लिप (होठ) का कैंसर - Lip Cancer in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

May 27, 2021

September 13, 2023

लिप का कैंसर
लिप का कैंसर

लिप कैंसर का मतलब होंठ के कैंसर से है। इसमें होंठ की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती है, जिसकी वजह से होंठ पर घाव या ट्यूमर बन जाता है। यह एक प्रकार का मुंह का कैंसर है। यह असामान्य कोशिकाएं होंठों की पतली, चपटी कोशिकाओं में विकसित होती है, जिसे 'स्क्वैमस सेल' कहा जाता है। इसमें शामिल हैं :

  • होंठ
  • मुंह
  • जीभ
  • गाल
  • साइनस
  • गला
  • तालू (सौम्य या कठोर)

कई बार गलत जीवनशैली की वजह से होंठ के कैंसर के विकास का जोखिम बढ़ सकता है। इसमें शामिल हैं :

अक्सर लिप कैंसर की पहचान सबसे पहले तब होती है जब आप दांतों की जांच के लिए डेंटिस्ट के पास जाते हैं। यदि इस कैंसर का इलाज उचित समय पर या जल्दी हो जाए तो इसका इलाज संभव है।

लिप (होठ) के कैंसर के लक्षण - Lip cancer symptoms in Hindi

होंठ के कैंसर के संकेत और लक्षणों में शामिल हैं :

  • होंठ का सपाट होना या थोड़ा उठा हुआ व सफेद रंग का पैच दिखाई देना
  • होठों पर घाव, जो ठीक नहीं हो रहा हो
  • होठों में झुनझुनी, दर्द या सुन्नता या यही लक्षण मुंह के आसपास की त्वचा पर महसूस करना
  • दर्द, लीजन, छाला, अल्सर या मुंह पर गांठ जो ठीक नहीं हो रही हो
  • खून बहना या होठों पर दर्द (और पढ़ें - ब्लीडिंग कैसे रोकें)
  • जबड़े की सूजन

हो सकता है कि लिप कैंसर के कोई लक्षण न हों। दूसरी तरफ यह जानना भी जरूरी है कि यदि आपके होठों पर घाव या गांठ है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपको होंठों का कैंसर है, लेकिन तब भी संदेह होने पर जांच अवश्य कराएं।

यदि यह लक्षण बने रहते हैं और इनकी वजह से आप चिंतित हैं तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

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लिप (होठ) के कैंसर के कारण - Lip cancer causes in Hindi

होंठ के कैंसर के कारण निम्नलिखित है :

होंठ के कैंसर का कारण स्पष्ट नहीं है लेकिन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल एंड क्रेनियोफेशियल रिसर्च के अनुसार, मुंह के कैंसर के कई मामले तंबाकू व बहुत अधिक मात्रा में शराब के सेवन से जुड़े होते हैं। हालांकि, धूप में ज्यादातर रहना भी एक इसका प्रमुख जोखिम कारक है। ऐसा ज्यादातर उन लोगों में होता है जो ज्यादातर फील्ड वर्क करते हैं।

सामान्य तौर पर, कैंसर बनना तब शुरू होता है जब कोशिकाओं के डीएनए में असामान्य बदलाव (गड़बड़ी) होती है। एक कोशिका के डीएनए में निर्देश होते हैं जो कोशिका को बताते हैं कि उन्हें क्या करना है। कोशिकाओं के डीएनए में असामान्य बदलाव ही कोशिका के अनियंत्रित रूप से बढ़ने का कारण बनता है। यह संचित कोशिकाएं ट्यूमर बनाती हैं जो शरीर के सामान्य ऊतकों को खराब व नष्ट कर सकती हैं।

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लिप (होठ) के कैंसर का जोखिम - Lip cancer Risk factors in Hindi

होंठों का कैंसर किसी को भी हो सकता है। कुछ जीवनशैली और पर्यावरणीय कारक व्यक्ति में इस रोग के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं :

होंठ कैंसर के अन्य जोखिम कारकों में शामिल हैं :

  • पुरुष में जोखिम ज्यादा
  • हल्के रंग की त्वचा होना
  • 40 वर्ष से अधिक आयु
  • ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एक तरह का यौन संचारित संक्रमण) के कुछ उपभेदों से संक्रमित होना

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लिप (होठ) के कैंसर का निदान - Lip cancer diagnosed in Hindi

यदि आपको होंठ के कैंसर के संकेत या लक्षण हैं, तो इस बारे में डॉक्टर से मिलें। वे असामान्य हिस्सों की खोज करने और संभावित कारणों की पहचान करने के लिए आपके होठों व मुंह के अन्य हिस्सों की शारीरिक जांच करेंगे।

डॉक्टर शारीरिक जांच के लिए होंठ व उसके आसपास उंगली से छूकर असामान्य उभार व अन्य चीजें महसूस कर सकते हैं। वे आपके मुंह के अंदर की जांच करने के लिए छोटा शीशा व रोशनी का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा वे आपकी गर्दन पर लिम्फ नोड्स में सूजन की भी जांच कर सकते हैं।

