यदि आप गर्भावस्था के 39वें सप्ताह में हैं तो अब कभी भी आपकी डिलीवरी हो सकती है। अपनी गर्भावस्था के इन अंतिम क्षणों का आनंद लें क्योंकि मां बनने के बाद आपको नयी चुनौतियों का सामना करना होगा। अब किसी भी समय आपको प्रसव पीड़ा हो सकती है। आप अपने दैनिक कार्यों को करती रहें लेकिन ध्यान रखें कि बच्चा किसी भी समय पैदा हो सकता है इसलिए अधिक मेहनत वाला काम बिलकुल न करें।

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  1. 39वें हफ्ते की गर्भावस्था में शरीर में होने वाले बदलाव - Body changes during 39th week of pregnancy in Hindi
  2. उनतालीसवें हफ्ते की गर्भावस्था में बच्चे का विकास - Baby development in 39th week of pregnancy in Hindi
  3. उनतालीसवें हफ्ते के गर्भ का अल्ट्रासाउंड - 39th week of pregnancy ultrasound in Hindi
  4. 39वें सप्ताह के गर्भधारण के लिए टिप्स - Tips for 39 week of pregnancy in Hindi
  5. प्रेगनेंसी के उनतालीसवें हफ्ते में डाइट - Diet in 39th week of pregnancy in Hindi

जैसे ही 39वें हफ्ते की शुरुआत होती है आपको हर पल परेशानी का सामना करना पड़ता है। आपको बैठने या लेटने की स्थिति से उठने में कठिनाई होती है। आपके स्तन और अधिक संवेदनशील हो जाएंगे अर्थात उन्हें छूने में दर्द होगा।। कोलोस्ट्रम (colostrum) नामक द्रव जिसे मां का पहला दूध भी कहा जाता है, आपके स्तनों से स्रावित होने लगेगा। आपके शरीर के हर हिस्से में सूजन आने लगेगी। लेकिन इस दौरान अधिक से अधिक पानी पीना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आपको अभी तक प्रसव जैसी ऐंठन का अनुभव नहीं हुआ है तो अब आपको उसका अनुभव होना भी शुरू हो जायेगा। यदि इस सप्ताह आपकी पानी की थैली फट (Water breaks) जाती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और अस्पताल जाएं।

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यदि आपका बच्चा इस हफ्ते पैदा होता है, तो वो स्वस्थ होगा और सभी अंग कार्य भी करेंगे। उसके फेफड़े 39वें सप्ताह तक परिपक्व तो होते हैं, लेकिन जन्म के बाद भी वे पूरी तरह से कार्य करने में समर्थ नहीं होते हैं। इस हफ्ते बच्चे का वज़न लगभग 3.1 किलोग्राम या उससे थोड़ा ज्यादा होता है। यदि इस हफ्ते भी डिलीवरी नहीं होती है तो बच्चा जन्म तक गर्भ में ही सक्रिय रहता है। इसलिए यदि इस स्तर पर बच्चे की गतिविधियों में कमी महसूस हो तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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इस हफ्ते के अल्ट्रासाउंड टेस्ट में सोनोग्राफर को आपके बच्चे के चेहरे का 3/4 हिस्सा दिखाई देता है। और आप उसकी पलकों को भी देख सकती हैं। आपके डॉक्टर इस हफ्ते अल्ट्रासाउंड में यह देखते हैं कि बच्चे का सिर गर्भ में नीचे की ओर ही है या नहीं क्योंकि सिर नीचे की ओर होना ही डिलीवरी के लिए सबसे अच्छी स्थिति होती है।

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यदि आपको सोने में परेशानी हो रही है, तो एक झुकाव वाली कुर्सी या सोफे (Recliner) में सोने की कोशिश करें। यदि आपके पास ऐसी कुर्सी नहीं है तो अधिक तकिया अपने सिर या पैरों के नीचे लगा कर सही स्थिति बना कर आराम करें। खूब पानी पिएं और संतुलित आहार खाएं। हालांकि इस समय आराम करना बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन उसके साथ साथ सक्रिय रहना भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है। जब भी अनुकूल हो व्यायाम ज़रूर करें और प्रत्येक दिन थोड़ी देर टहलने की कोशिश करें।

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इस समय प्रसव पीड़ा को सहने के लिए और अधिक ताकत वाली चीज़ें खाएं और संतुलित आहार खाती रहें।

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  1. कार्बोहाइड्रेट, प्रसव के समय के लिए बहुत फायदेमंद पोषक तत्व होता है, इसलिए आप पके हुए आलू (Baked potatoes), टोस्ट और केले खाएं।
  2. तरल पदार्थों का सेवन करने के लिए, नींबू शहद का पानी, नारियल पानी और फलों का रस पिएं। (और पढ़ें - गर्भावस्था में ये हेल्दी जूस हैं काफी फायदेमंद)
  3. स्तनपान के लिए अपने आहार में, विभिन्न पोषक तत्वों जैसे सब्जियां, फल, चिकन, साबुत अनाज और टोन्‍ड मिल्‍क (बिना फैट वाला दूध) को शामिल करें। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी डाइट चार्ट)
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