मेडिकल-ग्रेड बोटुलिनम टॉक्सिन के लिए संक्षिप्त और अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है बोटोक्स। बोटुलिनम टॉक्सिन एक न्यूरोटॉक्सिन पदार्थ है जो क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम नामक जीवाणु और अन्य संबंधित प्रजातियों द्वारा प्राकृतिक तौर पर बनाया जाता है। न्यूरोटॉक्सिन एक जहरीला पदार्थ है जो तंत्रिका तंत्र (नसों, रीढ़ या मस्तिष्क) में घुसपैठ करके इनकी कार्यप्रणाली को खराब करता है। तंत्रिकाओं पर न्यूरोटॉक्सिन के सामान्य प्रभावों में मासपेशियों में लकवा (पैरालिसिस) शामिल है, इसमें मांसपेशियों को कंट्रोल करना और स्पर्श व दर्द की अनुभूति जैसे संवेदी कार्य करने में असमर्थता शामिल है। बोटुलिनम टॉक्सिन, तंत्रिकाओं और मांसपेशियों के जंक्शन पर तंत्रिका कोशिकाओं के बीच संकेतों को प्रसारित करने वाले एसिटाइलकोलिन के प्रवाह को बाधित करता है। यह लकवा और मांसपेशियों के ढीला होने (फ्लैक्सिडिटी) का कारण बनता है।

प्रकृति में कई प्रकार के बोटुलिनम टॉक्सिन पाए जाते हैं, जो ए से जी तक अल्फाबेटिकल ऑर्डर में होते हैं। कुछ प्रकार के बोटुलिनम टॉक्सिन के कारण बोटुलिज्म होता है। यह एक दुर्लभ और घातक बीमारी है, जिसके कारण श्वसन तंत्र से जुड़ी मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है। यह बीमारी घाव में हुए संक्रमण या क्लोस्ट्रीडियम बैक्टीरिया जैसी प्रजातियों के कारण दूषित भोजन से होती है। हालांकि, प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला बोटुलिनम टॉक्सिन बैक्टीरिया का रक्षा तंत्र है, कॉस्मेटोलॉजी और मेडिसिन के उपयोग के लिए इसके गुणों में हेर-फेर हो सकती है। बोटुलिनम टॉक्सिन ए और बी का व्यापक तौर पर चिकित्सा और सौंदर्य के क्षेत्र में इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, बोटॉक्स को इसके कॉस्मेटिक उपचारों के लिए ज्यादा जाना जाता है। कई अन्य चिकित्सा स्थितियों के प्रबंधन में भी यह उपयोगी है। खासतौर पर जहां दर्द से राहत और नस पर नस चढ़ना को नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है।

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  1. बोटुलिनम टॉक्सिन के प्रकार - Types of botulinum toxins used in Hindi
  2. बोटोक्स के संकेत - Indications of Botox in Hindi
  3. बोटोक्स कॉस्मेटिक इलाज - Botox cosmetic treatment in Hindi
  4. बोटोक्स के लिए तैयारी - Preparation for Botox in Hindi
  5. बोटोक्स कैसे किया जाता है - Procedure of Botox in Hindi
  6. बोटोक्स के बाद देखभाल और परिणाम - Aftercare and results of Botox in Hindi
  7. बोटॉक्स के लिए सावधानियां - Precautions for Botox in Hindi
  8. बोटॉक्स के कॉन्ट्राइंडिकेशन - Contraindications for Botox in Hindi
  9. बोटोक्स से जुड़ी जटिलताएं - Complications of botox in Hindi
बोटोक्स के डॉक्टर

प्रकृति में ए से जी तक अलग-अलग प्रकार के बोटुलिनम टॉक्सिन की पहचान हो चुकी है, लेकिन चिकित्सा उद्देश्यों के लिए सिर्फ ए और बी प्रकार का उपयोग किया जाता है। चिकित्सा और कॉस्मेटिक उपचार के लिए उपलब्ध बोटुलिनम टॉक्सिन पदार्थों के निम्न उदाहरण हैं :

