ऑमेंटोपेक्सी एक सर्जिकल प्रोसीजर है जिसकी मदद से ऑमेंटम को स्थिर बनाया जाता है। ऑमेंटम एक वसायुक्त संरचना है, जो पेरिटोनियम से बनी होती है और पेरिटोनियम पेट की अंदरूनी परत होती है। ऑमेंटम पेट की अंदरूनी परत (पेरिटोनियम) से चिपकी रहती है और ठीक होने की प्रक्रिया को तेज करती है। ऑमेंटोपेक्सी से कुछ समस्याओं का इलाज करने में मदद मिलती है जैसे पर्फोरेटेड पेप्टिक अल्सर, पेरिटोनियल लेयर में कैथीटर लगना या ब्युएगर डिजीज आदि।
ऑमेंटोपेक्सी सर्जरी होने से कम से कम आठ घंटे पहले आपको कुछ भी खाने या पीने की सलाह दी जाती है। इस सर्जरी को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर किया जाता है, जिससे आप सर्जरी के दौरान गहरी नींद में रहते हैं और आपको कुछ महसूस नहीं होता है। ऑमेंटोपेक्सी को करने का सर्जरी प्रोसीजर अलग-अलग हो सकता है, जो स्थिति पर निर्भर करता है। सर्जरी के बाद घर आने पर आपको कुछ विशेष देखभाल की आवश्यक होती है और कुछ शारीरिक गतिविधियों को थोड़े समय के लिए बंद करना पड़ता है।
(और पढ़ें - पेप्टिक अल्सर के घरेलू उपाय)
- ऑमेंटोपेक्सी क्या है - What is Omentopexy in Hindi
- ऑमेंटोपेक्सी किसलिए की जाती है - Why is Omentopexy done in Hindi
- ऑमेंटोपेक्सी से पहले की तैयारी - Before Omentopexy in Hindi
- ऑमेंटोपेक्सी के दौरान - During Omentopexy in Hindi
- ऑमेंटोपेक्सी के बाद - After Omentopexy in Hindi
- ऑमेंटोपेक्सी की जटिलताएं - Complications of Omentopexy in Hindi
ऑमेंटोपेक्सी क्या है - What is Omentopexy in Hindi
ऑमेंटोपेक्सी किसे कहते हैं?
ऑमेंटोपेक्सी एक सर्जरी प्रोसीजर है, जिसकी मदद से ऑमेंटम को पेट की अंदरूनी परत से टांके लगाकर सिल दिया जाता है। इस सर्जरी प्रक्रिया से विभिन्न समस्याओं का इलाज किया जाता है, जैसे पेप्टिक अल्सर, पेरिटोनियल डायलिसिस में कैथीटर लगाना और ब्युएगर डिजीज आदि।
ऑमेंटम वसायुक्त संरचना होती है, जो पेट की अंदरूनी सतह से बनी होती है। पेट की इस अंदरूनी सतह को पेरिटोनियम कहा जाता है। ऑमेंटम में घाव को जल्दी ठीक करने वाले गुण होते हैं और यह एक चादर के रूप में आंतों को ढकती है।
(और पढ़ें - घाव भरने के घरेलू उपाय)
ऑमेंटोपेक्सी किसलिए की जाती है - Why is Omentopexy done in Hindi
ऑमेंटोपेक्सी क्यों की जाती है?
ऑमेंटोपेक्सी सर्जरी को निम्न स्थितियों में किया जा सकता है -
- पेरिटोनियल डायलिसिस -
इसका उपयोग गुर्दे खराब होने की स्थिति में रक्त को साफ करने के लिए किया जाता है। ऑमेंटोपेक्सी को डायलिसिस के दौरान ऑमेंटम द्वारा रुकावट होने से बचाने के लिए किया जाता है। इसे रुकावट होने से पहले ही किया जाता है, इसलिए इस प्रक्रिया को रोगनिरोधी प्रक्रिया कहा जाता है। (और पढ़ें - खून साफ करने के उपाय)
- पर्फोरेटेड ड्यूडेनल अल्सर -
ड्यूडेनल अल्सर छोटी आंत के शुरूआती हिस्से में होने वाला एक खुला घाव है। इससे छोटी आंत में छिद्र भी हो जाता है, जिसे पर्फोरेशन कहा जाता है। ऑमेंटोपेक्सी से इस भाग में रक्त की आपूर्ति होने लगती है और घाव भी जल्दी ठीक होने लगता है। पर्फोरेटेड ड्यूडेनल अल्सर में निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं -- उल्टी आना
- पेट दर्द
- सीने में दर्द
- जी मिचलाना
- पेट फूला हुआ महसूस होना
- शरीर का वजन कम होना
- सीने में जलन
- थकान महसूस होना
- उल्टी में खून आना
- ब्युएगर डिजीज -
इस स्थिति में हाथों व पैरों की रक्त वाहिकाएं रुक जाती हैं, जो अधिकतर मामलों में रक्त का थक्का बनने के कारण ही अवरुद्ध होती हैं। इससे हाथों व पैरों में दर्द रहता है और अल्सर भी बनने लगते हैं। ऑमेंटोपेक्सी सर्जरी दर्द व अल्सर दोनों को ठीक करने में मदद करती हैं।
(और पढ़ें - पेट में छाले का होम्योपैथिक इलाज)
ऑमेंटोपेक्सी से पहले की तैयारी - Before Omentopexy in Hindi
ऑमेंटोपेक्सी से पहले क्या तैयारी करें?
