सोडियम की कमी - Sodium deficiency in Hindi

Dr. Anurag Shahi (AIIMS)MBBS,MD

September 28, 2018

December 20, 2023

सोडियम की कमी
सोडियम की कमी

सोडियम की कमी क्या है?

सोडियम एक खनिज (मिनरल) होता है जो शरीर को ठीक ढ़ंग से काम करने में मदद करता है। यह उन खनिजों में से एक है जो घुलने पर विद्युत संचालन (Electricity conduction) करते हैं। शरीर में तरल का संतुलन बनाए रखने के लिए शरीर को सोडियम की मदद की जरूरत पड़ती है। जब आप सोडियम का सेवन करते हैं तो सबसे पहले सोडियम आपके गुर्दों के अंदर से होकर गुजरता है इस क्रिया के बाद अतिरिक्त सोडियम को पसीने या पेशाब के द्वारा शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है।

यदि अन्य तरल पदार्थों के मुकाबले खून में सोडियम की मात्रा कम हो तो शरीर में सोडियम की कमी हो जाती है। सोडियम में कमी तब होती है जब शरीर में द्रव (पानी) की मात्रा बहुत अधिक या बहुत कम हो जाती है। शरीर में पानी की कमी पैदा करने वाले कुछ मुख्य कारण जैसे दस्त, उल्टी या निर्जलीकरण आदि होते हैं। खून में सोडियम की कमी होने पर कोई विशेष लक्षण पैदा नहीं होता, इसके लक्षणों में मानसिक बदलाव, सिरदर्द, मतली व उल्टी, थकान, मांसपेशियों में ऐंठन और मिर्गी के दौरे पड़ना आदि शामिल हो सकते हैं। इस समस्या की जांच आपके लक्षणों के आधार पर की जाती है, खून में सोडियम की मात्रा का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट भी किया जा सकता है। डॉक्टर सोडियम में कमी का इलाज करते समय इस समस्या के कारण का भी इलाज कर देते हैं।

इंट्रावेनस फ्लूड (नसों द्वारा द्रव चढ़ाना) और इलेक्ट्रोलाइट्स रिप्लेसमेंट की मदद से सोडियम की कमी से होने वाले लक्षणों और इसके अंदरूनी कारणों का इलाज किया जाता है। यदि शरीर में सोडियम की गंभीर रूप से कमी हो गई है तो इसके कारण मरीज कोमा में जा सकता है और कुछ मामलों में मरीज की मृत्यु भी हो सकती है।

(और पढ़ें - मानसिक रोग का इलाज)

सोडियम की खुराक - Daily Requirement of Sodium in Hindi

सोडियम को रोजाना कितनी मात्रा में लेना चाहिए?

उम्र, लिंग, गर्भावस्था व अन्य स्थितियों के अनुसार रोजाना की सोडियम की खुराक भी अलग-अलग हो सकती है। नीचे टेबल के माध्यम से इन स्थितियों के अनुसार सोडियम की रोजाना की खुराक को बताया गया है। 

उम्र / लिंग प्रति दिन सोडियम की खुराक
शिशु 0 से 6 महीने 0.12
शिशु 7 से 12 महीने 0.37
बच्चे 1 से 3 साल 1.0
बच्चे 4 से 8 साल 1.2
लड़कियां 9 से 13 साल 1.5
लड़के 9 से 13 साल 1.5
महिलाएं 14 से 18 साल 1.5
पुरुष 14 से 18 साल 1.5
महिलाएं 19 से 50 साल 1.5
पुरुष 19 से 50 साल 1.5
महिलाएं 50 से 70 साल 1.3
पुरुष 50 से 70 साल 1.3
70 से ऊपर की उम्र के वयस्क 1.2
गर्भवती महिलाएं 19 से 50 साल 1.5
स्तनपान करवाने वाली महिलाएं 19 से 50 साल 1.5

स्वस्थ वयस्कों के लिए रोजाना की सोडियम की मात्रा की अधिकतम सीमा फिलहाल 2.3 ग्राम या 2300 मिलीग्राम से ज्यादा नहीं है। यह एक दिन में लगभग एक टेबलस्पून नमक के बराबर होती है। 

(और पढ़ें - गर्भावस्था में देखभाल)

सोडियम की कमी के लक्षण - Sodium deficiency Symptoms in Hindi

सोडियम में कमी होने से कौन से लक्षण पैदा हो  सकते हैं?

