त्वचा की नियमित देखभाल करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि इससे स्किन लंबे समय तक जवां और खूबसूरत दिखती है एवं चेहरे पर एजिंग के लक्षण कम नजर आते हैं। अगर आप उन लोगों में से हैं जो अपनी स्किन का बिलकुल भी ध्यान नहीं रखते हैं तो अब आपको सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि अपनी इस गलती की वजह से आपके चेहरे पर समय से पहले ही एजिंग के निशान दिखने लग सकते हैं।
एजिंग के निशानों से बचने के लिए सबसे पहले तो अपनी त्वचा की जरूरत को समझना आवश्यक है क्योंकि सभी की स्किन अलग होती है। आपको पता होना चाहिए वो कौन-सी चीजें हैं जो स्किन को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं और आप कैसे अपनी स्किन को एजिंग एवं नुकसान से बचा सकती हैं। इस तरह आप अपनी स्किन की सही देखभाल कर पाएंगी और उसे समय से पहले एजिंग होने की समस्या होने से बचा पाएंगी।
धूप से बचाव
स्किन की सबसे बड़ी दुश्मन तो धूप या सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणें ही हैं। धूप में ज्यादा जाने से आपकी स्किन पर एजिंग के लक्षण समय से पहले ही दिख सकते हैं इसलिए ऐसा करने से बचें। सूर्य की यूवी किरणों की वजह से त्वचा के ऊतकों और कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है जिससे स्किन पर झुर्रियों, गहरे धब्बे और पिगमेंटेशन का खतरा बढ़ जाता है।
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धूप में जाने से 20 मिनट पहले सनस्क्रीन जरूर लगाएं। समुद्र या स्विमिंग पूल, यानी पानी के आसपास, और बर्फ वाली जगहों पर सूर्य की किरणों से त्वचा को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। इसलिए स्विमिंग या किसी पहाड़ी या समुद्री जगह पर घूमते समय सनस्क्रीन लगाना न भूलें।
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स्किन को मॉइश्चर करना
स्किन के लिए नमी यानी मॉइश्चर बहुत जरूरी होता है। सामान्य से रूखी त्वचा वाले लोगों के लिए तो ये बात बिलकुल सच है। अपनी स्किन को अच्छी तरह से मॉइश्चराज कर के रखें खासतौर पर अगर आप एयर कंडीश्नर या हीटर के संपर्क में रहते हैं तो आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। लंबे समय तक ए.सी. या हीटर में रहने से स्किन अपना मॉइश्चर खो सकती है और इस वजह से त्वचा में पानी की कमी और ड्राइनेस हो सकती है। परिणामस्वरूप, त्वचा नाजुक हो जाती है और बारीक रेखाओं एवं झुर्रियों की चपेट में आसानी से आ जाती है।
क्लींजिंग प्रोडक्ट्स
क्या आप जानते हैं कि नहाने के लिए आप जिस साबुन का इस्तेमाल करते हैं, वह एल्कलाइन होता है। ये न सिर्फ आपकी त्वचा के नॉर्मल एसिड-एल्केलाइन के संतुलन को खराब करता है बल्कि स्किन की नमी को भी नुकसान पहुंचाता है।
इसलिए खासतौर पर रूखी त्वचा पर क्लींजिंग जैल का इस्तेमाल करना बेहतर रहता है, । दरअसल, क्लींजिंग जैल या लोशन त्वचा पर जमी धूल-मिट्टी और प्रदूषकों को हटाने में मदद करते हैं। आपको कम से कम चेहरे पर तो इनका इस्तेमाल करना चाहिए।
मेकअप कॉस्मैटिक्स भी स्किन को रूखा करते हैं इसलिए चेहरे पर से मेकअप हटाने के लिए साबुन की बजाय क्लींजर का इस्तेमाल करें। तैलीय त्वचा के लिए क्लींजिंग लोशन या फेसवॉश का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर स्किन पर कोई प्रॉब्लम जैसे कि मुहांसे हों तो मेडिकेटेड क्लींजर का प्रयोग करें। दिन में दो बार अपने चेहरे को क्लींजर से साफ करें। दिनभर में चेहरे पर जो भी धूल-मिट्टी लगी हो, उसे हटाने के लिए रात में क्लींजिंग करना बहुत जरूरी है।
एक्सफोलिएशन और मास्क
त्वचा अपने आप ही पुरानी और मृत कोशिकाओं को हटाने का काम करती रहती है। चेहरे की चमक नई स्वस्थ कोशिकाओं के पुनर्जनन एवं सुधार पर निर्भर करती है। इसीलिए स्किन केयर में एक्सफोलिएशन बहुम अहम हिस्सा होता है। स्क्रब और क्लींजिंग से त्वचा पर जमी धूल-मिट्टी और मृत कोशिकाएं हट जाती हैं और त्वचा की कोशिकाओं के पुनर्जनन की प्रक्रिया में सुधार आता है।
मास्क से मृत कोशिकाएं भी चेहरे से हट जाती हैं और त्वचा पर रक्त प्रवाह में सुधार आता है। इससे त्वचा में कसावट आने के साथ-साथ स्किन मुलायम और जवां बनती है। मास्क खरीदते समय उसका लेबल और उसमें इस्तेमाल की गई सामग्रियां जरूर देख लें।
