गर्भावस्था के नौवें सप्ताह के दौरान, आपमें और आपके शिशु में बहुत तेजी से परिवर्तन हो रहे होते हैं। यदि अपने अभी तक डॉक्टर से संपर्क नहीं किया है तो अब डॉक्टर से पहली प्रसवपूर्व जांच (Prenatal test) कराने की तिथि सुनिश्चित कर लें। आपको डॉक्टर से जो कुछ भी पूछना हो आप एक डायरी में नोट कर सकती हैं जिससे उस निश्चित समय में आप कुछ भी भूलेंगी नहीं। पहली गर्भावस्था के दौरान महिला के मन में कई सारे सवाल उमड़ते हैं जिनका सही सही जवाब उसे डॉक्टर ही दे सकते हैं। डॉक्टर के साथ आपकी पहली अपॉइंटमेंट में इसीलिए अधिक समय लगता है। उस डायरी में आप सेवन करने वाली दवाओं के नाम, व्यायाम, खाने पीने की दिनचर्या और अन्य कोई बीमारी हो तो उसके बारे में लिख सकती हैं। (और पढ़ें - गर्भावस्था में योग और प्राणायाम)

  1. नौवें हफ्ते की गर्भावस्था में शरीर में होने वाले बदलाव - Changes in body during 9th week of pregnancy in Hindi
  2. नौवें हफ्ते की गर्भावस्था में भ्रूण का विकास - Baby development in 9th week of pregnancy in Hindi
  3. नौवें हफ्ते के गर्भ का अल्ट्रासाउंड - Ultrasound in 9th week of pregnancy in Hindi
  4. नौवें सप्ताह के गर्भधारण के लिए टिप्स - Tips for 9th week of pregnancy in Hindi
  5. प्रेगनेंसी के नौवें हफ्ते का डाइट प्लान - Diet plan for 9th week of pregnancy in Hindi

आपका गर्भाशय दिन पर दिन बढ़ता है, और नवें हफ्ते में खरबूजे के आकार का हो जाता है। इसके कारण आप सूजन सी महसूस कर सकती हैं और आपको थोड़ी सुस्ती भी होगी। लेकिन याद रखें कि ऐसा हार्मोनों में परिवर्तन होने के कारण होता है इसलिए चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। (और पढ़ें - गर्भ में लड़का या लड़की होने के लक्षण से जुड़े मिथक)

इस सप्ताह से आपका वज़न बढ़ सकता है लेकिन संभवतः ऐसा बच्चे के भार के बजाय वाटर रिटेंशन (Water retention) के कारण होने की संभावना अधिक होती है। इस सप्ताह के दौरान कई महिलाओं को मूड बदलने और गर्भावस्था के अन्य लक्षणों का अनुभव होता है लेकिन फिर से ऐसा हार्मोनों (विशेष रूप से प्रोजेस्टेरोन) के कारण ही होता है। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी में बदलते मूड के कारण और उपाय)

कुछ गर्भावस्था लक्षण जैसे ऐंठन, दर्द, सूजन और थकान आदि पूरी गर्भावस्था के दौरान महसूस होते हैं। (और पढ़ें - गर्भावस्था में दर्द, सामान्य हैं या नहीं)

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इस सप्ताह में आपका बच्चा भ्रूणावस्था से गर्भस्थ शिशु की अवस्था में पहुंच जाता है। शिशु आठवें हफ्ते से सिर्फ एक इंच और लम्बा होता है और शिशु भार में अभी भी तीन ग्राम के आसपास (आठवें सप्ताह के बराबर) ही होता है।

आपके बच्चे की अधिकांश शारीरिक बनावट बन जाती है, जैसे सिर, पैर और हाथ आदि। उसके सिर का ऊपरी हिस्सा सबसे बड़ा होता है। (और पढ़ें - गर्भ में बच्चे का विकास, वीडियो के साथ)

नौवें सप्ताह के दौरान आपके बच्चे का वजन बढ़ना शुरू होता है। चौथे, पांचवे हफ्ते में उपस्थित पूंछ पूरी तरह से गायब हो जाती है और शारीरिक अंग और मांसपेशियां काम करना शुरु कर देती हैं।

उसकी पलकें जुड़ जाती हैं जिससे गर्भावस्था के अगले 27 हफ़्तों के दौरान वे एक साथ बंद होने और खुलने लगती हैं। जननांग भी विकसित होने लगते हैं लेकिन डॉक्टर अभी उन्हें नहीं देख पाएंगे। ठीक प्रकार से वे दूसरी तिमाही के दौरान नज़र आएंगे।

