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चेतावनी - इन दवाओं का इस्तेमाल केवल एक डॉक्टर की निगरानी और सलाह से ही करना चाहिए, अन्यथा यह आपके स्वास्थ्य के लिए प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं.

अबॉर्शन पिल्स अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने का आसान तरीका है. इसे मेडिकल अबॉर्शन के नाम से भी जाना जाता है. मेडिकल अबॉर्शन के कई फायदे हैं, जैसे कि इसके लिए सर्जरी या एनेस्थीसिया की जरूरत नहीं होती और इसे एक डॉक्टर की सलाह के बाद और उनकी देखरेख में घर में ही शुरू किया जा सकता है.

गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान इसे सुरक्षित और सबसे प्रभावी माना गया है. वहीं, अबॉर्शन पिल्स के द्वारा गर्भपात के कई भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं. यदि आप इस प्रक्रिया के बारे में सोच रहे हैं, तो इसके दुष्प्रभाव और संभावित जोखिमों के बारे में जान लेना जरूरी है.

आज इस लेख में हम अबॉर्शन पिल्स के फायदे, नुकसान, और इसे लेने के सही तरीके के बारे में जानेंगे -

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  1. बच्चा गिराने की दवा कैसे ली जाती हैं?
  2. गर्भपात के लिए अबॉर्शन किट्स का इस्तेमाल
  3. गर्भपात की गोली के फायदे
  4. अबॉर्शन की टेबलेट के नुकसान
  5. सारांश
गर्भपात की गोली के फायदे, नुकसान व लेने का तरीका के डॉक्टर

अबॉर्शन पिल्स का उपयोग पहली तिमाही में किया जाता है और इसमें मिफेप्रिस्टोन, मिसोप्रोस्टोल और कभी-कभी मेथोट्रेक्सेट नामक दवाओं का उपयोग होता है. अबॉर्शन पिल्स के रूप में मिफेप्रिस्टोन सबसे अधिक लोकप्रिय है, जिसके 36 से 48 घंटे बाद मिसोप्रोस्टोल दी जाती है. मिसोप्रोस्टोल या अन्य प्रोस्टाग्लैंडीन को या तो मौखिक रूप से गोलियों के रूप में दिया जा सकता है या योनि में रखा जा सकता है.

मौखिक गोली की तुलना में अंतर्गर्भाशयी मार्ग अधिक प्रभावी पाया गया है और इसके साइड इफेक्ट भी कम होते हैं. यदि अंतिम मासिक धर्म के 63 दिन के भीतर ये दोनों दवाएं दी जाएं, तो लगभग 95% मामलों में पूर्ण गर्भपात हो जाता है. मिसोप्रोस्टोल के साथ मेथोट्रेक्सेट के संयोजन की सफलता दर भी अच्छी है. मेथोट्रेक्सेट देने के एक सप्ताह बाद मिसोप्रोस्टोल दवा दी जाती है.

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मार्केट में कई तरह की अबॉर्शन किट्स उपलब्ध हैं. 7 हफ्ते यानि 49 दिन के अंदर की प्रेगनेंसी को खत्म करने के लिए इस किट का उपयोग किया जा सकता है. आखिरी माहवारी के पहले दिन से गिनती कर डॉक्टर जान सकते हैं कि प्रेगनेंसी के कितने दिन हुए हैं. यह किट आसानी से मेडिकल स्टोर में मिल जाती है. बाजार में यह विभिन्न नामों से उपलब्ध है जैसे कि एमटीपी किट (MTP Kit), अनवांटेड किट, खुशी एमटीपी किट या ए-केयर.

इस तरह की किट का इस्तेमाल सिर्फ डॉक्टर की देखरेख में ही किया जाना चाहिए. किट के इस्तेमाल के पहले डॉक्टर अल्ट्रासाउन्ड के द्वारा यह सुनिश्चित करते हैं कि भ्रूण फैलोपियन ट्यूब से गुजरकर बच्चेदानी में आ चुका है या नहीं. अल्ट्रासाउन्ड का एक और फायदा यह है कि इससे भ्रूण की सही उम्र जानने में मदद मिलती है और डॉक्टर सुनिश्चित कर पाते हैं कि भ्रूण 7 हफ्त से कम उम्र का है या नहीं.

एक अबॉर्शन किट में मिफेप्रिस्टोन की एक 200 ग्राम की गोली और मिसोप्रोस्टोल की 4 गोलियां होती हैं और इनमें से हर गोली 200 माइक्रोग्राम की होती है. मिफेप्रिस्टोन की गोली गर्भपात करती है, जबकि मिसोप्रोस्टोल की गोलियां बच्चेदानी में संकुचन पैदा करती हैं, जिससे भ्रूण बच्चेदानी से बाहर आ सके.

पहले दिन सुबह 7 बजे चाय या जूस लेने के बाद, सुबह 9 बजे मिफेप्रिस्टोन की एक गोली लेनी होती है. इससे हल्की स्पॉटिंग या पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द हो सकता है. दूसरे दिन कोई दवा नहीं लेनी होती है. तीसरे दिन सुबह 7 बजे चाय या जूस लेने के बाद सुबह 9 बजे मिसोप्रोस्टोल की दो गोलियां एक साथ थोड़े से पानी के साथ लेनी होती हैं. इससे हल्की ब्लीडिंग और दर्द हो सकता है. दोपहर 1 बजे फिर से थोड़े पानी के साथ मिसोप्रोस्टोल की बाकी दो गोलियां लेनी होती हैं.

