शादी के बाद महिला व पुरुष एक हो जाते हैं। इस समय घर के हर काम व बच्चों की जिम्मेदारियां भी दोनों को मिल जुलकर एक साथ उठानी पड़ती हैं। ठीक ऐसे ही प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के साथ ही पुरुष को भी अपनी पत्नी का विशेष ध्यान रखना होता है। इस दौरान महिला को अपने पति के साथ और प्यार की आवश्यकता होती है।

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पहले के समय में घर के बुजुर्ग ये जिम्मेदारी बखूबी निभाते थे लेकिन आज के एकल परिवार के दौर में घर में पति-पत्नी अकेले रहते हैं। इसलिए ऐसे समय में पत्नी केवल पति के भरोसे रहती है। लेकिन कई पतियों को इस बारे में मालूम ही नहीं होता कि उनको प्रेग्नेंसी के दौरान किस तरह से अपनी पत्नी की मदद करनी चाहिए।

आपकी की इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए इस लेख में आपको प्रेग्नेंसी में पति की जिम्मेंदारियों के बारे में विस्तार से बताया गया है। ताकि आपके पति भी इन जिम्मेदारियों को उठाकर एक अच्छे पति और पिता बन सकें। 

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  1. प्रेग्नेंसी में पति की जिम्मेदारी - Pregnancy me pati ki jimmedari
  2. प्रेग्नेंसी में हसबैंड की जिम्मेदारी और क्या होती है - Pregnancy me husband ki jimmedari aur kya hoti hai

प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। पहली बार मां बनने वाली महिलाओं के लिए यह दौर मुश्किल भरा हो सकता है। ऐसे में पति का सर्पोट और साथ ही महिला को धैर्य और संतोष प्रदान करता है। गर्भावस्था के समय पति की जिम्मेदारियों को आगे बताया जा रहा है।

  • प्रेगनेंसी से संबंधित किताबे पढ़ें:
    पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को प्रेग्नेंसी के बारे में अधिक जानकारी नहीं होती है और ऐसे में यदि घर में कोई बुजुर्ग ना हो तो यह परेशानी एक बड़ी मुश्किल बन जाती है। इस दौरान पति को अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए और आने वाले समय की पूरी तैयारी के लिए प्रेग्नेंसी के हर पड़ाव को समझना होगा। प्रेग्नेंसी के बारे में विस्तार से जानने के लिए पति-पत्नी दोनों को ही प्रेग्नेंसी से संबंधित किताबों को पढ़ना चाहिए। इससे आप प्रेग्नेंसी के हर पड़ाव को आसानी से जान सकते हैं। इसके साथ ही किताबों से प्रेग्नेंसी में महिला को क्या खाना चाहिए, किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए और मॉर्निंग सिकनेस में आप महिला की कैसे मदद कर सकते हैं, आदि कई विषयों के बारे में भी आपको जानने का मौका मिलता है।
    (और पढ़ें - गर्भावस्था में क्या पढ़ना चाहिए)
     
  • पत्नी के साथ रहें:
    ऑफिस की व्यस्त दिनचर्या के बाद आपको अपनी पत्नी के लिए भी समय निकालना चाहिए और जितना संभव हो एक दूसरे के साथ रहना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को अपने पति के साथ की आवश्यकता होती है। अगर आपको घर और पत्नी के लिए समय नहीं मिल पा रहा है तो ऐसे में आप नियमित जांच के लिए पत्नी के साथ ही डॉक्टर के पास जाएं और समय समय पर पत्नी व बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में डॉक्टर से अपडेट लेते रहें। इसके अलावा डिलीवरी तक आपको अपनी पत्नी की देखभाल का विशेष तौर पर ध्यान रखना होगा और कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा समय आप अपनी पत्नी के साथ बिता सकें। इस दौरान महिलाओं को चिंता और तनाव होने लगता है, ऐसे में आप उनको समझाकर इस समय होने वाली टेंशन को कम करने का प्रयास करें। पत्नी के साथ रहकर ही आप उनके प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभा सकते हैं। (और पढ़ें - नॉर्मल डिलीवरी कैसे होती है
     
  • घर के कामों में पत्नी की मदद करें:
    प्रेग्नेंसी के शुरूआती और अंतिम दौर में महिला को ज्यादा आराम की जरूरत होती है। इस समय पतियों को पत्नी के साथ घर के कामों में उनकी मदद करनी चाहिए। खासकर प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही और प्रेग्नेंसी की अंतिम तिमाही में आपको घर के सभी काम करने में पत्नी की मदद करनी चाहिए। इस दौरान पति को घर के काम में मदद करने के लिए पत्नी के बोलने या कहने का इंतजार नहीं करना चाहिए, उनको खुद ही आगे आकर घर के सभी कामों में मदद करनी चाहिए। इससे आपकी पत्नी को मदद मिलेगी और आप दोनों कुछ समय साथ बिता पाएंगे। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी को महीनों के हिसाब से जानें
     