  • ओनाबोटुलिनमटॉक्सिनए (बोटॉक्स, बोटॉक्स कॉस्मेटिक): बोटुलिनम टॉक्सिन, सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला प्रकार है, इसे बोटॉक्स भी कहा जाता है और इसके चिकित्सा व कॉस्मेटिक उपयोग हैं। चिकित्सा उपयोगों जैसे क्रोनिक माइग्रेन, अतिसक्रिय मूत्राशय, आंखों में भेंगापन, पलकों का फड़फड़ाना, सर्वाइकल डायस्टोनिया और यहां तक ​​कि कांख में ज्यादा पसीना आने के प्रबंधन में भी इसकी भूमिका है। बोटॉक्स के कॉस्मेटिक उपयोगों में भौंहों के बीच, माथे पर और आंखों के कोण पर झुर्रियों कम करना शामिल हैं।
  • ओनाबोटुलिनमटॉक्सिनए (डिस्पोर्ट): उस प्रकार के बोटुलिनम टॉक्सिन की मुख्य भूमिका बाहों और पैरों की मांसपेशियों की ऐंठन के प्रबंधन में होती है और दो साल से अधिक उम्र के किसी भी व्यक्ति में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका उपयोग सर्वाइकल डायस्टोनिया में भी किया जाता है, यह एक दर्दनाक स्थिति है, जिसमें गर्दन की मांसपेशियों में अनुचित रूप से ऐंठन हो जाती है और सिर अनैच्छिक रूप से एक तरफ या ऊपर और नीचे की ओर मुड़ जाता है। इस प्रकार के बोटुलिनम टॉक्सिन का उपयोग माथे की रेखाओं और झुर्रियों के कॉस्मेटिक प्रबंधन के लिए भी किया जा सकता है।
  • ओनाबोटुलिनमटॉक्सिनए (जिओमिन): इसका उपयोग भी ऊपर बताए गए बोटुलिनम टॉक्सिन की तरह ही मांसपेशियों की ऐंठन के प्रबंधन के लिए होता है। इसका उपयोग कॉस्मेटिक उद्देश्य के लिए भी किया जा सकता है।
  • प्रबोटुलिनमटॉक्सिनए (ज्यूवू): यह बोटुलिनम टॉक्सिन का ए प्रकार है और वयस्कों में माथे पर भौहों के बीच की झुर्रियों और रेखाओं को कम करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
  • रिमाबोटुलिनमटॉक्सिनबी (मायोब्लॉक): यह बी प्रकार का बोटुलिनम टॉक्सिन है। मुख्य रूप से सर्वाइकल डायस्टोनिया में इसका इस्तेमाल होता है।

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कॉस्मेटिक डर्माटोलॉजी और प्लास्टिक सर्जरी में इसके व्यापक उपयोग के अलावा, बोटॉक्स का उपयोग कई स्वास्थ्य स्थितियों के उपचार में किया जाता है। बोटोक्स के कुछ चिकित्सा उपयोगों में निम्न शामिल हैं :