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कुछ महिलाएं गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए दवाओं का उपयोग करना पसंद करती हैं, क्योंकि यह बड़ी आसानी से और डॉक्टर की सलाह से घर में ही ली जा सकती हैं. ज्यादातर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती. आइए, जानें अबॉर्शन पिल्स के फायदों के बारे में -

  • इसका उपयोग प्रारंभिक गर्भावस्था में किया जा सकता है.
  • इसे घर में इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती.
  • इसके लिए सर्जरी या एनेस्थीसिया की जरूरत नहीं होती.
  • यह प्राकृतिक गर्भपात की तरह अधिक स्वाभाविक लगता है.
  • यह सर्जिकल गर्भपात की तुलना में कम जोखिम वाला है.

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अबॉर्शन पिल्स योनि से रक्तस्राव, उल्टी, दस्त, पेट में ऐंठन आदि साइड इफेक्ट का कारण बन सकती हैं. आइए, विस्तार से जानें इनसे होने वाले नुकसान के बारे में -

अधिक और लंबे समय तक रक्तस्राव

गर्भपात की गोलियों के बाद होने वाला रक्तस्राव मासिक धर्म के दौरान होने वाले रक्तस्राव से अधिक होता है और यह 6-10 दिन तक और कभी-कभी 30 दिन से अधिक समय तक भी रह सकता है. प्रारंभिक अवधि में बड़े थक्के मौजूद हो सकते हैं. यदि महिला लगातार 2 घंटे तक 2 मोटे सैनिटरी पैड प्रति घंटे भिगोती है, तो यह अधिक रक्तस्राव की श्रेणी में आता है. अत्यधिक और निरंतर रक्तस्राव के परिणामस्वरूप चक्कर आ सकता है और खून की कमी हो सकती है. अबॉर्शन किट के उपयोग के बाद 6-10 दिन तक ब्लीडिंग जरूर रहनी चाहिए. यदि 6 दिन से कम और 10 दिन से ज्यादा ब्लीडिंग हो, तो डॉक्टर से जरूर मिल लें.

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संक्रमण

मिसोप्रोस्टोल लेने वाले कई महिलाओं में बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो सकता है. साथ ही तेज बुखार, पेट या पेल्विक दर्द के साथ-साथ मतली, उल्टी, दस्त या कमजोरी जैसे अन्य लक्षणों की शिकायत हो सकती है. संक्रमण के उपचार के लिए एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता हो सकती है.

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अधूरा गर्भपात

कुछ मामलों में गर्भपात के कुछ उत्पाद गर्भाशय में रह सकते हैं. इसके परिणामस्वरूप लगातार रक्तस्राव हो सकता है. एक पूर्ण गर्भपात की पुष्टि के लिए सही डाइग्नोसिस, अल्ट्रासाउंड आदि की जरूरत पड़ सकती है.

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पेट में दर्द

पेट में दर्द आमतौर पर गर्भाशय के संकुचन के कारण होता है. दर्द को कम करने के लिए दर्द निवारक दवाओं का उपयोग किया जा सकता है. एस्पिरिन का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह रक्त को पतला करता है और अत्यधिक रक्तस्राव का कारण बन सकता है.

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भ्रूण विकृति

मेथोट्रेक्सेट और मिसोप्रोस्टोल दवाएं भ्रूण के विकृतियों का कारण बनती हैं और इसलिए यदि मौखिक दवाओं के बाद गर्भपात नहीं होता है, तो सर्जिकल गर्भपात आवश्यक है. एक बार जब आप दवाओं को लेना शुरू कर देते हैं, तो उन्हें रोकना सुरक्षित नहीं होता है. ऐसा करने से गंभीर जन्म दोषों का अत्यधिक खतरा पैदा हो जाता है.

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मनोवैज्ञानिक प्रभाव

अन्य दुष्प्रभावों में मनोवैज्ञानिक प्रभाव शामिल हो सकते हैं जिनमें अपराधबोध या खेद की भावना शामिल हो सकती है. अन्य गंभीर नुकसान कुछ इस प्रकार से हैं-  

इस तरह के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से जरूर मिल लें.

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अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए अबॉर्शन पिल्स काफी लोकप्रिय हैं. चूंकि, इसके लिए सर्जरी या एनेस्थीसिया की जरूरत नहीं होती और इसे घर में ही शुरू किया जा सकता है, इसलिए काफी महिलाएं इस प्रक्रिया को पसंद करती हैं. अबॉर्शन पिल्स के छोटे-बड़े और गंभीर साइड इफेक्ट जैसे अत्यधिक रक्तस्राव, इन्फेक्शन आदि हो सकते हैं. यदि आप इस प्रक्रिया के बारे में सोच रहे हैं, तो हमेशा इसे डॉक्टर की सलाह और उनकी देखरेख में ही अपनाएं. यदि इन दवा को लेने के बाद कोई भी साइड इफेक्ट दिखाई दे, तो डॉक्टर से जरूर मिल लें.

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