प्रेगनेंसी के 9 माह पूरे होती है महिला अपने शिशु को जन्म देने के लिए उत्साहित रहती हैं. वे अपनी प्रेगनेंसी के हर पल को एंज्वॉय करना चाहती हैं. साथ ही डिलीवरी की तारीख का भी बेसब्री से इंतजार करती हैं. वहीं, जब शिशु पेल्विस से नीचे आने लगता है, तो यह डिलीवरी के पास आने का सबसे बड़ा संकेत होता है. दूसरी तरफ, जब आखिरी दिनों में महिला को बच्चे के नीचे आने के संकेत महसूस नहीं होते हैं, तो वो चिंतित हो सकती है. ऐसे में शिशु को नीचे लाने के लिए क्या करना चाहिए, इस बारे में जानना जरूरी है.

आज इस लेख में आप जानेंगे कि प्रेगनेंसी में शिशु के नीचे न आने पर क्या करना चाहिए -

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  1. प्रेगनेंसी में बच्चा नीचे आना क्या होता है?
  2. प्रेगनेंसी में बच्चा नीचे कब आता है?
  3. प्रेगनेंसी में बच्चा नीचे होने के लक्षण
  4. प्रेगनेंसी में बच्चा नीचे आने पर क्या करें?
  5. प्रेगनेंसी में बच्चा नीचे न हो, तो क्या करें?
  6. सारांश
गर्भावस्था में शिशु नीचे हो तो क्या करें? के डॉक्टर

प्रेगनेंसी में बच्चा नीचे आता है, तो इसका मतलब होता है कि महिला की डिलीवरी की डेट पास आ रही है. वहीं, कुछ मामलों में यह बदल सकता है, बच्चा नीचे आने के बाद भी प्रसव में कुछ सप्ताह लग सकते हैं. इस प्रक्रिया को "लाइटनिंग" भी कहा जाता है.

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प्रेगनेंसी में बच्चा पेल्विस से नीचे कब आता है, यह समय हर गर्भवती महिला के लिए अलग हो सकता है. अगर पहली प्रेगनेंसी है, तो आमतौर पर डिलीवरी से लगभग 2 से 4 सप्ताह पहले बच्चा नीचे आ जाता है. वहीं, अगर दूसरा या तीसरा बच्चा है, तो शिशु आमतौर पर तब तक नीचे नहीं आता, जब तक कि लेबर पेन शुरू नहीं होता है. शिशु का नीचे आना इस बात का संकेत है कि शरीर डिलीवरी के लिए तैयार हो रहा है, लेकिन यह कब होगा, इस बारे में सटीक रूप से बता पाना थोड़ा मुश्किल होता है.

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जब बच्चा पेल्विस से नीचे आता है, तो जरूरी नहीं है कि हर किसी को इसका पता चले, क्योंकि बच्चे की ड्रॉपिंग अचानक से नहीं, बल्कि धीरे-धीरे होती है. संभव है कि महिला को इस बारे में महसूस भी न हो. फिर भी अधिकतर मामलों में जब शिशु नीचे आता है, तो महिला को निम्न प्रकार के लक्षण महसूस हो सकते हैं -

  • जब बच्चा नीचे आता है, तो इस स्थिति में बार-बार पेशाब आ सकता है.
  • बच्चा नीचे आता है, तो बेबी बंप पहले की तुलना में कम और आगे की तरफ झुका हुआ लगता है.
  • एक बार जब बच्चा नीचे आ जाता है, तो गर्भाशय पर कम दबाव हो जाता है. ऐसे में महिला आसानी से सांस ले पाती है.
  • बच्चे के नीचे आने पर महिलाएं खाना आसानी से खाने लगती है. खाने के दौरान उसे कोई दिक्कत नहीं होती है.
  • बच्चे के नीचे आने पर पेल्विस पर अधिक दबाव पड़ता है. इस कारण वहां दर्द महसूस हो सकता है.
  • जब बच्चा नीचे आता है, तो महिलाओं के चलने का तरीका भी बदल जाता है, क्योंकि इस स्थिति में शिशु पेल्विक के जोड़ों पर दबाव डालता है. 
  • बच्चे के नीचे आने से पीठ के निचले हिस्से के जोड़ों और मांसपेसियों पर अधिक दबाव पड़ता है, इससे पीठ दर्द हो सकता है.
  • बच्चे के नीचे आने से महिला को कब्ज की समस्या भी हो सकती है. इससे मलाशय की नसों पर अधिक दबाव पड़ सकता है. यह बवासीर का भी कारण बन सकता है.
  • बच्चे के नीचे आने पर महिलाओं को डिस्चार्ज भी हो सकता है. यह स्राव बलगम की तरह नजर आ सकता है.

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जब गर्भवती महिला को इस बात का अहसास हो जाए कि शिशु नीचे आ चुका है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए. इसके बाद डॉक्टर शिशु की पोजीशन को चेक करते हैं और उसी के आधार पर अनुमान लगाते हैं कि लेबर पैन कब शुरू हो सकते हैं.

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प्रेगनेंसी में जब बच्चा नीचे आ जाता है, तो डिलीवरी की डेट करीब आने लगती है. प्रेगनेंसी के कुछ मामलों में बच्चे को नीचे आने में देरी हो सकती है. ऐसे में महिलाएं बच्चे को नीचे लाने के लिए कुछ तरीके अपना सकती हैं. फिलहाल, इन तरीकों की पुष्टि के लिए कोई वैज्ञानिक डेटा उपलब्ध नहीं है -

सैर करें

सैर करने से प्रेगनेंसी में बच्चे को नीचे लाने में मदद मिल सकती है. दरअसल, पैदल चलने से पेल्विक मसल्स को आराम मिलता है. इससे हिप्स खुलते हैं. साथ ही गुरुत्वाकर्षण की मदद से लाइटिंग की प्रक्रिया में मदद मिल सकती है.

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स्क्वाट्स करें

अगर आप रेगुलर स्क्वाट्स लगाते हैं, तो इससे बच्चे को नीचे लाने में मदद मिल सकती है. स्क्वाट्स की पोजिशन में बैठने से कूल्हे खुलते हैं, पेल्विस चौड़ा होता है और शिशु धीरे-धीरे नीचे खिसकने लगता है.

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पेल्विक ओपनिंग एक्सरसाइज

पेल्विक ओपनिंग एक्सरसाइज करके भी बच्चे को नीचे आने में मदद मिल सकती है. इसके लिए पैरों को चौड़ा करके बैठें. पीठ के निचले हिस्से को आराम देते हुए पेल्विस को आगे की तरफ झुकाएं. इससे आपको काफी फायदा मिल सकता है.

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जब डिलीवरी की तारीख करीब आती है, तो बच्चा पेल्विस से नीचे आने लगता है. इस स्थिति में महिलाओं को पीठ, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं, लेकिन बच्चा कब नीचे आएगा, इसका अंदाज लगा पाना थोड़ा मुश्किल होता है. अगर आपको बच्चे के नीचे आने के लक्षण महसूस नहीं होते हैं, तो भी चिंता करने की जरूरत नहीं है. इस स्थिति में आप डिलीवरी की तय तारीख का इंतजार कर सकती हैं. अगर तय तारीख पर लेबर पेन शुरू न हो, तो डॉक्टर से संपर्क कर सकती हैं.

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