कॉपर (तांबा) मनुष्यों के लिए आवश्यक खनिजों में से एक है। यह शरीर के ऊतकों में पाया जाता है और लाल रक्त कोशिकाओं के बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इतना ही नहीं कॉपर की मदद से तंत्रिका में मौजूद कोशिकाएं और प्रतिरक्षा प्रणाली भी स्वस्थ होती हैं। कॉपर शरीर में कोलेजन (प्रोटीन का प्रकार) बनाने में मदद करता है और लौह (आयरन) को अवशोषित करता है, जिससे ऊर्जा उत्पादन का कार्य आसानी से हो पाता है।

शरीर में अधिकांश कॉपर लिवर, मस्तिष्क, दिल, किडनी और हड्डियों की मांसपेशियों में पाया जाता है। शरीर में इसकी मात्रा सामान्य स्तर से ज्यादा और कम दोनों ही स्थिति हानिकारक होती हैं।

इस आवश्यक खनिज की उपयोगिता के चलते आपको कॉपर के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। साथ ही आगे आपको कॉपर क्या है, कॉपर के फायदे, कॉपर की अधिकता, कॉपर कितनी मात्रा में लेना जरूरी होता है और कॉपर के स्त्रोतों के बारे में भी विस्तार से बताया जा रहा है।

(और पढ़ें - संतुलित आहार के फायदे)

  1. कॉपर (तांबा) के फायदे - Copper (tamba) ke fayde
  2. कॉपर की अधिकता - Copper ki adhikta
  3. कॉपर को कितनी मात्रा में लेना जरूरी होता है - Copper ko kitni matra me lena jaroori hota hai
  4. कॉपर के स्त्रोत - Copper ke srot
  5. कॉपर क्या है? - Copper kya hai?

कॉपर शरीर के लगभग हर कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे शरीर को कई तरह के फायदे होते हैं, इसके कुछ फायदो के बारे में नीचे विस्तार से बताया जा रहा है। 

  1. मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया के लिए जरूरी होता है
    कॉपर शरीर में रोजाना होने वाली 50 विभिन्न चयापचय (मेटाबॉलिज्म) एंजाइम्स संबंधी प्रतिक्रियाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एंजाइम्स संबंधी प्रतिक्रियाएं शरीर के विभिन्न अंगों के लिए जरूरी होती हैं। इससे शरीर की तंत्रिकाओं का एक-दूसरे के साथ तालमेल बैठता है। यही कारण है कि शरीर के ऊतकों में कॉपर अधिक मात्रा में पाया जाता है और यह हृदय, मस्तिष्क व लिवर (यकृत/ जिगर) की चयापचय गतिविधियों में महत्वपूर्ण होता है। (और पढ़ें - लिवर को स्वस्थ रखने वाले आहार)
     
  2. शारीरिक ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण होता है
    कॉपर शरीर में मेटाबॉलिक प्रक्रिया के लिए जरूरी होता है, मेटाबॉलिक प्रक्रिया सही होने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। इसके साथ ही शरीर में प्रोटीन की बढ़ोतरी के लिए भी कॉपर आवश्यक माना जाता है। कॉपर मांसपेशियों, जोड़ों और ऊतकों में हुई क्षति को ठीक करता है और शरीर की ऊर्जा के स्तर को भी बढ़ाता है। (और पढ़ें - प्रोटीन युक्त आहार)
     
  3. मस्तिष्क के कार्यों में अहम भूमिका निभाता है
    अध्ययनों के अनुसार, कॉपर डोपामाइन (Dopamine) और गैलेक्टोज़ (Galactose) जैसे मस्तिष्क के महत्वपूर्ण केमिकल्स (रसायन) को प्रभावित करता है। यह रसायन शारीरिक ऊर्जा, अच्छे मूड और एकाग्रता के लिए आवश्यक होते हैं।

    शरीर में कॉपर की कमी होने से आपको कई तरह की समस्याएं होती हैं, जैसे आपकी मेटाबॉलिक प्रक्रिया का धीमा होना, एकाग्रता में कमी, थकान, मूड संबंधी समस्या आदि।

