झुर्रियाँ, जिन्हें मेडिकल भाषा में राइटिड्स कहा जाता है, उम्र बढ़ने का एक स्वाभाविक हिस्सा हैं। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपकी त्वचा में दरारें, सिलवटें और लकीरें दिखने लगती हैं। ऐसा होने का प्राथमिक कारण यह है कि त्वचा पतली हो जाती है और समय के साथ अपनी कोमलता व लचीलापन खो देती है। आम तौर से सबसे पहले झुर्रियाँ चेहरे और गर्दन पर दिखाई देती हैं। यह केवल इसलिए नहीं है, क्योंकि त्वचा के ये भाग सूर्य के प्रकाश के संपर्क में सबसे अधिक आते हैं, बल्कि इसलिए भी कि आजीवन यहाँ की त्वचा चेहरे की अभिव्यक्तियों के दौरान स्वाभाविक रूप से मुड़ती है और बार-बार खिंचती है।

इसके अलावा हाथ, बांह, टांग और शरीर के अन्य हिस्से जिनका सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने का खतरा अधिक होता है, उनमें भी झुर्रियाँ होने की संभावना हो सकती है। ज्यादातर झुर्रियाँ, जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, उम्र बढ़ने से आती हैं। हालांकि, ऐसे पर्यावरणीय और जीवन शैली कारक हैं जो इस प्राकृतिक प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं और परिणामस्वरूप झुर्रियां जल्दी आ जाती हैं।

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बार-बार सूरज की रोशनी के संपर्क में आना ही केवल शुरुआती झुर्रियों का प्रमुख कारण नहीं है, बल्कि इससे काले धब्बे होते हैं और त्वचा कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके अलावा, धूम्रपान, तंबाकू का सेवन, शराब की लत और अधिक तनाव आदि भी त्वचा को जल्दी बूढ़ी बनाते हैं। नियमित रूप से पौष्टिक व संतुलित आहार न लेने से भी त्वचा कमजोर पड़ने लगती है और परिणामस्वरूप झुर्रियां आ जाती हैं। गर्भावस्था के दौरान पेट की त्वचा में खिंचाव आने के कारण भी पेट पर झुर्रियां और स्ट्रेच मार्क्स बन जाते हैं। मोटापा, वजन बढ़ना और वजन कम होने के साथ-साथ झुर्रियां पड़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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इन कारकों को देखते हुए जो समय से पहले दिखने वाली झुर्रियों का कारण बन सकते हैं, लोग इससे बचने के तरीकों की तलाश करने लगे हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ दशकों में वैश्विक स्तर पर एंटी-एजिंग उत्पादों की बाजार में तेजी देखी गई है। हालांकि, त्वचा की अत्यधिक झुर्रियों को रोकने के लिए कई प्राकृतिक और जीवनशैली से संबंधित विधियां हैं जिनका आप उपयोग कर सकते हैं। इस लेख में, आप जान सकते हैं कि झुर्रियों के पीछे प्रमुख कारण क्या हैं, झुर्रियों का इलाज कैसे करें और समय से पहले झुर्रियों को बनने से कैसे रोकें।

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  1. झुर्रियां क्या हैं और कैसे बनती हैं? - What are wrinkles and how are they formed in Hindi?
  2. झुर्रियों के कारण - Causes of wrinkles in Hindi
  3. पानी की कमी - Dehydration causes wrinkles in Hindi
  4. झुर्रियों का इलाज - Treatment of wrinkles in Hindi
  5. झुर्रियों से बचाव - Prevention of wrinkles in Hindi

झुर्रियां क्या हैं और कैसे बनती हैं? - What are wrinkles and how are they formed in Hindi?