  • डायस्टोनियस : ऐसी स्थितियां जो शरीर के एक निश्चित हिस्से को प्रभावित कर सकती हैं और एक निश्चित पैटर्न में अनैच्छिक और बार-बार या निरंतर मांसपेशियों में ऐंठन जैसी गतिविधि का कारण बन सकती हैं। डायस्टोनियस के कुछ उदाहरण निम्न हैं :
    • सर्वाइकल डायस्टोनिया : गर्दन की मांसपेशियों की अनुचित ऐंठन के कारण अनैच्छिक रूप से गर्दन का मुड़ना, जो दर्दनाक हो। इस स्थिति को टॉर्टिकोलिस के रूप में जाना जाता है।
    • ब्लेफेरोस्पाज्म : एक विशेष पैटर्न में दोनों पलकों में से एक का बार-बार फड़फड़ाना।
  • स्पास्टिसिटी : आराम करने के दौरान भी मांसपेशियों में अनैच्छिक रूप से तनाव बढ़ जाता है और मांसपेशियां सख्त या उनमें कसाव आ जाता है, जिससे शरीर में द्रव की सामान्य गति रुक सकती है। मांसपेशियां सिकुड़ी रहती हैं और उनका लचीलापन खत्म हो जाता है। निम्न स्थितियां के कारण स्पास्टिसिटी जैसी समस्या हो सकती है :
  • स्ट्रैबिस्मस या आंखों का भेंगापन तब होता है जब आंखों की गति को नियंत्रित करने वाली एक या अधिक मांसपेशियां दूसरी मांसपेशियों की तुलना में अधिक शक्तिशाली होती हैं। यह आंखों के गलत संरेखण (मिस अलाइनमेंट) का कारण बनता है। मजबूत मांसपेशियों में बोटुलिनम टॉक्सिन का इंजेक्शन लगाकर, उन्हें कमजोर करके उनकी गति को कम किया जा सकता है और आंखों के अलाइनमेंट को ठीक किया जा सकता है।
  • क्रोनिक पेन डिसऑर्डर : बोटोक्स इंजेक्शन का उपयोग अनियंत्रित पुराने दर्द और मांसपेशियों में ऐंठन के लिए किया जा सकता है। इसका उपयोग मांसपेशियों के दर्द और माइग्रेन का सिरदर्द जैसे मामलों में भी किया जा सकता है। 
  • अत्यधिक लार आना, नींद में लार गिरना और पसीना आना : कुछ लोगों को कांख और हथेलियों में अत्यधिक पसीना आने की समस्या होती है। यह स्थिति बेकाबू होती है और इससे उनका दैनिक जीवन काफी प्रभावित होता है। ऐसे मामलों में बोटॉक्स इंजेक्शन पर विचार किया जा सकता है। सेरेब्रल पाल्सी जैसी न्यूरोलॉजिकल स्थितियों से जुड़ी नींद में लार गिरने की समस्या का भी इसी तरह से इलाज किया जाता है।
  • मांसपेशियों से जुड़े अनैच्छिक विकार : हमारे शरीर में कुछ मांसपेशियां ऐसी होती हैं, जो शरीर के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए हमारी इच्छा के बिना ही अपने आप कार्य करती हैं। ये अनैच्छिक मांसपेशियां कभी-कभी अतिसक्रिय हो सकती हैं और अनुपयुक्त रूप से सिकुड़ सकती हैं, जिससे निम्न समस्याएं उत्पन्न होती हैं :

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ओनाबोटुलिनमटॉक्सिनए को बोटोक्स या बोटोक्स कॉस्मेटिक नाम से जाना जाता है। यह एक प्रकार का बोटुलिनम टॉक्सिन है और चेहरे के सौंदर्य को बढ़ाने के लिए इसका कॉस्मेटिक डर्मैटोलॉजी व प्लास्टिक सर्जरी में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार जिस मांसपेशी में बोटोक्स की थोड़ी सी मात्रा को भी इंजेक्ट किया जाता है, वह अस्थायी रूप से पैरालाइज हो जाती है। यह झुर्रियों को कम करने में मदद कर सकता है। आमतौर पर माथे, ग्लैबेला (दो भौहों के बीच की जगह), भ्रूभंग की रेखाएं, हंसने के दौरान चेहरे पर पड़ने वाली रेखाएं और आंखों के बाहरी कोने पर मौजूद उम्र से संबंधित सिलवटों को कम करने में मदद कर सकता है। बोटुलिनम टॉक्सिन का केवल चेहरे की अतिसक्रिय मांसपेशियों के संकुचन के कारण बनने वाली झुर्रियों पर लाभकारी प्रभाव पड़ता है। बोटोक्स का धूप के कारण त्वचा पर पड़ने वाली झुर्रियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। जबकि एफडीए (फूड एंड ड्रग अथॉरिटी, अमेरिका) बोटोक्स कॉस्मेटिक को सिर्फ भौंहों की रेखाओं, हंसने के दौरान पड़ने वाली रेखाओं, झुर्रियों और चेहरे की महीन रेखाओं में आराम के उपयोग की अनुमति देता है। इस तरह के उपचार को सिर्फ प्रशिक्षित और भरोसेमंद कॉस्मेटिक डर्मैटोलॉजिस्ट या प्लास्टिक सर्जन से विस्तृत परामर्श के बाद ही किया जाना चाहिए।

