स्फ़ीरैंथस इंडिकस (Sphaeranthus Indicus) को हिंदी में गोरखमुंडी या मुंडी के रूप में जाना जाता है। यह सूखे धान के खेतों में पाई जाती है। यह जड़ी बूटी फरवरी-जून के बीच खाली धान के क्षेत्रों में भारत में आसानी से मिल सकती है।

इस पौधे में मिर्गी, मानसिक बीमारी, आधे सिर का दर्द, पीलिया, डायबिटीज, कुष्ठ रोग, बुखार, खांसी, पेट के रोग, हर्निया, बवासीर, पेट के कीड़े (कृमिरोग), अपच और त्वचा रोग जैसी विभिन्न बीमारियों के इलाज के गुण पाए जाते हैं।

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  1. गोरखमुंडी के फायदे - Gorakhmundi ke Fayde

आयुर्वेद में इस जड़ी बूटी के विभिन्न फायदे बताए गए हैं। उनके अनुसार यह पागलपन, तपेदिक ग्रंथियों, अपच, ब्रोंकाइटिस, प्लीहा रोग, एनीमिया, गर्भाशय और योनि में दर्द, बवासीर, अस्थमा, ल्यूकोडर्मा, पेचिश, उल्टी, गुदा में दर्द, स्तनों का ढीलापन, आधे सिर का दर्द आदि के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है।

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यूनानी दवा प्रणाली में, गोरखमुंडी को टॉनिक, लैक्सटिव, मासिक धर्म के स्राव को बढ़ावा देने वाली दवा (emmenagogue) के रूप में उपयोग किया जाता है। इसे भूख बढ़ाने, खून बढ़ाने, सूजन कम करने, मस्तिष्क को ठंडा करने और आंखों की रोशनी को बढ़ाने वाली दवा माना जाता है।

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गोरखमुंडी के लाभ आंखों के लिए - Gorakhmundi ke labh aankhon ke liye

गोरखमुंडी ईएनटी (कान, नाक और गले) के विकार और आंखों के विभिन्न विकारों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कुछ समय तक पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से, आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

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गोरखमुंडी के 3-4 ताजे फूल लें और दो चम्मच तिल के तेल में डुबोएं। इसके नियमित सेवन से आपकी दृष्टि को बेहतर बनाने और आंखों की लालिमा दूर करने में मदद मिलती है।

गोरखमुंडी के फायदे करें गॉल स्टोन को दूर - Gorakhmundi ke fayde karen gallstone ko dur

गोरखमुंडी योनि से जुड़ी बीमारियों और गर्भाशय से जुड़ी बिमारियों जैसे पथरी और गॉल स्टोन को खत्म करने में बहुत फायदेमंद होती है। गॉल ब्लैडर में स्टोन होने के कारण बहुत ही दर्द होता है। जिसके कारण इसका सबसे अधिक प्रभाव पाचन तंत्र के स्वास्थ्य पर पड़ता है।

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गोरखमुंडी के गुण करें कुष्ठरोग से बचाव - Gorakhmundi ke gun kare kushtrog se bachaav

यदि आपको कुष्ठ रोग है, तो गोरखमुंडी के पाउडर का सेवन आपके लिए बहुत ही लाभकारी हो सकता है। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है:

सामग्री:

गोरखमुंडी का इस्तेमाल कुष्ठ रोग के लिए कैसे करें:

  • गोरखमुंडी के पाउडर और नीम की छाल के पाउडर को मिक्स करके काढ़ा तैयार करें।
  • जब काढ़ा बनकर तैयार हो जाए तो सुबह और शाम इस काढ़े का सेवन करें।

(और पढ़ें - काढ़ा बनाने की विधि)

गोरखमुंडी खाने के फायदे गोनोरिया के लिए - Gorakhmundi khane ke fayde gonorrhea ke liye

गोरखमुंडी के पाउडर का सेवन गोनोरिया और धातु संबंधी बीमारी से जुड़े विकारों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है:

सामग्री:
गोरखमुंडी का पाउडर

गोरखमुंडी का इस्तेमाल गोनोरिया के लिए कैसे करें:
गोरखमुंडी के पाउडर का नियमित रूप से सेवन इस समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है।

(और पढ़ें - योनि की जलन का इलाज)

गोरखमुंडी का उपयोग दिलाएं खुजली से राहत - Gorakhmundi ka upyog dilayen khujli se raahat