झुर्रियाँ त्वचा में पड़ने वाली लकीरें या सिलवटें हैं, जो आमतौर पर तब होती हैं जब उम्र के साथ त्वचा नमी खो देती है। मानव त्वचा में तीन अलग-अलग परतें होती हैं -

  • सबसे बाहरी परत को एपिडर्मिस कहा जाता है
  • मध्य परत को डर्मिस के नाम से जाना जाता है
  • सबसे नीचे वाली परत को सबक्युटेनियस लेयर कहते हैं

हर बार जब आप चेहरे के भाव (अभिव्यक्ति) बदलते हैं और चेहरे की मांसपेशियों को हिलाते हैं, तो इससे चेहरे की मांसपेशियों में सिलवटें पड़ती हैं। युवा लोगों की त्वचा में पर्याप्त मात्रा में नमी होती है और साथ ही कोलेजन और इलास्टिन नाम के दो प्रोटीन पाए जाते हैं। कोलेजन त्वचा की संरचना को बनाए रखता है और इलास्टिन त्वचा को लचीलापन प्रदान करता है। नमी और ये दोनों प्रोटीन त्वचा की सिलवटों जल्दी ठीक कर देते हैं, जिससे आपकी त्वचा फिर से चिकनी व कोमल हो जाती है।

हालांकि, उम्र के साथ आपकी त्वचा इन प्रोटीनों के प्राकृतिक भंडार को खोना शुरू कर देती है और परिणामस्वरूप, ये सिलवटें ठीक नहीं हो पाती हैं। जैसा कि आप समान मांसपेशियों का अधिक उपयोग करते हैं, ये रेखाएं धीरे-धीरे गहरी होने लगती हैं और झुर्रियों के रूप में दिखाई देती हैं। इसके अतिरिक्त, आपकी चमड़ी के नीचे की परत (त्वचा की सतह के ठीक नीचे) में वसा जमा होती है, जो आपकी त्वचा को मोटा रखती है। ये जमाव उम्र के साथ बहुत कम हो जाते हैं और आपकी त्वचा गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव के कारण अंदर की तरफ धंस जाती है।

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झुर्रियों के कारण - Causes of wrinkles in Hindi

झुर्रियां क्यों होती हैं?

झुर्रियाँ बड़े पैमाने पर एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। हालांकि, ऐसे कई कारक हैं जिनके कारण यह प्रक्रिया सामान्य से पहले होने लगती है। आपको झुर्रियां कब और कैसे होंगी, यह भी जातीयता और त्वचा के रंग पर निर्भर करता है। 2016 में जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड एस्थेटिक डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि एशियाई, हिस्पैनिक और अफ्रीकी-अमेरिकी मूल के लोगों की सिर्फ चेहरे की संरचनाएं ही अलग नहीं होती हैं, बल्कि इनमें अधिक मात्रा में एपिडर्मल मेलानिन होता है और डर्मिस परत भी मोटी होती है। ये जातीय अंतर सिर्फ त्वचा में रंजकता होने या ना होने के खतरे को ही प्रभावित नहीं करते हैं, बल्कि इससे चेहरे की रेखाएं व झुर्रियां कम नजर आती हैं।

इन जातीय अंतरों के बावजूद, झुर्रियाँ उभरने के कुछ सामान्य कारण हैं जिनके बारे में नीचे बताया गया है।

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  1. बढ़ती उम्र - Ageing causes wrinkles in Hindi
  2. सूर्य की हानिकारक किरणे - Sun damage causes wrinkles in Hindi
  3. मसल कॉन्ट्रैक्शंस - Muscle contractions cause wrinkles in Hindi
  4. सिगरेट पीना - Smoking causes wrinkles in Hindi
  5. वायु प्रदूषण - Air pollution causes wrinkles in Hindi

