गर्भावस्था या प्रेगनेंसी का समय किसी भी महिला के लिए बेहद रोमांचक, अद्भुत लेकिन कई बार डरावना समय भी हो सकता है। यह महिलाओं के लिए भावनाओं के एक रोलरकोस्टर (टेढ़े-मेढ़े घुमावदार रास्ते) की तरह होता है और इस दौरान आपका शरीर बहुत सारे अजीब और अद्भुत परिवर्तनों से गुजरता है। आपके स्तन और पेट का आकार बढ़ने लगता है, शरीर में खून का प्रवाह बढ़ जाता है और आप शरीर में बहुत गहाई से अलग-अलग गतिविधियों को महसूस करना शुरू करती हैं। 

गर्भावस्था की दूसरी तिमाही खत्म होने के आसपास या तीसरी तिमाही की शुरुआत में जब आपका बच्चा गर्भ के अंदर तेजी से बड़ा होने लगता है और आपका बेबी बंप भी तेजी से बढ़ने लगता है उस दौरान आपको अपने पेट पर स्ट्रेच मार्क्स के अलावा एक और अनोखी चीज जरूर नजर आएगी होगी और वह है पेट के बीचों बीच बनने वाली एक डार्क लाइन जिसे लिनिया नाइग्रा भी कहा जाता है। लिनिया नाइग्रा एक लैटिन शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ है ब्लैक लाइन। यह गहरे रंग की लंबवत यानी सीधी लाइन है जो अक्सर गर्भवती महिलाओं के पेट पर दिखाई देती है।

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आंकड़ों की मानें तो करीब 75 से 80 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में पेट पर लाइन यानी लिनिया नाइग्रा के कुछ न कुछ सबूत जरूर मौजूद होते हैं। किसी में यह लाइन गहरे रंग की होती है तो किसी में हल्की। लाइनिया नाइग्रा प्यूबिक हेयर के ऊपर से नाभि तक फैली डार्क लाइन है, हालांकि यह कभी-कभी ब्रेस्ट तक भी फैली होती है। प्रेगनेंसी के दौरान पेट पर इस लाइन का बनना पूरी तरह से सामान्य है और इसे लेकर किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं क्योंकि डिलिवरी के बाद यह लाइन अपने आप धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।

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तो आखिर ये लिनिया नाइग्रा क्या है, प्रेगनेंसी में पेट पर लाइन होने का मतलब क्या है, आखिर यह लाइन क्यों बनती है और कब बनती है, इस बारे में हम आपको पूरी जानकारी इस आर्टिकल में दे रहे हैं।

  1. प्रेगनेंसी में पेट पर लाइन (लिनिया नाइग्रा) क्या है? - Pregnancy me pet pe line kya hai?
  2. प्रेगनेंसी में पेट पर लाइन क्यों बनती है? - Pregnancy me pet pe line kyu banti hai?
  3. प्रेगनेंसी में पेट पर लाइन कब बनती है? - Pregnancy me pet pe line kab banti hai?
  4. प्रेगनेंसी में पेट पर डार्क लाइन कब खत्म होती है? - Pet pe bani dark line kab khatm hoti hai?
  5. बिना प्रेगनेंसी के भी पेट पर बन सकती है लाइन - Line on stomach without pregnancy in hindi
प्रेगनेंसी में पेट पर लाइन क्यों बनती है? के डॉक्टर

लिनिया नाइग्रा गर्भवती महिला के पेट पर लंबवत यानी वर्टिकली बनने वाली एक सीधी रेखा है। गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के दौरान कुछ महिलाओं के शरीर में स्किन से जुड़े अहम बदलावों का अनुभव होता है जिसमें ज्यादातर में त्वचा के काला पड़ने की समस्या देखने को मिलती है। बहुत सी महिलाओं को चेहरे पर खासकर गाल और माथे वाली जगह पर गहरे रंग के पैचेज भी आ जाते हैं जिसे गर्भावस्था में मेलास्मा के तौर पर भी जाना जाता है। 