  • पत्नी के शारीरिक और मानसिक बदलावों को समझें:
    प्रेग्नेंसी की पुष्टि होने के बाद से ही महिला और पुरूष दोनों को ही कई तरह की जिम्मेदारियों को उठाने के लिए तैयार होना पड़ता है। कुछ ही महीनों के बाद महिला में शारीरिक और मानसिक बदलाव होना शुरू हो जाते हैं। प्रेग्नेंसी का समय जैसे जैसे बढ़ता है, वैसे वैसे महिला को मूड स्विंग (मूड में बदलाव आना), भावनात्मक बदलाव, दर्द आदि कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस दौरान महिला में होने वाले प्राकृतिक बदलावों के बारे में पति को समझना होगा और पत्नी को हर बार प्यार व धैर्य के साथ समझाना होगा। 

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी में बदलते मूड के कारण)

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प्रेग्नेंसी में बेशक महिलाओं को कई तरह के पड़ाव से गुजरना होता है, लेकिन पति के साथ से इस दौरान होने वाली हर मुश्किल को आसान बनाया जा सकता है। प्रेग्नेंसी में हसबैंड की कुछ जिम्मेदारियों को निम्नलिखित रूप से बताया गया है।

  • मॉर्निंग सिकनेस में उनके साथ रहें:
    प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस होना एक आम बात है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को सुबह उल्टी या मितली आने को मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है। मॉर्निंग सिकनेस के बाद महिला को थकान होने लगती है, ऐसे में पति को मॉर्निंग सिकनेस के समय पत्नी के साथ रहना चाहिए और उनको सहज महसूस कराना चाहिए। साथ ही उनको समझाना चाहिए कि यह एक सामान्य स्थिति है जो थोड़े समय के बाद ठीक हो जाएगी।
    (और पढ़ें - प्रेगनेंसी में होने वाली समस्याएं)

    इस समय महिला को अपने पति के प्रोत्साहन की जरूरत होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान जहां एक ओर महिला खुश और उत्साहित होती है, वहीं दूसरी ओर उनको शारीरिक बदलाव को लेकर मन में डर भी बना रहता है। ऐसे में पति को उन्हें आने वाली हर स्थिति का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। साथ ही उनको विश्वास दिलाना होगा कि वह चिंता ना करें और आप उनके साथ हैं। (और पढ़ें - प्रेग्नेंसी में टेंशन कम करने के लिए क्या करें)
     
  • पत्नी के साथ डॉक्टर के पास जाएं:
    प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को समय समय पर डॉक्टर के पास नियमित चेकअप के लिए जाना होता है। ऐसे में पति को अपनी पत्नी के साथ डॉक्टर के पास जाना चाहिए, इससे महिलाओं को बेहद ही अच्छा महसूस होता है। प्रेगनेंसी के समय कई तरह की समस्याएं सामने आती हैं और ऐसे में आपको उन्हें अकेले नहीं छोड़ना चाहिए। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी टेस्ट कब करें)
     
  • डिलीवरी के लिए तैयार रहें:
    पति को पत्नी की डिलीवरी के लिए भी तैयार रहना होगा। डिलीवरी की तैयारियां और शिशु के जन्म को लेकर महिला काफी चिंतित होती है, ऐसे में पति को उनकी चिंता को शांत करना होगा। साथ ही उनको सकारात्मक बनाते हुए, उन्हें आश्वस्त करना होगी कि आप समय रहते डिलीवरी की सारी तैयारी कर लेंगे। (और पढ़ें - डिलीवरी के लिए अस्पताल ले जाने वाले बैग की तैयारी)
     
  • थकान होने पर मसाज करें:
    प्रेगनेंसी के दौरान भ्रूण के वजन और पीठ के निचले हिस्से पर दबाव पड़ने की वजह से महिलाएं ठीक तरह से सो नहीं पाती हैं। इस दौरान पेट में होने वाले हल्की ऐंठन की वजह से महिलाओं को थकान होने लगती है। ऐसे में पति को अपनी पत्नी के पैरों और पीठ के निचले हिस्से पर हल्के हाथों से मसाज करनी चाहिए, जिससे वह सो सकें और उनको आराम मिलें। पत्नी को इस समय मसाज देने से पहले आप उसके बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और मसाज की सही प्रक्रिया के बारे में जानना चाहिए। (और पढ़ें - गर्भावस्था में थकान का उपाय

प्रेग्नेंसी के दौरान पतियों की कुछ अन्य जिम्मेदारियां:

  • पत्नी की बातों को ध्यान से सुनें और जब भी वो किसी अनुभव को आपके साथ शेयर करें तो धैर्य पूर्वक उसे सुनें। (और पढ़ें - माँ बनने की सही उम्र)
  • पत्नी के साथ आने वाले शिशु के लिए नई योजनाओं को बनाएं। (और पढ़ें - बच्चों की देखभाल)
  • इस दौरान पति को अपनी पत्नी के साथ खाना बनाना चाहिए।
  • डॉक्टर से मिलकर इस दौरान हेल्दी डाइट के बारे में जानकारी लेनी चाहिए। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी डाइट चार्ट)
  • पत्नी की दवाई लेने के समय को याद रखना चाहिए और उनको समय पर दवाई देनी चाहिए। यदि आप दिन में ऑफिस में हो तो पत्नी को फोन करके दवा लेने की याद दिलाएं।
  • इस दौरान आराम के साथ ही हल्की एक्सरसाइज भी जरूरी होती है। ऐसे में आप सुबह और शाम पत्नी के साथ बाहर घूमने जाएं। 

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