बढ़ती उम्र - Ageing causes wrinkles in Hindi

एजिंग झुर्रियों का एकमात्र कारण है, जो पूरी तरह से प्राकृतिक है। जैसा कि पहले बताया गया है, त्वचा की डर्मिस परत इलास्टिन और कोलेजन से बनी होती है, जो त्वचा को संरचना और लचीलता प्रदान करती है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, त्वचा की कोशिकाएँ धीरे-धीरे अधिक संख्या में विभाजित होने लगती हैं और कोलेजन और इलास्टिन का नेटवर्क ढीला होकर खुलने लगता है। यह त्वचा की सतह पर गड्ढे और लकीरें पैदा करता है, जो आसानी से झुर्रियों में परिवर्तित हो जाते हैं। इसी तरह त्वचा की अन्य प्राकृतिक प्रक्रियाएं भी उम्र के साथ प्रभावित हो जाती हैं, जैसे त्वचा की नमी बनाए रखना, तेल का स्राव, आवश्यक वसीय अम्लों को बनाए रखना और क्षति को ठीक करना आदि। ये सभी कारक उम्र बढ़ने के साथ झुर्रियों के प्राकृतिक विकास में योगदान करते हैं।

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सूर्य की हानिकारक किरणे - Sun damage causes wrinkles in Hindi

सूरज के संपर्क में, विशेष रूप से सूर्य की पराबैंगनी विकिरणों के संपर्क में आने पर सनबर्न हो सकता है और त्वचा बूढ़ी लगने लगती है। इसे फोटोएजिंग के रूप में भी जाना जाता है। फोटोएजिंग तब होती है जब पराबैंगनी किरणें आपकी त्वचा में कोलेजन फाइबर को तोड़ देती हैं या फिर उनके कारण इलास्टिन का असामान्य रूप से उत्पादन होने लगता है। त्वचा की कोशिकाएँ मेटालोप्रोटीनेज़ नामक एक एंजाइम भी बनाती हैं, जो कोलेजन के उत्पादन में सहायक होता है। अल्ट्रावॉयलेट किरणें मेटालोप्रोटीनेज़ उत्पादन की इस प्रक्रिया को प्रभावित कर देती हैं और कोलेजन फाइबर को नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप कोलेजन फाइबर अव्यवस्थित होने लगते हैं। कोलेजन फाइबर के अव्यवस्थित होने की समस्या को "सोलर इलास्टोसिस" के नाम से जाना जाता है। अगर लंबे समय से सूर्य की पराबैंगनी किरणों के संपर्क में रहने के कारण बार-बार सोलर इलास्टोसिस होता है, तो झुर्रियां दिखाई देने लगती हैं।

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मसल कॉन्ट्रैक्शंस - Muscle contractions cause wrinkles in Hindi

जब भी आप अपनी मांसपेशियों को हिलाते-ढुलाते हैं (विशेष रूप से चेहरे वाली), तो इसके कारण मांसपेशियां संकुचित होने लगती हैं। मांसपेशियों के संकुचित होने के परिणामस्वरूप आपकी त्वचा में भी संकुचिन होने लगता है। चेहरे पर होने वाले संकुचन को "छोटी मांसपेशियों का संकुचन" कहा जाता है जिसके कारण माथे, भौहों और आंखों के आस-पास लकीरें बनने लगती हैं।

माइक्रो- और मैक्रो-एक्सप्रेशंस जैसे मुस्कुराना, तेवर दिखाना, आंखें सिकोड़ कर देखना और यहां तक कि पलक झपकना भी समय के साथ-साथ झुर्रियां पैदा करने वाला एक प्रमुख कारण बन सकता है। गुरुत्वाकर्षण भी इन भावों के प्रभाव और उनसे होने वाले परिणामों को गंभीर बनाने का काम करता है।

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सिगरेट पीना - Smoking causes wrinkles in Hindi

त्वचा लगातार लुप्त या क्षतिग्रस्त ऊतकों को बदलती रहती है, जिसे "स्किन रिजनरेशन" कहा जाता है। स्किन रिजनरेशन को पूरा होने में लगभग 27 दिनों का समय लगता है और इस प्रक्रिया में कोलेजन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अध्ययन बताते हैं कि धूम्रपान की लत नए कोलेजन के उत्पादन में एक उल्लेखनीय कमी का कारण बनती है, जिससे पुनर्जनन (रिजनरेशन) प्रक्रिया और झुर्रियों के विकास में कमी आती है। शोध से यह भी पता चलता है कि निकोटीन रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण बना सकता है, जिस कारण त्वचा कोशिकाओं को ऑक्सीजन और पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाते हैं। सिगरेट में मौजूद अन्य रसायन भी त्वचा कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और उनकी लोच को प्रभावित कर सकते हैं। धूम्रपान करने से लोगों को अपने होंठ बार-बार सिकोड़ने या चाटने की आदत हो जाती है, जो मुंह के आसपास झुर्रियां या लकीरें बनने का कारण बनती हैं।