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आमतौर पर लिनिया नाइग्रा (पेट पर बनने वाली सीधी लाइन) नाभि यानी बेलीबटन के हिस्से से शुरू होती है और पुरोनितम्ब या प्यूबिक हड्डी के हिस्से तक बिलकुल सीधी जाती है। हालांकि कई बार यह सीधी रेखा नाभि से ऊपर की ओर भी बन सकती है और बिलकुल सीधी ब्रेस्ट या रिबकेज तक जाती है। पेट पर बनने वाली इस सीधी रेखा का रंग हल्का भूरा, गहरा भूरा या काले रंग का भी हो सकता है। आमतौर पर आप देखेंगी की प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में 13वें हफ्ते से 27वें हफ्ते के बीच और फिर गर्भावस्था की तीसरी तिमाही के दौरान 29वें हफ्ते से 40वें हफ्ते के बीच पेट पर यह रेखा नजर आती है। 

पेट पर बनने वाली इस लाइन (लिनिया नाइग्रा) को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं क्योंकि बच्चे को जन्म देने के 9 से 12 महीने के बाद यह लाइन अपने आप गायब हो जाती है।

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वैसे तो शरीर में हार्मोन्स का उतार-चढ़ाव हमेशा ही जारी रहता है, मासिक धर्म के दौरान मूड स्विंग्स की समस्या से लेकर चेहरे पर बनने वाली स्पॉट्स तक। लेकिन जब कोई महिला गर्भवती होती है तो हार्मोन्स की ये गतिविधियां सामान्य से ज्यादा बढ़ जाती हैं और यह मासिक या कुछ समय के लिए नहीं होता बल्कि यह पूरे नौ महीनों के लिए होता है। लिहाजा, लिनिया नाइग्रा या पेट पर बनने वाली यह लाइन भी गर्भावस्था के दौरान हार्मोन के उतार-चढ़ाव का ही परिणाम है।

एक्सपर्ट्स का एक सिद्धांत यह है कि गर्भावस्था के दौरान हार्मोन आपके शरीर में बड़ी मात्रा में मेलेनिन (आपकी त्वचा को रंग देने के लिए जिम्मेदार कम्पाउंड) का उत्पादन करता है और यह अतिरिक्त रंजकता या पिग्मेंटेशन आपके पेट पर गहरी रंग की प्रेगनेंसी लाइन के रूप में दिखाई देती है। आपके स्किन का कलर चाहे जो हो सभी महिलाओं को यह समस्या प्रभावित करती है, हालांकि वे महिलाएं जिनके स्किन का रंग ज्यादा गोरा (फेयर स्किन) हो उनके पेट पर यह लाइन (लिनिया नाइग्रा) अधिक स्पष्ट रूप से नजर आती है।

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इसके अलावा लिनिया नाइग्रा मेलानोसाइट उत्तेजक हार्मोन में वृद्धि के कारण भी होता है जो त्वचा की कोशिकाओं को काला कर देता है। यह विशेष रूप से एस्ट्रोजेन हार्मोन के उच्च स्तर के कारण होता है जिसका मेलानोसाइट उत्तेजक हार्मोन पर सीधा प्रभाव पड़ता है। यही वह हार्मोन है जिसका उत्पादन प्लेसेंटा द्वारा किया जाता है।

डॉक्टर्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो लिनिया नाइग्रा अक्सर दूसरी तिमाही में दिखना शुरू होता है और फिर पूरे गर्भावस्था के दौरान बना रहता है। आमतौर पर पेट पर बनने वाली इस सीधी रेखा की चौड़ाई लगभग एक सेंटीमीटर होती है और यह रेखा आमतौर पर जघन की हड्डी से शुरू होती है और नाभि तक जारी रहती है, हालांकि यह कुछ मामलों में ब्रेस्ट के ठीक नीचे तक भी बढ़ सकती है।

पेट पर बनने वाली यह सीधी लाइन (लिनिया नाइग्रा) गर्भवती महिला या उसके बच्चे के लिए कहीं से भी हानिकारक नहीं है, इसलिए आपको इसके लिए किसी तरह के इलाज या चिकित्सीय मदद की आवश्यकता नहीं है। 

