महिला होना कोई आसान बात नहीं है। आज की महिला न केवल अपने पारंपरिक कर्तव्यों को पूरा करती है, बल्कि उसके अलावा भी घर और बाहर के हर काम करती है। वह एक मां, एक व्यवसायी, सपने देखने वाली, उन्हें पाने की हिम्मत रखने वाली और अपने परिवार को हर परिस्थिति में समर्थन देने वाली होती है। उसकी इन सारी भूमिकाओं के बीच सिर्फ उसका स्वास्थ्य आता है जो कभी कभी साथ नहीं देता। ऐसा केवल स्वास्थ्य और खान पान पर ध्यान न दे पाने की वजह से होता है।

आयु की महिलाओं के स्वास्थ्य में बड़ी भूमिका होती है। जैसे जैसे उनकी उम्र बढ़ती है उनके शरीर में कई सारे बदलाव आते हैं। लेकिन जैसा कि कहा जाता है, कि अच्छे कामों की शुरुआत कभी भी करना अच्छा ही होता है इसलिए, स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, महिलाओं को 20 की उम्र से अपने स्वास्थ्य के बारे में सोचना और उसे बेहतर बनाना शुरू कर देना चाहिए।.

बीस से तीस साल की उम्र महिलाओं के लिए इतनी महत्वपूर्ण होती है कि इस चरण में उनका सही खान पान आगे जाकर प्रेग्नेंसी और अन्य कई चुनौतीपूर्ण अनुभवों में उनका साथ देता है। वास्तव में, हाल के अनुसंधान अध्ययनों से पता चला है कि किशोरावस्था महिलाओं में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

"मूलचंद अस्पताल के, गाईनेकोलॉजी विभाग की डॉ युवाक्षी जुनेजा के अनुसार, ये उम्र एक महिला के जीवन में बहुत महत्व रखती है, क्योंकि सभी स्वास्थ्य समस्याएं और जटिलताएं किशोरावस्था के इसी समय में उत्पन्न होती हैं। पीसीओडी / पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) युवा, स्कूल जाने वाली लड़कियों में होना इन दिनों ज्यादा आम है। उनके हिसाब से शहरी जीवनशैली के साथ-साथ वातावरण में मौजूद कई प्रदूषक इस समस्या को बढ़ावा दे रहे हैं।

हार्मोनल असंतुलन, बालों का झड़ना, कील मुँहासे, एनीमिया और अनियमित माहवारी आदि कुछ सबसे सामान्य स्वास्थ्य समस्याएं हैं जो भारत में युवा लड़कियों में सबसे ज्यादा होती हैं। इन स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए महिलाओं को अपनी सेहत पर ध्यान देना होगा जिसके लिए आहार और एक्सरसाइज ध्यान देने योग्य सबसे जरुरी तथ्य हैं।

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  4. स्वस्थ आहार और व्यायाम स्वास्थ्य की कुंजी होते हैं - Healthy eating diet and exercise plan is the key of health in Hindi
  5. समय समय पर ज़रूरी जाचें कराती रहें - Do screening tests time to time in Hindi

महिलाओं के लिए यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक पोषक तत्व में शरीर के लिए कुछ न कुछ खास होता है। आप सिर्फ कुछ पोषक तत्वों को महत्व देकर दूसरों को पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं कर सकती हैं, इसलिए संतुलित आहार महिलाओं के शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। "आज की रफ़्तार भरी ज़िंदगी में, जंक फूड या पैक खाने वाले भोजन के बजाय ताजा, घर का बना, स्वस्थ भोजन करने की आदत डालें। जब आप रोज़ एक गिलास दूध, दही, नट्स और फल, दाल, अंडे, ताजी सब्ज़ियां खाती हैं तब आप कह सकती हैं कि आप संतुलित आहार ले रही हैं। डॉ. जुनेजा के अनुसार, पोषक तत्वों के बजाय केवल अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों के सेवन से सेहत को दोहरा नुक्सान पहुंचता है, जिससे युवा महिलाओं में कई स्वास्थ्य समस्याएं आती हैं।