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वायु प्रदूषण - Air pollution causes wrinkles in Hindi

ग्राउंड-लेवल ओजोन (O3) या सूक्ष्म कणों जैसे प्रदूषकों के संपर्क में आना ऑक्सीकरण तनाव (ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस) का कारण बन सकता है। "फ्रंटियर्स इन फार्मास्युटिकल्स" नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध के अनुसार, जुलाई 2019 में, "ओ3 (भी) त्वचा में एंजाइमैटिक और गैर-एंजाइम एंटीऑक्सिडेंट दोनों के भंडार को कम करता है और विटामिन सी और विटामिन ई के स्तर को कम करता है।"

इसी शोध में यह भी कहा गया है कि O3 के संपर्क में आने से शरीर में सरट्यूइन 3 नामक प्रोटीन का स्तर घट जाता है फ्री रेडिकल्स को खत्म करने में मदद करता है। फ्री रेडिकल्स कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और स्किन एजिंग का कारण बनते हैं।

 

पानी की कमी - Dehydration causes wrinkles in Hindi

पर्याप्त पानी नहीं पीने से निर्जलीकरण हो सकता है, जिससे आपकी त्वचा पर महीन रेखाएं दिखाई दे सकती हैं। निर्जलीकरण से भी त्वचा पतली व रुखी दिखाई देती है और साथ ही चेहरे पर लकीरें बनने लगती हैं। यह नमी पर पकड़ रखने की त्वचा की क्षमता को भी प्रभावित करता है, जिसमें त्वचा में गुदगुदापन कम हो जाता है और व अंदर की तरफ धंस जाती है। इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप झुर्रियों को रोकने के लिए पर्याप्त पानी पिएं।

झुर्रियों का इलाज - Treatment of wrinkles in Hindi

झुर्रियां कैसे ठीक करें?

यदि आपको झुर्रियां हो गई है और आप इनसे निपटने का तरीका जानना चाहते हैं, तो त्वचा विशेषज्ञ (डर्मेटोलॉजिस्ट) से बात कर लेना ही आपके लिए एक अच्छा विकल्प है। डॉक्टर की पर्ची के बिना मिलने वाली (ओवर-द-काउंटर) दवाओं का इस्तेमाल करना आपकी त्वचा को लाभ पहुंचाने से अधिक नुकसान कर सकते हैं। इनसे होने वाला नुकसान थोड़े या लंबे समय तक भी रह सकता है। दुनिया भर में झुर्रियों के लिए कई प्रकार के उपचार उपलब्ध हैं, जो एक त्वचा विशेषज्ञ सुरक्षित उपयोग के लिए सुझा सकते हैं। ये आपकी व्यक्तिगत जरूरतों के आधार पर महंगे या आक्रामक हो सकते हैं। निम्नलिखित झुर्रियों के लिए सबसे लोकप्रिय उपचारों में से कुछ हैं।

  1. झुर्रियों के लिए दवा - Medications for wrinkles in HIndi
  2. झुर्रियों के लिए केमिकल पील - Chemical peels for wrinkles in HIndi
  3. झुर्रियों का उपचार डर्माअब्रेजन से - Dermabrasion for wrinkles in Hindi
  4. बोटॉक्स से झुर्रियों का इलाज - Botox for wrinkles in Hindi
  5. खुर्रियों झुर्रियों के लिए करवाएं फेसलिफ्ट - Facelift for wrinkles in Hindi
  6. झुर्रियों के लिए फिलर्स - Fillers for wrinkles in Hindi