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बोटॉक्स के कॉस्मेटिक इस्तेमाल से निम्नलिखित सुधार हो सकते हैं :

  • मध्यम से गंभीर फ्रॉन लाइन और माथे की सिलवटें
  • अस्थायी रूप से भौहों को उठाना
  • लेवेटर लैबि सुपीरियरिस मसल
  • नाक का फड़फड़ाना
  • ठोड़ी पर झुर्रियां
  • ऊपरी होंठ पर झुर्रियां
  • नैजोलैबियल फोल्ड
  • डिप्रेसर एंगुली ओरिस मसल

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यदि आप कॉस्मेटिक बोटोक्स ट्रीटमेंट करवाना चाहते हैं तो आपको भरोसेमंद और प्रशिक्षित डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजिस्ट और प्लास्टिक सर्जन दोनों यह उपचार करते हैं। आमतौर पर इसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की भी जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि क्लीनिक में ही यह उपचार किया जाता है। यदि आप बोटोक्स स्पेशलिस्ट से मिलने जा रहे हैं तो डॉक्टर को ज्ञात न्यूरोमस्कुलर विकारों, पलकों के लटकने आदि समस्याओं के बारे में बता दें। यदि पूर्व में चेहरे की सर्जरी हुई है या भविष्य में ऐसा करने की सोच रहे हैं या कोई दवा ले रहे हैं तो डॉक्टर को जरूर बताएं। विशेषज्ञ आपकी मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी लेंगे और तंत्रिका तंत्र सहित शारीरिक परीक्षण भी करेंगे। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहता है तो बोटोक्स के इंजेक्शन के लिए एक तारीख तय कर दी जाती है। इसकी तैयारी के लिए खून को पतला करने वाली कुछ दवाओं के सेवन को बंद करना होता है। जिस दिन यह इंजेक्शन लगाया जाना है, उस दिन मेकणप उतारकर जाएं और चेहरे को अच्छी तरह से साफ कर लें।

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जब आप चेहरे को पूरी तरह से साफ करके तैयार हो जाते हैं तो उपचार शुरू कर दिया जाता है। चेहरे के ऊपरी हिस्से में बोटोक्स इंजेक्शन बैठे-बैठे ही लगाया जाता है। बोटोक्स के कुछ इंजेक्शन आपके द्वारा बताई गई जगह पर खास तरह की समस्याओं को लक्षित करते हुए लगाए जाते हैं। दो भौहों के बीच ग्लैबेलर लाइन पर बोटोक्स इंजेक्शन लगाने से पहले "ग्लैबेलर स्प्रेड टेस्ट" किया जा सकता है। इसमें अंगूठे और तर्जनी उंगली की मदद से झुर्रियों को फैलाकर त्वचा में कसाव लाया जाता है। इससे बोटोक्स के अपेक्षित लाभ का अनुमान लगाया जा सकता है। आपको भौहें चढ़ाने, त्वचा में सिलवटें लाने को कहा जाएगा और लक्षित मांसपेशियों को छूकर उनका परीक्षण किया जाता है। इसके बाद आमतौर पर बोटोक्स के पांच इंजेक्शन लगाए जाते हैं। माथे की झुर्रियों का इलाज भी इसी तरह से किया जाता है।

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बोटोक्स ट्रीटमेंट बेहद कम आक्रामक होते हैं और आप स्पेशलिस्ट के क्लीनिक से बाहर निकलते ही कुछ सावधानियों के साथ अपनी दिनचर्या को फिर से शुरू कर सकते हैं। इसके परिणाम 24 से 48 घंटों के बीच दिखने शुरू हो जाते हैं और बोटॉक्स परिणाम पूरी तरह से दिखने में 30 दिन तक का समय लगता है। बता दें कि इस तरह का उपचार अस्थायी होता है और ज्यादा झुर्रियां होने पर चार महीने तक इसका असर रहता है, जिसके बाद फिर से इसे दोहराने की जरूरत पड़ती है। ट्रीटमेंट के बाद जब झुर्रियां गायब हो जाती हैं तो इससे चेहरे की बनावट में कोई फर्क नहीं पड़ता। आपके लिए यह समझना बेहद जरूरी है कि इस ट्रीटमेंट के परिणामों को लेकर अपनी अपेक्षाओं को नियंत्रण में रखें।