    कॉपर विटामिन सी सहित कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट के उपयोग के लिए महत्वपूर्ण होता है। विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स (शरीर के लिए हानिकारक तत्व) से मस्तिष्क को होने वाली हानि से बचाते हैं। (और पढ़ें - विटामिन के फायदे)
     
  4. तंत्रिका तंत्र संबंधी रोगों को रोकने में सहायक होता है
    वैसे तो मस्तिष्क के कार्यों और कॉपर के विषय पर अन्य रिसर्च जारी है, लेकिन प्रारंभिक रिसर्च से पता चला है कि कॉपर से मस्तिष्क तंत्रिका संबंधी रोग जैसे पार्किंसन रोग और अल्जाइमर रोग को कम करने में सहायता मिलती है। हालांकि, कॉपर को अत्याधिक मात्रा में लेने से कई तरह के नुकसान भी हो सकते हैं। इसकी अधिक मात्रा मस्तिष्क के कार्यों को हानि भी पहुंचा सकती है। (और पढ़ें - अल्जाइमर रोग के खतरे को कम करने वाले आहार)
     
  5. गठिया के लक्षणों को कम करने में मददगार होता है
    कॉपर में गठिया के कारण होने वाले दर्द और मांसपेशियों के ऐंठन को ठीक करने के गुण मौजूद होते हैं। इसके साथ ही कॉपर मांसपेशियों की मजूबती के लिए जरूरी होता है और यह जोड़ों के दर्द को कम करके ऊतकों को दोबारा ठीक करने का भी काम करता है। कुछ लोग गठिया के दर्द को कम करने के लिए हाथों में तांबे का कढ़ा पहते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि तांबा त्वचा से शरीर के अंदर जाकर दर्द को कम कर देता है। (और पढ़ें - गठिया के घरेलू उपाय)
     
  6. तंत्रिकाओं को हानि से बचाता है
    कॉपर नसों के चारों ओर बनी "माइलिन" (Myelin) नामक परत को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी होता है। इसके साथ ही यह मस्तिष्क के लिए भी आवश्यक माना गया है। इससे आपकी सोचने और समझने की शक्ति भी बढ़ती है। (और पढ़ें - नसों में दर्द के घरेलू उपाय)
     
  7. हड्डियों के लिए महत्वपूर्ण होता है
    कॉपर हड्डियों के बढ़ने में अहम भूमिका अदा करता है। यह हड्डियो से जुड़े ऊतकों और मांसपेशियों के लिए भी आवश्यक होता है। कॉपर की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इसकी कमी से ऑस्टियोपोरोसिस, मांसपेंशियों व जोड़ों में कमजोरी और अन्य कई समस्याएं हो सकती हैं।

    शोध से पता चला है कि जस्ता (ज़िंक), मैंगनीज और कैल्शियम सहित कॉपर महिलाओं में उम्र के साथ होने वाली हड्डियों की कमजोरी होने से रोकता है। (और पढ़ें - हड्डियां मजबूत करने के उपाय)
     
  8. बच्चों के विकास के लिए जरूरी होता है
    विकासशील देशों में कॉपर की कमी के मामले कम ही देखने को मिलते हैं, लेकिन कई देश ऐसे भी हैं जहां के बच्चे कुपोषण का शिकार हैं, इन बच्चों में कॉपर की कमी उनके शारीरिक विकास में बाधा बनती है। अध्ययन से पता चला है कि बच्चों के शरीर में कॉपर की कमी उनके कद को बढ़ने से रोक देती है, और इसके अलावा बच्चों का वजन भी कम हो जाता है। (और पढ़ें - पौष्टिक आहार के गुण और फायदे)
     
  9. थायराइड प्रक्रिया के संतुलन में सहायक होता है 
    थायराइड प्रक्रिया के लिए कॉपर की आवश्यकता होती है, यह जस्ता (जिंक), पोटेशियम और कैल्शियम अन्य खनिजों के साथ मिलकर थायराइड को संतुलित करता है। इसके अलावा कॉपर हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड कम होना) या हाइपरथायरायडिज्म (थायराइड बढ़ना) को रोकने में भी अहम भूमिका निभाता है। (और पढ़ें - थायराइड डाइट चार्ट)
     