झुर्रियों के लिए दवा - Medications for wrinkles in HIndi

त्वचा पर लगाई जाने वाली रेटिनोइड्स क्रीम जिनमें विटामिन ए होता है, वे झुर्रियों, रंजकता और त्वचा के खुरदरेपन को कम कर सकती हैं। विटामिन ए त्वचा में कोलेजन के उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे आपकी त्वचा की सेहत में सुधार होता है। हालांकि, सूरज की रोशनी के संपर्क में आने पर रेटिनोइड्स का उपयोग करने से आपकी त्वचा अधिक क्षतिग्रस्त हो सकती है। इसलिए, रेटिनोइड के साथ एक अच्छा सनस्क्रीन लगाना महत्वपूर्ण होता है। कई एंटी-एजिंग क्रीमों में अलग-अलग मात्रा में रेटिनोल, अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड, कीनेटिन, कोएंजाइम, कॉपर पेप्टाइड्स और एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं, ये सभी झुर्रियों के खिलाफ प्रभावी हो सकते हैं।

झुर्रियों के लिए केमिकल पील - Chemical peels for wrinkles in HIndi

झुर्रियां व मुंहासे समेत त्वचा संबंधी कई समस्याओं के इलाज के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट "केमिकल पील" नामक ट्रीटमेंट करवाने की सलाह देते हैं। केमिकल पीलिंग में त्वचा के प्रभावित हिस्से पर कुछ प्रकार के रसायनिक घोल का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे अल्फा-हाइड्रोक्सी एसिड, ट्राइक्लोरोएसेटिक एसिड और ग्लाइकोलिक एसिड आदि। यह रसायनिक घोल लगाने से मृत त्वचा हट जाती है और उसकी जगह पर नई त्वचा आ जाती है, जो कोमल व चिकनी होती है। हालांकि, आपको यह सुझाव दिया जाता है, कि केमिकल पीलिंग करवाने से पहले किसी डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह अवश्य लें। ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ रसायनिक पदार्थों से संपर्क में आने पर आपकी त्वचा प्रभावित हो सकती है। इसलिए ऐसी स्थिति में त्वचा विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है।

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झुर्रियों का उपचार डर्माअब्रेजन से - Dermabrasion for wrinkles in Hindi

डर्माब्रेशन (चर्म-अपघर्षण) एक सर्जरी प्रक्रिया है, जिसमें एक तेजी से घूमने वाले उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है। यह उपकरण त्वचा की उपरी सतह पर एक विशेष घर्षण बनाता है और मृत त्वचा को खींच लेता है। इस प्रक्रिया को झुर्रियाँ, मुँहासे और अन्य प्रकार के निशान हटाने में प्रभावी माना जाता है। हालाँकि, इस प्रक्रिया से त्वचा में खुजली, सूजन, पपड़ी बनना और त्वचा की रंगत बदलाव हो सकता है। आमतौर पर, ये लक्षण लगभग कुछ हफ्तों के बाद दूर हो जाते हैं। लेकिन फिर भी आपको डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए, क्योंकि कुछ मामलों में ये लंबे समय तक बने रह सकते हैं और यहां तक की गंभीर भी हो सकते हैं। माइक्रोडर्माब्रेशन, डर्माब्रेशन की तुलना में कम आक्रामक प्रक्रिया है और उतना ही प्रभावी भी है। माइक्रोडर्माब्रेशन को अलग-अलग समय में कई बार किया जाता है, जिससे त्वचा अधिक तरोताजा और जवान दिखाई देती है।

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बोटॉक्स से झुर्रियों का इलाज - Botox for wrinkles in Hindi