ऑमेंटोपेक्सी से पहले आपको निम्न तैयारियां करने की आवश्यकता पड़ सकती है -
- ऑमेंटोपेक्सी सर्जरी से पहले डॉक्टर आपको कुछ परीक्षणात्मक टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं, जिनमें सीटी स्कैन और डॉप्लर स्टडी शामिल हैं। सीटी स्कैन की मदद से शरीर की अंदरूनी संरचनाओं की जांच की जाती है और डॉप्लर स्टडी में रक्त वाहिकाओं में रक्त के बहाव को मापा जाता है। यदि आप किसी प्रकार की दवा, सप्लीमेंट, विटामिन, खनिज या कोई अन्य हर्बल उत्पाद ले रहे हैं, तो सर्जरी से पहले ही डॉक्टर को इनके बारे में बता दें।
- आपको सर्जरी से लगभग आठ घंटे पहले तक भूखे रहना होगा। यदि आपको बुखार, फ्लू या अन्य कोई बीमारी या लक्षण है, तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें। ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ बीमारियों या लक्षणों को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर सर्जरी को कुछ दिनों के लिए टाल सकते हैं।
- यदि आपको भोजन, दवा या सर्जरी में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों जैसे आयोडीन, स्किन टेप, लेटेक्स या त्वचा को साफ करने वाली दवाओं आदि से एलर्जी है, तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें। (और पढ़ें - एलर्जी में क्या नहीं खाना चाहिए)
- यदि आप रक्त को पतला करने वाली दवाएं जैसे एस्पिरिन, आइबुप्रोफेन, वार्फेरिन, विटामिन ई या क्लोपिडोग्रेल आदि ले रहे हैं, तो डॉक्टर इन्हें कुछ समय के लिए बंद करवा सकते हैं।
- यदि आप धूम्रपान या शराब का सेवन करते हैं, तो डॉक्टर इन्हें छोड़ने की सलाह दे सकते हैं। धूम्रपान व शराब छोड़ने से पहले आपको सर्जरी के बाद जल्दी स्वस्थ होने में मदद मिलेगी।
- सर्जरी वाले दिन अस्पताल आते समय अपने किसी करीबी रिश्तेदार या मित्र को लाएं, जो सर्जरी से पहले और बाद में आपकी मदद कर सके।
- अंत में आपको सहमति पत्र दिया जाएगा, जिसपर हस्ताक्षर करके आप सर्जन को सर्जरी करने की अनुमति दे देते हैं। हालांकि, सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने से पहले एक बार उसे अच्छे से पढ़ लेना चाहिए।
(और पढ़ें - शराब की लत के लक्षण)
ऑमेंटोपेक्सी के दौरान - During Omentopexy in Hindi
ऑमेंटोपेक्सी सर्जरी कैसे की जाती है?
