परिचय

टेस्टोस्टेरोन टेस्टिकल्स द्वारा उत्पादित एक हार्मोन है जिसका मुख्य कार्य पुरुषों के यौन अंगों व लक्षणों का विकास करना है। टेस्टोस्टेरोन मांसपेशी द्रव्यमान, लाल रक्त कोशिकाओं के पर्याप्त स्तर, स्मृति, हड्डियों के विकास, स्वस्थ होने की भावना और यौन कार्य को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह शुक्राणु उत्पादन करने के साथ-साथ आदमी की कामेच्छा को भी बढ़ाता है।

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टेस्टोस्टेरोन की कमी क्या है - Types of Testosterone Deficiency in Hindi

टेस्टोस्टेरोन की कमी क्या है?

टेस्टोस्टेरोन उत्पादन आमतौर पर उम्र के साथ घटता है।

टेस्टोस्टेरोन की असामान्य कमी होने पर पुरुषों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सेक्स की इच्छा और सुस्ती, चिड़चिड़ाहट और इरेक्शन (स्तम्भन) को बनाए रखने में कठिनाई टेस्टोस्टेरोन की कमी के कुछ लक्षण हैं।

एक सीरम टेस्टोस्टेरोन परीक्षण नामक रक्त परीक्षण का प्रयोग टेस्टोस्टेरोन के संचार स्तर को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।

टेस्टोस्टेरोन की मात्रा को तब कम कहा जाता है जब उसका स्तर 300 नैनोग्राम प्रति डेसिलिटर (ng/dl) से नीचे गिरता है।

कुछ मामलों में इसे रोका नहीं जा सकता है। टेस्टोस्टेरोन की कमी के जोखिम कारकों को कम करने के लिए अच्छे पोषण के साथ एक स्वस्थ जीवनशैली महत्वपूर्ण है।

उम्र के आधार पर, अपर्याप्त टेस्टोस्टेरोन उत्पादन मांसपेशी और हड्डी के विकास में असामान्यताओं और अविकसित जननांगों का कारण बन सकता है टेस्टोस्टेरोन का कम स्तर दिल और रक्त वाहिकाओं की बीमारियों (कार्डियोवैस्कुलर बीमारी) के जोखिम को बढ़ाता है। टेस्टोस्टेरोन की कमी मनुष्य के जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित करती है।

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टेस्टोस्टेरोन की सामान्य मात्रा क्या है?

टेस्टोस्टेरोन की सामान्य मात्रा आमतौर पर 300-1000 ng/dl होती है।

(और पढ़ें - टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के उपाय)

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टेस्टोस्टेरोन की कमी के लक्षण - Testosterone Deficiency Symptoms in Hindi

टेस्टोस्टेरोन की कमी के लक्षण क्या हैं?

टेस्टोस्टेरोन की कमी के लक्षण यौन स्वास्थ्य, शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित हैं :

मानसिक समस्याएं:

शारीरिक समस्याएं:

यौन समस्याएं:

  • इरेक्शन (स्तम्भन) प्राप्त करने या बनाये रखने में कठिनाई (सुबह-सुबह कमज़ोर इरेक्शन या उसकी कमी) (और पढ़ें - स्तंभन दोष)
  • चरम सुख (ओर्गाज्म) प्राप्त करने में कठिनाई
  • सेक्स (सम्भोग) की इच्छा में कमी (और पढ़ें - यौन शक्ति कम होने के कारण)

टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण - Testosterone Deficiency Causes in Hindi

टेस्टोस्टेरोन की कमी क्यों होती है?

