जैसे ही आप प्रेगनेंसी के आठवें महीने या 32वें हफ्ते में प्रवेश करती हैं, आप बच्चे के जन्म के लिए स्वयं को तैयार महसूस करने लगती हैं। इस समय सही खान पान और नियमित व्यायाम की आदत बरक़रार रखें। अधिक से अधिक आराम करें और अपनी अपॉइंटमेंट्स पर डॉक्टर के क्लिनिक ज़रूर जाएं। डॉक्टर द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का पालन करें और गर्भावस्था के इन अंतिम हफ़्तों में कोई भी अधिक मेहनत वाला काम न करें।

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  1. 32वें हफ्ते की गर्भावस्था में शरीर में होने वाले बदलाव - Body changes during 32nd week of pregnancy in Hindi
  2. बत्तीसवें हफ्ते की गर्भावस्था में शिशु का विकास - Baby development in 32nd week of pregnancy in Hindi
  3. बत्तीसवें हफ्ते के गर्भ का अल्ट्रासाउंड - Ultrasound in 32 weeks of pregnancy in Hindi
  4. 32वें सप्ताह के गर्भधारण के लिए टिप्स - Pregnancy tips for 32 weeks in Hindi
  5. प्रेगनेंसी के बत्तीसवें हफ्ते में डाइट - Diet for 32nd week of pregnancy in Hindi

आपके वज़न में हर हफ्ते लगभग 450 ग्राम और रक्त की मात्रा में 50 प्रतिशत तक वृद्धि हो रही होती है। आप अभी भी गर्भावस्था के सामान्य लक्षणों जैसे थकान, स्तन स्रावण (दुग्धस्रावण जिसे कोलोस्ट्रम भी कहते हैं), प्रेगनेंसी के दर्द, कब्ज, सीने में जलन, अनिद्रा, सांस की तकलीफ, पैरों में ऐंठन, योनिस्राव, नाक से रक्तस्राव, बवासीर, वेरीकोज नसें (अधिक दबाव पड़ने के कारण जो नसें उभर कर त्वचा की ऊपरी सतह पर दिखाई देती हैं), मूड बदलना, खिंचाव के निशान, संकुचन या दबाव (Contractions), और कभी-कभी मतली का सामना कर सकती हैं। इस हफ्ते से बच्चा भी जन्म लेने के लिए श्रोणि की ओर बढ़ने लगता है।

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इस हफ्ते आपका बच्चा थोड़ा शांत रहता है। इसका मुख्य कारण यह है कि गर्भ में अब उसके गति करने के लिए जगह कम होती है क्योंकि वो अब पहले से बड़ा हो चुका है। ज्यादातर बच्चे अब अपना सिर नीचे की ओर कर लेते हैं, जबकि अन्य पूरी तरह से स्थिति बदल लेते हैं और उलट कर सिर नीचे की ओर और पैर ऊपर की ओर कर लेते हैं। इस स्थिति को ब्रीच स्थिति (Breech position) कहते हैं। अगर आपके बच्चे ने अभी तक ऐसा नहीं किया है तो कोई चिंताजनक बात नहीं है। यह जन्म से कुछ समय पहले भी हो सकता है। और अगर नहीं होता है तो आपकी डिलीवरी सी-सेक्शन या सर्जरी द्वारा करने की ज़रूरत पड़ सकती है।

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इस हफ्ते बच्चे की लम्बाई 16 से 17 इंच और वज़न लगभग 2 किलो हो जाता है। बच्चा एक समय में 20-40 मिनट के लिए सोता है और आपके सोने के समय में आपको परेशान कर सकता है। लेकिन इस समय के लिए यह सामान्य बात है। अध्ययनों के अनुसार कुछ बच्चे इस स्तर पर सपने देखना शुरु कर देते हैं।

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मस्तिष्क का विकास हो रहा होता है, इसलिए आपका ठीक प्रकार से भोजन करना बहुत महत्वपूर्ण है। गर्भनाल (Umbilical cord) पर एक चिकना पदार्थ लगा होता है जिससे बच्चे की किक और अन्य गतिविधियों से नाल की सुरक्षा होती है। बच्चे का कंकाल पूरी तरह से बन चुका होता है लेकिन उसकी हड्डियां अभी भी नरम और लचीली होती हैं।

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इस हफ्ते की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट आपके बच्चे के विकास के सम्बन्ध में कुछ खास नहीं आती है। अधिक से अधिक सिर्फ उसका वजन बढ़ता है जो विकसित अंगों की त्वचा के नीचे वसा एकत्रित होने के कारण होता है। उसे जन्म लेने के लिए अपने शरीर का तापमान बढ़ाने की ज़रूरत होती है जिसके लिए अधिक से अधिक वसा की आवश्यकता होती है। क्योंकि गर्भ के बाहर की दुनिया में तापमान बहुत भिन्न होता है। यद्यपि उसके फेफड़ों को अभी भी परिपक्व होने में थोड़ा समय लग सकता है। अगर आप थोड़ा करीब से अल्ट्रासाउंड में देखेंगी तो बच्चे के पैरों के नाखून पूरी तरह से विकसित दिखाई देंगे।

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ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन (तीसरी तिमाही में होने वाली ऐंठन या डिलीवरी के झूठे संकेत) इस हफ्ते में महसूस हो सकते हैं। यदि आपको अंतर नहीं समझ आ रहा है तो डॉक्टर से बात करें। कुछ भी पूछने में संकोच न करें। ये संकुचन सामान्य होते हैं। अपने सोने, बैठने आदि की स्थिति जल्दी जल्दी बदलने की कोशिश करें और थोड़े गर्म पानी से स्नान न करें। ऐसा करने से इस दौरान होने वाली असुविधाओं को दूर करने में मदद मिलेगी। यहां तक कि थोड़ी थोड़ी मात्रा में भोजन करने से इस बिंदु पर महसूस होने वाले संकुचनों को कम करने में मदद मिलती है।

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प्रेगनेंसी के बत्तीसवें हफ्ते अर्थात आठवें महीने का भोजन 30वें और 31वें हफ्ते के समान ही होता है। आपको अब और अधिक कैलोरी प्रतिदिन खाने की जरूरत है। साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं जिससे शरीर में पानी की कमी न हो।

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  1. अतिरिक्त कैलोरी के लिए भोजन के अलावा भी कैलोरी लें।
  2. बादाम का दूध, अंगूर का शरबत आदि आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इनका सेवन ज़रूर करें। (और पढ़ें - गर्भावस्था में ये हेल्दी जूस हैं काफी फायदेमंद)
  3. ऐसे खाद्य पदार्थ खाएं जिनमें पानी अधिक मात्रा में हो। (और पढ़ें - गर्भावस्था में क्या खाएं)
  4. लस्सी और नींबू पानी जैसे पेय पदार्थ शरीर को ठंडक पहुंचाने में मदद करते हैं। (और पढ़ें - गर्भावस्था में खून की कमी)
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