सोडियम में कमी होने पर हर व्यक्ति को अलग-अलग महसूस हो सकते हैं। यदि आपके सोडियम का स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है, तो यह भी हो सकता है कि आपको कोई भी लक्षण महसूस ना हो। यदि सोडियम का स्तर तेजी से गिर रहा है तो आपको इससे कुछ गंभीर लक्षण भी महसूस हो सकते हैं।

खून में सोडियम की कमी से होने वाले लक्षण जिनमें निम्न शामिल हैं:

गंभीर मामलों में, जब इस स्थिति का इलाज ना किया जाए तो इससे मस्तिष्क में सूजन, मिर्गी के दौरे और संभावित रूप से कोमा या मरीज की मृत्यु भी हो सकती है।

(और पढ़ें - मस्तिष्क में सूजन का इलाज)

बुजुर्ग व्यक्तियों में सोडियम की कमी के कारण कमजोरी आ जाती है और उनको स्थिर रहने में दिक्कत होने लगती है, जिसकी वजह से गिरना, चोट लगना और असाधारण तरीके से चलना आदि लक्षण पैदा हो जाते हैं। (और पढ़ें - चोट लगने पर क्या करें)

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

यदि आपको लंबे समय से निर्जलीकरण, उल्टी या दस्त आदि जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं तो इस बारे में डॉक्टर को दिखाएं। क्योंकि इस कारण से तेजी से सोडियम में कमी होने लगती है।

सोडियम का स्तर तेजी से गिरना एक आपातकालीन मेडिकल स्थिति है। इसके कारण बेहोशी, मिर्गी और कोमा जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

(और पढ़ें - पानी की कमी को दूर करने के उपाय)

सोडियम की कमी के कारण व जोखिम कारक - Sodium deficiency Causes & Risks in Hindi

सोडियम में कमी किस कारण से हो सकती है?

खून में सोडियम की कमी पैदा करने वाले कई कारक हो सकते हैं। यदि आपके शरीर में पानी और इलेक्ट्रोसाइट्स की कमी हो रही है तो आपमें सोडियम के स्तर में भी कमी हो सकती है। सोडियम की कमी कुछ बीमारियों के लक्षण के रूप में भी हो सकती है, इनमें निम्न शामिल हैं:

(और पढ़ें - हार्मोन चिकित्सा कैसे होती है)

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सोडियम में कमी का खतरा कब बढ़ जाता है?

कुछ कारक हैं जो आपके सोडियम के स्तर में कमी होने के जोखिम को बढ़ा देते हैं:

  • अधिक उम्र होना
  • डाइयुरेटिक दवाओं का इस्तेमाल करना
  • एंटीडिप्रैसेंट्स
  • एक हाई परफॉर्मेंस एथलीट होना
  • गरम वातावरण में रहना
  • सोडियम की कम मात्रा वाले आहार का सेवन करना
  • हार्ट फेलियर के मरीज
  • किडनी रोगों के मरीज (और पढ़ें - किडनी की सूजन का इलाज)
  • यदि आपमें सोडियम की मात्रा कम होने के अधिक जोखिम हैं तो आपको पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन करने से संबंधित ध्यान रखना चाहिए।

(और पढ़ें - किडनी स्टोन के लक्षण)

सोडियम की कमी के बचाव के उपाय - Prevention of Sodium deficiency in Hindi

सोडियम में कमी होने से रोकथाम कैसे की जा  सकती है?

शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट के स्तर को संतुलन में रखकर सोडियम में कमी होने से बचा जा सकता है।

किसी भी सामान्य दिन में, महिलाओं को 2.2 लीटर और पुरुषों को 3 लीटर तरल पदार्थ पीने चाहिए। जब आप पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड होते हैं, तो आपके पेशाब का रंग हल्का पीला या साफ होता है और आपको प्यास महसूस नहीं होती।

निम्न स्थितियों में आपको तरल पदार्थ पीने की मात्रा बढ़ा लेनी चाहिए:

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आपको हर घंटे 1 लीटर से ऊपर पानी नहीं पीना चाहिए

यदि आप एक एथलीट (खिलाड़ी या व्यायामी) हैं तो व्यायाम करते समय एक सही मात्रा में पानी पीना आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आपको रिहाइड्रेशन पेय (Rehydration beverage) आदि पीने के बारे में भी विचार करना चाहिए। इन पेय पदार्थों में इलेक्ट्रोलाइट्स और सोडियम होते हैं। ये पेय आपके द्वारा पसीने में खोई हुई सोडियम की फिर से पूर्ति करने में मदद करते हैं। यदि उल्टी और दस्त के कारण आपके शरीर से काफी मात्रा में तरल निकल चुका है, इन पेय पदार्थों की मदद से उसकी पूर्ति की जा सकती है।

(और पढ़ें - दस्त बंद करने के लिए क्या करना चाहिए)

सोडियम की कमी का परीक्षण - Diagnosis of Sodium deficiency in Hindi

सोडियम में कमी की समस्या की जांच कैसे की जाती है?

