालों के मुख्य लक्षण श्लेष्मा झिल्ली में लाली और खाने में व निगलने में कठिनाई, जिसके कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है, छाले होने पर मुंह से लाकर निकलना और मसूड़ों में सूजन आदि हो सकते हैं। इसकी एक ही जटिलता है कि छाले बार-बार हो सकते हैं।
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मुंह की सही देखभाल और गर्म चीजें खाने-पीने से बचना छालों की समस्या को रोक सकता है और इसके इलाज में भी मदद कर सकता है। होम्योपैथी में मुंह के छालों के लिए सुरक्षित और असरदार इलाज मौजूद है। मुंह के छालों के लिए उपयोग की जाने वाली कुछ आम होम्योपैथिक दवाएं, बोरेक्स (Borax), एसिड नाइट्रिकम (Acid Nitricum), कार्बोलिक एसिड (Carbolic aid), मर्क्यूरियस कोरोसिवस (Mercurius corrosivus) और मर्क्यूरियस सोलूबिलिस (Mercurious solubilis) आदि हैं।