जैसे-जैसे आदमी की उम्र बढ़ती है, उसके शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा स्वाभाविक रूप से गिरती जाती है। यह गिरावट 30 से 35 साल की उम्र के बाद शुरू होती है और जीवनभर जारी रहती है।

इसके कुछ कारण इस प्रकार हैं:

  • पिट्यूटरी ग्रंथि (मस्तिष्क में एक ग्रंथि जो कई महत्वपूर्ण हार्मोन पैदा करती है) का रोग
  • कैंसर के लिए कीमोथेरेपी या रेडिएशन उपचार
  • आनुवंशिक असामान्यताएं जैसे क्लाइनफेलटर सिंड्रोम (अतिरिक्त X क्रोमोजोम)
  • प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं, विशेष रूप से हार्मोन और कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाएं
  • शरीर में बहुत अधिक आयरन होना
  • अंडकोष में संक्रमण, चोट या क्षति (और पढ़ें - अंडकोष में सूजन का इलाज)
  • सारकॉइडोसिस (एक ऐसी समस्या जो फेफड़ों की सूजन का कारण बनती है) जैसी सूजन संबंधी बीमारियां

टेस्टोस्टेरोन की कमी होने की आशंका किन कारकों से बढ़ जाती है:

  • तनाव ज्यादा लेने से इसके होने की आशंका बढ़ जाती है
  • सिरोसिस होने से इसका जोखिम बढ़ जाता है 
  • किडनी खराब होने पर भी इसकी आशंका अधिक हो जाती है
  • शराब की लत होने से भी खतरा बढ़ जाता है
  • अगर आप मोटापे से ग्रस्त हैं, तो आपको जोखिम ज्यादा है
  • कोई पुरानी व गंभीर बीमारी

टेस्टोस्टेरोन की कमी से बचाव - Prevention of Testosterone Deficiency in Hindi

टेस्टोस्टेरोन की कमी से कैसे बचें?

  • तनाव से बचें: तनाव के कारण होने वाले मेटाबॉलिज्म के उतार-चढ़ाव से शरीर थक जाता है। इससे आपके शरीर के सामान्य शारीरिक और भावनात्मक कार्यप्रणाली में बदलाव होता है जिसके परिणामस्वरूप टेस्टोस्टेरोन उत्पादन में उतार-चढ़ाव और हार्मोन असंतुलन होता है।
  • व्यायाम करके और वजन कम करके आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन के कम होने की गति को धीमा करने में मदद मिल सकती है। (और पढ़ें - व्यायाम करने का सही समय)
  • संतृप्त (सैचुरेटेड) वसा और ट्रांस वसा (फैट) वाला भोजन कम खाएं।
  • शराब कम पियें: अत्यधिक शराब पीने से लिवर को नुक्सान करता है जिसके परिणामस्वरूप हार्मोन असंतुलन होता है। (और पढ़ें - शराब कैसे छुड़ाएं)
  • धूम्रपान न करें: सिगरेट एक ऐसा उत्तेजक है जो न केवल दिल की धड़कन को बढ़ाता है बल्कि रक्त प्रवाह में ऑक्सीजन के स्तर को भी कम करता है। यह प्रमाणित है कि यह पुरुषों में कम टेस्टोस्टेरोन के स्तर से सीधे संबंधित है। (और पढ़ें - सिगरेट छोड़ने के उपाय)

टेस्टोस्टेरोन की कमी का परीक्षण - Diagnosis of Testosterone Deficiency in Hindi

टेस्टोस्टेरोन की कमी का परीक्षण कैसे होता है?

इसका परीक्षण आम तौर पर तब किया जाता है जब पुरुष इरेक्शन-संबंधी या कम कामेच्छा की शिकायत लेकर डॉक्टर के पास जाते हैं। मुख दो प्रकार के टेस्ट हैं:

  • आपके रक्त में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा को मापना इस स्थिति का पता लगाने का एकमात्र सटीक तरीका है। चूंकि टेस्टोस्टेरोन का स्तर पूरे दिन घटता बढ़ता रहता है, इसलिए कमी की पहचान करने के लिए कई बार परीक्षण की आवश्यकता होती है। यदि संभव हो तो डॉक्टर सुबह के स्तर का परीक्षण करते हैं, क्योंकि तब टेस्टोस्टेरोन का स्तर सबसे अधिक होता है।
  • आपका पूर्ण चिकित्सा इतिहास देखा जाता है, जिसमें टेस्टोस्टेरोन की कमी के लक्षण के अलावा प्रजनन क्षमता और अन्य समस्याओं का विवरण शामिल होता है।