शरीर में सोडियम की कमी के कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर मरीज की पिछली मेडिकल स्थिति की मदद लेते हैं।

खून में सोडियम की कमी के लक्षण हर मरीज में अलग-अलग होते हैं। इसलिए खून टेस्ट की मदद से खून में सोडियम के स्तर को मापना जांच की पुष्टी करने का सबसे बेहतर तरीका माना जाता है। (और पढ़ें - लैब टेस्ट क्या है)

इस समस्या के कारण को निर्धारित करना और भी जटिल काम होता है। इसके लिए डॉक्टर व्यक्ति की परिस्थितियों पर विचार करते हैं, जैसे किसी प्रकार की दवाएं लेना या व्यक्ति को कोई अन्य विकार या रोग होना। शरीर में तरल की मात्रा मापने, रक्त के जमाव और पेशाब की सामग्री की जांच करने के लिए डॉक्टर ब्लड टेस्ट और यूरिन टेस्ट करते हैं। (और पढ़ें - क्रिएटिनिन टेस्ट क्या है)

यदि आपके स्तर असामान्य हैं, तो पेशाब में सोडियम की मात्रा की जांच करने के लिए आपके डॉक्टर आपके यूरिन टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं। इस टेस्ट के रिजल्ट से सोडियम में कमी के कारण का पता लगाने में मदद मिलती है।

  • यदि आपके खून में सोडियम का स्तर कम है लेकिन यूरिन में सोडियम स्तर अधिक है तो इसका मतलब यह है कि अत्यधिक मात्रा में सोडियम आपके शरीर से बाहर निकल रहा है। (और पढ़ें - यूरिक एसिड टेस्ट क्या है)
  • यदि खून और पेशाब दोनों में सोडियम का स्तर कम है इसका मतलब है कि आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में सोडियम को प्राप्त नहीं कर रहा। यह भी हो सकता है कि आपके शरीर में पानी अत्यधिक मात्रा में हो।

(और पढ़ें - कैल्शियम यूरिन टेस्ट क्या है)

सोडियम की कमी का उपचार - Sodium deficiency Treatment in Hindi

सोडियम की कमी का इलाज कैसे किया जाता है?

सोडियम में कमी का इलाज उसके कारणों के आधार पर अलग-अलग हो सकता है, इसके उपचार में निम्न शामिल हो सकते हैं:

  • ज्यादातर मरीजों में, यदि शरीर में पानी की अत्यधिक खपत करने वाले स्त्रोतों को बंद कर दिया जाए तो किडनी अपने आप सोडियम की मात्रा की असमान्यताओं को ठीक कर देती है। इसके अलावा अगर मरीज को कोमा या मिर्गी की समस्या हो, तो हाइली कॉन्सेंट्रेटेड इन्ट्रावेनस सोडियम (3% सेलाइन ) देने की जरूरत पड़ सकती है। इसका लक्ष्य 24 घंटे के समय में सोडियम के निम्न स्तर को वापस सामान्य लाना होता है। (और पढ़ें - किडनी फंक्शन टेस्ट)
  • तरल पदार्थो की खपत में कमी करना। यदि अत्यधिक पानी पीने के कारण सोडियम में कमी हुई है, तो पानी की खपत में कमी करके सोडियम के स्तर को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। (और पढ़ें - पानी कब कितना और कैसे पीना चाहिए)
  • डाइयुरेटिक्स दवाओं की खुराक को एडजस्ट करना (हाई ब्लड प्रेशर में इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं) (और पढ़ें - bp kam karne ke upay)
  • सिरदर्द, मतली और मिर्गी आदि जैसे लक्षणों से राहत पाने के लिए दवाएं लेना। (और पढ़ें - मिर्गी के दौरे क्यों आते हैं)
  • अंदरुनी स्थितियों का इलाज करना
  • सोडियम सोलूशन को इंट्रावेनस (IV) द्वारा लगाना, कभी-कभी लोगों को नसों द्वारा (इंट्रावेनस) सोडियम सोलूशन दिया जाता है या डाइयुरेटिक्स दवा दी जाती है, जो शरीर से अधिक तरल निकालने में मदद करती है। कुछ मामलों में इन दोनों को एक साथ दिया जाता है। इनको धीरे-धीरे करके दिया जाता है आमतौर पर कुछ दिनों तक। इस उपचार की मदद से सोडियम के स्तर को ठीक किया जा सकता है।

(और पढ़ें - Naso Ki Kamzori ka ilaj)

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सोडियम की कमी से होने वाले रोग - Disease caused by Sodium deficiency in Hindi

शरीर में सोडियम की कमी होने से कौन से रोग होने लगते हैं?

