गठिया रोग में लोग जोड़ों में बहुत अधिक दर्द मसहूस करते हैं। इस बीमारी में जोड़ों में दर्द होने के साथ-साथ सूजन और अकड़न भी होती है। किसी भी उम्र के लोग (स्त्री या पुरूष) इस इस बीमारी के शिकार हो सकते हैं।

हालांकि, गठिया के कई प्रकार होते हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस गठिया का एक प्रकार है, जो आपके जोड़ो को प्रभावित करता है। रूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis) या संधिशोथ भी गठिया का एक अन्य प्रकार है, जो आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता और जोड़ों दोनों को प्रभावित करता है।

गठिया रोग में आप अपने खाने-पीने पर ध्यान रखकर, इस बीमारी से राहत पा सकते हैं। लेकिन आपको पता होना चाहिए कि अार्थराइटिस या गठिया की समस्या में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिेए। इसके अलावा आपको गठिया में किन चीजों से परहेज करना चाहिए और किन चीजों से परहेज नहीं करना चाहिए, इस बात का भी बता होना चाहिए। एक सर्वे में संधिशोथ या गठिया के 24% मरीजों ने इस बात को माना कि उन्होंने अपने आहार के माध्यम से गठिया के लक्षणों को कम किया।

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  1. गठिया में क्या खाना चाहिए - What to eat in arthritis in Hindi
  2. गठिया में क्या न खाएं और परहेज - What not to eat in arthritis in Hindi

गठिया में खाएं अंगूर - Eat grapes in arthritis in Hindi

अंगूर में भी बहुत अधिक मात्रा में पोषक तत्व, एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। इसके साथ ही साथ इसमें सूजन को कम करने के गुण भी उपस्थित होते हैं। एक अध्ययन में 24 पुरूषों को लगातार 3 सप्ताह तक 250 ग्राम अंगूर खाने को दिया गया। अंगूर खाने के 3 हफ्ते के बाद गठिया के लक्षणों में कमी देखी गयी।

इसके अलावा अंगूर में ऐसे कई यौगिक उपलब्ध होते हैं, जो गठिया को कम करने में मदद करते हैं। रेस्वेराट्रोल नामक एंटीऑक्सिडेंट अंगूर के छिलके में पाया जाते हैं। इसके साथ ही साथ अंगूर में प्रोएंथोसायनिडिन नामक यौगिक मौजूद होता है, जो गठिया के प्रभाव को कम करता है।

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गठिया में पालक खाना चाहिए - Eat spinach in arthritis in Hindi

हरी और पत्तीदार सब्जियों में बहुत अधिक पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो जोड़ों में दर्द और गठिया की वजह से होने वाले सूजन को कम करते हैं। ऐसे कई अध्ययन हैं, जिनमें यह बात साबित हो चुकी है कि पर्याप्त मात्रा में सब्जी और फल खाने से, जोड़ों में दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिलती है। खासकर पालक में काम्पेरोल नामक एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो सूजन को कम करते हैं और रोग से लड़ने की क्षमता भी प्रदान करते हैं। 

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2017 में एक टेस्ट-ट्यूब अध्ययन किया गया, जिसमें गठिया के कोशिकाओं के लिए काम्पेरोल नामक एंटीऑक्सीडेंट को इलाज के रूप में प्रयोग किया गया। इस अध्ययन में देखा गया कि जोड़ों में सूजन कम हुआ और और गठिया के विकास में भी कमी देखी गई।

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अर्थराइटिस में जामुन खाना चाहिए - Eat berries in arthritis in Hindi

जामुन में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। 38,176 महिलाओं पर एक शोध किया गया, जो महिलाएं प्रति सप्ताह 2 कप स्ट्रॉबेरी खाती थीं। जब इन महिलाओं पर गठिया का परीक्षण किया गया, तब इनमें 14% गठिया के लक्षण कम पाए गए। इसके अलावा जामुन में क्वरेटेटिन और रटिन नामक यौगिक पाए जाते हैं, जिनके कई स्वास्थ्य लाभ हैं।