डॉक्टर आपसे निम्न चीजों के बारे में पूछ सकते हैं :

  • मेडिकल हिस्ट्री (चिकित्सक द्वारा पिछली बीमारियों व उनके इलाज से जुड़े प्रश्न पूछना)
  • पहले कभी धूम्रपान और शराब का सेवन किया हो
  • पहले कभी कोई बीमारी रही हो
  • बीमारी से संबंधित फैमिली हिस्ट्री
  • किसी प्रकार की दवा का सेवन कर रहे हों

यदि होंठ के कैंसर का संदेह है, तो निदान की पुष्टि में बायोप्सी मदद कर सकती है। बायोप्सी में प्रभावित हिस्से से छोटा नमूना लिया जाता है और प्रयोगशाला में माइक्रोस्कोप की मदद से इसकी समीक्षा की जाती है।

यदि बायोप्सी के परिणाम से पुष्टि हो जाती है कि आपको होंठ का कैंसर है, तो डॉक्टर यह निर्धारित करने के लिए कुछ अन्य टेस्ट भी लिख सकते हैं कि कैंसर कितना फैल चुका है। इन टेस्ट में शामिल हो सकते हैं :

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लिप (होठ) के कैंसर का इलाज - Lip cancer treatment in Hindi?

लिप कैंसर के लिए कई तर​ह के उपचार विकल्प मौजूद हैं जैसे सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी और कीमोथेरेपी। इसके अलावा इम्यूनोथेरेपी और जीन थेरेपी की भी मदद ली जा सकती है। अन्य कैंसर की तरह, होंठ के कैंसर का उपचार भी व्यक्ति का स्वास्थ्य, बीमारी की स्टेज और यह कितना फैल (ट्यूमर के आकार सहित) चुका है, इस बात पर निर्भर करता है।

सर्जरी : यदि ट्यूमर छोटा है तो सर्जरी की मदद से कैंसर वाली कोशिकाओं के साथ-साथ उसके आस-पास के कुछ स्वस्थ ऊतकों को भी हटाया जाता है। इसके बाद होंठ की संरचना पर कार्य किया जाता है ताकि वह सामान्य रूप से खानपान करने के साथ सामान्य तरीके से बोल पाए। इसके अलावा दाग-धब्बों को कम करने की तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाता है।

यदि ट्यूमर बड़ा है या बाद के चरणों में विकसित होता है, तो पुनरावृत्ति के जोखिम को कम करने के लिए सर्जरी से पहले या बाद में ट्यूमर को सिकोड़ने के लिए रेडिएशन व कीमोथेरेपी का उपयोग किया जा सकता है। कीमोथेरेपी की मदद से पूरे शरीर में दवाई पहुंचती है और कैंसर के फैलने या वापस आने का जोखिम कम होता है।

यदि कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो उसे उपचार से पहले धूम्रपान छोड़ देना चाहिए, इससे उपचार के परिणामों में सुधार हो सकता है। (और पढ़ें - सिगरेट छोड़ने का आसान तरीका)

रेडिएशन थेरेपी : रेडिएशन थेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए स्ट्रांग एनर्जी बीम जैसे एक्स-रे और प्रोटॉन का उपयोग किया जाता है। होंठ के कैंसर के लिए रेडिएशन चिकित्सा का उपयोग खुद या सर्जरी के बाद किया जा सकता है। यह रेडिएशन केवल होंठ या आपकी गर्दन में लिम्फ नोड्स को भी टार्गेट कर सकता है।

कीमोथेरेपी : कीमोथेरेपी में कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए काफी स्ट्रॉन्ग दवाओं का उपयोग किया जाता है। होंठ के कैंसर के इलाज की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए कभी-कभी रेडिएशन थेरेपी के साथ कीमोथेरेपी का भी उपयोग किया जाता है। यदि होंठ का कैंसर गंभीर हो चुका है और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल चुका है तो कीमोथेरेपी का उपयोग संकेतों और लक्षणों को कम करने व आपको आरामदायक अवस्था में लाने के लिए किया जा सकता है।

टार्गेटड ड्रग्स थेरेपी : यह थेरेपी कैंसर कोशिकाओं के भीतर मौजूद विशिष्ट कमजोरियों को टार्गेट करती है और कैंसर कोशिकाओं को मारती है। आमतौर पर टार्गेटड ड्रग्स थेरेपी के साथ कीमोथेरेपी का भी उपयोग किया जाता है।

इम्यूनोथेरेपी : इम्यूनोथेरेपी एक प्रकार का कैंसर ट्रीटमेंट है जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर से लड़ने में मदद करता है। प्रतिरक्षा प्रणाली आपके शरीर को संक्रमण और अन्य बीमारियों से लड़ने में मदद करती है। यह सफेद रक्त कोशिकाओं और लसीका प्रणाली के अंगों व ऊतकों से बना होता है। इम्यूनोथेरेपी एक प्रकार की जैविक चिकित्सा है। जब कैंसर गंभीर रूप ले चुका हो और अन्य उपचार के अन्य विकल्प न हों तब इम्यूनोथेरेपी पर विचार किया जा सकता है।

(और पढ़ें - कैंसर की होम्योपैथिक दवा)

लिप (होठ) के कैंसर की जटिलताएं - Lip cancer complications in Hindi?