  10. एनीमिया से बचाव करता है कॉपर
    कॉपर और आयरन आपस में मिलकर हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने का काम करते हैं। अध्ययनों के अनुसार, कॉपर आंतों में भोजन से आयरन के अवशोषण में अहम भूमिका निभाता है। इसके साथ ही कॉपर यकृत (लिवर) से आयरन को स्त्रावित करने में मदद करता है। (और पढ़ें - प्लेटलेट्स क्या है)

    कॉपर की कमी होने से रक्त में आयरन के स्तर में कमी आ जाती है और इस वजह से एनीमिया होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। (और पढ़ें - एनीमिया के घरेलू उपाय)
     
  11. बालों, आखों और त्वचा के लिए आवश्यक होता है
    शरीर में कॉपर के सामान्य स्तर से त्वचा, आंखें और बाल स्वस्थ रहते हैं। कॉपर शरीर में मेलानिन के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। मेलानिन त्वचा के रंग के अलावा बालों और आंखों के रंग के लिए भी आवश्यक होता है। (और पढ़ें - बेदाग स्किन पाने के घरेलू नुस्खे)

व्यक्ति को अपनी उम्र के अनुसार कॉपर की निश्चित मात्रा लेने की आवश्यकता होती है। कॉपर से होने वाली विषाक्तता के मामले बेहद कम होते हैं, लेकिन रोजाना 200 मिलीग्राम मात्रा से अधिक कॉपर लेने से आपको कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे 

कॉपर की लगभग 3.5 ग्राम मात्रा लेने से शरीर को ज्यादा खतरा होता है। कॉपर और जिंक का असंतुलित अनुपात, कॉपर से होने वाली विषाक्तता का महत्वपूर्ण कारक हो सकता है।

(और पढ़ें - रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के घरेलू उपाय)

आंतों में सूजन (अल्सरेटिव कोलाइटिस) के मरीजों के ऊतकों में कॉपर की अधिक मात्रा रोग की गंभीर स्थिति उत्पन्न कर सकती है। शरीर में कॉपर की अधिकता से हृदय रोग होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

(और पढ़ें - दस्त रोकने के घरेलू उपाय)

अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों को कॉपर की अलग-अलग मात्रा की आवश्यकता होती है। किस आयु वर्ग के व्यक्तियों को रोजाना कितनी मात्रा में कॉपर की जरूरत होती है, इसको नीचे बताया गया है -

आयु कॉपर की मात्रा
1 से 3 साल 0.34 मिलीग्राम/ दिन
4 से 8 साल 0.44 मिलीग्राम / दिन
9 से 13 0.70 मिलीग्राम/ दिन
14 से 18 साल 0.89 मिलीग्राम/ दिन
19 साल और अधिक उम्र के
पुरुष और महिलाएं
 0.90 मिलीग्राम/ दिन
गर्भावती महिलाएं 1 मिलीग्राम/ दिन
स्तनपान कराने वाली महिलाएं 1.3 मिलीग्राम/ दिन

एक सामान्य व्यक्ति को दिन में करीब 0.90 मिलीग्राम कॉपर लेने की आवश्यकता होती है। आप कॉपर की जरूरत को विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों से प्राप्त कर सकते हैं। नीचे जानते हैं कॉपर युक्त कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में।