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एक टेस्ट ट्यूब अध्ययन में पाया गया कि क्वरेटेटिन गठिया में होने वाले सूजन को कम करने में मदद करता है। इसिलए यदि आप गठिया के मरीज हैं तो स्ट्राबेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी खाएं। इन्हें खाने से आपको गठिया से लड़ने के लिए कई प्रकार के पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।

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अर्थराइटिस में अखरोट खाएं - Eat walnuts in arthritis in Hindi

अखरोट में बहुत अधिक पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसके साथ ही साथ इसमें ऐसे यौगिक मौजूद होते हैं, जो सूजन को कम करते हैं। 13 अध्ययनों का विशलेषण किया गया, जिसमें यह देखा गया कि अखरोट खाने से सूजन को कम करने में मदद मलती है। अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो गठिया को ठीक करने में मदद करता है।

एक अध्ययन में गठिया के 90 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। इन्हें दो समूहों में बांटा गया। एक समूह में ओमेगा-3 फैटी एसिड के पूरक लेने वाले लोग थे, दूसरे समूह में जैतून तेल के पूरक लेने वाले लोग थे। अध्ययन में देखा गया कि जो लोग ओमेगा-3 फैटी एसिड के पूरक खाते थे, उन्होंने अपने जोड़ों के दर्द में अधिक राहत महसूस की, दूसरे समूह की तुलना में। हालांकि, अधिकतर अध्ययन ओमेगा-3 फैटी एसिड पर हुआ है। विशेष रूप से अखरोट पर अध्ययन की अभी कमी है।

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गठिया में ब्रोकली खानी चाहिए - Have Broccoli in arthritis in Hindi

इस बात से सभी वाकिफ हैं कि ब्रोकली पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसके अलावा ये सूजन को कम करने में भी मदद करता है। एक अध्ययन में 1005 महिलाओं के डाइट प्लान का विश्लेषण किया गया। यह महिलाएं गोभी, बंदगोभी और ब्रोकली जैसी सब्जियां खाती थीं। इस अध्ययन में देखा गया कि इस प्रकार की सब्जियां खाने वाली महिलाओं के सूजन में गिरावट आई है। इसके अलावा ब्रोकली में ऐसे यौगिक होते हैं, जो गठिया के लक्षण को कम करने में भी मदद करते हैं।

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ब्रोकली में सल्फोराफेन नामक यौगिक पाया जाता है। टेस्ट-ट्यूब के एक अध्ययन में देखा गया कि यह यौगिक गठिया के निर्माण करने वाली कोशिकाओं को रोकता है। इसके अलावा जानवरों में हुए एक अध्ययन से इस बात का भी पता चला है कि सल्फोराफेन नामक यौगिक सूजन को बढ़ाने वाले यौगिक के निर्माण को भी कम करता है।

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अार्थराइटिस में अदरक खानी चाहिए - Eating Ginger is good in arthritis in Hindi

अदरक को चाय में डालने के अलावा आप इसे सूप और मिठाईयों में भी डाल सकते हैं। अदरक गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। 2001 में एक अध्ययन किया गया, जिसमें गठिया के (जिन लोगो के पैर के घुटने में दर्द हो रहा था) ऐसे 261 मरीजों को 6 हफ्ते तक अदरक रस पीने को दिया गया। 6 हफ्ते के बाद 63 प्रतिशत मरीजों ने अपने घुटने के दर्द में राहत महसूस की। 

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इसके अलवा एक टेस्ट-ट्यूब अध्ययन के अनुसार, अदरक और उसके यौगिक ऐसे पदार्थों के निर्माण को रोकते हैं, जो सूजन को भढ़ावा देते हैं। 

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लहसुन खाएं गठिया में - Eat garlic in arthritis in Hindi

लहसुन खाने के कई स्वास्थ्य लाभ है। टेस्ट-ट्यूब अध्ययन के अनुसार, लहसुन में ऐसे यौगिक होते हैं, जिनमें कैंसर से लड़ने की क्षमता होती है। इसके साथ ही साथ इसमें ऐसे यौगिक भी पाए जाते हैं, जो ह्रदय रोग से बचाते हैं। इसके अलावा इसमें सूजन को कम करने के गुण भी होते हैं, जो गठिया के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं। कई अध्ययनों से पता चला है कि लहसुन आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने में मदद करता है।