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स्किन को नरिश करें
त्वचा में नमी को बनाए रखने के लिए पर्याप्त नरिशिंग (पोषण) की भी जरूरत होती है। रूखी त्वचा के लिए नाइट केयर रूटीन में स्किन को नरिश करना शामिल होना चाहिए। नरिशिंग क्रीम में मौजूद चीजें स्किन को एजिंग और कई तरह की त्वचा से संबंधित समस्याओं से बचा सकती हैं। इनमें कई एंटी-ऑक्सीडेंट, विटामिन और एंजाइम होते हैं जो त्वचा को जवां और स्वस्थ दिखने में मदद करते हैं। हल्के हाथों से ऊपर की ओर त्वचा पर नरिशिंग क्रीम से मालिश करें। इसके बाद गीली कॉटन वूल से इसे साफ कर लें।
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चेहरे के विशेष हिस्सों की खास देखभाल
स्किन की रूटीन केयर में उन हिस्सों पर ज्यादा ध्यान दें जिन पर चेहरे या शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में एजिंग के लक्षण पहले दिखने लगे हैं जैसे कि गर्दन, आंखों के आसपास का हिस्सा और हाथ।
आंखों के आसपास की त्वचा बहुत नाजुक और पतली होती है। इसे आसानी से खींचा और स्ट्रेच किया जा सकता है। इस हिस्से से मेकअप और क्रीम हटाते समय बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है। आंखों के आसपास वाली त्वचा पर क्लींजिंग जैल लगाकर गीली कॉटन वूल से साफ कर लें। अब इस हिस्से पर आउटर-आई क्रीम लगाएं और 10 मिनट बाद इसे गीली कॉटन वूल से साफ कर लें। इस जगह पर मास्क नहीं लगाना चाहिए।
रोजाना की स्किन केयर रूटीन में गर्दन पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। हाथों को ठोड़ी से गर्दन की ओर नीचे ले जाते हुए मसाज करें। मसाज करते समय जब हाथ नीचे की ओर जाएं तो प्रेशर थोड़ा बढ़ा दें और ठोड़ी की ओर आते समय प्रेशर कम रखें।
शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में हाथों पर एजिंग के लक्षण जल्दी नजर आते हैं। कपड़े या बर्तन आदि धोते समय हाथों पर रबड़ के दस्ताने पहनें। नहाने या घरेलू काम करने के बाद हाथों की क्रीम से मालिश करें।
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आहार एवं जीवनशैली
स्वस्थ त्वचा से स्वस्थ शरीर का पता चलता है। त्वचा से संबंधित कई समस्याएं तनाव और चिंता के कारण पैदा होती हैं। इसलिए मानसिक रूप से स्वस्थ रहना भी बहुत जरूरी है। योग, प्राणायाम, ध्यान करने से न केवल तनाव कम होता है बल्कि आप भी सुंदर और जवां दिखते हैं।
वैज्ञानिक रिसर्च में इस बात के संकेत मिले हैं कि एजिंग के लक्षणों को फ्री रेडिकल्स या ऑक्सीडेशन डैमेज (फ्री रेडिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स के बीच असंतुलन के कारण कोशिकाओं और ऊतकों को क्षति) से लड़ने की क्षमता रखने वाले तत्वों से युक्त आहार के सेवन से कम किया जा सकता है। इनमें विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन ई, विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स, बायो फ्लेवोनॉयड्स, कुछ एमिनो एसिड, मिनरल्स जैसे कि जिंक तथा सेलेनियम शामिल हैं।
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इनमें से अधिकतर एंटी-ऑक्सीडेंट काफी नाजुक होते हैं और पकाने की प्रक्रिया के दौरान पूरे या आंशिक रूप से नष्ट हो जाते हैं। सिर्फ एक या दो एंटीऑक्सीडेंट लेना काफी नहीं है। सभी पोषक तत्वों का पर्याप्त मात्रा में होना जरूरी है। इसीलिए कच्ची सब्जियां, फल, सलाद, अंकुरित अनाज एवं सब्जियों के रस, सूखे मेवे और बीज तथा योगर्ट आदि को आहार में शामिल करने की सलाह दी जाती है। अपनी डाइट में साबुत अनाज लें और प्रोसेस्ड फूड से दूर रहें। इससे शरीर और स्किन दोनों को ही एनर्जी मिलती है। इससे न सिर्फ एजिंग की प्रक्रिया में देरी आती है बल्कि शरीर की उम्र से संबंधित विकृतियां भी ठीक हो जाती हैं।
शरीर को स्वस्थ और जवां बनाए रखने में व्यायाम भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी मदद से तनाव को भी कम किया जा सकता है। एक्सरसाइज से शरीर को एनर्जी मिलती है और विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं जिससे संपूर्ण सेहत में सुधार आता है एवं त्वचा चमकने लगती है।
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