गोरखमुंडी के सेवन से योनि में दर्द, खुजली या फोड़े को ठीक करने में मदद मिलती है। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है:

सामग्री:

  • गोरखमुंडी के बीज 
  • चीनी
  • पानी

गोरखमुंडी का इस्तेमाल खुजली दूर करने के लिए कैसे करें:

  • गोरखमुंडी के बीजों को अच्छे से पीस लें।
  • अब इस पाउडर में, बराबर मात्रा में चीनी मिक्स करें।
  • दिन में एक बार ठंडे पानी के साथ इसका सेवन करें।

(और पढ़ें - खुजली से छुटकारा कैसे पाएं)

गोरखमुंडी का सेवन बढ़ाएं यौन शक्ति - Gorakhmundi ka sewan badhayen youn shakti

गोरखमुंडी की जड़ों और पत्तों के सेवन से यौन शक्ति को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इस जड़ी बूटी का नियमित सेवन आपकी सेक्स पावर को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है। नीचे इसके उपयोग के तरीके के बारे में बताया जा रहा है:

सामग्री:

  • गोरखमुंडी की जड़ का पाउडर
  • गोरखमुंडी के पत्ते

गोरखमुंडी का इस्तेमाल यौन शक्ति बढ़ाने के लिए कैसे करें:

  • यौन शक्ति बढ़ाने के लिए आप गोरखमुंडी के पत्तों का सेवन कर सकते हैं। (और पढ़ें - यौन शक्ति बढ़ाने के उपाय)
  • इसके अलावा रात में गाय के दूध के साथ गोरखमुंडी की जड़ के पाउडर का सेवन करें।
  • यह उपाय आपकी सेक्सुअल पावर को बढ़ाने में मदद करेगा।

(और पढ़ें - गाय का दूध या बकरी का दूध क्या है सेहत के लिए बेहतर)

गोरखमुंडी खाने के लाभ बचाएं बवासीर से - Gorakhmundi khane ke labh bachayen bawasir se

गोरखमुंडी का सेवन बवासीर में लाभकारी होता है। इससे आपको कुछ ही हफ्तों के भीतर बवासीर से राहत मिल सकती है। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है:

सामग्री:

गोरखमुंडी का इस्तेमाल बवासीर का इलाज करने के लिए कैसे करें:

  • गोरखमुंडी की जड़ और तने को अच्छे से सूखाएं और पाउडर तैयार करें। 
  • नियमित रूप से शहद या मट्ठा के साथ एक चम्मच पाउडर का सेवन करें।
  • इसके सेवन से जल्दी ही बवासीर से राहत मिलेगी।

(और पढ़ें - बवासीर के घरेलू उपचार)

गोरखमुंडी के औषधीय गुण करें आंतों के कीड़ों को ख़त्म - Gorakhmundi ke aushdhiya gun karen aanto ke kidon ko katham

आप गोरखमुंडी का उपयोग आंतों के कीड़ों को खत्म और बाहर निकालने के लिए कर सकते हैं। इसके अलावा यह पेट के कीड़ों को भी निकालने में मददगार होता है। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है:

सामग्री:
गोरखमुंडी की जड़

गोरखमुंडी का इस्तेमाल आंतों के कीड़े दूर करने के लिए कैसे करें:

  • गोरखमुंडी की जड़ का पाउडर बना लें।
  • पेट और आंतों के कीड़े दूर करने के लिए, दिन में एक बार आधा चम्मच पाउडर का सेवन करें।
  • इस पाउडर के सेवन से पेट और आंतों के कीड़ो को खत्म करने में मदद मिलती है।

(और पढ़ें - पेट में कीड़े हो जाए तो क्या करना चाहिए)

सांसों की बदबू को दूर करें गोरखमुंडी से - Sanso ki badbu ko dur kare gorakhmundi se

गोरखमुंडी का सेवन सांसों की बदबू को दूर करने में मदद करता है। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है:

सामग्री:

गोरखमुंडी का इस्तेमाल सांसों की बदबू के लिए कैसे करें:

  • गोरखमुंडी के पाउडर को सिरका में अच्छे से मिक्स करें।
  • अब इस मिश्रण की एक चुटकी सुबह और एक चुटकी शाम को लें।

(और पढ़ें - मुंह की बदबू का घरेलू उपाय)


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें गोरखमुंडी है

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