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एक अध्ययन में 1082 जुडवा बच्चों के डाइट प्लान का विश्लेषण किया गया और देखा गया कि जो बच्चा लहसुन खाता था, उसमें गठिया का खतरा कम था।

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गठिया में मछली खानी चाहिए - Eat fish in arthritis in Hindi

रावस (जिसे "इंडियन सैल्मन" भी कहा जाता है), बांगड़ा (जिसे "इंडियन मैकरेल" भी कहा जाता है), हिलसा, केकड़ा (क्रैब), झींगा (श्रिम्प) और टूना जैसी मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत अधिक मात्रा में पाई जाती है, जो सूजन को कम करने में मदद करती है। एक अध्ययन में 33 प्रतिभागियों को दो समूह में बांटा गया। एक समूह को ओमेगा-3 फैटी एसिड वाली मछलियां और दूसरे समूह को बिना फैटी एसिड वाली मछलियां खाने को हफ्ते में चार बार दिया गया। एक हफ्ते के बाद ओमेगा-3 फैटी एसिड खाने वाले समूह के लोगों में सूजन को बढ़ाने वाले यौगिक की कमी देखी गई।

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इसके अलावा 17 ऐसे अध्ययनों का विश्लेषण किया गया, जिनमें देखा गया कि ओमेगा-3 फैटी एसिड के पूरक आहार जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही साथ यह सुबह जोड़ों में होने वाली अकड़न को भी कम करने में मदद करता है। मछली विटामिन डी का भी अच्छा स्त्रोत है, जो आपके शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा करती है।

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अर्थराइटिस में नहीं खाना चाहिए मक्के का तेल - Corn oil should not be eaten in arthritis in Hindi

मक्के का तेल और अन्य पकार के तेलों में ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है, जो सूजन को बढ़ता है। हालांकि, कुछ अध्ययनों में पया गया है कि मछली तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है। इसलिए ओमेगा-6 फैटी एसिड की जगह पर आप ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले तेल जैसे जैतून का तेल, सूखे मेवे, अलसी के बीज और कद्दू के बीज को खाएं।

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गठिया में अधिक नमक न खाएं - Avoid salt in arthritis in Hindi

आपको पता होना चाहिए कि आपके भोजन में कितना नमक है। खाद्य पदर्थों को अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए, उनमें अधिक नमक मिलाया जाता है। अधिक नमक खाने से जोड़ो में सूजन बढ़ सकती है। इसलिए कम मात्रा में नमक खाएं। कम नमक खाने से गठिया की समस्या में सुधार आता है। इस बात का ध्यान रखें कि माइक्रोवेव में पकाए जाने वाले खाद्य पदार्थों में सबसे अधिक नमक का इस्तेमाल होता है।

(और पढ़ें - ज्यादा नमक खाने के नुकसान)

गठिया में न खाएं दूध से बने उत्पाद - Do not eat dairy products in arthritis in Hindi

डेरी प्रोडक्ट खाने से जोड़ों में दर्द बढ़ सकती है। डेरी उत्पादों में प्रोटीन मौजूद होते हैं, यह प्रोटीन जोड़ों के आस-पास के ऊतकों के लिए नुकसानदायक होते हैं। इसके अलावा गठिया रोगियों को शाकाहारी भोजन का सेवन करना चाहिए। प्रोटीन के भरपाई के लिए आप डेरी उत्पाद और मीट की जगह पर सब्जियां जैसे पालक, सूखे मेवे, मक्खन, टोफू, बीन्स, मूगदाल आदि खाएं।

(और पढ़ें - शाकाहारी भोजन के फायदे)

अार्थराइटिस में प्रोसेस्ड फूड न खाएं - Do not eat processed foods in arthritis in Hindi