मस्तिष्क पर प्रभाव:

शरीर में सोडियम की कमी तब होती है जब शरीर अधिक मात्रा में सोडियम को निकालने लग जाता है या जब शरीर में पानी की अत्यधिक मात्रा जमा हो जाती है। सोडियम आमतौर पर कोशिकाओं के अंदर और बाहर पानी की गतिविधियों को नियंत्रित करता है। इस प्रकार सोडियम का स्तर कम होने पर पानी मस्तिष्क में घूमता रहता है और रिक्त स्थानों में जमा होता रहता है जिस कारण से शरीर के ऊतकों में सूजन आने लगती है। मस्तिष्क के ऊतकों में सूजन आने से निम्न समस्याएं होने लगती हैं:

  • भ्रम
  • स्थितिभ्रान्ति (Disorientation)

जी मिचलाना और मांसपेशियों में ऐंठन:

सोडियम का स्तर कम होने के कारण शरीर के अन्य हिस्सों में भी सूजन, जलन व लालिमा जैसी समस्याएं हो जाती है, जैसे पाचन प्रणाली और मांसपेशियों में सूजन होना। इनसे निम्न लक्षण पैदा हो जाते हैं:

(और पढ़ें - मांसपेशियों में दर्द के घरेलू उपाय)

लो ब्लड प्रेशर:

  • सोडियम की कमी के कारण कोशिकाओं से बाहर पानी में कमी हो सकती है, जिससे खून की मात्रा कम हो जाती है। खून की मात्रा में कमी होने के परिणामस्वरूप ब्लड प्रेशर कम होने लगता है जो एक गंभीर स्थिति होती है।
  • लो ब्लड प्रेशर से शरीर आवश्यक पोषक तत्व ठीक से प्राप्त नहीं कर पाता और लीवर व किडनी जैसे अंगों को ऑक्सीजन प्राप्त करने में कठिनाई होने लगती है। इससे शरीर की ठीक रूप से कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है और अंगों में गंभीर रूप के क्षति भी हो सकती है। (और पढ़ें - लो ब्लड प्रेशर में क्या खाएं)
  • लो ब्लड प्रेशर अक्सर थकान व ऊर्जा की कमी जैसे लक्षणों के साथ पैदा होता है।

(और पढ़ें - एनर्जी बढ़ाने का उपाय)

स्ट्रोक: 

  • यदि सोडियम में गंभीर रूप से कमी हो गई है तो इससे स्ट्रोक भी हो सकता है।
  • अपर्याप्त मात्रा में सोडियम प्राप्त करने से मस्तिष्क की कोशिकाओं व ऊतकों में सूजन बढ़ने के कारण मस्तिष्क का खोपड़ी में दबाव बढ़ जाता है। इस दबाव से शुरूआत में सिर दर्द होने लगता है। लेकिन यदि सूजन गंभीर है या इस स्थिति का समय पर इलाज ना किया जाए तो यह स्ट्रोक की समस्या बन सकती है। (और पढ़ें - सूजन कम करने के उपाय)
  • शरीर के अंदरुनी अंगों में ऑक्सीजन व अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व ठीक से ना जा पाने के कारण भी शरीर ठीक से काम करना बंद कर देता है। इससे प्रभावित अंगों में क्षति होने लगती है और इसके अलावा स्ट्रोक हो सकता हैं।

(और पढ़ें - स्ट्रोक होने पर क्या करना चाहिए)



संदर्भ

  1. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Low sodium level
  2. Michael M. Braun et al. Diagnosis and Management of Sodium Disorders: Hyponatremia and Hypernatremia. Am Fam Physician. 2015 Mar 1;91(5):299-307. American Academy of Family Physicians.
  3. Oregon State University. [Internet] Corvallis, Oregon; Sodium (Chloride)
  4. National Kidney Foundation [Internet] New York; Hyponatremia
  5. Harvard School of Public Health. The Nutrition Source. The President and Fellows of Harvard College [Internet]

सोडियम की कमी के डॉक्टर

Dr. Narayanan N K Dr. Narayanan N K एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
16 वर्षों का अनुभव
Dr. Tanmay Bharani Dr. Tanmay Bharani एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
15 वर्षों का अनुभव
Dr. Sunil Kumar Mishra Dr. Sunil Kumar Mishra एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
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Dr. Parjeet Kaur Dr. Parjeet Kaur एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
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सोडियम की कमी की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Sodium deficiency in Hindi

सोडियम की कमी के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।