मां बनना हर महिला के लिए सुखद अनुभव होता है. वहीं, कुछ कारणों से महिला के लिए गर्भपात करवाना जरूरी हो जाता है. इसके पीछे महिला का अस्वस्थ होना या अनचाही प्रेगनेंसी हो सकता है. ऐसे में यह अनुभव महिला के लिए काफी कष्टदायक हो सकता है. गर्भपात या अबॉर्शन करीब 20 सप्ताह के गर्भ से पहले या भ्रूण के 500 ग्राम वजन से कम का होने पर किया जा सकता है, लेकिन बार-बार अबॉर्शन करवाना बिल्कुल भी सही नहीं माना गया है.

अमेरिकन सोसायटी फॉर रिप्रोडक्टिव मेडिसिन द्वारा निर्धारित परिभाषा के अनुसार, बार-बार अबॉर्शन होने की वजह से महिला की प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है. दो या दो से अधिक बार अबॉर्शन करवाने को बार-बार गर्भपात या रेकर्रेंट अबॉर्शन कहा जाता है.

आइए, इस लेख में जानते हैं कि बार-बार अबॉर्शन करवान से क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं -

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  1. बार-बार अबॉर्शन कराने के दुष्प्रभाव
  2. सारांश
  3. बार-बार अबॉर्शन कराने के नुकसान के डॉक्टर

रिसर्च के मुताबिक, बार-बार अबॉर्शन होने से महिलाएं मानसिक और शारीरिक रूप से काफी ज्यादा कमजोर हो जाती हैं. इन समस्याओं के बारे में नीचे बताया गया है -

  1. शरीर का कमजोर होना
  2. प्रजनन क्षमता पर असर
  3. मानसिक स्वास्थ्य पर असर
  4. फिर गर्भपात का खतरा
  5. गर्भाशय को नुकसान

शरीर का कमजोर होना

बार-बार अबॉर्शन से महिलाएं शारीरिक रूप से ज्यादा कमजोर हो सकती है. दरअसल, अबॉर्शन के बाद ज्यादा रक्तस्राव होता है. ऐसे में अगर महिलाओं का सही से देखभाल न किया जाए, तो वह शारीरिक रूप से काफी कमजोर हो सकती हैं.

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प्रजनन क्षमता पर असर

बार-बार अबॉर्शन के कारण प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ता है. रिसर्च के मुताबिक, जिन महिलाओं को बार-बार अबॉर्शन होता है, उनके मां बनने की संभावना कम हो जाती है. इसके अलावा, इस तरह की महिलाओं को गर्भधारण करने में वक्त लग सकता है.

मानसिक स्वास्थ्य पर असर

बार-बार अबॉर्शन से महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है. अगर बार-बार प्रेगनेंसी लॉस हो रहा है, तो इस स्थिति में महिलाएं स्ट्रेस, चिंताडिप्रेशन जैसी मानसिक परेशानियों से जूझ सकती हैं.

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फिर गर्भपात का खतरा

बार-बार गर्भपात होने से धीरे-धीरे भविष्य में गर्भपात होने की आशंका और बढ़ने लगती है. उदाहरण के लिए अगर किसी महिला का 2 बार गर्भपात हुआ है, तो उस महिला का तीसरी बार गर्भपात होने का खतरा अन्य महिलाओं की तुलना में अधिक हो सकता है.

गर्भाशय को नुकसान

बार-बार गर्भपात होने से महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा को नुकसान हो सकता है. कई मामलों में गर्भाशय डैमेज होने की भी आशंका होती है.

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बार-बार अबॉर्शन होने के साइड-इफेक्ट की बात कि जाए, तो इससे महिलाएं शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित हो सकती हैं. ऐसे में बेहतर यही है कि गर्भनिरोधक उपायों का सहारा लिया जाए, ताकि बार-बार अबॉर्शन करवाने का सामना न करना पड़े. साथ ही डॉक्टर से उचित परामर्श लेना भी जरूरी है.

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