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गर्भपात या फिर मिसकैरेज होना महिलाओं के लिए दुखद भरा अनुभव होता है. इस दौरान महिलाएं शारीरिक व मानसिक रूप से काफी परेशान हो जाती हैं. ऐसे में महिलाओं को जल्दी रिकवरी के लिए देखभाल की आवश्यकता होती है. गर्भपात के बाद खानपान के साथ-साथ जीवनशैली में भी हल्के-फुल्के बदलाव की आवश्यकता होती है.

आज इस लेख में आप गर्भपात के बाद घरेलू उपचार के बारे में जानेंगे -

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  1. गर्भपात के बाद ऐसे करें देखभाल
  2. डॉक्टर से संपर्क
  3. सारांश
गर्भपात के बाद घरेलू उपचार के डॉक्टर

गर्भपात के बाद महिलाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से सपोर्ट की जरूरत होती है. इसके साथ ही उन्हें खुद भी अपना ख्याल रखना चाहिए. इसके लिए महिलाओं को अपने आहार में तरल पदार्थों को शामिल करना चाहिए. साथ ही पौष्टिक आहार की जरूरत होती है. आइए जानते हैं गर्भपात के बाद महिलाएं किस तरह रखें अपना ख्याल -

तरल पदार्थों का करें सेवन

गर्भपात के बाद महिलाओं को अपने आहार में तरल पदार्थों को शामिल करना चाहिए. इसके लिए आप नियमित रूप से नारियल पानी, फलों के जूस, शेक व स्मूदी जैसी चीजें शामिल कर सकती हैं. वहीं, दिनभर में कम से कम 7 से 8 गिलास पानी जरूर पिएं. इससे शरीर हाइड्रेट रहता है. साथ ही गर्भपात के बाद होने वाली कमजोरी भी दूर हो सकती है.

(और पढ़ें - गर्भपात के बाद जरूरी देखभाल)

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संतुलित आहार

गर्भपात के दौरान शरीर में कई तरह के पोषक तत्वों की कमी हो सकती है. ऐसे में महिलाओं को गर्भपात होने के बाद सभी पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए. इस दौरान महिलाओं को साबुत अनाजताजे फलहरी पत्तेदार सब्जियां व मछली इत्यादि को आहार में शामिल करने की जरूरत होती है. इससे जल्दी रिकवर होने में मदद मिलती है.

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अधिक से अधिक आराम

गर्भपात के दौरान शरीर को आराम दें. कम से कम 1 से 2 सप्ताह तक घर और बाहर का काम करने से बचें. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो इससे आप शारीरिक और मानसिक रूप से काफी ज्यादा परेशान हो सकते हैं. वहीं, महिलाओं को रिकवर होने में देरी हो सकती है.

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हैवी एक्सरसाइज करने से बचें

गर्भपात के बाद हैवी एक्सरसाइज न करें. एक्सपर्ट की मानें तो गर्भपात के बाद कम से कम 1 सप्ताह तक हैवी एक्सरसाइज और भारी वस्तुओं को उठाने से बचना चाहिए. ऐसा न करने से आपको गर्भाशय पर असर पड़ सकता है. इसलिए, कोशिश करें कि गर्भपात के तुरंत बाद हैवी एक्सरसाइज के बजाय हल्के-फुल्के योगासन और प्राणायाम करें.

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दवाई की डोज

कई महिलाएं गर्भपात के बाद दवाई खाना बंद कर देती हैं. इससे रिकवर होने में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. इन समस्याओं से बचने के लिए डॉक्टर द्वारा निर्धारित दिनों की पूरी डोज लें. डॉक्टर द्वारा सुझाए गए सभी एंटीबायोटिक्स समय पर लें.

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सेक्सुअल एक्टिविटी से बचें

गर्भपात के बाद कम से कम 2 सप्ताह तक सेक्सुअल एक्टिविटी न करें. इससे आपके गर्भाशय पर असर पड़ सकता है. साथ ही कई अन्य शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए, कोशिश करें कि गर्भपात के 2 सप्ताह तक पार्टनर के साथ सेक्स न करें.

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गर्भपात के बाद अगर कोई महिला अपने शरीर में दिख रहे लक्षणों से परेशान है, तो इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. इसा करने से समय रहते विपरीत परिस्थितियों से बचाव किया जा सकता है.

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गर्भपात के बाद महिलाएं कई तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियों का शिकार हो जाती हैं. ऐसे में उन्हें इस दौरान काफी देखभाल की आवश्यकता होती है. इस दौरान उन्हें हेल्दी आहार के साथ-साथ कुछ अन्य बातों पर भी ध्यान देना चाहिए. वहीं, अगर गर्भपात के बाद शरीर में किसी भी तरह के लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह की आवश्यकता होती है.

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