(और पढ़ें - टेस्टोस्टेरोन टेस्ट इन हिंदी)

अन्य परीक्षण यह पता करने के लिए आवश्यक हो सकते हैं कि टेस्टोस्टेरोन की कमी किसी अन्य अंतर्निहित समस्या के कारण तो नहीं है। इनमें निम्न हो सकते हैं:

  • सीमेन टेस्ट से टेस्टोस्टेरोन की कमी से पीड़ित पुरुषों की प्रजनन क्षमता जांचने में मदद मिलती है
  • पिट्यूटरी ग्रंथि की जांच करने के लिए ब्रेन एमआरआई स्कैन
  • आयरन के स्तर की जांच के लिए ब्लड टेस्ट
  • जेनेटिक (अनुवांशिक) परीक्षण भी किया जा सकता है

(और पढ़ें - डीएनए टेस्ट का खर्च)

टेस्टोस्टेरोन की कमी का इलाज - Testosterone Deficiency Treatment in Hindi

टेस्टोस्टेरोन की कमी का इलाज क्या है?

टेस्टोस्टेरोन की कमी के लिए उपचार टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (testosterone replcement therapy) पर आधारित है। टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल या टैबलेट, लोशन, क्रीम या इंजेक्शन द्वारा दिया जा सकता है। 

टेस्टोस्टेरोन प्रतिस्थापन चिकित्सा कराने वाले पुरुषों की नियमित समीक्षा होती है। प्रोस्टेट परीक्षण पुरुषों की उम्र और प्रोस्टेट कैंसर के अन्य जोखिम कारकों के अनुसार किया जाता है। 

वृद्ध पुरुषों की टेस्टोस्टेरोन प्रतिस्थापन चिकित्सा शुरू होने से पहले उनका प्रोस्टेट कैंसर परीक्षण ज़रूरी होता है, क्योंकि टेस्टोस्टेरोन का बढ़ा हुआ स्तर अज्ञात प्रोस्टेट कैंसर को बढ़ा सकता है। हालांकि, टेस्टोस्टेरोन प्रतिस्थापन चिकित्सा प्रोस्टेट कैंसर का कारक नहीं है।

(और पढ़ें - प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी कैसे होती है)

यदि टेस्टोस्टेरोन की कमी का कारण पिट्यूटरी ग्रंथि में है, और आदमी पिता बनने की इच्छा रखता है, तो गोनाडोट्रोफिन इंजेक्शन (ऐसा रासायन जो शरीर में टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन करता है) कई महीनों तक टेस्टोस्टेरोन और शुक्राणु उत्पादन बढ़ाने के लिए लगाया जाता है।

(और पढ़ें - शुक्राणु बढ़ाने के लिए क्या खाएं)

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टेस्टोस्टेरोन की कमी से नुकसान क्या होता है - Testosterone Deficiency Risks & Complications in Hindi

दीर्घकालिक टेस्टोस्टेरोन की कमी निम्न समस्याओं का कारण बन सकती है -

यौन समस्याएं

  • पुरुषों में स्तम्भन दोष की समस्या हो सकती है 
  • महिलाओं में बांझपन की समस्या हो सकती है 

मांसपेशियों व हड्डियों सम्बंधित समस्याएं:

अन्य समस्याएं:

  • मेल ब्रेस्ट बन जाना
  • पुरुषों में सेक्स हार्मोन से संबंधित गंजापन

टेस्टोस्टेरोन की कमी में क्या खाना चाहिए? - What to eat during Testosterone Deficiency in Hindi?

टेस्टोस्टेरोन की कमी में क्या खाएं?

