मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में स्थित दानोत गांव की एक खबर देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। दानोत गांव भौगोलिक रूप से पहाड़ी क्षेत्र में बसा है। इस गांव में प्रसव सुरक्षा एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि यहां की अधिकांश महिलाएं अशिक्षित और गरीब हैं। इस क्षेत्र की महिलाओं में अचानक प्रसव पीड़ा होने पर बिना किसी तैयारी के अस्पताल जाने या घर में ही प्रसव होने से संक्रमण होने की आशंका बनी रहती थी। इस वजह से कई शिशुओं और महिलाओं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।

इसके मद्देनजर स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ एएनएम रीता चौहान ने इस गांव में सभी गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी की तारीख और संबंधित जानकारी अपने लैपटॉप में रखना शुरू किया, जिसके बाद वह गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी की तारीख से एक महीने पहले वहां पहुंचकर उन्हें एक पोटली देती हैं। इस पोटली में डिलीवरी के समय काम आने वाली सभी तरह की जरूरी चीजें होती हैं, जिसे गो-किट नाम दिया गया है। एएनएम रीता चौहान के इस कदम से यह गांव अब 100 प्रतिशत टीकाकरण और 95 प्रतिशत संस्थागत प्रसव वाला क्षेत्र बन गया है। 

अब आप सोच रहे होंगे कि इस गो-किट में क्या-क्या चीजें हैं। इसीलिए हमने इस पोटली के बारे में डॉक्टर से बात की, जिसके बाद उन्होंने हमें निम्नलिखित चीजों के बारे में बताया, जो कि डिलीवरी के समय होनी बहुत जरूरी है -

(और पढ़ें - डिलीवरी के बाद की समस्याएं और उनके उपाय)

  • स्टेराइल ग्लव्स - 
    स्टेराइल ग्लव्स बैक्टीरिया मुक्त होते हैं, जिनका इस्तेमाल डॉक्टर संक्रमण से बचाव के लिए करते हैं।
     
  • स्टेराइल पैड या सेनेटरी पैड - 
    डिलीवरी के बाद मां को ब्लीडिंग होती है, जिसे रोकने के लिए स्टेराइल पैड या सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करने के लिए कहा जाता है, जो ब्लड को सोख लेता है।
     
  • स्टेराइल क्लैंप - 
    यह चिमटी जैसा एक उपकरण है। इसका इस्तेमाल गर्भनाल में खून के प्रवाह को रोकने के लिए किया जाता है।
     
  • स्टेराइल ब्लेड -
    गर्भनाल में स्टेराइल क्लैंप लगाने के बाद इसे स्टेराइल ब्लेड की मदद से काट दिया जाता है।
     
  • कॉटन (रुई) - 
    डिलीवरी के बाद मां और बच्चे के शरीर पर लगे खून को रुई की मदद से साफ किया जाता है।
     
  • ल्कोहल स्वैब - 
    डिलीवरी के बाद बच्चे या मां की त्वचा पर किसी तरह की खरोंच लगने के बाद संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एल्कोहल स्वैब में रुई डालकर प्रभावित हिस्से को साफ किया जाता है।
     
  • बेबी सोप (बच्चों का साबुन) - 
    डिलीवरी के बाद बच्चे की सफाई के लिए विशेष तरह के साबुन का इस्तेमाल करते हैं, जिसे बेबी सोप कहा जाता है।
     
  • बेबी टॉवल (बच्चे के लिए तौलिया) - 
    जन्म के बाद बच्चे को ढकने के लिए एक मुलायम तौलिए की जरूरत होती है।
     
  • बेबी पैंपर -
    जन्म के बाद बच्चे को डाइपर पहनाने की जरूरत होती है।
     
  • बच्चे के लिए एक जोड़ी कपड़े - 
    जन्म के बाद बच्चे को पहनाने के लिए एक जोड़ी कपड़े।
     
  • दर्द की दवा और एंटीबायोटिक - 
    डिलीवरी के बाद मां को होने वाले दर्द को कम करने के लिए दर्द निवारक दवा और एंटीबायोटिक

राज्य सरकार समेत रीता चौहान की इस नायाब कोशिश की चारों ओर सराहना की जा रही है। इससे हम डिलीवरी के दौरान मां और शिशु की जान बचा सकेंगे।

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