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आपको निम्नलिखित कुछ सावधानियां बरतने की आवश्यकता हो सकती है :

  • बोटोक्स का इंजेक्शन लगाने के बाद आपको अगले 2-3 घंटे तक लेटने से मना किया जाता है। ऐसा करके टॉक्सिन को आंख की गुहा में जाने से रोका जाता है।
  • बोटॉक्स इंजेक्शन लेने से पहले किसी भी संबंधित चिकित्सा या सर्जिकल इतिहास के साथ-साथ चेहरे में किसी भी तरह के असामान्य परिवर्तन के बारे में अपने बोटॉक्स विशेषज्ञ को जरूर सूचित करें।
  • यदि आप गर्भवती हैं या ऐसी प्लानिंग कर रही हैं तो बोटोक्स विशेषज्ञ को सूचित करें।
  • दवाओं के कारण होने वाली जटिलताओं से बचने के लिए स्पेशलिस्ट को पहले ही उन दवाओं के बारे में बता दें, जो आप वर्तमान में ले रहे हैं। खासतौर पर यदि एंटीबायोटिक इंजेक्शन, मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं, एलर्जी या सर्दी की दवा, नींद की दवाएं, एस्पिरिन या खून को पतला करने वाली अन्य कोई दवा ले रहे हैं तो जरूर बताएं।
  • किसी भी तरह की नईं दवा की शुरुआत करने से पहले अपने डॉक्टर को जरूर बता दें कि आप बोटोक्स इंजेक्शन ले रहे हैं या आपने लिया है।

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हालांकि, यह एक गैर-आक्रामक, सुरक्षित, प्रभावी और लोकप्रिय कॉस्मेटिक चिकित्सा है, फिर भी पहले से ही मौजूद कारकों से बोटॉक्स के इस्तेमाल को अविवेकपूर्ण माना जाता है। निम्नलिखित कुछ स्थितियां हैं जो बोटोक्स पर पुनर्विचार या इस उपचार को पूरी तरह असंभव बना सकती हैं :