इस सर्जरी को आमतौर पर लेप्रोस्कोपिक मेथड से किया जाता है। इस मेथड में संक्रमण का बहुत ही कम खतरा रहता है और आपको सर्जरी के बाद अस्पताल में भी कम समय के लिए ही रहना पड़ता है।
सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती होने के बाद निम्न कार्य कार्य किए जाते हैं -
- आपको विशेष ड्रेस पहनने के लिए दी जाएगी, जिसे हॉस्पिटल गाउन कहा जाता है
- आपको एक टेबल पर पीठ के बल लेटने को कहा जाएगा
- एक इंट्रावेनस लाइन को आपकी बांह या हाथ की नस में सुई लगाकर शुरू कर दिया जाएगा, जिसकी मदद से आपको आवश्यक द्रव व दवाएं दी जाएंगी
- इसके बाद आपको एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाया जाएगा, जिसकी मदद से आपको सर्जरी के दौरान गहरी नींद आ जाएगी या फिर सर्जरी वाले हिस्से को सुन्न कर दिया जाता है (और पढ़ें - इंजेक्शन लगाने का तरीका)
- आपको सर्जरी से पहले कुछ एंटीबायोटिक दवाएं भी दी जा सकती हैं, ताकि संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके
- एक नैसोगैस्ट्रिक ट्यूब को आपकी नाक से होते हुए पेट तक पहुंचाया जाता है, जिससे पेट की सामग्री को पेरिटोनियम में जाने से रोकने में मदद मिलती है।
- सर्जरी के दौरान पेशाब को बाहर निकालने के लिए मूत्राशय में यूरीनरी ब्लैडर लगा दिया जाएगा
- सर्जरी के दौरान मेडिकल टीम निरंतर आपके शारीरिक कार्यों व बदलावों की जांच करती रहेगी जैसे ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट आदि। (और पढ़ें - ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए)
ब्युएगर डिजीज और पर्फोरेटेड पेप्टिक अल्सर के उपचार के लिए निम्न स्टेप किए जाते हैं -
- सर्जन पेट के अंदरूनी हिस्से में पहुंचने के लिए नाभि के आस-पास तीन ट्रॉकर (नुकीले सिरे वाली एक विशेष ट्यूब) लगाते हैं। इन ट्रॉकर को इस तरह से लगाया जाता है कि इनके छिद्र समबाहु त्रिभुज बनाते हैं।
- जब सर्जरी के लिए जगह को निश्चित कर लिया जाता है सर्जन छिद्र के आसपास ऑमेंटम को सिल देते हैं, जिसमें लगभग छिद्र को बंद करने के लिए आठ टांके लगाए जाते हैं।
- इसके बाद घाव में एक ड्रेनेज ट्यूब लगा दी जाती है, ताकि बाद में बनने वाला द्रव निकलता रहे और अंत में चीरे को बंद करके टांके लगा दिए जाते हैं। (और पढ़ें - घाव की मरहम पट्टी करने का सही तरीका)
पेरिटोनियल डायलिसिस के लिए निम्न स्टेप किए जाते हैं -
- पेट के ऊपरी हिस्से में छिद्र बनाने के लिए सर्जन तीन ट्रॉकर को त्वचा में डालते हैं।
- इसके बाद पेट में कार्बन डाइऑक्साइड गैस भरी जाती है, ताकि पेट फूल जाए और अंदरूनी हिस्से ठीक दिखने लगें
- सर्जन यह भी जांच करते हैं कि पेट में कोई ऊतक (या स्कार ऊतक) असाधारण रूप से किसी अन्य ऊतक से तो नहीं जुड़ा है।
- सर्जरी के दौरान छोटी आंतों को बाहर निकालना पड़ सकता है, ताकि पेट के अंदरूनी हिस्से की अच्छे से जांच की जा सके।
- इसके बाद सर्जन टांकों की मदद से सिग्मोइड मिसेंटरी (बड़ी आंत के अंतिम हिस्से के ऊतक) और लेटरल पेरिटोनियम को स्थिर कर देते हैं।
- पेरिटोनियल कैथीटर को लगाया जाता है और टांकों की मदद से एक जगह पर स्थिर बना दिया जाता है।
- इसके बाद चीरे को टांकों की मदद से बंद कर दिया जाता है। (और पढ़ें - ऑपरेशन के बाद टांके की देखभाल कैसे करें)
इस प्रक्रिया को पूरा करने में लगभग 140 से 180 मिनट का समय लगता है। सर्जरी पूरी होने के बाद आपको इंट्रावेनस की मदद से पेन किलर दवाएं दी जाती हैं। सर्जरी के अगले दिन यूरिन कैथिटर को निकाल दिया जाएगा और तीन से पांच दिन के बाद नैसोगैस्ट्रिक ट्यूब को भी निकाल दिया जाएगा। शुरुआती कुछ दिनों तक आपको तरल आहार पर ही रखा जाएगा, इसके बाद डॉक्टर आपको धीरे-धीरे ठोस खाद्य पदार्थ खाने की सलाह भी दे देते हैं। जब आप सामान्य आहार खाने लगें और आपकी आंत ठीक से काम करने शुरू कर दें, तो आपको अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है।