इसके अलावा कुछ लोगों का मानना ​​है कि लिनिया नाइग्रा के जरिए आप अपने बच्चे के लिंग के बारे में जान सकती हैं। ऐसे लोगों की मानें तो यदि यह लाइन आपकी नाभि से शुरू होकर नीचे की तरफ प्यूबिक हड्डी तक जाती है तो इसका मतलब है कि आपको लड़की पैदा होगी और अगर यह सीधी रेखा नाभि से शुरू होकर ऊपर की तरफ यानी ब्रेस्ट और पसलियों की तरफ जा रही है तो आपको लड़का पैदा होगा। हालांकि इन बातों और सिद्धांतों के पीछे किसी भी तरह का वैज्ञानिक तथ्य मौजूद नहीं इसलिए इन बातों को मानना पूरी तरह से सही नहीं कहा जा सकता।

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आपके बच्चे के जन्म के तुरंत बाद, पेट पर दिखने वाली यह सीधी रेखा (लिनिया नाइग्रा) फीकी होनी शुरू हो जाती है। हालांकि कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जिनमें यह लाइन पूरी तरह से गायब नहीं होती। यदि आप फिर से गर्भवती हो जाती हैं, तो यह रेखा आपको दोबारा पेट पर स्पष्ट रूप से नजर आने लगेगी।

यदि गर्भावस्था के बाद भी पेट पर बनी यह सीधी रेखा दूर नहीं होती है और इसकी मौजूदगी आपको परेशान कर रही हो तो स्किन स्पेशलिस्ट से स्किन ब्लीचिंग क्रीम का उपयोग करने के बारे में पूछ सकती हैं। यह क्रीम, पेट पर बनी इसी लाइन को अधिक तेजी से फीका करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा आप चाहें तो इस लाइन को हल्का करने के लिए नींबू का रस भी इस्तेमाल कर सकती हैं। पिग्मेंटेशन को कम करने में मदद कर सकता है नींबू का रस।

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हालांकि गर्भावस्था के दौरान या बच्चे को अपना दूध पिलाते वक्त आप स्किन ब्लीचिंग क्रीम का प्रयोग न करें, क्योंकि यह आपके बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके अलावा जब भी आप धूप में बाहर निकलें और इस दौरान आपका पेट या स्किन का कोई और हिस्सा सूरज की किरण के संपर्क में हो तो सनस्क्रीन का इस्तेमाल अवश्य करें। धूप का एक्सपोजर पेट की इस लाइन को और भी गहरा बना सकता है।

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जो महिलाएं गर्भवती हैं,सिर्फ उनके ही पेट पर यह गहरी सीधी रेखा बनती है ऐसा नहीं है। वास्तव में, रिसर्च की मानें तो पुरुष, बच्चे और वे महिलाएं जो गर्भवती नहीं हैं उनके पेट पर भी गहरे रंग की यह लाइन विकसित हो सकती है। एक अध्ययन में हुई रिसर्च में यह बताया गया कि 92 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं के पेट पर डार्क लाइन विकसित हुई। लेकिन उसी आयु वर्ग की 16 प्रतिशत गैर-गर्भवती महिलाओं में भी पेट पर सीधी लाइन यानी लिनिया नाइग्रा विकसित हुई। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस अध्ययन में शामिल पुरुषों और बच्चों में भी लिनिया नाइग्रा दिखायी दिया। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि लिनिया नाइग्रा सिर्फ गर्भावस्था के दौरान ही होता है ऐसा जरूरी नहीं है। 

इन 3 कारणों से बिना गर्भावस्था के भी पेट पर गहरे रंग की लाइन नजर आ सकती है:

  • शरीर में ऐस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन्स की वृद्धि के कारण मेलेनिन का बनना जो इस रेखा के उभरने के लिए जिम्मेदार हो सकता है
  • गर्भनिरोधक गोलियां, कुछ दवाइयां और धूप का एक्सपोजर भी लिनिया नाइग्रा के लिए जिम्मेदार हो सकता है
  • हार्मोन से जुड़ी किसी अंतर्निहित बीमारी के कारण भी ऐसा हो सकता है
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