  1. मशरूम – एक कप मशरूम से आपको करीब 1.29 मिलीग्राम कॉपर मिलता है, जो आपकी रोजाना जरूरत का 143 प्रतिशत होता है।
  2. काजू – 28 ग्राम काजू से आपको करीब 0.62 मिलीग्राम कॉपर मिलता है, यह आपकी रोजाना की जरूरत का 69 प्रतिशत भाग होता है।
  3. तिल – एक कप तिल से आपको लगभग 0.36 मिलीग्राम कॉपर मिलता है, जो आपकी दैनिक आवश्यकता का 40 प्रतिशत हिस्सा होता है। (और पढ़ें - तिल के तेल के फायदे)
  4. बादाम – 28 ग्राम बादाम से आपको करीब 0.29 मिलीग्राम कॉपर मिलता है, यह रोजाना की जरूरत का 32 प्रतिशत हिस्से को पूरा करता है। (और पढ़ें - बादाम खाने का सही तरीका क्या है?)
  5. दालें – एक कप पकी हुई दाल से आपको करीब 0.27 मिलीग्राम कॉपर मिलता है, जो आपकी दैनिक आवश्यकता का 30 प्रतिशत हिस्से को पूरा करती है। (और पढ़े - चना दाल के फायदे)
  6. चिया के बीज – 28 ग्राम चिया के बीज से आपको लगभग 0.26 मिलीग्राम कॉपर मिलता है, यह आपकी रोजाना की जरूरत का 29 प्रतिशत भाग होता है।
  7. एवोकाडोएवोकाडो के आधे फल से आपको करीब 0.12 मिलीग्राम कॉपर मिलता है, यह आपकी रोजाना जरूरत का 13 प्रतिशत हिस्सा होता है। (और पढ़े - एवोकैडो तेल के फायदे और नुकसान)
  8. किशमिश – 28 ग्राम किशमिश से आपको लगभग 0.09 मिलीग्राम कॉपर मिलता है, यह रोजाना की जरूरत का 10 प्रतिशत भाग को पूरा करती है। (और पढ़ें -मुनक्का खाने के फायदे)

कॉपर युक्त अन्य खाद्य पदार्थ

कॉपर शरीर के लिए आवश्यक खनिज है। इससे हड्डियां, तंत्रिकाएं और अन्य अंग स्वास्थ्य बने रहते हैं और सही तरह से कार्य करते हैं। इसकी कमी से शरीर में कई तरह के रोग उत्पन्न हो सकते हैं।

कॉपर रक्त में हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन के साथ-साथ लौह (आयरन) और ऑक्सीजन के उचित उपयोग के लिए भी महत्वपूर्ण होता है। इसके अलावा यह आपकी मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया को मजबूत करता है। शरीर में होने वाली एंजाइम प्रतिक्रियाओं को नियमित करने और ऊतकों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए कॉपर की आवश्यकता होती है।

(और पढ़ें - ओमेगा 3 के लाभ)

इसके बावजूद कि मानव शरीर ताम्बे को स्वयं नहीं बना पाता है, यह शरीर में सबसे अधिक पाए जाने वाले खनिज में तीसरे स्थान पर आता है। इसकी पूर्ति के लिए आपको कॉपर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना पड़ता है। शरीर को कॉपर की लगातार आवश्यकता होती है, क्योंकि यह शरीर में पर्याप्त मात्रा में संरक्षित नहीं हो पाता है, इसलिए आपको कॉपर युक्त आहार के सेवन की रोजाना जरूरत होती है। 

शरीर के लगभग हर हिस्से की कोशिकाओं के लिए जरूरी होने के कारण कॉपर जोड़ों के दर्द और मांसपेशियों के दर्द से बचाव करने के लिए भी आवश्यक माना जाता है। इसी खूबी के चलते कॉपर को गठिया के घरेलू उपाय में शामिल किया जाता है। कॉपर समय से पहले बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने और हार्मोन को संतुलित करने में भी अहम रोल अदा करता है।  

(और पढ़ें - बढ़ती उम्र को कैसे रोके)