यदि सर्जरी ब्युएगर डिजीज के लिए की गई थी तो आपको तीन से चार दिनों तक अपनी टांगों को न मोड़ने की सलाह दी जाती है। पेरिटोनियल डायलिसिस के लिए की गई सर्जरी में शुरुआती तीन दिनों तक पेरिटोनियल डायलिसिस फ्लूइड को दिया जाता है। डायलिसिस को ऑमेंटोपेक्सी सर्जरी के तीन से चार दिनों के बाद लगाया जाता है। इन तीन से चार दिनों के दौरान डॉक्टर कुछ रेडियोलॉजी टेस्ट करते हैं, जिनकी मदद से पेट में कैथीटर की स्थिति (लॉकेशन) का पता लगाया जाता है।
(और पढ़ें - बैक्टीरियल संक्रमण का इलाज)
ऑमेंटोपेक्सी के बाद - After Omentopexy in Hindi
ऑमेंटोपेक्सी के बाद की देखभाल
जब आप घर पहुंच जाते हैं, तो आपको निम्न देखभाल करने की आवश्यकता हो सकती है -
- दवाएं
- यदि डॉक्टर ने आपको कोई दवा दी है, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही उन्हें समय-समय पर लेते रहें
- सर्जरी के बाद होने वाले दर्द को रोकने के लिए डॉक्टर आपको दर्द निवारक दवाएं देते हैं, जिनकी पहचान कर लें और उन्हें कब और किस प्रकार लेना है इस बारे में डॉक्टर से बात कर लें
- घाव की देखभाल
- सर्जरी वाले घाव पर डॉक्टर की दवाओं से अलग किसी प्रकार की कोई क्रीम, लोशन या जेल आदि न लगाएं
- ऑमेंटोपेक्सी सर्जरी के दो दिन बाद आपको नहाने की सलाह दी जा सकती है, नहाते समय डॉक्टर के निर्देशों का ध्यानपूर्वक पालन करें
- जब तक डॉक्टर आपको अनुमति न दें तैराकी न करें और न ही पूल या बाथटब में नहाएं
- सर्जरी वाले स्थान पर तकलीफ होने से बचाने के लिए ढीले-ढाले व आरामदायक कपड़े पहनें
- आहार
- यदि आपको जठरांत्र पथ में किसी समस्या के कारण ऑमेंटोपेक्सी सर्जरी करवानी पड़ी है, तो सर्जन आपको दो से तीन हफ्तों के लिए तरल व नरम खाद्य पदार्थ लेने की सलाह देते हैं (और पढ़ें - जठरांत्र में रक्तस्राव के कारण)
- तीन हफ्ते होने के बाद भी आपको धीरे-धीरे ठोस खाद्य पदार्थ लेना शुरू करने की सलाह दी जाती है
- आपको कौन से खाद्य पदार्थ खाने हैं और किन से परहेज करना है अपने डॉक्टर या डायटीशियन से अच्छे से समझ लें
- शारीरिक गतिविधियां
- जब तक आपको दर्द की दवाएं दी जा रही हैं अर्थात् जब तक सर्जरी के बाद होने वाला दर्द ठीक नहीं हुआ है, तब तक डॉक्टर आपको ड्राइविंग न करने की सलाह देते हैं
- हालांकि, यदि दर्द ठीक हो गया है, तो कुछ हफ्तों के बाद आप ड्राइविंग करना शुरू कर सकते हैं
- कुछ हफ्ते अधिक मेहनत वाली शारीरिक गतिविधि या जिम न करें (और पढ़ें - जिम के फायदे)
- अधिक भारी वजन न उठाएं
- आपको धीरे-धीरे सीढ़ियां चढ़ने की अनुमति दी जा सकती है (और पढ़ें - सीढ़ियां चढ़ने के फायदे)
डॉक्टर को कब दिखाएं?
यदि आपको सर्जरी के बाद निम्न में से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए -
- टांगों में सूजन (और पढ़ें - पैरों में सूजन का इलाज)
- जी मिचलाना या उल्टी आना
- दस्त या कब्ज होना (और पढ़ें - कब्ज के लिए योगासन)
- बुखार (और पढ़ें - बुखार में क्या खाना चाहिए)
- खांसी (और पढ़ें - खांसी का घरेलू इलाज)
- पेशाब न कर पाना (पेशाब में रुकावट)
- ठंड लगना व कमजोरी
- भोजन पचा न पाना
- ज्यादा पसीना आना
- सांस लेने में कठिनाई
इसके अलावा यदि आपको सर्जरी वाले स्थान पर सूजन, लालिमा, दर्द, खुजली या फिर द्रव या रक्त का स्राव हो रहा है, तो भी जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए।
(और पढ़ें - खुजली का आयुर्वेदिक इलाज)
ऑमेंटोपेक्सी की जटिलताएं - Complications of Omentopexy in Hindi
ऑमेंटोपेक्सी से क्या जटिलताएं हो सकती हैं?
ऑमेंटोपेक्सी से निम्न जोखिम हो सकते हैं -
- रक्तस्राव होना
- न्यूमोथोरैक्स
- संक्रमण
- शॉक
- बांह या टांग में रक्त का थक्का बनना
- पल्मोनरी एम्बोलिज्म
- यूरिनरी रिटेंशन
- एनेस्थीसिया से एलर्जी होना
(और पढ़ें - पेशाब कम आने के लक्षण)
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