  • जब झुर्रियों का कारण मांसपेशियों में संकुचन न हो : धूप के कारण त्वचा को नुकसान पहुंचा हो या झुर्रियां आ गई हों और त्वचा की उम्र के कारण होने वाले नुकसान को बोटोक्स से सुधारकर त्वचा को जवान नहीं बनाया जा सकता। इसलिए बोटोक्स के इस्तेमाल की सलाह नहीं दी जाती। 
  • न्यूरोमस्कुलर डिसऑर्डर : चूंकि बोटोक्स एक न्यूरोटॉक्सिन है, इसलिए इसे पहले से मौजूद न्यूरोमस्कुलर डिसऑर्डर जैसे मायस्थेनिया ग्रेविस या एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस) के मामले में उपयोग करने की अनुमति नहीं है।
  • बोटोक्स के फॉर्मूलेशन में मौजूद किसी घटक के प्रति अतिसंवेदनशीलता : बोटुलिनम टॉक्सिन के उपयोग से अचानक और गंभीर एलर्जी संभव हैं। यदि आपको पूर्व में बोटुलिनम टॉक्सिन इंजेक्शन (बोटोक्स या अन्य फॉर्मूलेशन) के बाद खुजली, चकत्ते, लाल खुजली वाले धब्बे, घरघराहट, अस्थमा के लक्षण या चक्कर आने का अनुभव हुआ है, तो आपको दोबारा यह उपचार नहीं करना चाहिए।
  • गर्भावस्था या स्तनपान : गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान बोटॉक्स के इस्तेमाल और सुरक्षा को लेकर ज्यादा अध्ययन नहीं हुए हैं, इसलिए ऐसी स्थिति में इससे बचने की सलाह दी जाती है।
  • वास्तिवकता से कहीं ज्यादा अपेक्षाएं : हालांकि, बोटोक्स काफी प्रभावशाली परिणाम दे सकता है, इसके बावजूद अलग-अलग रोगियों पर इसका असर भी भिन्न होता है। नॉन-मस्कुलर कारणों से पड़ने वाली झुर्रियों का इलाज इससे नहीं हो सकता है। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बोटोक्स का असर अस्थायी होता है और यह चार महीने तक ही रह सकता है। ऐसे में चार महीने बाद इस ट्रीटमेंट को फिर से करवाने की आवश्यकता होती है।
  • चेहरे के भावों में बदलाव के कारण रोगी के काम और दैनिक गतिविधियों में हस्तक्षेप की आशंका : यदि आप इलेक्टिव बोटोक्स कॉस्मेटिक उपचार करवा रहे हैं तो आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए और सावधानी बरती चाहिए कि अस्थायी मांसपेशीय पक्षाघात (पैरालिसिस) का प्रभाव आपके चेहरे के भावों पर पड़ सकता है। यदि आप कोई परफॉर्मर हैं, कलाकार हैं या ऐसे व्यक्ति हैं, जिनके चेहरे के हाव-भाव काफी अहमियत रखते हैं तो यह आपके लिए समस्या का कारण बन सकता है।
  • बोटोक्स इंजेक्शन के लिए प्रस्तावित जगह पर संक्रमण : बोटोक्स के लिए प्रस्तावित जगह पर वर्तमान संक्रमण, जैसे मुंहासे या फुंसी होने पर यह नहीं किया जा सकता। एक बार इंफेक्शन के पूरी तरह से खत्म होने के बाद इस उपचार को किया जा सकता है।

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हालांकि, बोटॉक्स कॉस्मेटिक को बोटुलिनम न्यूरोटॉक्सिन का एक सुरक्षित फॉर्मूलेशन माना जाता है, फिर भी यह अतिसंवेदनशील लोगों में कुछ साइड इफेक्ट्स और एलर्जी का कारण बन सकता है, जिनमें से कुछ घातक हो सकते हैं।

  • चेहरे पर बोटॉक्स शॉट के बाद होने वाले कुछ दुष्प्रभाव निम्न हैं :
  • बोटुलिनम टॉक्सिन के संभावित साइड इफेक्ट्स के प्रति सावधान रहें। यदि निम्नलिखित में से कोई एक लक्षण भी अगर बोटोक्स इंजेक्शन के कुछ घंटों और यहां तक कि हफ्तों बाद भी सामने आए तो तुरंत अस्पताल में आपातकालीन चिकित्सा प्राप्त करें। ऐसे साइड इफेक्ट पहले से ही मौजूद न्यूरोमस्कुलर डिसऑर्डर में सामने आने की आशंका ज्यादा है :
  • बोटॉक्स कॉस्मेटिक लेने के कुछ घंटों से हफ्तों के भीतर ताकत या सामान्य मांसपेशियों की कमजोरी, दृष्टि संबंधी समस्याएं या चक्कर आने जैसा अनुभव हो सकता है। ऐसे में कार या कोई अन्य मशीन न चलाएं और किसी अन्य खतरनाक गतिविधि में भाग न लें।
  • बोटुलिनम टॉक्सिन उत्पादों के उपयोग से अचानक और गंभीर एलर्जी हो सकती है। यदि इंजेक्शन के बाद निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत अपने डॉक्टर को संपर्क करें :
    • खुजली
    • चकत्ते
    • लाल खुजलीदार फफोले
    • घरघराहट
    • अस्थमा के लक्षण
    • चक्कर आना
    • बेहोश जैसा महसूस होना

(और पढ़ें - अस्थमा की आयुर्वेदिक दवा)

Dr Shishpal Singh

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संदर्भ

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