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आजकल युवा लोगों में शारीरिक गतिविधियों की काफी कमी हो गयी है। आजकल तो बहुत ही कम या न के बराबर युवा व्यायाम करते हैं जिस कारण, "कई युवा लड़कियों को गंभीर पीठ दर्द और जोड़ों के दर्द का शिकार होना पड़ता है। यही नहीं मोटापा भी एक अन्य चिंताजनक स्थिति है जो कई बीमारियों का कारण होता है। "डॉ. जुनेजा के अनुसार, वजन नियंत्रित रखना वास्तव में महत्वपूर्ण है। इसके लिए नियमित संतुलित आहार और व्यायाम बहुत ज़रूरी है। ऑफिस में रहते हुए, हर 30 मिनट में नियमित रूप से ब्रेक लेती रहें और कैफीन का अनुपात में सेवन करें। " जिस प्रकार से हम भारतीय भोजन बनाते हैं उन तरीकों से महिलाओं में आयरन की कमी का खतरा अधिक होता है। ज्यादातर आयरन खाना पकाते समय नष्ट हो जाता है, इसलिए आहार में आंवला, अनार, चुकंदर, हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का नियमित रूप से सेवन करना महत्वपूर्ण है। "डॉ. जुनेजा के मुताबिक, धूम्रपान और अत्यधिक अल्कोहल पीने से भी स्वास्थ्य के खतरे बढ़ते हैं।

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डॉ. जुनेजा के मुताबिक कुछ पोषक तत्व हैं जो सामान्य रूप से महिलाओं को ज़रूर लेने चाहिए। फोलिक एसिड, आयरन, विटामिन डी, विटामिन बी, कैल्शियम और विटामिन ई। ये सभी एक, महिला के स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। अपने आहार में आयोडीन युक्त नमक का ही उपयोग करें और रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों में अधिक चीनी, मैदा या कृत्रिम स्वाद लाने वाले उत्पादों को न खाएं।

डॉ. कहती हैं कि "महिलाओं को उनके शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में सचेत रहना चाहिए। चेहरे, छाती या गर्दन पर अचानक बाल आने, अचानक वजन बढ़ने या घटने, बाल झड़ने, अनियमित मासिक धर्म आदि सभी चेतावनी के संकेत हैं। अर्थात ये लक्षण चेतावनी देते हैं कि अब आपको किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ को जल्द से जल्द दिखा लेना चाहिए।"

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तले हुए और वसा युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन न करें और हर दिन कम से कम आधे घंटे व्यायाम करें। सही भोजन करना और सक्रिय रहना आज के समय में बेहद ज़रूरी है।

यदि आप ये सारी आदतें अभी से डाल लें, तो इनका लाभ आपको पूरे जीवनकाल मिलेगा और अगर आप गर्भवती होना चाह रही हैं तो मल्टीविटामिन लेना शुरु कर दें जिनसे आपको काफी मात्रा में फोलिक एसिड मिलता है। गर्भवती होने के कम से कम एक महीने पहले से फोलिक एसिड लेना शुरू कर दें और पहली तिमाही के अंत तक इसका सेवन करें।

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21 साल से हर 3 साल में, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की जांच के लिए, पैप टेस्ट कराना शुरू कर दें। यदि आप 30 से 65 वर्ष की हैं, तो आप हर 3 साल में पैप परीक्षण करा सकती हैं, या आप हर 5 वर्ष में एचपीवी टेस्ट द्वारा इसका पता लगा सकती हैं। दूसरा परीक्षण अधिक उपयोगी है क्योंकि गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर सबसे ज्यादा एचपीवी (मानव पेपिलोमावायरस) संक्रमण के कारण होता है।

यदि आप यौन रूप से सक्रिय हैं और एसटीडी से संक्रमित होने की संभावना अधिक है, तो हर साल क्लैमाइडिया और गोनोरिया का टेस्ट कराएं। अगर आपको डर है तो कम से कम एक बार एचआईवी टेस्ट ज़रूर कराएं। ट्राइकोमोनिएसिस, सिफलिस, और हेपेटाइटिस बी जैसे अन्य एसटीडी की जांच भी करा लें। हर 2 साल में ब्लड प्रेशर की जांच करें। डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल आदि का परीक्षण करें और अपने डॉक्टर से पूछें कि यह कितनी बार किया जाना चाहिए।

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उम्र के अलावा अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी हमेशा संतुलित आहार, उचित नींद और शारीरिक व्यायाम की सही मात्रा का संयोजन होती है।

इन सबसे भी ज़रूरी एक और चीज है जो युवा लड़कियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और वो है उनकी व्यक्तिगत स्वच्छता और यौन स्वास्थ्य के बारे में उचित शिक्षा। ऐसी चीजों के बारे में अधिक जागरूक होने की जरूरत है, लड़कियों को भी बाहर निकलने की जरूरत है और इन बातों के बारे में युवा लड़कियों को गलतियां करने से बचने के लिए खुलकर बात करनी चाहिए। यौन संक्रामक रोग और योनि संक्रमण / मूत्र पथ के संक्रमण इन दिनों बेहद आम हैं। इन सबके बारे में जानकारी लेने के लिए लड़कियों का शिक्षित होना बहुत ज़रूरी है।

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