गठिया रोग में प्रोसेस्ड फूड नहीं खाना चाहिए। इन्हें खाने से गठिया के दौरान सूजन बढ़ती है। प्रोसेस्ड फूड में अधिक मात्रा में चीनी और संतृप्त वसा होती है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक होतीं हैं। इसलिए इन खाद्य पदार्थों को न खाएं। प्रोसेस्ड फूड को खाने से गठिया के लक्षण बढ़ते हैं।

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गठिया में अधिक शराब न पीएं - Do not drink alcohol in arthritis in Hindi

संधिशोथ या गठिया में अभी तक शराब का प्रभाव स्पष्ट रूप में पता नहीं चल पाया है। हालांकि, उत्तर अमेरिका के एक गठिया रोग चिकित्सालय में प्रकाशित अध्ययनों की समीक्षा में इस बात की पुष्टी की गई कि कम मात्रा में शराब पीना गठिया के लक्षण को कम करता है। इसके अलावा जो महिलाएं हफ्ते में 3 गिलास शराब पीती थी, उनमें गठिया का खतरा कम पाया गया। 2009 में शराब पर आधारित एक रिसर्च में यह साबित हुआ कि अधिक शराब पीना नुकसानदायक होता है। इससे गठिया के दौरान सूजन बढ़ता है।

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गठिया में तले हुए खाद्य पदार्थ नहीं खाने चाहिए - Do not eat fried foods in arthritis in Hindi

माउंट सिनाई स्कूल ऑफ मेडिसीन के रिसर्च में इस बात की पुष्टी की गई कि तले हुए खाद्य पदार्थों को कम खाने से गठिया के दौरान सूजन में कमी आती है। इसके अलावा 2009 में क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी और मेटाबोलिज़्म पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक तले हुए खाद्य पदार्थों में टॉक्सिन या विषैले पदार्थ मौजूद होते हैं, जो शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीकरण को बढ़ाते हैं। इसके साथ ही साथ तले हुए खाद्य पदार्थों में अधिक मात्रा में वसा भी होती है, जिससे मोटापा बढ़ता है।

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अार्थराइटिस में चीनी नहीं खानी चाहिए - Do not eat sugar in arthritis in Hindi

कार्बोहाइड्रेट खाने से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। कुछ खादय् पदार्थ जैसे चीनी युक्त स्नैक्स, पेय पदार्थ, व्हाइट ब्रेड, पास्ता और सफेद चावल खाने से आपके ब्लड शुगर का स्तर बढ़ता है। जब रक्त में शुगर का स्तर बढ़ जाता है, तब शरीर में साइटोकिन्स नामक कैमिकल का उत्पादन होता है। इससे शरीर में सूजन (इन्फ्लमेशन) बढ़ने लगती है और गठिया के लक्षण बदतर हो जाते हैं। इसके साथ ही साथ सूजन बढ़ने से जोड़ों में दर्द भी बढ़ता है। इसके अलावा इन खाद्य पदार्थों को खाने से आपके जोड़ों में खिंचाव भी बढ़ जाता है।

(और पढ़ें - डायबिटीज में परहेज)

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गठिया में लाल मांस न खाएं - Do not eat red meat in arthritis in Hindi

लाल मांस में बहुत अधिक संतृप्त वसा होती है, जो सूजन को बढ़ाती है। इसके साथ ही साथ लाल मांस खाने से मोटापा भी बढ़ता है। इसलिए लाल मांस नहीं खाना चाहिए।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के उपाय)

इसके अलावा लाल मांस में ओमेगा-6 फैटी एसिड होता है और इसे अधिक खाने से सूजन बढ़ सकती है। ऐसा भी देखने में आया है कि गठिया के कुछ रोगी बताते हैं कि जब उन्होंने लाल मांस खाना बंद किया, तो उनमें गठिया के लक्षण कम हो गए। हालांकि, बिना चर्बी  का मांस ("लीन मीट") जैसे चिकन आदि खाने से आपको पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलता है, जो संधिशोध या गठिया में लाभदायक है और सूजन को भी नहीं बढ़ाता है।

(और पढ़ें - कलाई में दर्द का इलाज)

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