आपके बच्चे का हृदय भी चार कक्षों में विभाजित होता है और उनमें रक्त तेजी से पंप भी होने लगता है। (और पढ़ें - गर्भधारण कैसे होता है)

भ्रूण इस हफ्ते के अल्ट्रासाउंड में नीचे की ओर और उसका सिर बाईं ओर दिखाई देता है। इस तरह (Angle) से देखने पर उसके हाथ-पैरों को नहीं देखा जा सकता, लेकिन बच्चे के पेट से जुड़ी हुई गर्भनाल देखी जा सकती है। बच्चे के चारों ओर विकसित एम्नियोटिक द्रव भी इस सोनोग्राफी (अल्ट्रासाउंड) में दिखाई देता है। 

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी में होने वाली समस्याएं और प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए)

यदि आप प्रेगनेंसी के इस हफ्ते में, गर्भावस्था तनाव और चिंता से जूझ रही हैं, तो इनसे दूर रहने के उपाय जैसे स्वयं को व्यस्त रखें, संगीत सुने, घूमे फिरें आदि कर सकती हैं। आजकल प्रेगनेंसी क्लासेज का प्रचलन है, आप उनमें भी जा सकती हैं। उनमें गर्भावस्था के दौरान करने वाले व्यायाम, इस दौरान खान पान की आदतों, जीवन शैली में करने वाले परिवर्तनों आदि के बारे में बताया जाता है। ऐसा करने से आपको इस दौरान महसूस होने वाली समस्याओं का समाधान करने में मदद मिलेगी। इन क्लासेज या सेंटर का पता आप इंटरनेट के माध्यम से लगा सकती हैं। (और पढ़ें - गर्भ में लड़का या लड़की होने के लक्षण से जुड़े मिथक)

ये समझने में मदद मिलेगी कि आप इस समय किन चीज़ों से गुज़र रही हैं। ऐसा करने से अन्य कामों में वो आपकी स्थिति को समझते हुए आपकी मदद भी करेंगे।

लेकिन ये ध्यान में रखिये कि इस दौरान महसूस होने वाले सभी लक्षण पूरी तरह से सामान्य होते हैं उनके बारे में चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है। (और पढ़ें - क्या प्रेगनेंसी में पीरियड्स होते हैं)

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आपकी गर्भावस्था का हर हफ्ता एक नई चुनौती के साथ आता है और उन चीजों का सामना करने के लिए, आपको अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अपने आहार में परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है। 9 से 12 सप्ताह तक का समय आपके बच्चे की संरचना का समय होता है। आपकी गर्भावस्था में विटामिन बी और मैग्नीशियम महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इसी वजह से इन पोषक तत्वों से युक्त खाद्य पदार्थ आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं। मैग्नीशियम आपके बच्चे की हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। (और पढ़ें - गर्भावस्था में क्या खाएं और क्या ना खाएं)

  1. विटामिन बी 6 आपके शरीर में स्टोर खाद्य पदार्थों से ऊर्जा का उपयोग करने में मदद करता है। ब्राउन राइस, बिना चर्बी के मांस, मुर्गा, मछली और एवोकाडो, विटामिन बी 6 के कुछ अच्छे स्रोत हैं। इन्हें अपने आहार में शामिल करें।
  2. विटामिन बी 12, गर्भावस्था के दौरान एनीमिया की संभावना को कम करता है और आपके तंत्रिका तंत्र की रक्षा करता है। विटामिन बी 12 के लिए, आप अपने दैनिक आहार में सोया मिल्क और अनाज शामिल कर सकती हैं। (और पढ़ें - गर्भावस्था में वज़न बढ़ना)
  3. मैग्नीशियम आपके बच्चे के विकास के लिए फायदेमंद होता है और बच्चे का सही वजन बनाए रखने में मदद करता है। हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मूली के पत्ते, सरसों के साग, मेथी के पत्ते, सूखे मेवे, डेयरी उत्पाद, मछली और मांस आदि मैग्नीशियम के स्रोत हैं। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी डाइट चार्ट)
  4. इस चरण के दौरान तरल पदार्थों पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी होता है और भारत में, स्वास्थ्य सम्बन्धी पेय पदार्थों में बहुत सारे विकल्प होते हैं, जैसे आम का पना, जल जीरा, अदरक की चाय और टमाटर का सूप आदि। लेकिन कोशिश करें कि ये सब भी घर पर ही बनाएं।
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