गर्भावस्था के चौदहवें सप्ताह के दौरान आप थोड़ा सहज महसूस कर सकती हैं क्योंकि आपका शरीर होने वाले आंतरिक परिवर्तनों के अनुसार ढल रहा होता है। इस सप्ताह के दौरान आप दूसरी तिमाही के दूसरे सप्ताह में प्रवेश करती हैं और बच्चे के विकास के लगभग महत्वपूर्ण चरण पूरे हो चुके होते हैं लेकिन अभी भी खान पान पर ध्यान देना बेहद महत्वपूर्ण है।

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  1. चौदहवें हफ्ते की गर्भावस्था में शरीर में होने वाले बदलाव - Body changes in 14th week of pregnancy in Hindi
  2. 14वें हफ्ते की गर्भावस्था में भ्रूण का विकास - Baby development in 14th week of pregnancy in Hindi
  3. चौदहवें हफ्ते के गर्भ का अल्ट्रासाउंड - Ultrasound of 14 week pregnancy in Hindi
  4. 14वें सप्ताह के गर्भधारण के लिए टिप्स - Tips for 14th week of pregnancy in Hindi
  5. प्रेगनेंसी के चौदहवें हफ्ते की डाइट - Diet during 14th week of pregnancy in Hindi

गर्भावस्था के सबसे खराब लक्षण लगभग इस समय से गायब होने लगते हैं और आपके वज़न में वृद्धि होने के साथ साथ आपकी कमर भी बढ़ने लगती है।

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इस सप्ताह से आपकी भूख में वृद्धि होगी और आप सोचेंगी कि आपको शायद दो लोगों का खाना खाने की ज़रूरत है। लेकिन ध्यान रहे ऐसा भूलकर भी न करें क्योंकि इससे आपका वज़न ज़रूरत से ज्यादा बढ़ सकता है जो जोखिम का कारण बन सकता है। आपके दाग धब्बे और झाइयों के निशान अधिक गहरे हो जायेंगे और आपके स्तन दुग्ध उत्पादन की तयारी के कारण अधिक संवेदनशील होते जायेंगे।

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आपके शरीर पर नए मस्से आ सकते हैं लेकिन यह सामान्य है इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। जल्दी जल्दी मूड बदलने की समस्या इस तिमाही के दौरान बढ़ जाती है। इस सम्बन्ध में अपने पति या डॉक्टर से बात करें।

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अंततः आपके बच्चे का शरीर भी सिर के साथ बढ़ने लगता है। कान और आँखें अपनी सही स्थिति में आ जाते हैं।

जैसे जैसे गर्दन लम्बी होती है, आपके बच्चे की ठोड़ी छाती से ऊपर होने लगती है। मासपेशियां विकसित होती रहती हैं लेकिन मां इस सप्ताह में भी बच्चे की गतिविधियां महसूस नहीं कर पाएंगी क्योंकि इसके लिए बच्चा अभी बहुत छोटा होता है।

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बच्चा सभी पोषक तत्व प्लेसेंटा के माध्यम से ग्रहण करता है। इसलिए इस समय आपको अपने खान पान पर ध्यान देने की अधिक आवश्यकता है।

अल्ट्रासाउंड के दौरान आप अपने बच्चे को मुट्ठी खोलते बंद करते देख पाएंगी और उसकी उंगलियां भी एक दूसरे से पूरी तरह से से अलग हो जाएंगी। शिशु का दिल आपके दिल के धड़कने की दुगनी तेज़ी से धड़केगा लेकिन यह सामान्य प्रक्रिया है इसमें परेशां होने की ज़रूरत नहीं है।

14वें हफ्ते तक बच्चा तीन इंच लंबा और लगभग 28 ग्राम का हो जाता है। आपका बच्चा इस स्तर पर अपना अंगूठा चूसने लगेगा और उसका चेहरे की मांसपेशियों पर नियंत्रण बढ़ जाता है अर्थात वो आँखें मीचना, भौहें चढ़ाना शुरु कर देता है जैसे बड़े लोग गुस्से के समय करते हैं।

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इसके अलावा बच्चे का लिवर पित्त (Bile) का जबकि तिल्ली (Spleen) लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन शुरू कर देती है।

इस हफ्ते के अल्ट्रासाउंड में बच्चे का सिर दाहिनी ओर और उसके हाथ उसकी छाती पर दिखाई देते हैं। अल्ट्रासाउंड के माध्यम से आप अपने बच्चे के दिल की धड़कन भी सुन सकती हैं जो बहुत तेज़ी से धड़कती हुई सुनाई देती है।

यद्यपि कुछ माता-पिता 14 वें सप्ताह के दौरान अल्ट्रासाउंड टेस्ट के माध्यम से जननांग अंगों को देखकर अपने बच्चे के लिंग के बारे में पता लगाने का प्रयास करते हैं, लेकिन यह समय अक्सर बच्चे का सेक्स पहचानने के लिए बहुत जल्दी है। कुछ और हफ्तों बाद ही सोनोग्राफर बच्चे ला लिंग बता पाता है।

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हालांकि बच्चे का लिंग जानने का प्रयास करना भी नहीं चाहिए और भारत में बच्चे का लिंग पता करना गैरकानूनी भी है। 1994 में भारत की संसद द्वारा इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी गयी है और ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर गिरफ्तार करने का आदेश भी दिया गया है।

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जैसा ऊपर बताया है कि आपकी भूख इस हफ्ते बढ़ती जाती है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप ठीक से खाना खाएं और आवश्यक व्यायाम सही प्रकार से करें। अगर आपको लगता है कि आपका वजन बहुत अधिक हो गया है तो आपको अपने खाने पीने में कमी करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि ऐसा करने से आपके बच्चे के विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्वों में कमी आ सकती है।

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वज़न को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर के साथ चर्चा करके व्यायाम दिनचर्या शुरू करें और सुनिश्चित करें कि आप एक बार में अधिक भोजन करने के बजाय दिन में थोड़ी थोड़ी मात्रा में अधिक बार भोजन करें।

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इस समय आयरन और कैल्शियम समृद्ध खाद्य पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें। गर्भावस्था के दौरान आयरन का सेवन करने से खून की कमी नहीं होती क्योंकि आयरन लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि करता है। कैल्शियम आपको आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है। 14वें हफ्ते की डाइट 13वें हफ्ते की डाइट के समान ही होती है। 

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  1. कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करें जैसे दूध और दूध से बने खाद्य पदार्थ आदि।
  2. कैफीन का सेवन कम से कम करें। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी डाइट चार्ट)
  3. विटामिन सी समृद्ध खाद्य पदार्थों जैसे नींबू पानीसंतरे का रस आदि का सेवन करने से आयरन की पूर्ति होती है।
  4. नाश्ते में स्प्राउट्स, सोया, सूखे मेवे आदि अन्य चीज़ें लें।
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