प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को रोजाना की गतिविधियों में दिक्कत महसूस हो सकती है. यहां तक कि बैठने और खड़े होने में भी परेशानी हो सकती हैं. ऐसे में जरूरी है कि बैठने और खड़े होने के पोश्चर पर खास ध्यान दिया जाए, ताकि मांसपेशियों में तकलीफ न हो. यदि प्रेगनेंसी में सही तरह से बैठने और खड़े होने पर ध्यान दिया जाए, तो पैरों में फ्लूइड बिल्ड-अप भी नहीं होता है. बैठने के लिए सही बैक सपोर्ट वाली कुर्सी का इस्तेमाल और खड़े होते समय किसी फुटरेस्ट पर एक पैर रखने से राहत मिलती है. इसी तरह खड़े होते समय सिर और घुटनों को सीधे रखने से आराम मिलता है.

आज इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि प्रेगनेंसी में कैसे बैठना और खड़े होना चाहिए -

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  1. प्रेगनेंसी में कैसे बैठना चाहिए
  2. प्रेगनेंसी में बैठते समय ध्यान रखने योग्य बातें
  3. प्रेगनेंसी में कैसे खड़ा होना चाहिए
  4. प्रेगनेंसी में खड़े होते समय ध्यान रखने योग्य बातें
  5. सारांश
प्रेगनेंसी में कैसे बैठें व खड़े होएं? के डॉक्टर

प्रेगनेंसी में एक गर्भवती महिला को बढ़े हुए पेट की वजह से बैठते समय ऐसा महसूस हो सकता कि वह बस गिरने ही वाली है. इसलिए, बैठते समय पोश्चर पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है. सही सपोर्ट वाली कुर्सी बैठने में मदद कर सकती है. आइए, जानते हैं कि प्रेगनेंसी में कैसे बैठना चाहिए -

  • सबसे पहले तो किसी ऐसी कुर्सी का चुनाव करना चाहिए, जिसका बैक सपोर्ट बढ़िया हो. 
  • अब बैठते समय ध्यान रखना है कि पीठ सीधी हो और गर्भवती महिला के हिप्स कुर्सी के बैक को छू रहे हों.
  • अब खुद को ऊपर की ओर करना है और जहां तक संभव हो पीठ के कर्व को ठीक करना है. कुछ सेकंड के लिए रुक जाना है. 
  • इस समय ब्रेस्ट सामने की ओर होने चाहिए, न कि पेट पर टिके हों. पैर जुड़े होने की बजाय अलग-अलग होने से हिप्स को ठीक से जगह मिलती है.
  • शरीर के वजन को दोनों हिप्स पर बराबर डालना है. 
  • हिप्स और घुटनों को सही एंगल पर रखना है. यदि जरूरी लगे तो फुट रेस्ट का इस्तेमाल  किया जा सकता है. 
  • पैर आपस में क्रॉस नहीं होने चाहिए और जमीन पर समतल होने चाहिए.
  • किसी एक पोजीशन में आधे घंटे से ज्यादा देर तक नहीं बैठना चाहिए.
  • यदि गर्भवती महिला ऑफिस जा रहे है, तो उसे कुर्सी की ऊंचाई एडजस्ट करनी चाहिए ताकि वह डेस्क के करीब रह सके. कुर्सी या डेस्क पर कोहनी और हाथ रखने से कंधे रिलैक्स रहते हैं, जिससे बैठने में आराम महसूस होता है.
  • कुर्सी पर बैठते हुए कमर को मोड़ने की बजाय पूरे शरीर को ही मोड़ना सही है. इसके बाद यदि खड़े होना है, तो कुर्सी के अगले हिस्से पर आने के बाद पैरों को सीधा करके ही खड़े होना चाहिए. कमर के पास से मुड़ना सही नहीं है.

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यह तो आपने जान लिया कि कुर्सी पर बैठना कैसे है. अब हम यह बता रहे हैं कि कुर्सी पर बैठते समय किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए -

  • यदि कुर्सी का सपोर्ट ठीक न हो या उसमें तकलीफ महसूस हो रही हो, तो बैक सपोर्ट के लिए छोटे रोल किए हुए तौलिए या फिर कुशन का इस्तेमाल किया जा सकता है. 
  • यदि गर्भवती महिला को पीठ में दर्द की शिकायत है, तो जितना कम हो सके उतना ही बैठना चाहिए. ऐसे में 10 से 15 मिनट बैठने की ही सलाह दी जाती है.  

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प्रेगनेंसी में खड़े होते समय सिर और घुटनों को सीधे रखने से राहत मिलती है और शरीर को किसी तरह की तकलीफ नहीं होती है. आइए, जानते हैं कि प्रेगनेंसी में कैसे खड़ा होना चाहिए -

  • खड़े होते समय ध्यान रखना है कि सिर और ठोड़ी सीधे हों. सिर को आगे, पीछे या दाएं-बाएं नहीं घुमाना है.
  • कंधे पीछे की तरफ और छाती बाहर की ओर होनी चाहिए. 
  • घुटने सीधे होने चाहिए.
  • संभव हो तो पेट को टाइट करके रखना है. पेल्विस को न तो आगे करना है और न ही पीछे. हिप्स भी बाहर की ओर न निकले हों.
  • दोनों पैरों पर बराबर वजन होना चाहिए, ताकि शरीर पूरी तरह से संतुलित हों. कम हील वाले और आरामदायक फुटवियर पहनने चाहिए. साथ ही दोनों पैरों की दिशा दाएं-बाएं होने की जगह आगे की तरफ ही होनी चाहिए.
  • लगातार एक ही पोजीशन में बने रहने से परहेज करना चाहिए. 

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अगर गर्भवती महिला को कुछ देर खड़ा होना पड़ भी रहा है, तो उसे निम्न बातों की ओर ध्यान देना चाहिए -

  • अगर ऑफिस में लंबे समय के लिए खड़ा रहना है, तो टेबल की ऊंचाई को कम्फर्टेबल स्तर पर सेट कर लेना चाहिए. किसी स्टूल या बॉक्स पर एक पैर को रखने से आराम मिलता है. कुछ मिनट बाद पैरों की पोजीशन को बदलते रहना चाहिए.
  • किचन में काम करने के दौरान भी फुट रेस्ट पर पैर रखने से सही रहता है. यहां भी पैरों को 5 से 15 मिनट में बदलते रहना चाहिए.

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प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को बैठने और खड़े होने की पोजीशन पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यह पीठ पर स्ट्रेस का कारण बन सकता है. बैठते समय बैक सपोर्ट वाली कुर्सी और फुट रेस्ट या स्टूल पर पैर रखना सही राहत है. इसी तरह खड़े होते समय वजन दोनों पैरों पर बराबरी से पड़ने से आराम मिलता है. प्रेगनेंसी के समय ऊपर बताए गए तरीकों की मदद से बैठने और खड़े होने से आराम मिलता है, लेकिन बेहतर तो यह होगा कि इसके लिए डॉक्टर की सलाह मानी जाए.

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