झुर्रियों के लिए बोटॉक्स का इंजेक्शन लगवाना दुनिया भर में ज्ञात सबसे लोकप्रिय उपचारों में से एक है। बोटॉक्स, बोटुलिनम टॉक्सिन से प्राप्त होता है और इसके इंजेक्शन चेहरे या प्रभावित मांसपेशियों में लगाया जाता है। बोटॉक्स इंजेक्शन उन रसायनिक संकेतों को अवरुद्ध करता है, जो मांसपेशियों को संकुचित करते हैं। मांसपेशियों को संकुचित होने से रोककर, झुर्रिया होने से भी रोकथाम की जा सकती है।। यह त्वचा को पूरी तरह से मुलायम बना देता है। बोटॉक्स इंजेक्शन के प्रभाव तीन से चार महीने तक रह सकते हैं। अत्यंत दुर्लभ मामलों में, बोटॉक्स के इंजेक्शन से कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकता है, जैसे से मांसपेशियां ढीली होकर लटक जाना। बोटॉक्स का इंजेक्शन हमेशा एक प्रमाणित व अनुभवी डर्मेटोलॉजिस्ट से ही लगवाना चाहिए।

खुर्रियों झुर्रियों के लिए करवाएं फेसलिफ्ट - Facelift for wrinkles in Hindi

फेसलिफ्ट को राईटिडेक्टॉमी के नाम से भी जाना जाता है, जो एक प्रकार की कॉस्मेटिक सर्जरी है। फेसलिफ्ट सर्जरी को आमतौर पर अधिक जवान दिखने के लिए किया किया जाता है। फेसलिफ्ट में आमतौर पर आपके चेहरे की त्वचा या वसा को हटाया जाता है। आवश्यकता पड़ने पर कुछ मामलों में फेसलिफ्ट के दौरान त्वचा के नीचे के ऊतकों में कसाव भी लाया जाता है। यद्यपि फेसलिफ्ट प्रक्रिया से कोई बड़ा दुष्प्रभाव नहीं होता है, लेकिन यह अधिक महंगा हो सकता है और प्रक्रिया के बाद ठीक होने में कई हफ्ते लग जाते हैं। यह भी माना जाता है कि एक बार किए जाने पर इसका प्रभाव लंबे समय तक (कम से कम पांच साल) रहता है, लेकिन गर्दन के चारों ओर इसका प्रभाव कम हो सकता है।

झुर्रियों के लिए फिलर्स - Fillers for wrinkles in Hindi

फिलर्स सिंथेटिक रसायन होते हैं, जिसमें आमतौर पर हयालुरोनिक एसिड शामिल है। हयालुरोनिक एसिड एक नेचुरल पोलिमर है, जिसका इस्तेमाल मुंह, नाक और गाल आदि के आस-पास पड़ने वाली सिलवटों को ठीक करने के लिए किया जाता है। चेहरे के इन गहरे या गड्ढेदार हिस्सों की त्वचा को ऊपर उठाने के लिए इन्हें फिलर्स से भरा जाता है। ये फिलर्स आमतौर पर अस्थायी होते हैं, जिसका मतलब है कि इनका प्रभाव लगभग चार से छह महीनों तक रहता है और इसके बाद आपको फिर से यह प्रक्रिया करवानी पड़ती है। फिलर्स से कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जिसमें नील पड़ना, सूजन और दर्द शामिल हैं। ये सभी साइड इफेक्ट आमतौर पर कुछ ही दिनों में दूर हो जाते हैं। हालांकि, यदि ये अपने आप ठीक न हों, तो डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए।

(और पढ़ें - सूजन कम करने के घरेलू उपाय)

झुर्रियों से बचाव - Prevention of wrinkles in Hindi

झुर्रियां होने से कैसे रोकें?