यदि लिप कैंसर जैसी स्थिति को अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो इसमें बनने वाला ट्यूमर मुंह और जीभ के अन्य हिस्सों के साथ-साथ शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकता है। यदि कैंसर फैलता है, तो इसका इलाज करना और भी मुश्किल हो जाता है।

इसके अतिरिक्त, जिन लोगों के होठों पर बड़े ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है, उन्हें सर्जरी के बाद बोलने, चबाने और निगलने में परेशानी हो सकती है।

सर्जरी के परिणामस्वरूप होंठ और चेहरे की बनावट में भी फर्क आ सकता है। हालांकि, एक स्पीच पैथोलॉजिस्ट की मदद से बोलने में कठिनाई जैसी दिक्कत को सुधारा जा सकता है। इसके अलावा रिकंसट्रक्टिव या कॉस्मेटिक सर्जन चेहरे की हड्डियों और ऊतकों को उसका रूप देने में मदद कर सकते हैं।

कीमोथेरेपी और रेडिएशन के कुछ दुष्प्रभाव :

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लिप (होठ) के कैंसर को कैसे रोका जा सकता है - Lip cancer prevention in Hindi?

चूंकि, इसके सबसे बड़े जोखिम कारकों में तंबाकू और शराब का सेवन शामिल है, इसलिए यह सुझाव दिया जाता है कि सभी प्रकार के तंबाकू के उपयोग के साथ-साथ शराब के अत्यधिक सेवन से बचें। इसके अलावा बहुत ज्यादा प्राकृतिक और कृत्रिम धूप में न रहें, विशेष रूप से टैनिंग बेड के इस्तेमाल को सीमित करें।

टैनिंग बेड को टैनिंग बूथ के नाम से भी जाना जाता है, यह एक ऐसा बेड है जो कि चारों ओर से बंद हो जाता है और इसमें लगी डिवाइस पराबैंगनी विकिरण का उत्सर्जन करती हैं। केराटोसिस, सोरायसिस, एक्जिमा और मुंहासों सहित त्वचा की कुछ स्थितियां हैं, जिनका इलाज यूवीबी लाइट थेरेपी से किया जा सकता है, ऐसे में टैनिंग बेड की मदद ली जाती है।

होंठों के कैंसर के ज्यादातर मामलों की पहचान सबसे पहले डेंटिस्ट द्वारा तब की जाती है जब आप रूटीन चेकअप के लिए उनके पास जाते हैं। इसलिए जिनमें लिप कैंसर का जोखिम है, उन्हें नियमित रूप से दांत की जांच के लिए डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी जाती है।

(और पढ़ें - जीभ के कैंसर का इलाज)

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लिप (होठ) के कैंसर के लिए डॉक्टर विजिट - Doctor visit for lip cancer in Hindi

लिप कैंसर के लिए डॉक्टर विजिट के दौरान ध्यान रखने वाली बातें

जब आप अपॉइंटमेंट लेते हैं, तो यह पूछना न भूलें कि आपको पहले से क्या कदम उठाने की जरूरत है, जैसे कि आहार में बदलाव।

  • आप जो भी अनुभव कर रहे हैं उसे याद रखें या नोट कर लें, या आप अपने उस करीबी को लेकर भी डॉक्टर के पास जा सकते हैं जिसे आपके लक्षणों के बारे में जानकारी है, ताकि आप कोई महत्वपूर्ण जानकारी देना न भूलें।
  • तनाव या हाल के जीवन में बदलाव सहित प्रमुख व्यक्तिगत जानकारियां साझा करें।
  • उन सभी दवाओं, विटामिन या सप्लीमेंट्स की सूची बनाएं जिन्हें आप ले रहे हैं। 

लिप (होठ) के कैंसर से जुड़े टिप्स - Tips related to Lip Cancer in Hindi

होंठ के कैंसर के शुरुआती लक्षणों में अक्सर होठों पर या मुंह के अंदर एक गांठ या घाव हो जाता है, जो अपने आप ठीक नहीं होता है। लिप कैंसर ऐसे उम्रदराज पुरुषों में आम है, जिनकी त्वचा हल्के रंग की है।

होंठ के कैंसर वाले लोगों के लिए उपचार के विकल्प ट्यूमर के चरण और आकार पर निर्भर करते हैं, लेकिन आमतौर पर इसमें सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी का संयोजन (कॉम्बिनेशन) शामिल होता है। होठों के कैंसर का जल्द पता लगाने और उपचार करने से स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।

धूप से सुरक्षा, शराब और तंबाकू का सेवन सीमित करके होंठों के कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है। नियमित रूप से डेंटल चेकअप कराने से भी होठों के कैंसर का सही समय पर पता चल सकता है व जल्द इलाज शुरू किया जा सकता है।

(और पढ़ें - शराब छोड़ने के उपाय)



लिप (होठ) का कैंसर की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Lip Cancer in Hindi

लिप (होठ) का कैंसर के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।