संदर्भ

  1. MedlinePlus Medical Encyclopedia [Internet]. US National Library of Medicine. Bethesda. Maryland. USA; Copper in diet
  2. National Institute of Health. Office of Dietary Supplements [internet]: Bethesda (MA), US. US Department of Health and Human Services Copper
  3. University of Illinois [Internet].University of Illinois at Urbana-Champaign. Illinois. US; Cytochrome oxidase
  4. Stabel Judith Reffett, Spears Jerry W. Effect of Copper on Immune Function and Disease Resistance, In: Kies C. Copper Bioavailability and Metabolism. Springer, Boston, MA. Springer-Verlag US 1989. pp: 243-252.
  5. Djoko Karrera Y., Ong Cheryl-lynn Y., Walker Mark J., McEwan Alastair G. The Role of Copper and Zinc Toxicity in Innate Immune Defense against Bacterial Pathogens. J Biol Chem. 2015 Jul 31; 290(31): 18954–18961. PMID: 26055706.
  6. Linus Pauling Institute. Micro nutrient Information Center: Oregon State University, Corvallis, Oregon; Copper
  7. Hordyjewska Anna, Popiołek Łukasz, Kocot Joanna. The many “faces” of copper in medicine and treatment. Biometals. 2014; 27(4): 611–621. PMID: 24748564.
  8. Chan Wai-Yee, Owen M. Rennert. The Role of Copper in Iron Metabolism. Annals of clinical and laboratory science. 1980; 10(4): 338-344.
  9. Knutson M, Wessling-Resnick M. Iron metabolism in the reticuloendothelial system. Crit Rev Biochem Mol Biol. 2003;38(1):61-88. PMID: 12641343.
  10. Doguer Caglar, Ha Jung‐Heun, Collins James F. Intersection of Iron and Copper Metabolism in the Mammalian Intestine and Liver. Comprehensive Physiology. 2018; 8(4).
  11. Esterbauer H, Wäg G, Puhl H. Lipid peroxidation and its role in atherosclerosis. Br Med Bull. 1993;49(3):566-576.PMID: 8221023.
  12. Mylonas C, Kouretas D. Lipid peroxidation and tissue damage. In Vivo. 1999;13(3):295-309. PMID: 10459507.
  13. American Heart Association [internet]. Dallas. Texas. U.S.A.; Atherosclerosis
  14. Bagheri Babak, Akbari Negin, Tabiban Sasan, Habibi Valiallah, Mokhberi Vahid. Serum level of copper in patients with coronary artery disease. Niger Med J. 2015 Jan-Feb; 56(1): 39–42. PMID: 25657492.
  15. Westergard Laura, Christensen Heather M., Harris David A. The Cellular Prion Protein (PrPC): Its Physiological Function and Role in Disease. Biochim Biophys Acta. 2007 Jun; 1772(6): 629–644. PMID: 17451912.
  16. Montes Sergio, et al. Copper and Copper Proteins in Parkinson’s Disease. Oxidative medicine and cellular longevity. 2014; 2014(147251).
  17. Qu Xinhua, et al. Serum copper levels are associated with bone mineral density and total fracture. J Orthop Translat. 2018 Jul; 14: 34–44. PMID: 30035031.
  18. Genetics Home Reference [internet]. National Institute of Health: US National Library of Medicine. US Department of Health and Human Services; Menkes syndrome
  19. Della Pepa Giuseppe, Brandi Maria Luisa. Microelements for bone boost: the last but not the least. Clin Cases Miner Bone Metab. 2016 Sep-Dec; 13(3): 181–185. PMID: 28228778.
  20. Sierpinska T., Konstantynowicz J., Orywal K., Golebiewska M., Szmitkowski M. Copper deficit as a potential pathogenic factor of reduced bone mineral density and severe tooth wear. Osteoporos Int. 2014; 25(2): 447–454. PMID: 23797848.
  21. Merck Manual Professional Version [Internet]. Kenilworth (NJ): Merck & Co. Inc.; c2019. Copper Deficiency
  22. Hicks Faith, Mirchandani Divya, Blanchard Samra Jr., Malkani Anjali. Acquired Copper Deficiency: Prolonged Jejunal Nutrition Support in a Child. The American Journal of Gastroenterology. 2016; 111(pS971).
  23. University of Rochester Medical Center [Internet]. Rochester (NY): University of Rochester Medical Center; Copper
  24. Collins James F. Copper. Adv Nutr. 2011 Nov; 2(6): 520–522. PMID: 22332094.
ऐप पर पढ़ें