अगर आपको टेस्टोस्टेरोन की कमी है तो आप यहाँ बताये भोज्य पदार्थ आजमा सकते हैं। कुछ रिसर्च से ऐसा पता चला है कि इनसे लाभ हो सकता है।

पोषक तत्व:

टेस्टोस्टेरोन की कमी से बचने के लिए आपको निम्न पोषक तत्व अवश्य खाने चाहिए:

  • ओमेगा 3 फैटी एसिड: एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में मदद और कोशिकाओं में रक्त प्रवाह में ऑक्सीजन के स्तर के संचलन में सुधार करता है। ओमेगा 3 और 6 फैटी एसिड उम्र बढ़ने से क्षतिग्रस्त हुए दिल के ऊतकों को ठीक करता है और हार्मोन असंतुलन को ठीक करने में भी मदद करता है। (और पढ़ें - कॉलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय)
  • जिंक: जिंक की कमी से रक्त संचालन खराब होता है जिससे स्तम्भन दोष होता है। जिंक स्वस्थ प्रोस्टेट ग्रंथियों को प्रोस्टेट तरल पदार्थों का उत्पादन बढ़ाने में भी मदद करता है टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ता है और यौन इच्छा उत्तेजित होती है। (और पढ़ें - शरीर में पानी की कमी का इलाज)
  • आयरन: जिनक की ही तरह आयरन की कमी से भी रक्त संचालन में गड़बड़ी हो सकती हैं जिससे स्तंभन दोष हो सकता है। तो आयरन युक्त आहार जरूर खाएं।
  • विटामिन और खनिज (मिनरल): विटामिन और खनिज पदार्थ हमारे शरीर के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण होते हैं। ये यौन गतिविधि और जीवन शक्ति को बनाए रखते हैं। ये शुद्ध खाद्य पदार्थों और संतुलित आहार के रूप में खाये जाने चाहिए।

शाकाहारी भोजन: 

  • हरे फल-सब्जियों का जूस अवश्य पीएं: कोल्ड ड्रिंक की जगह हरे फल और हरी सब्जियों का जूस पियें। कार्बोनेटेड पेय पदार्थ अधिक आसानी से अवशोषित होते हैं और यह पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन-उत्पादन को बाधित करता है। हरे फल-सब्जियों के जूस में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, आयरन, ​जिंक इत्यादि की एक बड़ी मात्रा होती है जो क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को ठीक करने में मदद करती है।  
  • पत्ता गोभी: गोभी में फाइबर होता है जो वजन घटाने में मदद करता है।​ इसमें कैल्शियम, विटामिन सीआयरन और पोटेशियम होते हैं जो इस समस्या में लाभदायक होते हैं। 
  • लहसुन: लहसुन रक्तचाप को सामान्य करता है और रक्त प्रवाह में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाता है। लहसुन पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा सेक्स हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। इससे पुरुषों में कामेच्छा बढ़ती है। (और पढ़ें - हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण)

मांसाहारी भोजन:

Dr. Narayanan N K

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
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टेस्टोस्टेरोन की कमी की दवा - OTC medicines for Testosterone Deficiency in Hindi

टेस्टोस्टेरोन की कमी के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

OTC Medicine NamePack SizePrice (Rs.)
myUpchar Ayurveda Urjas T-Boost Capsuleएक बोतल में 60 कैप्सूल719.0
Herbal Canada Virya Postic Granules 100GMएक डिब्बे में 100 gm ग्रैन्युल्स368.05
DNSI Pro Shila Capsuleएक बोतल में 30 कैप्सूल713.0
Nirvasa Ashwagandha Capsuleएक बोतल में 60 कैप्सूल369.0
DNSI Pro Fertil O Plus Capsuleएक बोतल में 60 कैप्सूल1090.0
Shilajit ultra gold capsule + Max man tila (free)एक कॉम्बो पैक में 1 kit कैप्सूल1970.0
Herbelo Organics MenS Health Wellness Megabooster+ Ayurvedic Formula Capsules (60)एक बोतल में 60 कैप्सूल599.0
Aayuheal Night Man Gelएक डिब्बे में 50 gm जेल599.0
Nutracology Tongkat Ali Tabletएक बोतल में 60 टैबलेट899.0
MBDH Wellness Testo Boost Capsuleएक बोतल में 60 कैप्सूल802.2
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