आपकी त्वचा पर कब और कैसे झुर्रियाँ दिखाई देने लगेंगी, इसमें आपके जीन, पर्यावरण और जीवनशैली की बहुत बड़ी भूमिका होती है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि एक निश्चित उम्र में आकर या अन्य स्थितियों में झुर्रियाँ दिखाई देने लगती हैं और इन्हें रोका नहीं जा सकता है। हालांकि, कुछ चीजें हैं जिनकी मदद से आप समय से पहले होने वाली झुर्रियों की रोकथाम कर सकते हैं। निम्नलिखित कुछ तरीके हैं जो आपको समय से पहले झुर्रियों को रोकने में मदद कर सकते हैं।

  • सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने से बचें - पराबैंगनी किरणों से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए हर मौसम में लगातार एक अच्छी सनस्क्रीन का उपयोग करना बहुत महत्वपूर्ण है। गरमी के मौसम में या जब धूप अधिक होती है, तो घर से बाहर निकलते समय हमेशा चौड़े किनारों वाली टोपी और पूरी बांह वाले सुती कपड़े पहनें।
  • मॉइश्चराइज - त्वचा में नमी बनाए रखना आपकी त्वचा को हाइड्रेट रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है और त्वचा को पोषण देने में भी मदद करता है। जैसे-जैसे आप बड़े होते हैं तो झुर्रियां आदि होने लगती हैं। मॉइश्चराइजर का नियमित रूप से इस्तेमाल इन्हें विकसित होने से काफी समय के लिए टाल सकता है। अध्ययन से पता चलता है कि हयालुरोनिक एसिड और विटामिन सी युक्त मॉइस्चराइज़र आपकी त्वचा के लिए विशेष रूप से अच्छे हैं। (और पढ़ें - रूखी त्वचा की देखभाल कैसे करें)
  • पानी पिएं - हर दिन भरपूर मात्रा में पानी पीना आपकी त्वचा को हाइड्रेटेड रखने और आपके शरीर को ठीक से काम करने में मदद करने वाला एक प्रभावी तरीका है। रोजाना दो लीटर या अधिक पानी पीने से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है, जो त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • अधिक विटामिन प्राप्त करें - विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन डी कुछ सूक्ष्म पोषक तत्व हैं जो त्वचा की बूढ़ी होने की प्रक्रिया को टालने और त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। आपको अपने आहार में विटामिन से भरपूर फलों और सब्जियों को शामिल करना चाहिए। यदि आप अपने आहार के माध्यम से इन पोषक तत्वों को पर्याप्त मात्रा में नहीं ले पा रहे हैं, तो डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से संपर्क करें। पोषण विशेषज्ञ आपको इन पोषक तत्वों को प्राप्त करने के लिए कुछ विशेष फाइटोन्यूट्रिएंट्स या आहार का सेवन करने का सुझाव देंगे।
  • धूम्रपान छोड़ें - तंबाकू केवल कोलेजन और इलास्टिन के बनने की प्रक्रिया को ही प्रभावित नहीं करता है, बल्कि सिगरेट में पाया जाने वाला निकोटीन भी रक्त वाहिकाओं को संकुचित बनाता है। धूम्रपान उन विटामिनों के कार्य क्षमता को कम कर देता है, जो शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। ये विटामिन ठीक से काम न कर पाने के कारण आपकी त्वचा प्रभावित हो जाती है और आपको समय से पहले झुर्रियां आना या त्वचा कमजोर पड़ना आदि समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए, जल्द से जल्द तंबाकू के सेवन को छोड़ना सिर्फ आपकी त्वचा ही नहीं समस्थ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहता है।
  • आराम करें - तनाव और चिंता के अलावा, चेहरे के भाव और संबंधित मांसपेशियों के संकुचन भी समय से पहले झुर्रियां होने की समस्या को बढ़ावा देता है। इन कारणों से उत्पन्न होने वाली झुर्रियों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने दिमाग को आराम दें और तनाव को दूर रखें। मेडिटेशन, योग, नृत्य और अन्य मनोरंजक गतिविधियाँ आपको तनाव से दूर रखने और अच्छा महसूस करने में मदद कर सकती हैं।

(और पढ़ें - तनाव के लिए योग)

झुर्रियां हटाने की क्रीम

Dr. Apratim Goel
MBBS,MD,DNB
22 वर्षों का अनुभव
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